Jaha Koi Wapsi Nahi Xlass 12 Important Questions | Class 12 Hindi Jaha Koi Wapsi Nahi Question Answer | जहाँ कोई वापसी नहीं पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. अमझर से आप क्या समझते हैं? अमझर गाँव में सूनापन क्यों है?
उत्तर : अमझर से अभिप्राय है- आम के पेड़ों से घिरा गाँव जहाँ आम झरते हैं। यहाँ पिछले दो-तीन वर्षों से सूनापन है। इसका कारण सरकारी घोषणा है। सरकार ने घोषणा की थी कि जहाँ अमरौली प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवागाँव के अनेक गाँव आएँगे जिन्हें उजाड़ कर अन्यत्र विस्थापित किया जाएगा। इसके बाद से यहाँ के पेड़ सूखने लगे। वे भी लोगों की तरह मूक सत्याग्रह कर रहे हैं।
प्रश्न 2. सिंगरौली में किस-किसका निर्माण हुआ ? पहले इस स्थान को क्या माना जाता था, बाद में यहाँ परिवर्तन आया ?
उत्तर : सिंगरौली में नई योजनाओं के अंतर्गत सेंट्ल कोल फील्ड और नेशनल सुपर थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन का निर्माण हुआ। चारों तरफ पक्की सड़कें और पुल बनाए गए। सिंगरौली, जो अब तब अपने सौंदर्य के कारण ‘बैकुंठ’ और अपने अकेलेपन के कारण ‘काला पानी’ माना जाता था, अब प्रगति के मानचित्र पर राष्ट्रीय गौरव के साथ प्रतिष्ठित हुआ। कोयले की खदानों और उन पर आधारित ताप विद्युत गृहों की एक पूरी शृंखला ने पूरे प्रदेश को अपने में घेर लिया। जहाँ बाहर का आदमी फटकता न था, वहाँ केंद्रीय और राज्य सरकारों के अफसरों, इंजीनियरों और विशेषज्ञों की कतार लग गई; जिस तरह जमीन पर पड़े शिकार को देखकर आकाश में गिद्धों और चीलों का झुंड मँँडराने लगता है, वैसे ही सिंगरौली की घाटी और जंगलों पर ठेकेदारों, वन-अधिकारियों और सरकारी कारिदों का आक्रमण शुरू हुआ।
प्रश्न 3. जब लेखक सिंगरौली गया तब वहाँ क्या काम चल रहा था ? अब वहाँ कैसा वातावरण है और क्यों ?
उत्तर : जब लेखक सिंगरौली गया तब धान रोपाई का महीना था-जुलाई का अंत-जब बारिश के बाद खेतों में पानी जमा हो जाता है। लेखक एक दुपहर सिंगौौली के एक क्षेत्र-नवागाँव गया था। इस क्षेत्र की आबादी पचास हजार से ऊपर है, जहाँ लगभग अठारह छोटे-छोटे गाँव बसे थे। इन्हीं गाँवों में एक का नाम है-अमझर-आम के पेड़ों से घिरा गाँव-जहाँ आम झरते हैं किंतु पिछले दो-तीन वर्षों से पेड़ों पर सूनापन है, न कोई फल पकता है, न कुछ नीचे झरता है। कारण पूछने पर पता चला कि जब से सरकारी घोषणा हुई है कि अमरौली प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवागाँव के अनेक गाँच उजाड़ दिए जाएँगे, तब से न जाने कैसे आम के पेड़ सूखने लगे। आदमी उजड़ेगा, तो पेड़ जीवित रहकर क्या करेंगे ?
प्रश्न 4. लेखक ने गाँव के खेतों में क्या दृश्य देखा ?
उत्तर : वहाँ जो पानी भरा हुआ था बाढ़ नहीं, पानी में डूबे धान के खेत थे। वे थोड़ी-सी हिम्मत बटोरकर गाँव के भीतर चले, तब वे औरतें दिखाई दीं जो एक पाँत में झुकी हुई धान के पौधे छप-छप पानी में रोप रही थीं। सुंदर, सुडौल, धूप में चमचमाती काली टाँगें और सिरों पर चटाई के किश्तीनुमा हैट, जो फोटो या फिल्मों में देखे हुए वियतनामी या चीनी औरतों की याद दिलाते थे। जरा-सी आहट पाते ही वे एक साथ सिर उठाकर चौंकी हुई निगाहों से उन्हें देखा-बिल्कुल उन युवा हिरणियों की तरह, जिन्हें लेखक ने एक बार कान्हा के वन्यस्थल में देखा था।
प्रश्न 5. किसी इलाके की संपदा उसके लिए अभिशाप क्यों बन जाती है ?
उत्तर : आज सभी लोलुपता की प्रवृत्ति से ग्रस्त हैं। कोई भी प्रदेश आज के लोलुप युग में अपने अलगाव में सुरक्षित नहीं रह सकता। कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है। दिल्ली के सत्ताधारियों और उद्योगपतियों की आँखों से सिंगरौली की अपार खनिज संपदा छिपी नहीं रही। जब इलाके की खनिज संपदा का सत्ताधारियों और उद्योगपतियों को पता चलता है, तब वे उसे हड़पने के उपक्रम में जुट जाते हैं।
प्रश्न 6. ‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ पाठ में लेखक ‘निर्मल वर्मा’ ने गाँव के खेतों में क्या दृश्य देखा?
उत्तर : वहाँ जो पानी भरा हुआ था बाढ़ नहीं, पानी में डूबे धान के खेत थे। वे थोड़ी सी हिम्मत बटोरकर गाँव के भीतर चले, तब वे औरतें दिखाई दी जो एक पाँत में झुकी हुई धान के पौधे छप-छप पानी में रोप रही थीं। सुंदर, सुडौल, धूप में चमचमाती काली टाँगें और सिरों पर चटाई के किश्तीनुमा हैट, जो फोटो या फिल्मों में देखे हुए वियतनामी या चीनी औरतों की याद दिलाते थे। जरा-सी आहट पाते ही वे एक साथ सिर उठाकर चौंकी हुई निगाहों से उन्हें देखा-बिल्कुल उन युवा हिरणियों की तरह, जिन्हें लेखक ने एक बार कान्हा के वन्यस्थल में देखा था।
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प्रश्न 7. औद्योगीकरण ने पर्यावरण को कैसे प्रभावित किया है ? – ‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए।
उत्तर : औद्योगीकरण ने पर्यावरण को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
1. औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, यह पूरी तरह सच है।
2. औद्योगीकरण के लिए आम लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई। उनको उजाड़ा गया। वहाँ के परिवेश को नष्ट किया गया। इस औद्योगीकरण में मनुष्य ही नहीं उजड़ा बल्कि उसका परिवेश भी उजड़ गया। इससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा।
3. औद्योगीकरण के कारण जो उद्योग स्थापित किए गए उन्होंने अपने धुएँ से भी पर्यावरण को प्रदूषित किया। इन कारखानों से निकलने वाले कचरे पर्यावरण का संकट पैदा किया।
प्रश्न 8. “आधुनिक औद्योगीकरण की आँधी में सिर्फ मनुष्य ही नहीं उखड़ता, बल्कि उसका पूरा परिवेश, संस्कृति और आवास-स्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।”‘-‘जहाँ कोई वापसी नहीं’ पाठ के आधार पर उपर्युक्त कथन की समीक्षा कीजिए।
उत्तर : यह कथन पूर्णतः सत्य है कि आधुनिक औद्योगीकरण की आँधी में मनुष्य का पूरा परिवेश, संस्कृति तथा निवास-स्थान भी सदा-सदा के लिए नष्ट हो जाता है। लेखक बताता है कि प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप आदि के कारण तो लोग कुछ समय के लिए अपने घर-बार छोड़ने को विवश हो जाते हैं, पर संकट की समाप्ति पर वे घर वापस लौट आते हैं। उन्हें अपना जाना-पहचाना परिवेश पुनः प्राप्त हो जाता है। पर औद्योगीकरण के कारण उजड़े लोग एक बार उजड़कर पुन: अपनी जगह पर लौटकर नहीं आ पाते। उन्हें जीवन भर निर्वासन का दंड भोगना पड़ता है। उनका परिवेश बदल जाता है। संस्कृति नष्ट हो जाती है। ये लोग सदा-सदा के लिए अपने पुराने घर-बार परिवेश और संस्कृति से वंचित हो जाते हैं।
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