वर्णों के उच्चारण स्थान
वर्ण उच्चारण स्थान
अ आ क् ख् ग् घ् ड़् ह् विसर्ग। कंठस्थ
इ ई च् छ् ज् झ् ञ् य् श तालव्य
ऋ ट् ठ् ड् ढ् ण् ड़् ढ़् र् ष् मूर्धन्य
त् थ् द् ध् न् ल् स् दंत्य
उ ऊ प् फ् ब् भ् म ओष्ठ्य
ए ऐ कंठतालव्य
ओ औ कंठोष्ठ्य
व् दंतोष्ठ्य
सघोष और अघोष :-सघोष
ध्वनि के रूप में जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारित करने में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत होती है , उन्हें ' सघोष ' कहते है।
अघोषध्वनि के रूप में जिन व्यंजन वर्णों के उच्चारित करने में स्वरतन्त्रियाँ झंकृत नही होती है , उन्हें ' अघोष ' कहते है।
अघोष घोष
क , ख ग , घ , ङ
च , छ ज , झ , ञ
ट , ठ ड , द , ण , ड़ , ढ़
त , थ द , ध , न
प , फ ब , भ , म
श , ष , स य , र , ल , व , ह
अल्पप्राण और महाप्राण
कम हवा से उच्चारण की जाने वाली ध्वनि ‘अल्पप्राण’ और अधिक हवा से उतपन्न ध्वनि ‘महाप्राण’ कही जाती है।
अल्पप्राणहर वर्ग का पहला , तीसरा और पाँचवाँ वर्ण अल्पप्राण है । सभी स्वर अल्पप्राण हैं ।महाप्राणहर वर्ग का दूसरा और चौथा वर्ण महाप्राण है । सभी उष्म वर्ण महाप्राण हैं ।
अल्पप्राण महाप्राण
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ
क, च, ट, त, प । ख, छ, ठ, थ, फ ।
ग, ज, ड, द, ब, । घ, झ, ढ, ध, भ ।
ङ, ञ, ण, न, म । श, ष, स, ह।
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Good
ReplyDeleteshukriya
Deleteबहुत बहुत धन्यवाद सर मेरी सभी समस्याओं का हल मुझे मिल गया।
ReplyDeleteNice
Deleteबड़े ही सुंदरता पूर्वक समज दी स्वर एवं व्यंजन उच्चारण की मुखमुद्रा कैसी होती हैं।
ReplyDeleteलेखन कार्य में उपयोगी सही जानकारी देने के लिए आपका दिल से धन्यवाद💝🙏🏻
Thanks sir.
ReplyDeleteThanks Sir
Deleteबहुत अच्छा तरीका है आपका समझाने का सर,, thanks 👍 sir
Deletethank you
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteयहाँ से आप हिंदी के स्वर और व्यंजन को विस्तृत रूप से समझ सकते हैं जो काफी सरल तरीके से समझाया गया है.
ReplyDeleteThanks sir ji
ReplyDeleteश्रीमान, आप के कार्य की सराहना करती हूं🙏
ReplyDeleteएक बात इसमें लिखीं सामग्री कट गई है
धन्यवाद।
What is झंकृत?
ReplyDeleteWaah kya hindi typing hai waah
DeleteThank you so much sir ☺
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