वे आँखे (पठित पद्यांश)

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वे आँखे (पठित पद्यांश)






1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

अंधकार की गुहा सरीखी
उन अखिों से डरता है मन
भरा दूर तक उनमें दारुण
दैन्य दुख का नीरव रांदन
वह स्वाधीन किसान रहा।
अभिमान भरा अखिों में इसका
छोड़ उसे मंझधार आज
संसार कगार सदृश बह खिसका।

 प्रश्न
1, कवि किसके बारे में बात कर रहा है।
2. कवि को किससे डर लगता है तथा क्यों?
3. पहले किसान की दशा कैसी भी अन्य उसमें क्या परिवर्तन आ गया है?
4. किसान की आँखों के विषय में कवि क्या कहता है?

उत्तर-
1. कवि उस शोषित किसान के बारे में बात कर रहा है जिसकी आँखें गङ्क में धंस चुकी हैं और वे अंधेरी गुफा के समान डरावी प्रतीत हो रही हैं।

2. कवि को किसान की आँखों से डर लगता है, क्योंकि उनमें गहरी निराशा हताशा व उदासीनता भरी है।

3. पहले किसान की दशा अच्छी थी। वह अपनी खेती का मालिक था। उसमें आत्मगर्व भरा था। आज उसकी हालत खराब है। उसकी दीन दशा के कारण समाज ने उससे मुँह मोड़ लिया है। उसका साथ देने वाला कोई नहीं है।

4. कवि कहता है कि किसान की आँखें अधेरी गुफा के समान दिखती हैं। इनको देखने से मन में अज्ञात भय उत्पन्न होता है। ऐसा लगता है जैसे उनमें बहुत दूर तक कष्टप्रद दयनीयता का भाव व दुख का रुदन भरा पड़ा है। कुल मिलाकर कवि का मानना है कि किसान की आँखों में भयानक गरीबी का दुख व्याप्त है।

2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

लहराते वे खेत द्वगों में
हुआ बेदखल वह अब जिनसे
हसती थी उसके वन की
हरियाली जिनके जून-जून से
आँखों ही में घूमा करता
वह उसकी आखों का तारा
कारकुनों की लाठी से जो
गया जबानी ही में मारा।


प्रश्न
1, वह कौन है? उसके साथ क्या हुआ था?
2. खेती के कारण किसान का जीवन कैसा था?
3. 'अखों का तारा कौन था? वह किसान की आँखों के सामने व धूमता है?
4. कारकुनों ने क्या किया था?

उत्तर
1. 'वह भारतीय किसान है। उसकी जमीन को जमींदारों ने कानून का सहारा लेकर हड़प लिया था।

2. खेती के कारण किसान का जीवन खुशहाल था। खेतों में हरियाली लहराती थी। किसान की जरूरतें पूरी हो जाती थी।

3. 'ऑखों का तारा किसान का जवान बेटा था। उसकी हत्या जमींदार के कारिंदों ने पीट-पीटकर कर दी थी। किसान की आँखों में वह दृश्य घूमता रहता है।

4. कारकुन जमींदार के कारिदे होते थे। वे जमीन पर कब्जा करने का काम करते थे। उन्होंने किसान के जवान बेटे की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या की थी।

3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

बिका दिया धर द्वार
महाजन ने न ब्याज की कड़ी छोड़ी
रह-रह आँखों में चुभती वह
कुक हुई बरयों की जोड़ी
उजरी उसके सिवा किसे कब
मास दुहाने आने देती
अह आँखों में नाचा करती
उजड़ गई जो सुख की खेती 

 प्रश्न
1. महाजन ने किसान पर क्या-क्या अत्याचार किए
2. महाजन ने बैलों की जोड़ी का क्या किया?
3. उारी कौन थी? किसान उसे इतना याद क्यों करता है
4. किसान की सुख की खेती क्यों उजड़ गई

उत्तर-
1. महाजन ने किसान से अपने ऋण की वसूली के लिए उसके खेत, घर तक नीलाम कर दिए। ब्याज की वसूली के लिए उसने किसान को बेघर कर दिया तथा कौड़ी-कौड़ी वसूल ली।

2. महाजन ने कर्ज न चुका पाने की दशा में मजबूर किसान के बैलों की जोड़ी को नीलाम करवा दिया। यह बात किसान के दिल को कचोटती हैं।

3. उत्तरी किसान की प्रिय दुधारू गाय धी। वह किसान के अतिरिक्त किसी दूसरे व्यक्ति को अपने पास दूध दुहने के लिए आने नहीं देती थी। इस कारण किसान को उसकी याद बहुत आती है।

4, किसान ने लगान चुकाने के लिए महाजन से कर्ज लिया। इसके बाद वह अपना कर्ज चुका नहीं पाया। उसका सब कुछ नीलाम कर दिया गया, इसलिए उसके सुख की खेती उजड़ गई।

4.  निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

बिना दवा दयन के धरनी
स्वरगा चली-अखं आती भर
देख-रेख के बिना दुधमुही
बिटिया दो दिन बाद गई मर
घर में विधता रही पताडू
नमी थी यधपि पति धातिन,
पकडु मया, कोतवाल ने
डूब कुएँ में मरी एक दिन।

 प्रश्न
1. किसान की पत्नी व बच्ची की मृत्यु का वक्या कारण था?
2 किसान की आँखें भर आने का क्या कारण था?
3 किसान की पतोहू को क्या कहा जाता था क्यों?
4. किसान की पतोहू ने आत्महत्या क्यों की?

उत्तर
1. किसान की आर्थिक हालत दयनीय धीं। उसकी पत्नी दीमार धी। वह उसका इलाज नहीं करवा पाया। इस कारण उसकी मृत्यु हो गई। उसकी बेटी नवजात थी जो माँ के दूध पर आश्रित थी। मां के मरने के बाद वह भी दो दिन बाद मर गई।

2. आर्थिक अभावों की वजह से किसान अपनी पत्नी की बीमारी का इलाज नहीं कर पाया, जिसकी वजह से वह मर गई। अपनी इस विवशता को सोचकर उसकी आँखें भर आती हैं।

3 किसान की पतोहू को 'पति घातिन' कहा जाता था, क्योंकि उसके पति की हत्या कारकूनों ने कर दी थी। समाज इस हत्या के लिए पतोह को दोषी मानता है।

4. किसान की पुत्रवधू पर कोतवाल की बुरी नीयत थी। उसने उसे थाने में बुलवाया तथा उसका शारीरिक शोषण किया। इस कलंक व विवशता के कारण उसने कुएँ में कूदकर आत्महत्या कर ली।


5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

खैर पैर की जूती, जोरू
न सही एक दूसरी आती
पर जवान लड़के की सुध कर
साँप लौटते. फटती छाती।
पिछले सुख की स्मृति आँखों में
क्षण भर एक चमक हैं लात,
तुरत शून्य में गड़ वह चितवन
तीखी नोंक सदृश बन जाती। 

 प्रश्न
1, पैर की जूती किसे कहा गया है? इससे क्या सिदध होता है?
2. किसान के मन में सर्वाधिक दुख किसका है?
3. किसान की आँखों में चमक आने का कारण बताइए।
4. वास्तविकता का आभास होने पर किसान को कैसा अनुभव होता है?

उत्तर-
1. प्रस्तुत काव्यांश में पत्नी को पैर की जूती कहा गया है। इससे यह सिद्ध होता है कि तत्कालीन समाज में स्त्रियों की दग बहुत दयनीय थी।

2. किसान के मन में सर्वाधिक दुख अपने जवान बेटे की मृत्यु का है। उसकी याद आते ही उसकी छाती पर साँप लोटने लगते हैं। वह ही खेती में उसका एकमात्र सहारा था तथा आँखों का तारा था।

3. जब किसान अपने पुराने दिनों की याद करता है तो उसकी आँखों में चमक आ जाती है। लहलहाते खेत, घर-द्वार, बैल, गाय, जवान बेटा आदि सभी सुखदायी थे।

4. वास्तविकता का आभास होने पर किसान को सुखद यादें तीखी नोक के समान उसके दिल में चुभने लगती हैं। उसके मन में आक्रोश उमड़ आता है।


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