घर की याद (पठित पद्यांश)

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घर की याद (पठित पद्यांश)






1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

पानी गिर रहा है।
बहुत पानी गिर रहा है।
रात भर गिरता रहा है।
प्राण मन धिरता रहा है
बहुत पानी गिर रहा है।
घर नजर में तिर रहा है।
घर कि मुझसे दूर है !
घर खुशी का पूर हैं जो
घर कि घर में चार भाई
मायके में बहिन आई
बहिन आई बाप के घर
हाय रे परताप के धर।।
घर कि घर में सब जुड़े हैं
सज कि इतने कब जुड़े हैं।
चार भाई चार बहिन
भुजा भाई प्यार बहिन

 प्रश्न
1. 'पानी गिरने से कवि क्या कहना चाहता है।
2 बरसात से कवि के हृदय पर क्या प्रभाव हुआ?
3. 'भुजा भाई प्यार बहिनें का भाशय स्पष्ट कीजिए।
4 मायके में आई बहन को क्या कष्ट हुआ होगा?

उत्तर =
1 कवि ने पानी गिरने के दो अर्थ दिए हैं। पहले अर्थ में यहाँ वर्षा हो रही है। दूसरे अर्थ में, बरसात को देखकर कवि को धर की याद आती है तथा इस कारण उसकी आँखों से आँसू बहने लगे हैं।

2. बरसात के कारण कवि को अपने घर की याद आ गई। वह स्मृतियों में खो गया। जेल में वह अकेलेपन के कारण दुखी है। वह भावुक होकर रोने लगा।

3. कवि ने भाइयों को भुजाओं के समान कर्मशील व बलिष्ठ बताया है। वे एक-दूसरे के गरीबी व सहयोगी हैं। उसकी बहनें स्नेह का भंडार हैं।

4 सावन के महीने में ससुराल से बहन मायके आई। वहीं सबको देखकर वह खुश होती है, परंतु एक भाई के जेल में होने के कारण वह दुखी भी है।

2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

और माँ बन पड़ी मोरी
दुख में वह गढ़ी मेरी
माँ कि जिसकी गोद में सिर
रख लिया तो दुख नहीं फिर
माँ कि जिसकी स्नेह-धारा
का यहाँ तक भी पसारा
उसे लिखना नहीं आता
जो कि उसका पत्र पाता।
पिता जी जिनको बुढापा,
एक क्षण भी नहीं व्यापा
जो अभी भी दौड़ जाएँ
जो अभी भी खिलखिलाएँ
मौत के आगे न हिचकें
शर के आगे न बिच
बोल में यादन गरजता
काम में झझ लरजता

 प्रश्न
1 माँ के बारे में कवि क्या बताता है?
2 कवि को नाँ का पत्र क्यों नहीं मिल पाता
3 कवि के पिता की धार विशेषताएँ बताइए।
4 'पिता जी को बुढ़ापा नहीं व्यापा-आशय स्पष्ट करें।

उत्तर =
1 मों के बारे में कवि बताता है कि वह दुखों में रची हुई है। वह निरक्षर है। वह बच्चों से बहुत स्नेह करती है।

2. कवि को माँ का पत्र इसलिए नहीं मिल पाता, क्योंकि वह अनपढ़ है। निरक्षर होने के कारण वह पत्र भी नहीं लिख सकती।

3 कवि के पिता की चार विशेषताएँ हैं।
(क) उन पर बुढ़ापे का प्रभाव नहीं है।
(ख) वे खुलकर हँसते हैं।
(ग) वे दौड़ लगाते हैं।
(घ) उनकी भावाज में गर्जना है।

4. कवि अपने पिता के विषय में बताता है कि वे सदैव हैंसते रहते हैं, व्यायाम करते हैं। वे जिंदादिल हैं तथा मौत से नहीं घबराते। ये सभी लक्षण युवावस्था के हैं। अतः कवि के पिता जी पर बुढ़ापे का कोई असर नहीं है।

3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

आज गीता पाठ करके
दंड दो सौ साठ करके
खूब मुगदर हिला लेकर
मूठ उनकी मिला लेकर
जब कि नीचे अाए होंगे
नैन जल से छाए होंगे।
हाय, पानी गिर रहा है।
घर नज़र में तिर रहा हैं।
चार भाई चार बहिने
भुजा भाई प्यार बहिनें
खेलते या खड़े होंगे
नजर उनकी पड़े होंगे।
पिता जी जिनको बुढ़ापा,
एक क्षण भी नहीं व्यापा,
रो पड़े होंगे बराबर
पाँचवें का नाम लेकर

 प्रश्न
1. कवि अपने पिता की दिनचर्या के बारे में क्या बताता है।
2. पिता की आँखें भीगने का क्या कारण रहा होगा?
3. कवि ने भाई बहन के बारे में क्या बताया है?
4. कवि के पिता क्यों रोने लगे होंगे?

उत्तर =
1. कवि के पिता गीता का पाठ करते हैं तथा दो सौ साठ दंड लगाकर मुगदर हिलाते हैं। फलस्वरूप उनका शरीर मजबूत बन गया है। तथा गीता पाठ के कारण मन साहसी हो गया है।

2. कवि के पिता गीता पाठ व व्यायाम करके नीचे आए होंगे तो उन्हें अपने छोटे पुत्र भवानी की याद आई होगी। वह उस समय जेल में था। इस वियोग के कारण उनकी आँखों में पानी आ गया होगा।

3. कवि ने बताया कि उसके चार भाई व चार बहनें हैं, जो इकट्टे रहते हैं।

4. कवि के पिता ने जब सभी भाई-बहनों को खड़े या खेलते देखा होगा तो उन्हें पाँचवें पुत्र भवानी की याद आई होगी। वे उसका नाम लेकर रो पड़े होंगे।

4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

पाँचवाँ में हैं अभाग
जिसे सोने पर सुहागर
पिता जी कहते रहे हैं।
प्यार में बहते रह हैं।
 उनके स्वर्ण बेटे
लगे होंगे उन्हें हे?
क्योंकि मैं उन पर सुहागा
बाँधा बैठा हूँ अभागा,

 प्रश्न
1. कवि स्वयं को क्या कहता है तथा क्यों?
2. कवि स्वयं को अभागा वयों कहता है।
3. पिता अपने पाँचों बेटों को क्या मानते हैं
4. पिता को भाज अपने बेटे हीन क्यों लग रहे होंगे?

उत्तर
1. कवि स्वयं को अभागा कहता है, क्योंकि वह परिवार के सदस्यों भाइय, बहनों, और वृद्ध माता-पिता के सानिध्य से दूर है। उसे उनके प्यार की कमी खल रहीं हैं।

2, कवि स्वयं को इसलिए अभागा कहता है, वयोंकि वह जेल में बंद है। सावन के अवसर पर सारा परिवार इकट्ठा हुआ है और वह उनसे दूर है।

3. पिता अपने चार बेटों को सोने के समान तथा पाँचवें को सुहागा मानते हैं।

4. पिता अपने चार बेटों को सोने के समान मानते थे तथा पाँचवें को सुहागा। आज उनका पाँचवाँ बेटा जो उन्हें सबसे प्यारा लगता है, जेल में उनसे दूर बैठा है। अतः उसके बिना चारों बेटे उन्हें हीन लग रहे होंगे।

5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

और माँ ने कहा होगा,
दुख कितना बड़ा होगा
आँख में किसलिए पानी
वहाँ अछा है भवानी ।
वह तुम्हारी मन समझकर
और अपनापन समझकर
गया है सो ठीक ही है।
यह तुम्हारी लीक ही है।
पाँव जो पीछे हटाता
कोख को मेरी लजाता
इस तरह हो न कच्चे
रो पड़गे और बच्चे

प्रश्न
1. मों ने भवानी के पिता को क्या सांत्वना दी?
2. 'वह तुम्हारा मन समझकर -का आशय स्पष्ट कीजिए।
3 माँ को कोख कवि के किस कार्य से लजित होती?
4. 'यह तुम्हारी लीक ही है-का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर =
1. माँ ने भवानी के पिता को कहा कि भावुक होकर आंखें नम मत करो, वह जेल में ठीक है। भवानी तुम्हारी मन की बात समझकर ही आजादी की लड़ाई में कूदा है तथा तुम्हारी परंपरा का निर्वाह किया है। अतः दुख जताने की आवश्यकता नहीं है।

2. इसका अर्थ है कि भवानी के पिता देशभक्त थे। वह ब्रिटिश सत्ता को खत्म करना चाहते थे। इसी भाव को समझकर भवानी ने स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया।

3. यदि कवि देश के सम्मान व रक्षा के कार्य को अपने कदम पीछे हटा लेता तो माँ की कोख लगा जाती।

4. आशय हैं कि म पिता जी को समझाती है कि भवानी तुम्हारे ही आदर्शो पर चलकर जेल गया है। तुम भी भारत माता को पत्र नहीं देख सकते हो। वह भी अंग्रेजी शासन का विरोध करते हुए जेल गया है। यह आपकी ही तो परंपरा है।

6. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

पिता ने कहा होगा
हाय कितना सहा होगा,
कहाँ मैं रोता कहाँ हैं।
घर में खोता कहाँ हैं।
हे सजील हरे सावन
है कि मरे पुण्य पावन
तुम बरस लो वे न बरसे
पाँचवें को वे न तरसें
मैं मजे में हैं सही है।
घर नहीं हैं बस यही है।
किंतु यह बस व बस है
इसी बस से सब विरस हैं।

प्रश्न
1. माँ की बात पर पिता ने अपनी व्यथा को किस प्रकार छिपाने का प्रयास किया?
? कदि ने किसे क्या कहा?
3. भवानी का जीवन दिरस, क्यों है?
4. कवि सावन से अपने माता-पिता के लिए क्या कहता है?

उत्तर =
1. गाँ की बात पर पिता ने कहा कि वह से नहीं रहा है और न ही वह धैर्य खो रहा है। इस तरह उन्होंने अपनी व्यथा छिपाने का प्रयास किया।

2. कवि ने सावन को यह संदेश देने को कहा कि वह मजे में है। घरवाले उसकी चिंता न करें। वह सिर्फ घर से दूर है।

3. भवानी का जीवन रसहीन है, क्योंकि वह घर से दूर है। पारिवारिक स्नेह के अभाव में वह स्वयं को अकेला महसूस कर रहा है।

4. कवि सावन से कहता है कि तुम चाहे जितना बरस लो, लेकिन ऐसा कुछ करो कि मेरे माता-पिता मेरे लिए न तरसे तथा भाँसू न बहाएँ।

7. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

किंतु उनसे यह न कहना,
उन्हें देते धीर रहना,
उन्हें कहना लिख रहा हूँ।
उन्हें कहना पढ़ रहा हैं।
काम करता हूँ कि कहना
नाम करता हूँ कि कहना
मत करो कुछ शोक कहना,
और कहना मस्त हैं में
कातने में व्यस्त हूँ मैं
वजन सत्तर सेर मेरा,
और भोजन ढेर मरा,
कूदता हूँ खेलता हूँ।
दुख डटकर ठेलता हूँ।
यों न कहना अस्त हूँ मैं

 प्रश्न
1. कवि जेल की मानसिक यातना को क्यों छिपाना चाहता है?
2. यहाँ कौन किससे क्यों कह रहा है?
3. कवि अपने पुत्र धर्म का निर्वाह कैसे कर रहा है?
4. कवि जेल में कौन-कौन-सा कार्य करता है?

उत्तर -
1. कवि जेल की मानसिक यातनाओं को अपने माता-पिता से छिपाना चाहता है, ताकि उसके वृद्ध माता-पिता अपने पाँचवें बेटे के लिए चिंतित न हों।

2. यहाँ कवि सावन को संबोधित कर रहा है ताकि वह अपने माता-पिता को उसका संदेश दे सके।

3. कवि जेल में उदास है। उसे परिवार की याद आ रही है, फिर भी वह झूठ बोल रहा है, क्योंकि वह अपने परिजनों को दुखी नहीं करना चाहता। इस प्रकार कवि अपने पुत्र धर्म का निर्वाह कर रहा है।

4, कवि जेल में लिखता है, पढ़ता है, काम करता है, सूत कातता है तथा खेलता कूदता है। इस प्रकार से कवि दुखों का डटकर मुकाबला करता है।

8. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

हाय रे ऐसा न कहना
है कि जो वैसा न कहना,
कह न देना जागता हैं।
आदमी से भागता हैं।
कह न देना मौन हूँ मैं
खुद न समझू कौन हूँ मैं
देखना कुछ बक न देना,
उन्हें कोई शक न देना,
हे सजीले हरे सावन,
है कि मरे पुण्य पावन,
तुम बरस लो वे न बरसे
पाँचवें को वे न तरसों

प्रश्न
1. कवि सावन से क्या आग्रह करता है? और क्यों?
23 कवि की वास्तविक दशा कैसी है?
3. कवि ने सावन को क्या उपमा दी है।
4. कवि सावन को क्या चेतावनी देता है?

उत्तर -
1. कवि सावन से आग्रह करता है कि वह उसके माता-पिता व परिजनों को उसकी वास्तविकता के बारे में न बताए ताकि वे अपने प्रिय पुत्र की दशा से दुखी न हों।

2. कवि निराश है। वह रातभर जागता रहता है। निराशा के कारण वह आदमी के संपर्क से दूर भागता है। वह चुप रहता है तथा स्वयं की पहचान भी भूल चुका है।

3. कवि ने साबन को 'सजीले', 'हरे', 'पुण्य-पादन की उपमा दी है, क्योंकि वह सावन को संदेशवाहक बनाकर अपने माता-पिता तक संदेश भेजना चाहता है।

4. कवि सावन को चेतावनी देता है कि वह उसके परिजनों के सामने फिजूल में न बोले तथा कवि के बारे में सही तरीके से बताए ताकि उन्हें कोई शक न हो


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