Sample Paper of Hindi CBSE Class 10th 2021-22 | Term 1 Sample Paper Class 10 CBSE 2021-22 Hindi
निर्धारित समय : 90 मिनट
कक्षा-दसवीं (ए)पूर्णांक : 40
सामान्य निर्देशः-
1. इस प्रश्नपत्र में तीन खंड हैं- खंड-क, खंड-ख और खंड-ग।
2. इस प्रश्नपत्र में कुल 10 वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्नों में उपप्रश्न दिए गए हैं। दिए गए निर्देशों का प्रावर
हुए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
3. खंड-क में कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 10 प्रश्नों के ही उत्तर दीजिए।
4. खंड-ख में कुल 20 प्रश्न पूछे गए हैं, दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए केवल 16 प्रश्नों की ही उत्तर दीजिए।
5. खंड-ग में कुल 14 प्रश्न पूछे गए हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
6. सही उत्तर वाले गोले को भली प्रकार से केवल नीली या काली स्याही वाले बॉल पाईंट पेन से ही ओ०एम०आर०शीट में
भरें।
खंड=क
अपठित गद्यांश
प्रश्न 1. नीचे दो गद्यांश दिए गए हैं। किसी एक गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए : (1x5-5)
महात्मा गाँधी अपना काम अपने हाथ से करने पर बल देते थे। वह प्रत्येक आश्रम वासी से आशा करते थे कि वह अपने शरीर से संबंधित प्रत्येक कार्य, सफाई तक स्वयं करेगा। उनका कहना था कि जो श्रम नहीं करता है, वह पाप करता है और पाप का अन्न खाता है। ऋषि-मुनियों ने कहा है - बिना श्रम किए जो भोजन करता है, वह वस्तुत: चोर है। महात्मा गाँधी का समस्त जीवन दर्शन श्रम सापेक्ष था। उनका समस्त अर्थशास्त्र यही बताता था कि प्रत्येक उपभोक्ता को उत्पादनकर्ता होना चाहिए। उनकी नीतियों की उपेक्षा करने के परिणाम हम आज भी भोग रहे हैं। न गरीबी कम होने में आती है, न बेरोजगारी पर नियंत्रण हो पा रहा है और न अपराधों की वृद्धि हमारे वश की बात रही है। दक्षिण कोरिया वासियों ने श्रमदान करके ऐसे श्रेष्ठ भवनों का निर्माण किया है, जिनसे किसी को भी ईष्र्या हो सकती है। श्रम की अवज्ञा के परिणाम का सबसे ज्वलंत उदाहरण है, हमारे देश में व्याप्त शिक्षित वर्ग की बेकारी। हमारा शिक्षित युवा वर्ग शारीरिक श्रमपरक कार्य करने से परहेज करता है। वह यह नहीं सोचता है कि शारीरिक श्रम परिणामतः कितना सुखदायी होता है। पसीने से सिंचित वृक्ष में लगने वाला फल कितना मधुर होता है। 'दिन अस्त और मजदूर मस्त' इसका भेद जानने वाले महात्मा ईसामसीह ने अपने अनुयायियों को यह परामर्श दिया था कि तुम केवल पसीने की कमाई खाओगे। पसीना टपकाने के बाद मन को संतोष और तन को सुख मिलता है, भूख भी लगती है और चैन की नींद भी आती है।
(क) महात्मा गाँधी किस पर बल देते थे?
(ख) ऋषि-मुनियों ने किसे चोर बताया है?
(ग) महात्मा गाँधी का समस्त जीवन-दर्शन कैसा था?
(घ) शिक्षित वर्ग में बेरोजगारी का मुख्य कारण क्या है?
(ङ) 'सिंचित' शब्द में किस प्रत्यय का प्रयोग है?
अथवा
आज समाज में नारी की स्थिति में पुराने समय से काफी बदलाव आया है। प्राचीन काल में नारी को देवी मानकर पूजनीय बताया गया, पर मध्य काल में नारी की काफी दुर्दशा हुई। उसे घर की चारदीवारी तक सीमित कर दिया गया। उसे भोग की वस्तु बना दिया। पुरुष वर्ग ने उसे अपने कठोर नियंत्रण में रखने का भरपूर प्रयास किया। यह एक प्रकार से नारी का शोषण था। पाश्चात्य जगत में नारी स्वातंत्र्य की लहर चली। नारी मुक्ति के कई आंदोलन चलाए गए। धीरे-धीरे यह प्रभाव भारत में भी आया। गत एक दशक में नारी की स्थिति में अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन लक्षित हो रहे हैं। अब की नारी पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है। वह तरक्की की सभी मंजिलें छू लेने की ओर निरंतर अग्रसर है। अब वह घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर अपनी स्वतंत्र सत्ता का अहसास करा रही है। अब उसका कार्यक्षेत्र केवल घर तक ही सीमित नहीं रह गया है। नारी की स्थिति बदलने में अनेक तत्वों ने बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया है। सबसे पहला कारण है-नारी शिक्षा के प्रति चेतना एवं उसका प्रसार। पहले अधिकांश नारियाँ अशिक्षित थीं अत: वे अपनी स्थिति के बदलाव के बारे में सोच ही नहीं पाती थीं। सरकार की ओर से लड़कियों की शिक्षा को काफी प्रोत्साहन दिया गया है। अत: साक्षरता प्रतिशत काफी बढ़ गया है।
प्रश्नः(क) प्राचीन काल में नारी को क्या बताया गया था?
(ख) पुरुष वर्ग के नियंत्रण ने नारी का क्या किया है ?
(ग) गत एक दशक में नारी के बारे में क्या सुधार आया है ?
(घ) 'अग्रसर' शब्द का क्या अर्थ है?
(ङ) नारी की स्थिति बदलने में किस कारण ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है?
चश्न 2. नीचे दो पद्यांश दिए गए हैं। किसी एक पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (1x5=5)
विचार लो कि मर्त्य हो न हो मृत्यु से डरो कभी।
मरो, परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सुमृत्यु तो वृथा मेरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वही कि जो जिया न 'आप' के लिए।
यही पशु-प्रवृत्ति है कि आप-आप ही चरे।
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
उसी उदार की कथा सरस्वती बखानती,
उसी उदार से धरा कृतार्थ भाव मानती।
उसी उदार की सदा सजीव कीर्ति कूजती,
तथा उसी उदार को समस्त सृष्टि पूजती।
अखंड आत्मभाव जो असीम विश्व में भरे
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
क्षुधात रंतिदेव ने दिया करस्थ थाल भी,
तथा दधीचि न दिया परार्थ अस्थिजाल भी।
उशीनर क्षितीश ने स्वमांस-दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीरचर्म भी दिया।
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या डरे?
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।
(क) कौन-सा व्यक्ति कभी नहीं मरता?
(ख) मनुष्य को कैसी मौत मरना चाहिए?
(ग) कीर्ति कूजती' में किस अलंकार का प्रयोग है?
(घ) रंतिदेव ने क्या किया था?
(ङ) मनुष्य की देह कैसी है?
अथवा
संकटों से वीर घबराते नहीं,
आपदाएँ देख छिप जाते नहीं।
लग गए जिस काम में, पूरा किया,
काम करके व्यर्थ पछताते नहीं।
हो सरल अथवा कठिन हो रास्ता,
कर्मवीरों को न इससे वास्ता।
बढ़ चले तो अंत तक ही बढ़ चले,
कठिनतर गिरिश्रंग ऊपर चढ़ चले।
कठिन पथ को देख मुस्काते सदा,
संकटों के बीच वे गाते सदा।
है असंभव कुछ नहीं उनके लिए,
सरल-संभव कर दिखाते वे सदा।
यह असंभव कायरों का शब्द है,
कहा था नेपोलियन ने एक दिन।
सच बताऊँ, जिंदगी ही व्यर्थ है,
दर्प बिन, उत्साह बिन, औ शक्ति बिन।
प्रश्न:
(क) कौन-सा लक्षण वीर पुरुष का नहीं है?
(ख) कर्मवीरों को किस बात से वास्ता नहीं होता?
(ग) कठिन पथ को देखकर कर्मवीरों की क्या प्रतिक्रिया होती है?
(घ) नेपोलियन ने एक दिन क्या कहा था ?
(ङ) जिंदगी किसके बिना व्यर्थ है ?
खंड ख
व्यावहारिक व्याकरण
3. निम्नलिखित में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1x4=4)
(क) निम्नलिखित में से मिश्र वाक्य कौन-सा है ?
(ख) रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं?
(ग) 'जैसे ही मैं पार्क में पहुँचा, वर्षा होने लगी'। -संयुक्त वाक्य बनेगा
(घ) 'अध्यापक के आते ही सभी छात्र अपनी- अपनी सीट पर बैठ गए'।-रचना के आधार पर वाक्य-भेद बताइए।
(ङ) 'उसे कपड़े खरीदने थे इसलिए वह बाजार गया।' -सरल वाक्य में बदलिए।
4. निम्नलिखित में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए- (1x4=4)
(क) 'वह तेज दौड़ता है' - भाववाच्य बनेगा
(ख) 'मंत्री जी के दुवारा होटल का उद्घाटन किया गया। -वाच्य का भेद क्या है?
(ग) 'बच्चों ने फुटबॉल मैच खेला।'-वाच्य भेद बताइए।
(घ) 'वे क्या काम करते हैं?' -कर्मवाच्य में बदलिए।
(ङ) निम्नलिखित में से कौन-सा कर्तृवाच्य वाला वाक्य है?
5. निम्नलिखित में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए - (1४4=4)
(क) वे घूमने जा रहे हैं। 'वे' पद का पद परिचय है
(ख) ईमानदार व्यक्ति की सदैव प्रशंसा होती है। 'ईमानदार' पद का पद परिचय क्या है ?
(ग) सौरभ अपने पिताजी के साथ घूमने गया है। - 'सौरभ' पद का पद परिचय है
(घ) तेंदुआ मकान के भीतर घुस गया।- 'भीतर' पद का पद-परिचय क्या है ?
(ङ) मेज़ पर पुस्तक रखी है।-'पुस्तक' पद का पद-परिचय है
6. निम्नलिखित में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए - (4)
(क) किस रस को रसराज' कहा जाता है?
(ख) वीर रस का स्थायी भाव क्या है ?
(ग) अँसुवन जल सिंची-सिंची
प्रेम-बेलि बोई मीरा की लगन लागी,
होनी हो सो होई।
उपर्युक्त पंक्तियों में कौन-सा रस है ?
(घ) रस की अभिव्यक्ति का कारण क्या होता है ?
(ङ) मुँह से न कभी उफ़ कहते हैं।
संकट का चरण न गहते हैं।
जो आ पड़ा सब सहते हैं।
उपर्युक्त पंक्तियों में निहित रस पहचानिए।
खंड ग
पाठ्य-पुस्तक
7. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए (1*5-5)
हालदार साहब को पानवाले द्वारा एक देशभक्त का इस तरह मजाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा। मुड़कर देखा तो अवाक् रह गए। एक बेहद बूढ़ा मरियल-सा लँगड़ा आदमी सिर पर गाँधी टोपी और आँखों पर काला चश्मा लगाए एक हाथ में एक छोटी-सी संदूकची और दूसरे हाथ में एक बाँस पर टँगे बहुत-से चश्मे लिए अभी - अभी एक गली से निकला था और अब एक बंद दुकान के सहारे अपना बाँस टिका रहा था। तो इस बेचारे की दुकान भी नहीं! फेरी लगाता है! हालदार साहब चक्कर में पड़ गए। पूछना चाहते थे, इसे कैप्टन क्यों कहते हैं? क्या यही इसका वास्तविक नाम हैं? लेकिन पानवाले ने साफ बता दिया था कि अब वह इस बारे में और बात करने को तैयार नहीं। डराइवर भी बेचैन हो रहा था। काम भी था। हालदार साहब जीप में बैठकर चले गए।
(क) प्रस्तुत गद्यांश किस पाठ से अवतरित है?
(ख) किसे पानवाले दुवारा एक देशभक्त का मजाक उड़ाया जाना अच्छा नहीं लगा?
(ग) उपर्युक्त गद्यांश में देशभक्त किसे कहा गया है?
(घ) हालदार साहब क्या जानना चाहते थे ?
(ड) कैप्टन देखने में कैसा था?
৪. निम्नलिखित प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए- (1x2-2)
(क) सड़क बनवाना, पेशाब घर बनवाना, कबूतरों की छतरी बनवाना- ये कार्य किसके थे?
(ख) रामवृक्ष बेनीपुरी' किसके रचयिता हैं?
9. निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए- (1x5-5)
लखन कहा हसि हमरे जाना।
सुनहु देव सब धनुष समाना।।
का छति लाभु जून धनु तोरें।
देखा राम नयन के भोरें।।
छूअत टूट रघुपतिहु न दोसू।
मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू।।
बोले चितै परसु की ओरा।
रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा।।
बालकु बोलि बधौ नहिं तोही।
केवल मुनि जड़ जानहि मोही।
बाल ब्रह्मचारी अति कोही।
बिस्वविदित क्षत्रियकुल द्रोही।।
भुजबल भूमि भूप बिनु कीन्ही।
विपुल बार महिदेवन्ह दीनी।।
सहसबाहुभुज छेदनिहारा परसु बिलोकु महीपकुमारा।।
मातु पितहि जनि सोचबस करसि महीसकिसोर।
गर्भन्ह के अरभक दलन परसु मोर अति घोर ।।
(क) राम ने धनुष को कैसे देखा?
(ख) परशुराम ने स्वयं को क्या बताया?
(ग) लक्ष्मण से परशुराम ने अपने विषय में क्या बताया ?
(घ) राम ने कौन-सा धनुष तोड़ा?
(ङ) काज करिअ कत' में कौन-सा अलंकार है ?
10. निम्नलिखित में से सही विकल्प का चयन कीजिए - (2×1=2) (क) गोपियों के अनुसार राजधर्म क्या है?
(ख) गोपियों के अनुसार राजनीति की शिक्षा किसने ग्रहण कर ली है ?
😊😊😊
40/40
ReplyDelete38/40
ReplyDeleteNot urs only
Deletethankyou sir🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDelete35/40
ReplyDeleteThankyou sir for mock test ❤️
Jai shree ram
ReplyDelete38 marks
Thnx sir apna bhut bhut bhut acha hai
Delete38
ReplyDelete40/40 marks
ReplyDelete38/40 marks sir.....Thank you very much sir for giving us a sample paper test😉
ReplyDelete40 out of 40 😀😀😎😎
ReplyDelete40/40....Thank you sir ji
ReplyDeleteAll are correct 👌 🙌
ReplyDeleteThanks sir because of you
Full this is so easy paper
ReplyDelete40/40
ReplyDeletecutiya
ReplyDelete39/40☺☺☺thank you soooo much sir for this test
ReplyDelete40 out of 40 all are correct 😎😎❤️ thanks
ReplyDeleteBut I have a dout in tittle of gadyansh and padyansh my😭😭😭
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