CBSE Sample Paper Class 12 Hindi | Sample Paper Class 12 Hindi 2021-22 | Sample Paper 12 Hindi
हिंदी केंद्रिक (Hindi Core)
CBSE कक्षा 12 (Term I) की परीक्षा के लिए सैंपल प्रश्न-पत्र
निर्देश
(i) इस प्रश्न-पत्र में तीन खंड है-'अ', 'ब' और 'स'।
(ii) खंड 'अ' में तीस प्रश्नों में से केवल पंद्रह प्रश्नों का ही उत्तर देना है।
(iii) खंड 'ब' में छ: प्रश्नों में से केवल पाँच प्रश्नों का ही उत्तर देना है।
(iv) खंड 'स' में बाईस प्रश्नों में से केवल बीस प्रश्नों का ही उत्तर देना है।
(v) निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका पालन कीजिए।
(vi) इस प्रश्न-पत्र में वस्तुपरक प्रश्न पूछे गए हैं।
(vii) प्रत्येक प्रश्न के उत्तर में चार विकल्प दिए गए है।
(viii) विकल्पों में से सबसे उचित का चयन सावधानीपूर्वक कीजिए।
(ix) सभी प्रश्नों के लिए समान अंक (1 अंक) निर्धारित हैं।
निर्धारित समय :90 मिनट अधिकतम अंक : 40
खंड 'अ' अपठित बोध (15 अंक)
अपठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए 1*10=10
आज किसी भी व्यक्ति का सबसे अलग एक टापू की तरह जीना संभव नहीं रह गया है। मानव समाज में विभिन्न पंथों और विविध मत-मतांतरों के लोग साथ-साथ रह रहे हैं। ऐसे में यह अधिक आवश्यक हो गया है कि लोग एक-दूसरे को जानें; उनकी आवश्यकताओं एवं उनकी इच्छाओं-आकांक्षाओं को समझें; उन्हें वरीयता दें और उनके धार्मिक विश्वासों, पद्धतियों, अनुष्ठानों को सम्मान दें। भारत जैसे देश में यह और भी अधिक आवश्यक है, क्योंकि यह देश किसी एक धर्म, मत या विचारधारा का नहीं है। स्वामी विवेकानंद इस बात को समझते थे और अपने आचार-विचार में वे अपने समय से बहुत आगे थे। उन्होंने धर्म को मनुष्य की सेवा के केंद्र में रखकर ही आध्यात्मिक चिंतन किया था। उन्होंने यह विद्रोही बयान दिया कि इस देश के तैंतीस करोड़ भूखे, दरिद्र और कुपोषण के शिकार लोगों को देवी-देवताओं की तरह मंदिरों में स्थापित कर दिया जाए और मंदिरों से देवी-देवताओं की मूर्तियों को हटा दिया जाए। उनका दृढ़ मत था कि विभिन्न धर्मो-संप्रदायों के बीच संवाद होना ही चाहिए। वे विभिन्न संप्रदायों की अनेकरूपता को उचित और स्वाभाविक मानते थे। स्वामी जी विभिन्न धार्मिक आस्थाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करने के पक्षधर थे और सभी को एक ही धर्म का अनुयायी बनाने के विरुद्ध थे। वे कहा करते थे-"यदि सभी मानव एक ही धर्म को मानने लगें, एक ही पूजा-पद्धति को अपना लें और एक-सी नैतिकता का अनुपालन करने लगें, तो यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात होगी, क्योंकि यह सब हमारे धार्मिक और आध्यात्मिक विकास के लिए प्राणघातक होगा तथा हमें हमारी सांस्कृतिक जड़ों से कार देगा।" स्वामी विवेकानंद हिंदू धर्म में सुधार लाना चाहते थे और हिंदुओं में गर्व और आत्मविश्वास का भाव उत्पन्न करना चाहते थे। हिंदू धर्म एक ओर रूढ़िवादिता और दूसरी ओर अंग्रेजों द्वारा देश पर पश्चिमी विचार थोपे जाने से पीड़ित था। विवेकानंद का सबसे बड़ा योगदान यह था कि उन्होंने औपनिवेशिक शासन से मुक्ति के लिए संघर्ष को आध्यात्मिक आधार दिया और मैतिक व सामाजिक दृष्टि से हिंदू समाज में उत्थान के लिए काम किया।
निम्नलिखित 10 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
1. 'टापू की तरह' जीने से लेखक का क्या आशय है?
2. भारत जैसे देश में एक-दूसरे से मिलकर रहना आवश्यक क्यों है?
3. विभिन्न पंथों और मत-मतांतरों के लोग मिलकर नहीं रहेंगे तो उसका क्या परिणाम होगा?
4. गद्यांश के अनुसार स्वामी विवेकानंद किस बात को भली-भाँति समझते थे?
5. विवेकानंद जी द्वारा दिए गए बयान का आधार क्या था?
6. विभिन्न धर्म संप्रदायों के बीच संवाद होने से समाज को क्या लाभ होगा?
7. स्वामी विवेकानंद ने सभी लोगों द्वारा एक ही धर्म, मत, पूजा-पद्धति को अपनाने को दुर्भाग्यपूर्ण क्यों माना है?
8. विवेकानंद जी द्वारा मंदिरों से मूर्ति हटाने का विद्रोही बयान क्यों दिया गया?
9. गद्यांश में किसकी आवश्यकताओं तथा इच्छाओं का सम्मान करने की बात कही गई है?
10. प्रस्तुत गद्यांश के माध्यम से लेखक ने क्या संदेश दिया है?
अथवा
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए पश्चिम की प्रौद्योगिकी और पूर्व की धर्मचेतना का सर्वश्रेष्ठ लेकर ही नई मानव संस्कृति का निर्माण संभव है। पश्चिम नया धर्म चाहता है, पूर्व नया ज्ञान। दोनों की अपनी-अपनी आवश्यकता है। वहाँ यंत्र है, मंत्र नहीं। यहाँ मंत्र है, यंत्र नहीं। वहाँ भौतिक संपन्नता है, यहाँ आध्यात्मिक संपन्नता है। पश्चिम के आध्यात्मिक दैन्य को दूर करने में पूर्व की मैत्री, करुणा और अहिंसा के संदेश महत्त्वपूर्ण होंगे, तो पूर्व के भौतिक दैन्य को पश्चिम की प्रौद्योगिकी दूर करेगी। पूर्व-पश्चिम के मिलन से ही मनुष्य की देह और आत्मा को एक साथ चरितार्थता मिलेगी। इससे प्रौद्योगिकी जड़ता के बंधनों से मुक्त होगी और पूर्व का अध्यात्मवाद, परलोकवाद तथा निष्क्रियतावाद से छुटकारा पाएगा। भाग्यवाद को प्रौद्योगिकी को सौंपकर हम मनुष्य की कर्मण्यता को चरितार्थ करेंगे और इस धरती के जीवन को स्वर्गीयम बनाएँगे। जीवन से भाग करके नहीं, उसके भीतर से ही हमें लोकमंगल की साधना करनी होगी। विरक्ति-मूलक आध्यात्मिकता का स्थान लोकमांगलिक आध्यात्मिकता लेगी। यह आध्यात्मिकता लोकमंगल और लोकसेवा से ही चरितार्थता पाएगी। मनुष्य-मात्र के दु:ख, उत्पीड़न और अभाव के प्रति संवेदित और क्रियाशील होकर ही हम अपनी आध्यात्मिकता को प्राणवान, जीवंत और सार्थक बना सकेंगे। ज्ञान को शक्ति में नहीं, परमार्थ तथा उत्सर्ग में ढालकर ही हम मानवता को उजागर करेंगे। प्रकृति से हमने जो कुछ पाया है, उसे हम बलात् छीनी हुई वस्तु क्यों मानें? क्यों न हम यह स्वीकार करें कि प्रकृति ने अपने अक्षय भंडार को मानव-मात्र के लिए अनावृत्त कर रखा है? प्रकृति के प्रति प्रतियोगिता या प्रतिस्पर्धा का भाव क्यों रखा जाए? वस्तुतः प्रकृति के प्रति सहयोगी, कृतज्ञ तथा सदाशय होकर ही मनुष्य अपनी भीतरी प्रकृति को राग-द्वेष से मुक्त करता है और स्पर्धा को प्रेम में बदलता है। आज आण्विक प्रौद्योगिकी को मानव कल्याण का साधन बनाने की अत्यंत आवश्यकता है। यह तभी संभव है जब मनुष्य की बौद्धिकता के साथ-साथ उसकी रागात्मकता का विकास हो। रवीन्द्र और गाँधी का यही संदेश है। 'कामायनी' के रचयिता जयशंकर प्रसाद ने श्रद्धा और इड़ा के समन्वय पर बल दिया है। मानवता की रक्षा और उसके विकास के लिए पूर्व-पश्चिम का सम्मिलन आवश्यक है। तभी कवि पंत का यह कथन चरितार्थ हो सकेगा-"मानव तुम सबसे सुंदरतम्।"
निम्नलिखित 10 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
11. पूर्व और पश्चिम के मिलन को आवश्यक क्यों माना गया है?
12. पूर्व की भौतिक दीनता को दूर करने का क्या उपाय बताया गया है?
13. पूर्व और पश्चिम के मिलन से मनुष्य को क्या प्राप्त होगा?
14. लोकमंगल की साधना द्वारा क्या किया जाना संभव है?
15. मनुष्य के दुःख, उत्पीड़न और अभाव के प्रति संवेदनशील होने का क्या परिणाम होगा?
16. मनुष्य अपनी भीतरी प्रकृति को राग-द्वेष से मुक्त कैसे रख सकता है?
17. प्रस्तुत गद्यांश के संदर्भ में कौन-सा कथन सत्य है?
18. आण्विक प्रौद्योगिक मानव कल्याण का साधन कैसे बन सकेगी?
19. मैत्री, करुणा और अहिंसा को अपनाने से किसके दूर होने की संभावना है?
20. आध्यात्मिकता के संदर्भ में कौन-सा कथन असत्य है?
अपठित पद्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए 1*5= 5
मनमोहनी प्रकृति की जो गोद में बसा है।
सुख स्वर्ग-सा जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसके चरण निरंतर रत्नेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना, वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले, फल कंद, नाज, मेवे।
सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है?
जिसके सुगंध वाले, सुंदर प्रसून प्यारे।
दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन-सा है?
मैदान, गिरि, वनों में, हरियालियाँ महकतीं।
आनंदमय जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसकी अनंत वन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है?
सबसे प्रथम जगत में जो सभ्य था यशस्वी।
जगदीश का दुलारा, वह देश कौन-सा है?
निम्नलिखित 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
21. कवि ने देश का मुकुट हिमालय को क्यों कहा है?
22. भारत के प्राकृतिक सौंदर्य को स्वर्ग के सदृश क्यों कहा गया है?
23. कवि ने भारत की किस विशेषता की ओर संकेत किया है?
24. किन पंक्तियों से पता चलता है कि भारत विश्व का शिरोमणि है?
25. 'जिसका चरण निरंतर रत्नेश धो रहा है' पंक्ति से कवि का क्या आशय है?
अथवा
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए
आज की शाम जो बाज़ार जा रहे हैं
उनसे मेरा अनुरोध है एक छोटा-सा अनुरोध
क्यों न ऐसा हो कि आज शाम हम अपने थैले और डोलचियाँ
रख दें एक तरफ़ और सीधे धान की मंजरियों तक चलें
चावल ज़रूरी है ज़रूरी है आटा दाल नमक पुदीना
पर क्यों न ऐसा हो कि आज शाम हम सीधे वहीं पहुँचे
एक दम वहीं जहाँ चावल
दाना बनने से पहले सुगंध की पीड़ा से छटपटा रहा हो
उचित यही होगा कि हम शुरू में ही
आमने-सामने बिना दुभाषिये के
सीधे उस सुगंध से बातचीत करें
यह रक्त के लिए अच्छा है अच्छा है भूख के लिए
नींद के लिए कैसा रहे
बाज़ार न आए बीच में।
निम्नलिखित 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
26. प्रस्तुत काव्यांश में कवि क्या अनुरोध कर रहा है?
27. काव्यांश का संदेश क्या हो सकता है?
28. चावल के दाना बनने की प्रक्रिया में कौन-सा तथ्य सही है?
29. कवि के अनुसार उचित क्या होगा?
30. 'बाज़ार न आए बीच में' पंक्ति का क्या आशय है?
खंड 'ब'
अभिव्यक्ति और माध्यम के पाठों पर आधारित प्रश्न (5 अंक)
निम्नलिखित में से किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
31. इंटरनेट पत्रकारिता आजकल बहुत लोकप्रिय है, क्योंकि
32. टेलीविजन की भाषा हेतु क्या सही नहीं है?
33. समाचार का प्रवेश द्वार किसे माना जाता है?
34. स्ट्रिगर किसे कहते हैं?
35. फ़ीचर लेखन के लिए किसकी आवश्यकता होती है?
36. मुद्रित माध्यम की विशेषता है
खंड "स'
पाठ्यपुस्तक व अनुपूरक पुस्तक (22 अंक)
पठित काव्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए (5 अंक)
कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने
कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने
बाहर-बाहर
इस घर, उस घर
कविता के पंख लगा
उड़ने के माने चिड़िया क्या जाने?
निम्नलिखित 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
37. प्रस्तुत काव्यांश के अनुसार कविता और चिड़िया में किस गुण की समानता है?
38. कवि के अनुसार कविता एक बार विकसित होकर क्या प्राप्त कर लेती है?
39. कविता के पंखों की समानता किससे की गई है?
40. 'कविता एक उड़ान है चिड़िया के बहाने कविता की उड़ान भला चिड़िया क्या जाने' पंक्तियों का आशय है
41. 'कविता के बहाने' कविता में किस पर विचार किया गया है?
पठित गद्यांश पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए (5 अंक)
भक्तिन और मेरे बीच में सेवक-स्वामी का संबंध है, यह कहना कठिन है; क्योंकि ऐसा कोई स्वामी नहीं हो सकता, जो इच्छा होने पर मौ सेवक को अपनी सेवा से हटा न सके और ऐसा कोई सेवक भी नहीं सुना गया, जो स्वामी के चले जाने का आदेश पाकर अवज्ञा से हँस दे। भक्तिन को नौकर कहना उतना ही असंगत है, जितना अपने घर में बारी-बारी से आने-जाने वाले अंधेरे-उजाले और आँगन में फूलने वाले गुलाब और आम को सेवक मानना। वे जिस प्रकार एक अस्तित्व रखते हैं, जिसे सार्थकता देने के लिए ही हमें सुख-दुःख देते हैं, उसी प्रकार भक्तिन का स्वतंत्र व्यक्तित्व अपने विकास के परिचय के लिए ही मेरे जीवन को घेरे हुए हैं। परिवार और परिस्थितियों के कारण स्वभाव में जो विषमताएँ उत्पन्न हो गई हैं, उनके भीतर से एक स्नेह और सहानुभूति की आभा फूटती रहती है, इसी से उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति उसमें जीवन की सहज मार्मिकता ही पाते हैं। निम्नलिखित 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
42. उपरोक्त गद्यांश में किनके स्वामी-सेवक संबंधों की चर्चा की गई है?
43. स्वामी-सेवक संबंधों में भक्तिन के लिए क्या विशेषता आ गई है?
44. लेखिका के लिए आँगन में खिलने वाला गुलाब और आम सेवक क्यों नहीं हैं?
45. आम और गुलाब की समानता किससे की गई है?
46. लेखिका को भक्तिन का साथ कैसा लगता है?
पाठ्यपुस्तक के पठित पाठों पर आधारित प्रश्न
निम्नलिखित में से किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए (5 अंक)
47. 'कविता के बहाने' कविता में कवि ने कविता को एक यात्रा माना है, जोकि
48. नीड़ पर प्रतीक्षा करते बच्चों की याद आते ही चिड़ियों पर क्या प्रभाव हुआ? 'एक गीत' कविता के आधार पर बताइए।
49. 'कैमरे में बंद अपाहिज' कविता में मीडिया का दिव्यांगजन के प्रति कैसा व्यवहार बताया गया है?
50. 'भक्तिन' संस्मरण के माध्यम से लेखिका ने सामाजिक उत्थान के लिए किस उद्देश्य को पूरा किया है?
51. 'बाजार दर्शन' पाठ में लेखक ने भगत जी का उदाहरण दिया है। भगत जी जैसे व्यक्ति के जीवन से हम क्या प्रेरणा प्राप्त करते हैं?
52. 'सहर्ष स्वीकारा है' कविता के आधार पर बताइए कि कवि प्रकाश के स्थान पर अंधकार की कामना क्यों कर रहा है?
अनुपूरक पाठ्यपुस्तक के पाठों पर आधारित प्रश्न (5 अंक)
निम्नलिखित में से किन्हीं 5 प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उचित विकल्पों का चयन कीजिए
53. 'सिल्वर वैडिंग' कहानी के अनुसार यशोधर बाबू शादी की सालगिरह मनाने के पक्ष में क्यों नहीं थे?
54. यशोधर बाबू को सरकारी नौकरी किस प्रकार मिली? 'सिल्वर वैडिंग' कहानी के आधार पर सही विकल्प चुनिए।
55. 'जूझ' पाठ के आधार पर बताइए कि आनंदा की खुशी का ठिकाना कब न रहा?
56. 'जूझ' कहानी का कथानायक आनंदा खेतों में काम क्यों करता था?
57. लेखक की पढ़ाई के संबंध में दत्ता जी राव का रवैया सही था, क्यों? 'जूझ' कहानी के आधार पर सही विकल्प चुनिए।
58. 'हम लोगों के यहाँ सिल्वर वैडिंग कब से होने लगी है' यह कथन किसके द्वारा कहा गया है?
😊😊😊
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