Class 11 Hindi Gunge Important Question Answer | Gunge Chapter Class 11 Important Questions | गूंगे पाठ के Important Questions कक्षा 11

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Class 11 Hindi Gunge Important Question Answer | Gunge Chapter Class 11 Important Questions | गूंगे पाठ के Important Questions कक्षा 11 


प्रश्न 1. ‘गूँगे’ कहानी के आधार पर निम्नलिखित उक्तियों का स्पष्टीकरण कीजिए-

(क) पुत्र की ममता ने इस विषय पर चादर डाल दी।

(ख) इस मूक अवसाद में युगों का हाहाकार मरकर गूँज रहा है।

(ग) उसने एक पशु पाला था, जिसके हृदय में मनुष्यों की-सी वेदना थी।

उत्तर - (क) गूँगेने मालिक के बेटे बसंता पर हाथ नहीं उठाया था फिर भी चमेली गूँगे को मारने के लिए हाथ उठाया। गूँगे ने चमेली का हाथ पकड़ लिया। गूँगा चमेली की भावभंगिमा समझ रहा था। वह जानता था कि बसंता मालिक का बेटा है, इसलिए उसपर हाथ उठाना उचित नहीं। चमेली को गूँगे में अपने पुत्र की छाया दिखाई दे गई थी। पुत्र की ममता के कारण ही उसने न तो गूँगे को मारा और न ही इस विषय को आगे बढ़ाया। उससे जो कुछ हुआ था, उसे वहीं दबा दिया।


(ख) गूँगा चमेली के घर में काम करता था। एक दिन वह बिना बताए ही घर से भागकर चला गया था। कुछ दिन बाद चमेली ने उसे अपने द्वार पर सिसकते और कराहते हुए देखा। वह लड़कों से पिट कर आया था। उसके सिर से खून की धारा बह रही थी। वह दहलीज पर सिर रखकर कुत्ते की तरह चिल्ला रहा था। पिटने का कारण यह था कि वह स्वाभिमान के कारण किसी से दबना नहीं चाहता था। उसे गूँगे के माध्यम से जो वेदना और पीड़ा प्रकट हो रही थी, उसमें केवल उसका निजी अवसाद नहीं था बल्कि युगों-युगों से बेसहारा और अनाथ लोगों पर हुए अत्याचार की गूंज थी। निःसहाय व्यक्ति अपनी पीड़ा को रो-चिल्ला कर प्रकट करता है। उसके रुदन में युगों से पीड़ित असंख्य शोषितों और उपेक्षितों का रुदन होता है।


(ग) पशु एक मूक प्राणी है। वह वाणी के अभाव के कारण सार्थक ध्वनि में अपना सुख-दुख प्रकट नहीं कर सकता। गूँगा व्यक्ति भी बाहर से पशु के समान ही था लेकिन उसके भीतर मानव था। उसका सुख-दुख एक मनुष्य का सा सुख-दुख था। उसका रोना जहाँ दर्दभरी आवाज़ में प्रकट होता था वहाँ उसके हृदय में बैठा उपेक्षा का अवसाद गुराहटभरी हँसी में व्यक्त होता था। यह हँसना उसके हदय की वेदना को प्रकट कर रहा था। चमेली यही सोच रह गई कि जिसे उसने आज तक एक नौकर और गूँगा तथा मानव से भिन्न प्राणी माना था, वह वस्तुत: एक ऐसा पशु था जिसके हूदय में मानवीय संवेदना बसती थी।


प्रश्न 2. समाज में विकलांगों के प्रति हमारा व्यवहार कैसा होना चाहिए ? अपना मत लिखिए।

उत्तर - ‘गूँगे’ कहानी के माध्यम से लेखक यही संदेश देना चाहता है, विकलांगों के प्रति हमें सहानुभूति दिखानी चाहिए। उनको ऊपर उठाने का प्रयल करना चाहिए। उन्हें यह अनुभव न होने दें कि वे अत्यंत हीन हैं, समाज में उनका कोई स्थान नहीं। कई लोग विकलांगों पर भी अत्याचार करते हैं, उनका शोषण कर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते हैं। यूँगा भी तो इसी शोषण और स्वार्थ का शिकार बनकर रह जाता है। विकलांग भी संसार के अन्य प्राणियों के समान ईश्वर की रचना हैं। ईश्वर की रचना की उपेक्षा करना किसी प्रकार भी उचित नहीं। विकलांगों के प्रति हमें उदारता का परिचय देना चाहिए। उनमें निहित गुणों की ओर संकेत कर उनका आत्म-विश्वास बढ़ाना चाहिए जिससे वे अपनी क्षमता और योग्यता का परिचय दे सकें।


प्रश्न 3. “एक गूँगे की कहानी होते हुए भी इसका आरंभ संवाद से हुआ है।” इस कथन को दुष्टि में रखकर कहानी के संवादों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर - ‘गूँगे’ कहानी का आरंभ संवादों से हुआ है। लेखक ने कहानी में गूँगे के संवादों की भी योजना की है। भला गूँगा क्या बोलेगा? अतः यहाँ विरोधाभास है। लेकिन वास्तविकता यह है कि गूँगे के संवाद गूंगे के अंतर्मन की अभिव्यक्ति हैं। इन संवादों के माध्यम से लेखक ने अपनी अनुभूति का भी प्रकाशन किया है। संवादों में चुटीलापन, व्यंग्यात्मकता तथा तीव्रता का गुण है। गूँगे के संवाद उसके हृदय की अभिव्यक्ति में सहायक हैं, यथा- ‘हलवाई के यहाँ रातभर लइडू बनाए हैं, नौकरी की है, कपड़े धोये हैं।’ इस प्रकार स्पष्ट हो जाता है कि प्रस्तुत कहानी के संवाद एक गूँगे के संवाद नहीं बल्कि इस संसार में अनेक रूपों में रह रहे गूँगों के हृदय की अभिव्यक्ति है।


प्रश्न 4. गूँगे द्वारा अपना हाथ पकड़े जाने पर चमेली को कैसा लगा ? चमेली ने अपना हाथ क्यों छुड़ा लिया ?

उत्तर - बसंता ने गूँगे को चपत जड़ दी थी। उसका रोना सुनकर चमेली वहाँ आई तो उसने चमेली को संकेतों से समझाया कि बसंता ने उसे मारा है। बसंता ने चमेली को कहा कि गूँगा उसे मारना चाहता था। गूँगा चमेली की भाव-भंगिमा से समझ गया कि वह उसे मारेगी इसलिए वह उसका हाथ पकड़ लेता है। चमेली को लगा जैसे उसके पुत्र ने उसका हाथ पकड़ लिया लेकिन फिर गूँगे के प्रति घृणा के भाव से तथा पुत्र बसंता के प्रेमभाव से वह अपना हाथ छुड़ा लेती है।


प्रश्न 5. शकुंतला और बसंता दोनों क्यों चिल्ला उठे ?

उत्तर - गूँगे को खून से भीगा हुआ देखकर शकुंतला और बसंता एक साथ अम्मा, अम्मा चिल्ला उठे थे। गूँगे का सिर फट गया था। उसे सड़क पर खेल रहे लड़कों ने मारा था। गूँगा दरवाज़े की दहलीज पर सिर रखकर कुत्ते की तरह चिल्ला रहा था।


प्रश्न 6. गूँगे ने अपने संबंध में इशारे से चमेली को क्या-क्या बताया ?

उत्तर - गूँगे ने अपने कानों पर हाथ रखकर चमेली को इशारे से बताया कि वह बहरा होने के कारण वज्र बहरा है। जब चमेली ने अपनी अंगुलियों के संकेत द्वारा उससे पूछा कि फिर, तो उसने मुँह के आगे संकेत करके बताया कि जब वह छोटा था तो घूँघट काढ़नेवाली उसकी माँ उसे छोड़कर भाग गई थी क्योंकि उसका बड़ी-बड़ी मूँछोंवाला बाप मर गया था। उसने यह भी संकेतों द्वारा बताया कि जिन्होंने उसे पाला वे लोग उसे बहुत मारते थे। गूँगे ने अपने सीने पर हाथ रखकर संकेत किया कि वह हाथ फैलाकर कभी नहीं माँगता, भीख नही लेता और बाँहों पर हाथ रखकर संकेत करता है कि मेहनत की खाता हैँ तथा पेट बजाकर दिखाता है कि इसके लिए सब कुछ करता हूँ। वह चार उँगलियाँ दिखाकर चमेली से चार रुपये माँगता है। बसंता द्वारा चपत मारने की बात भी वह चमेली को संकेत से ही समझाता है।


प्रश्न 7. कहानी के आधार पर गूँगे के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।

उत्तर - गूँगे के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

(i) कर्मठ-गूँगा श्रवण – क्षमता तथा वा कक्षयता से हीन होते हुए भी बहुत परिश्रमी है। वह भीख माँगने की अपेक्षा परिश्रम करके खाना पसंद करता है। वह संकेतों में बताता है कि उसने कभी नहीं माँगा, वह भीख नहीं लेता, मेहनत करके खाता है। उसने नौकरी की है, हलवाई के यहाँ लड्ड बनाए हैं, कड़ाही माँजी है, कपड़े धोए हैं।

(ii) स्वाभिमानी – गूँगा अत्यंत स्वाभिमानी व्यक्ति है। वह अपमान और प्रताड़ना सहन नहीं कर पाता। जिन लोगों ने उसका पालन-पोषण किया था वे उसे बहुत मारते थे इसलिए वह वहाँ से भाग आया था और नौकरी करके अपना पेट भरता था। बसंता की शिकायत पर जब चमेली उसे डाँटती है और मारना चाहती है तो वह उसका हाथ पकड़ लेता है।

(iii) संवेदनशील – गूँगा बहुत संवेदनशील और समझदार है। जब वह बिना बताए चमेली के घर से भाग जाता है और वापस आने पर चमेली की डाँट और चिमटे की मार चुपचाप सह लेता है क्योंकि अपने अपराध को वह जानता था। जब गूँगे को मारने के बाद चमेली की आँखों से आसू टपकते है तो वह भी रो पड़ता है।

(iv) ममतामय – गूँगा ममता और दया से भरपूर है। बसंता ने उसे कसकर चपत जड़ दी थी। इसपर गूँगे का हाथ भी उठ गया था पर उसने बसंता को यह सोचकर नहीं मारा था कि वह बच्चा है और उसके मालिक का पुत्र है। इस प्रकार स्पष्ट है कि गूँगा मानवीय गुणों से युक्त बालक है।


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प्रश्न 8. चमेली ने गूँगे को चिमटे से क्यों मारा ?

उत्तर - एक दिन गूँगा कहीं चला गया। चमेली ने उसे पुकारा और दूँढ़ा पर उसका कुछ भी पता नहीं चला। चमेली के पति ने कहा कि भाग गया होगा। वह सोचती रही कि वह सचमुच भाग ही गया है पर यह नही समझ पा रही थी क्यों भाग गया ? वह सब खाकर उठ गए थे। उसे दरवाजे पर गूँगा दिखाई दिया जो हाथ के इशारे से रोटी माँग रहा था। उसने उसकी तरफ दो रोटियाँ फेंककर गुस्से से पीठ फेर ली। पहले तो गूँगा वैसे ही खड़ा रहा पर बाद में उसने रोटियाँ खा लीं। चमेली हाथ में चिमटा लेकर कठोर स्वर में उससे पूछती है कि कहाँ गया था और उसकी पाठ पर सड़ से चिमटा जड़ देती है। वह गूँगे को घर से बिना बताए भाग जाने पर मारती है।


प्रश्न 9. ‘गूँगे’ कहानी किसकी है तथा इसमें क्या कहा गया है ?

उत्तर - ‘गूँगे’ कहानी रांगेय राघव की एक प्रसिद्ध कहानी है। यह कहानी एक गूँगे लड़के की है जिसमें शोषित एवं पीड़ित मानव की असहाय स्थिति का मार्मिक चित्रण किया गया है। गूँगे में ऐसी तड़प है जो पाठक को झकझोर देती है।


प्रश्न 10. कहानी में वर्णित ‘गूँगे’ पात्र के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में बताइए।

उत्तर : कहानी में वर्णित पात्र गूँगा सभी की दया का पात्र है। वह जन्म से बहरा होने के कारण गूँगा है। वह सुख-दुख सबको अनुभव करता है, लेकिन उसे संकेतों के माध्यम से प्रकट करता है। उसके संकेत एक प्रकार से दूसरों का मनोरंजन भी करते हैं। वह संकेतो से बताता था कि उसकी माँ घूँघट काढ़ती थी, छोड़ गई क्योंकि उसका बाप मर गया था। गूँगा वाणी विहीन होते हुए भी मेहनती और कर्मठ है। वह अत्यंत स्वाभिमानी है तथा इसके साथ-साथ वह अत्यंत संवेदनशील और समझदार भी है।


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