Class 11 and 12 Hindi Abhivyakti Aur Madhyam NCERT Book Chapter Natak Likhne Ka Vyakaran (अभ्यास प्रश्न) / नाटक लिखने का व्याकरण Question Answer
Class 12 Hindi Abhivyakti Aur Madhyam Question Answer
प्रश्न 1 नाटक की कहानी बेशक भूतकाल या भविष्य काल से संबंध हो, तब भी उसे वर्तमान काल में ही घटित होना पड़ता है- इस धारणा के पीछे क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर- नाटक को दृश्य काव्य माना जाता है। इसे दर्शकों के सम्मुख प्रस्तुत किया जाता है। प्रत्येक नाटक का एक निश्चित समय सीमा में समाप्त होना भी आवश्यक है। साहित्य के अन्य विधाओं जैसे कहानी, उपन्यास, कविता, निबंध को पढ़ने के लिए हम अपनी सुविधा के अनुसार समय निकाल सकते हैं। एक ही कहानी को कई दिनों में थोड़ा थोड़ा पढ़ कर समाप्त कर सकते हैं परंतु नाटक को तो दर्शकों ने एक निश्चित समय सीमा में एक ही स्थान पर देखना होता है। नाटककार अपने नाटक का कथ्य भूतकाल से ले अथवा भविष्य काल से उसे उस नाटक को वर्तमान काल में ही संयोजित करना पड़ता है कैसा भी नाटक हो उसे एक विशेष समय में, एक विशेष स्थान पर और वर्तमान काल में ही घटित होना होता है। कोई भी पौराणिक अथवा ऐतिहासिक कथानक भी नाटक के रूप में हमारे सम्मुख, हमारी आंखों के सामने वर्तमान में ही घटित होता है। इसीलिए नाटक के मंच निर्देश वर्तमान काल में ही लिखे जाते हैं। इन्हीं कारणों से नाटक की कहानी बेशक भूतकाल या भविष्य काल से संबंध हो उसे वर्तमान काल में ही घटित होना पड़ता है।
प्रश्न 2 संवाद चाहे कितना भी तत्सम और क्लिष्ट भाषा में क्यों न लिखे गए हो। स्थिति और परिवेश की मांग के अनुसार यदि वे स्वाभाविक जान पड़ते हैं तो उनके दर्शक तक संप्रेषित होने में कोई मुश्किल नहीं है। क्या आप इससे सहमत हैं? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर- हम इस कथन से सहमत है कि सागवान चाहे कितने भी तत्सम और क्लिष्ट भाषा में क्यों न लिखे गए हो। स्थिति और परिवेश की मांग के अनुसार यदि वे स्वाभाविक जान पड़ते हैं तो उनके दर्शक तक संप्रेषित होने में कोई मुश्किल नहीं होती। इसका प्रमुख कारण यह है कि दर्शक नाटक देख रहा है। वह मानसिक रूप से उस युग के परिवेश में पहुंच जाता है जिससे संबंधित वह नाटक हैं। पुरानी कथा ने को पर आधारित नाटकों में तत्सम प्रधान शब्दावली को भी वह अभिनेताओं के अभिनय, हाव भाव, संवाद बोलने के ढंग से समझ जाता है। रामायण और महाभारत के नाटकों में पिता श्री, भ्राता श्री, माता श्री शब्दों का प्रयोग बच्चे बच्चे को स्मरण हो गया था। इसी प्रकार से जयशंकर प्रसाद, मोहन राकेश, धर्मवीर भारती, सुरेंद्र वर्मा आदि के नाटकों में प्रयुक्त शब्दावली भी परिवेश के कारण सहज रूप से हृदयंगम हो जाती है।
प्रश्न 3 समाचार पत्र के किसी कहानीनुमा समाचार से नाटक की रचना करें।
उत्तर- रांची दिनांक 24 मार्च–
पैसों की तंगी के कारण रमेश ने अपनी पुत्री अलका का विवाह रोक दिया था कि उसके मित्र सुरेश ने उसकी बेटी के विवाह पर सारा भार अपने ऊपर ले कर उसका विवाह निश्चित तिथि पर कराया | आज के युग में मित्रता की ऐसी मिसाल कम ही दिखाई देती है। सुरेश की इस पहल पर मोहल्ले वालों ने भी रमेश की सहायता की।
इस समाचार का नाट्य रूपांतरण निम्नलिखित होगा-
(स्थान घर का बरामदा। रमेश सिर पकड़ कर बैठा है। उसकी पत्नी पूनम और पुत्री अलका भी उदास बैठे हैं।)
पूनम – ( रमेश को समझाते हुए ) कोई बात नहीं,धंधे में नफा नुकसान होता रहता है। अभी कुछ दिन की मोहलत मांग लेते हैं। लड़के वाले मान ही जाएंगे।
रमेश – ( रूंधे स्वर में ) अब कुछ नहीं हो सकता | अब तो यह है विवाह रोकना ही होगा। (तभी दौड़ता हुआ सुरेश वहां आता है)
सुरेश-अरे! रमेश! मैं यह क्या सुन रहा हूं? अलका का विवाह नहीं होगा।
रमेश- (मंद स्वर में) क्या करूं—व्यापार में घाटा पड़ गया है। सब कुछ समाप्त हो गया।
सुरेश- (आवेश में) क्या मैं मर गया हूं? अलका मेरी भी तो बेटी है। मैं करूंगा उसका विवाह।
पूनम-इसे कहते हैं मित्र । दिल में कसक उठी तो आया भागा -भागा। (उसी समय वहां मोहल्ले के कुछ लोग आ जाते हैं।)
एक बुजुर्ग-रमेश घबराओ मत अलका हम सब की बेटी है। हम सब मिलकर उसका विवाह करेंगे । क्यों भाइयों? (सब समवेत स्वर में हां करेंगे कहते हैं और पर्दा गिरता है।)
प्रश्न 4 (क) अध्यापक और शिष्य के बीच गृह कार्य को लेकर पांच-पांच संवाद लिखिए।
(ख) एक घरेलू महिला एवं रिक्शा चालक को ध्यान में रखते हुए पांच-पांच संवाद लिखिए।
उत्तर– (क)
अध्यापक–रमेश, तुमने कहा कार्य किया है?
शिष्य–नहीं, मास्टर जी।
अध्यापक–क्यों नहीं किया।
शिष्य–मैं किसी कारण से नहीं कर पाया।
अध्यापक–किस कारण से नहीं कर पाए?
शिष्य–कल हमारे घर कुछ अतिथि आ गए थे।
अध्यापक–तुम झूठ तो नहीं बोल रहे हो?
शिष्य–नहीं, मास्टर जी।
अध्यापक–कल गृह कार्य जरूर कर के लाना।
शिष्य–जी, मास्टर जी। जरूर करके आऊंगा।
(ख)
घरेलू महिला–रिक्शा! ओ रिक्शा वाले!
रिक्शा चालक–हां! मेम साहब।
घरेलू महिला–अशोका कॉलोनी चलोगे?
रिक्शा चालक–हां, चलूंगा।
घरेलू महिला–कितने पैसे लोगे?
रिक्शा चालक–जी, दस रुपये।
घरेलू महिला–दस रुपये का बहुत ज्यादा है?
रिक्शा चालक–क्या करें मैम साहब, महंगाई बहुत है।
घरेलू महिला–ठीक है, ठीक है। आठ रुपए ले लेना।
रिक्शा चालक–चलो, मेम साहब, आठ ही दे देना।
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ReplyDeletehttps://learnncerthindi.blogspot.com/
Osm sir ji
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