2020 CBSE Class 10 Hindi PYQ | Class 10 Hindi PYQ | Class 10 Hindi PYQ Question | Class 10 Hindi PYQ Course A 2020

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2020 CBSE Class 10 Hindi PYQ | Class 10 Hindi PYQ | Class 10 Hindi PYQ Question | Class 10 Hindi PYQ Course A 2020


Hindi Course A (2020)

Outside Delhi [Set-I]

निर्धारित समय 3 घण्टे                                                     

अधिकतम अंक :80           

           


सामान्य निर्देश :

निम्नलिखित निर्देशों को बहुत सावधानी से पढ़िए और उनका अनुपालन कीजिए

(i)   प्रश्न-पत्र चार खंडों में विभाजित किया गया है, ,ग एवं घ। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।

(ii) खंड-क में प्रश्न अपठित गद्यांश पर आधारित है।

(iii) खंड-ख में प्रश्न संख्या 2 से 5 तक प्रश्न व्याकरण के हैं।

(iv) खंड ग में प्रश्न संख्या 6 से 10 तक प्रश्न पाठ्यपुस्तकों से हैं।

(v) खंड-घ में प्रश्न संख्या 11 से 13 तक प्रश्न रचनात्मक लेखन के हैं।

(vi) यथासंभव प्रत्येक खंड के प्रश्नों के उत्तर क्रम से लिखिए ।

(vii) उत्तर संक्षिप्त तथा क्रमिक होने चाहिए और साथ ही दी गई।शब्द सीमा का यथासंभव अनुपालन कीजिए ।

(viii) प्रश्न-पत्र में समग्र पर कोई विकल्प नहीं है । तथापि, कुछ प्रश्नों में आंतरिक विकल्प दिए गए है। ऐसे प्रश्नों में से केवल एक ही विकल्प का उत्तर लिखिए।

(ix) इनके अतिरिक्त, आवश्यकतानुसार, प्रत्येक खंड और प्रश्न के साथ यथोचित निर्देश दिए गए हैं।


खण्ड ''


1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 10

पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्त्वपूर्ण आधार है। दरअसल पड़ोस जितना स्वाभाविक है, हमारी सामाजिक सुरक्षा के लिए तथा सामाजिक जीवन की समस्त आनंदपूर्ण सम गतिविधियों के लिए वह उतना ही आवश्यक भी है। यह सच है कि पड़ोसी का चुनाव हमारे हाथ में नहीं होता, इसलिए पड़ोसी के साथ कुछ-न-कुछ सामंजस्य तो बिठाना ही पड़ता है। हमारा पड़ोसी अमीर हो या गरीब, उसके साथ संबंध रखना सदैव हमारे हित में होता है। पड़ोसी से परहेज करना अथवा उससे कटे-कटे रहने में अपनी ही हानि है, क्योंकि किसी भी आकस्मिक आपदा अथवा आवश्यकता के समय अपने रिश्तेदारों तथा परिवार वालों को बुलाने में समय लगता है। ऐसे में पड़ोसी ही सबसे अधिक विश्वस्त सहायक हो सकता है। पड़ोसी चाहे कैसा भी हो, उससे अच्छे संबंध रखने चाहिए। जो अपने पड़ोसी से प्यार नहीं कर सकता, उससे सहानुभूति नहीं रख सकता, उसके साथ सुख-दुख का आदान-प्रदान नहीं कर सकता तथा उसके शोक और आनंद के क्षणों में शामिल नहीं हो सकता, वह भला अपने समाज अथवा देश के साथ भावनात्मक रूप से कैसे जुड़ेगें। विश्व-बंधुत्व की बात भी तभी मायने रखती है, जब हम अपने पड़ोसी से निभाना सीखें।


(क) सामाजिक जीवन में पड़ोस का क्या महत्त्व है? [2]

(ख) पड़ोसी के साथ संबंध रखना हमारे हित में किस तरह से है? [2]

(ग) हमें पड़ोसी से निभाने के लिए क्या-क्या करना चाहिए? [2]

(घ) 'विश्वस्त सहायक' से क्या अभिप्राय है, पड़ोसी को विश्वस्त सहायक क्यों कहा गया है? [2]

(ङ) लेखक ने विश्व-बंधुत्व की बात किस संदर्भ में की है? [2]

(च) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए। [1]



उत्तर- (क) पड़ोस सामाजिक जीवन के ताने-बाने का महत्वपूर्ण आधार है। हमारी सामाजिक सुरक्षा तथा सामाजिक जीवन की आनंदपूर्ण गतिविधियों के लिए भी पड़ोस अत्यंत आवश्यक है।


(ख) किसी भी आकस्मिक आपदा या आवश्यकता के समय रिश्तेदारों तथा परिवार वालों को बुलाने में समय लगता है, उस समय पड़ोसी ही हमारे काम आते हैं। इसलिए पड़ोसी के साथ संबंध रखना हित में हैं।


(ग) हमें अपने पड़ोसी के साथ प्रेमपूर्ण व्यवहार तथा भावनात्मक जुड़ाव रखना चाहिए। उनके सुख तथा आनंद के क्षणों में शामिल होना चाहिए तथा दुख में उनसे सच्ची सहानुभूति रखते हुए सहयोग प्रदान करना चाहिए।


(घ) विश्वस्त सहायक वह होता है जिस पर पूर्ण विश्वास किया जा सकता है। जिससे हम मुसीबत के समय आँख मूँदकर भरोसा कर सकें। किसी भी कठिनाई के समय हमारे रिश्तेदारों और मित्रों के आने से पूर्व एक अच्छा पड़ोसी ही हमारी सहायता करता है इसीलिए उसे विश्वस्त सहायक कहा गया है।


(ङ) विश्व बंधुत्व की बात लेखक ने पड़ोसी से अच्छे संबंध निभाने के संदर्भ में कही है।


(च) सामाजिक जीवन में पड़ोसी का महत्व / सामाजिक जीवन में पड़ोस की महत्वपूर्ण भूमिका अथवा कोई अन्य उपयुक्त शीर्षक।


खण्ड ''


2. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए: [1×4=4]

(क) उसके एक इशारे पर लड़कियाँ कक्षा से बाहर निकलकर नारे लगाने लगीं। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) उन्होंने जेब से चाकू निकाला और खीरा काटने लगे। (सरल वाक्य में बदलिए)

(ग) हालदार साहब को उधर से गुज़रते समय मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(घ) बालगोबिन भगत जानते थे कि अब बुढ़ापा आ गया है। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद लिखिए)


उत्तर- (क) उसके एक इशारे पर लड़कियाँ कक्षा से बाहर निकलीं और नारे लगाने लगीं।


(ख) वे जेब से चाकू निकालकर खीरा काटने लगे।


(ग) जब हालदार साहब उधर से गुज़र रहे थे, तब उन्हें मूर्ति में कुछ अंतर दिखाई दिया।


(घ) अब बुढ़ापा आ गया है। (संज्ञा उपवाक्य)


3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए: [1 ×4= 4]

(क) माँ द्वारा भिखारी को भोजन दिया गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)

(ख) वह कालीन बुनता है। (कर्मवाच्य में बदलिए)

(ग) आओ, अब चलते हैं। (भाववाच्य में बदलिए)

(घ) पुलिस के द्वारा चेतावनी दी गई। (कर्तृवाच्य में बदलिए)


उत्तर- (क) माँ ने भिखारी को भोजन दिया।


(ख) उसके द्वारा / उससे कालीन बुना जाता है।


(ग) आओ, अब चला जाए।


(घ) पुलिस ने चेतावनी दी।


4. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए: [1 ×4= 4]

(क) वीरों की सदा जीत होती है।

(ख) बच्चे की मुस्कान मनमोहक होती है।

(ग) प्रत्येक का अपना महत्त्व होता है।

(घ) चलते-चलते लड़खड़ाने पर सहयोगी उसे सँभालते हैं ।


उतर- (क) सदा - अव्यय, क्रिया-विशेषण, कालवाचक , 'जीत होती है' क्रिया का विशेषण |


(ख) मुस्कान - भाववाचक संज्ञा, एकवचन, स्त्रीलिंग, कर्म कारक ।


() अपना सर्वनाम, निजवाचक, एकवचन, पुल्लिंग, 'महत्व' - विशेष्य |


(घ) चलते-चलते - रीतिवाचक क्रिया-विशेषण, 'लड़खड़ाना' क्रिया का विशेषण |


5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए: [1×4=4]

(क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचानकर लिखिए :

छोड़ो मत अपनी आन, सीस कट जाए।

मत झुको अनय पर, भले व्योम फट जाए।

(ख) 'श्रृंगार रस' का एक उदाहरण लिखिए।

(ग) 'क्रोध' किस रस का स्थायी भाव है ?

(घ) विभाव किसे कहते हैं?

(ङ) हास्य रस का स्थायी भाव क्या है ?


उत्तर- (क) वीर रस ।


(ख) कहत नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात । भरे भौन में करत है, नैनन ही सों बात ॥


(ग) रौद्र रस ।


(घ) विभाव- रस उत्पत्ति और उद्दीपन के कारणों को विभाव कहते हैं। अर्थात् विभाव व्यक्ति के मन में स्थायी भाव को जागृत या उद्दीप्त करते हैं यह दो प्रकार के होते हैं- 1. आलंबन, 2. उद्दीपन ।


(ड़) हास / हँसी।


खण्ड ''


6. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: 2 × 3 = 6

मुफस्सिल की पैसेंजर ट्रेन चल पड़ने की उतावली में फूँकार रही थी। आराम से सेकंड क्लास में जाने के लिए दाम अधिक लगते हैं। दूर तो जाना नहीं था। भीड़ से बचकर, एकांत में नयी कहानी के संबंध में सोच सकने और खिड़की से प्राकृतिक दृश्य देख सकने के लिए टिकट सेकंड क्लास का ही ले लिया।

गाड़ी छूट रही थी। सेकंड क्लास के एक छोटे डिब्बे को खाली समझकर, ज़रा दौड़कर उसमें चढ़ गए। अनुमान के प्रतिकूल डिब्बा निर्जन नहीं था । एक बर्थ पर लखनऊ की नवाबी नस्ल के एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे। सामने दो ताज़े- चिकने खीरे तौलिए पर रखे थे। डिब्बे में हमारे सहसा कूद जाने से सज्जन की आँखों में एकांत चिंतन में विघ्न का असंतोष दिखाई दिया। सोचा, हो सकता है, यह भी कहानी के लिए सूझ की चिंता में हों या खीरे जैसी अपदार्थ वस्तु के शौक करते देखे जाने के संकोच में हों।

(क) लेखक ने सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा ?

(ख) लेखक ने जिस अनुमान के लिए सेकंड क्लास का टिकट खरीदा था, वह गलत कैसे निकला ?

(ग) डिब्बे में बैठे सज्जन ने लेखक के आने पर क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की और लेखक ने उनके व्यवहार से क्या अनुमान लगाया ?


उत्तर – (क) लेखक ने सेकंड क्लास के डिब्बे का टिकट यह सोचकर खरीदा था, कि डिब्बा पूरी तरह से खाली होगा उसमें कोई यात्री नहीं होगा। अतः आराम से बैठकर नई कहानी के विषय में सोच सकेंगे। साथ ही खिड़की से बाहर के प्राकृतिक दृश्यों का आनंद भी ले सकेंगे।


(ख) लेखक का अनुमान था, कि डिब्बे में कोई यात्री नहीं होगा, परंतु उनके अनुमान के प्रतिकूल एक नवाबी स्वभाव वाले सफ़ेदपोश सज्जन डिब्बे में, बर्थ पर पालथी मारे बैठे थे।


(ग) डिब्बे में पहले से बैठे सज्जन की आँखों में लेखक के आने पर एकांत चिंतन में विघ्न का असंतोष दिखाई दिया । लेखक ने अनुमान लगाया कि या तो नवाब साहब किसी नई कहानी के विषय में सोचते हुए चिंतित हैं अथवा एक नवाब को खीरा खाते देख लिए जाने का संकोच उनके चेहरे पर आ गया है।


7. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए: [2 × 4=8]

(क) 'पानवाला एक हँसमुख स्वभाव वाला व्यक्ति है, परंतु उसके हृदय में संवेदना भी है।' इस कथन पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

(ख) गर्मियों की उमस भरी शाम को भी बालगोबिन भगत किस प्रकार शीतल और मनमोहक बना देते थे ?

(ग) फ़ादर बुल्के की मृत्यु से लेखक आहत क्यों था?

(घ) मन्नू भंडारी के पिता ने अपनी आर्थिक विवशताएँ कभी बच्चों को क्यों नहीं बताईं होंगी?

(ङ) बिस्मिल्ला खाँ जीवनभर ईश्वर से क्या माँगते रहे और क्यों? इससे उनकी किस विशेषता का पता चलता है?


उत्तर- (क) पानवाला एक खुशमिजाज़ व्यक्ति है, इसलिए वह कई बार चश्मेवाले का मज़ाक उड़ाता है। वह कैप्टन के प्रति व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी करता है, किंतु हृदय से वह उसकी देशभक्ति का सम्मान भी करता है। हालदार साहब द्वारा मूर्ति पर कोई चश्मा न होने का कारण पूछे जाने पर वह भावुक हो गया और अपनी आँखों को पोंछते हुए उसने कैप्टन की मृत्यु की सूचना दी।


(ख) बालगोबिन भगत अपने मधुर गायन से गर्मियों की उमस भरी शाम को शीतल कर देते थे। भगत अपने घर के आँगन में आसन जमा कर बैठ जाते और खंजरियों एवं करतालों जैसे वाद्ययन्त्रों को बजाकर भजन गाने लगते । गाँव के अन्य लोग भी उनके पीछे-पीछे पदों को दोहराते । धीरे-धीरे स्वर इतना ऊँचा हो जाता कि भगत भक्ति में लीन होकर संगीत प्रेमियों के साथ तन्मयतापूर्वक गीत गाकर नाचने लगते। इस प्रकार सम्पूर्ण वातावरण संगीतमय हो जाता था।


(ग) फादर करुणा और वात्सल्य की प्रतिमूर्ति थे। फादर और लेखक के बीच अत्यंत आत्मीय संबंध थे। उनकी मृत्यु ज़हरबाद से हुई। लेखक आहत था कि ऐसे विनम्र, मधुर त्यागी, आस्थावान व्यक्ति का अंत इतना पीड़ादायक क्यों हुआ ? जबकि उनका पूरा जीवन दूसरों को प्यार, अपनत्व और ममता का अमृत बाँटते बीता था|


(घ) लेखिका के पिता ने कभी बहुत वैभवशाली दिन देखे थे। वे बहुत अहंकारी थे। बिगड़ती आर्थिक स्थिति के कारण उनका अहं और बढ़ गया, इसीलिए उन्होंने अपनी आर्थिक विवशताएँ कभी अपने बच्चों को भी नहीं बताई।


(ङ) प्रसिद्ध शहनाईवादक बिस्मिल्ला खाँ पाँचों वक्त की नमाज़ में ईश्वर से सच्चे सुर की कामना करते थे, क्योंकि सुर ईश्वर का दिया वह वरदान है जो एक कलाकार को श्रोताओं से जोड़े रखता है। वे कला के अनन्य उपासक थे। उन्हें सीखने की तीव्र इच्छा थी, क्योंकि वे स्वयं को पूरी तरह से पूर्ण नहीं मानते थे । इससे उनकी विनम्रता, ईश्वर के प्रति सच्ची भक्ति और सच्चे संगीत साधक होने की विशेषता पता चलती है।


8. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: [2 × 3 = 6]

बादल, गरजो!

घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ !

ललित ललित, काले घुँघराले,

बाल कल्पना के से पाले,

 विद्युत छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले !

वज्र छिपा, नूतन कविता

फिर भर दो

बादल, गरजो !

(क) कवि बादलों से क्या आग्रह कर रहा है और क्यों ?

(ख) बादलों का सौंदर्य स्पष्ट करते हुए बताइए कि उनकी तुलना किससे की गई है ?

(ग) कवि के अनुसार नूतन कविता कैसी होनी चाहिए ?


 उत्तर- (क) कवि बादलों से गर्जना करने के लिए कहता है, क्योंकि वह चाहता है कि बादल अपनी तीव्र गर्जना से वातावरण में उत्साह, पौरुष और क्रांति के माध्यम से समाज में परिवर्तन लाने के लिए जोश से भर दें।


(ख) बादल सुंदर, काले-काले घुंघराले हैं। कवि ने उनकी तुलना बाल कल्पना से की है, क्योंकि जिस प्रकार बच्चों की कल्पनाएँ मधुर होती हैं तथा पल-पल बदलती रहती हैं इसी प्रकार बादल भी बार-बार अपना रूप बदलते रहते हैं । वे स्थिर नहीं रहते ।


(ग) कवि के अनुसार नूतन कविता ऐसी होनी चाहिए जो जनमानस को क्रान्ति का संदेश देने वाली हो और मन में नवजीवन व चेतना का संचार करने वाली हो जिससे कविता के स्वर को सुन संपूर्ण संसार उत्साह से भर उठे ।


9. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए: [2×4=8]

(क) परशुराम विश्वामित्र से लक्ष्मण की शिकायत किन शब्दों में करते हैं ?

(ख) 'छाया मत छूना ' कविता में 'जितना ही दौड़ा तू उतना ही भरमाया' के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?

(ग) 'यह दंतुरित मुसकान' कविता में 'बाँस और बबूल' किसके प्रतीक हैं ?

(घ) 'कन्यादान' कविता में माँ की सोच परंपरागत माँ से कैसे भिन्न है ?

(ङ) संगतकार की आवाज़ में हिचक क्यों सुनाई देती है ?


उत्तर- (क) परशुराम, विश्वामित्र से लक्ष्मण की शिकायत करते हुए कहते हैं कि यह बालक बहुत मंदबुद्धि, कुटिल और निरंकुश है। काल के वशीभूत होकर यह अपने कुल का घातक बन रहा है। यह सूर्यवंशी चंद्रमा का कलंक, अत्यंत उद्दंड और मर्यादारहित है। मैं तुम्हें चेतावनी देता हूँ कि क्षण भर में यह काल का ग्रास हो जाएगा फिर तुम मुझे दोष न देना।


(ख) कवि कहना चाहता है कि मनुष्य यश, मान-सम्मान, सुख और वैभव पाने के पीछे जितना दौड़ता है, उतना ही उससे दूर होता जाता है। इनको पाकर भी मनुष्य प्रसन्न नहीं रह सकता है।


(ग) कविता में बाँस और बबूल के पेड़ कठोर हृदय या निष्ठुर व्यक्तियों के प्रतीक हैं। इन प्रतीकों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि बच्चे की मधुर मुस्कान को देखकर कठोर से कठोर हृदय मानव भी सरस हो उठते हैं।


(घ) कन्यादान कविता की माँ, परंपरागत माँ से पूर्णतया भिन्न है। जहाँ परम्परागत माँ अपनी बेटी को सब कुछ सहकर कर्तव्य पालन करने की सीख देती है वहीं कविता में वर्णित माँ सामाजिक विकृतियों के प्रति जागरूक है। वह नारी शोषण के प्रति बेटी को सचेत एवं सजग करती है। वह उसे सबल बनने के लिए प्रेरित करती है।


(ङ) संगतकार प्रतिभावान होते हुए भी कभी मुख्य गायक से आगे बढ़ने का प्रयास नहीं करता। वह जानबूझकर अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से नीचे रखने का प्रयास करता है। स्वयं को मुख्य गायक के पीछे रखने की इसी कोशिश में उसकी आवाज़ में एक हिचक सुनाई देती है।


10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50- 60 शब्दों में लिखिए: [3 × 2 = 6]

(क) भोलानाथ संकट के समय में अपने पिता के पास न जाकर माता के पास क्यों जाता है? 'माता का अँचल' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

(ख) इंग्लैंड की महारानी के हिंदुस्तान आगमन पर अखबार क्या-क्या छाप रहे थे और रानी के आने के दिन वे चुप क्यों रह गए ?

(ग) सेवन सिस्टर्स वाटर फॉल' को देख लेखिका ने अपनी भावनाओं को कैसे अभिव्यक्त किया है? 'साना-साना हाथ जोड़ि . पाठ के आधार पर लिखिए।


उत्तर- (क) किसी भी विषम परिस्थितियों में माँ का अँचल सबसे सुरक्षित स्थान होता है। उसका हृदयस्पर्शी स्नेह और सान्निध्य किसी भी कष्ट या भय को दूर करने में सक्षम होता है। बच्चा अपनी माँ के साथ रहकर ही सुरक्षित अनुभव करता है। माँ उसकी भावनाओं को अच्छी तरह समझती है। माँ की ममता और आत्मीयता की कोई तुलना नहीं होती। यही कारण है कि भोलानाथ संकट के समय अपने पिता के पास न जाकर माँ के पास जाता है।


(ख) रानी के आने से पहले अखबारों में रानी की पोशाकों के रंग, उन पर होने वाले खर्च, रानी की जन्मपत्री, प्रिंस फिलिप के कारनामे छापने के साथ ही उनके नौकर - नौकरानियों, बावर्चियों, खानसामों की जीवनियाँ यहाँ तक कि शाही महल के कुत्तों की तस्वीरें भी छापी गईं। लेकिन रानी के आगमन पर सब अखबार चुप थे। देश का आत्मसम्मान लूटने वालें की मूर्ति पर जिंदा व्यक्ति की नाक लगाए जाने की घटना अपमानजनक बात थी। शायद इसीलिए सभी अखबार चुप रहकर जॉर्ज पंचम की मूर्ति पर जिंदा नाक लगाए जाने के प्रति अपना आक्रोश प्रकट कर रहे थे ।


(ग) खूब ऊँचाई से गिरते 'सेवन सिस्टर्स वाटरफॉल ' को देखकर लेखिका मंत्रमुग्ध हो गईं। नीचे बिखरे भारी-भरकम पत्थरों पर बैठकर लेखिका को अलौकिक आनंद की अनुभूति होती है। झरना उसे अनुपम प्राकृतिक सौन्दर्य के बीच दिव्यता एवं जीवन शक्ति का अहसास कराता है। अपने मन की सारी तामसिक वृत्तियाँ लेखिका को उस निर्मल जल धारा में बह जाती सी प्रतीत हुई। उनका वहाँ से उठने का मन भी नहीं किया।


खण्ड ''


11. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत - बिन्दुओं के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबन्ध लिखिए:" [10]

(क) प्लास्टिक मुक्त भारत

हानियाँ                              

विकल्प क्या हो

किए जा रहे प्रयास


(ख) आत्मविश्वास और सफलता

आत्मविश्वास से तात्पर्य

आत्मविश्वास सफलता के लिए क्यों आवश्यक

अहंकार और आत्मविश्वास में अंतर


(ग) मातृभाषा के प्रति अभिरुचि

मातृभाषा से तात्पर्य

रुचि कैसे बढ़े

घटती रुचि के कारण


उत्तर—(क)                     प्लास्टिक मुक्त भारत

विज्ञान के कई प्रमुख आविष्कारों में से प्रमुख प्लास्टिक आज मानव जीवन के लिए खतरा बन चुका है। 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर, 2019 से प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान के तहत एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। इस अभियान का लक्ष्य 2022 तक एकल प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त करके भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाना है। वर्तमान समय में अपने दैनिक जीवन के लगभग हर क्षेत्र में हम दिन की शुरुआत से लेकर सोने तक अनेक प्लास्टिक निर्मित वस्तुओं का उपयोग करते हैं। प्लास्टिक बैग बाज़ार में आसानी से उपलब्ध हैं, हालांकि इनका निस्तारण एक प्रमुख समस्या बन गया है। प्लास्टिक नॉन बायोडिग्रेडेबल (अजैवनिम्नीकरण) पदार्थ है। अतः यह भूमि एवं जल प्रदूषण का प्रमुख कारण बन गया है। इसे जलाने से वायु प्रदूषित होती है। यह समुद्री जीवों और पशुओं के लिए भी खतरा है। एक अध्ययन से पता चला है। कि एक ही प्लास्टिक बोतल का पानी बार-बार पीने के पानी के लिए उपयोग करने पर उसमें जहरीले पदार्थ घुलने लगते हैं। प्लास्टिक के विकल्प के रूप में कंपोस्टेबल या बायोडिग्रेडेबल (जैवनिम्नीकरण) सामग्री और समुद्री शैवाल का उपयोग किया जा सकता है। यहाँ तक कि सिलिकॉन को भी एक प्लास्टिक विकल्प के रूप में देखा जाता है।

प्लास्टिक मुक्त भारत की योजना को सफल बनाने के लिए प्लास्टिक के स्थान पर कपड़ा या कागज़ की थैलियों का प्रयोग, धातु के कंटेनर आदि का उपयोग करना चाहिए । सरकार के आग्रह पर पी. डब्ल्यू. डी. और एन.एच.ए.आई. ने सड़क निर्माण के लिए प्लास्टिक कचरे का उपयोग करने की योजना पर काम प्रारम्भ कर दिया है। भारतीय पेट्रोलियम संस्थान देहरादून द्वारा भी प्लास्टिक कचरे से आटोमोटिव ग्रेड डीजल बनाने का काम किया जा रहा है। अगर हम लोग समस्या का कारण हैं तो समाधान भी हमें ही ढूँढना होगा। अपने देश भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करना होगा।


(ख) आत्मविश्वास और सफलता

आत्मविश्वास का अभिप्राय है स्वयं पर विश्वास। किसी प्रसिद्ध विचारक ने आत्मविश्वास को सफलता का प्रथम रहस्य बताया है। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति में आत्मविश्वास होना परम आवश्यक है। यह मानव की वह आत्मिक शक्ति है जिसके बल पर व्यक्ति असंभव को भी संभव कर सकता है। जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक प्रयासरत रहता है जब तक उसे सफलता प्राप्त न हो जाए। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि आत्मविश्वास और सफलता एक दूसरे के पर्याय हैं। आत्मविश्वास युक्त व्यक्ति आशावादी होते हैं। वे किसी भी परिस्थिति में निराश नहीं होते। वे असफलता के कारणों को ढूँढकर उनका निदान करके अपने लक्ष्य तक पहुँचते हैं। वे कभी भी दूसरे पर निर्भर नहीं होते। इसी आत्मविश्वास के बल पर महात्मा गाँधी ने सत्य और अहिंसा को अस्त्र बनाकर स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की विशाल सत्ता से टक्कर ली। इसी गुण के बल पर थॉमस एडिसन, अब्राहम लिंकन, नेपोलियन, हेलेन केलर, मैरी कॉम, सुनीता विलियम्स, कल्पना चावला जैसे अनगिनत लोगों ने असंभव को संभव कर दिखाया। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए मन की एकाग्रता और सकारात्मक विचारों का होना बहुत जरूरी है। यह हमारे आंतरिक विश्वास को सुदृढ़ करता है, किन्तु हमारे मन में अहंकार का भाव नहीं आने देता। जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है उसके मन में यह भाव होता है कि मैं प्रत्येक कार्य कर सकता हूँ और यही भाव उसे उस कार्य में सफलता दिलाता है। आत्मविश्वास के बल पर सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्ति का सब गुणगान करते हैं अत: यह आवश्यक है कि हम अपने आंतरिक विश्वास को ढूँढें क्योंकि यही हमें हमारे लक्ष्य में सफलता दिला सकता है।


(ग)    मातृभाषा के प्रति अभिरुचि

यदि भाषा हमें जोड़ती है तो मातृभाषा हमारी पहचान है। मातृभाषा व्यक्तित्व निर्माण का सशक्त माध्यम है। जन्म लेने के पश्चात् मानव जो प्रथम भाषा सीखता है उसे उसकी मातृभाषा कहते हैं। जिस भाषा में माँ बोलती है, विचार करती है वही उस बच्चे की मातृभाषा होगी। सभी संस्कार एवं व्यवहार हम इसी के माध्यम से प्राप्त करते हैं। इसी भाषा के माध्यम से हम अपनी संस्कृति से जुड़कर उसकी धरोहर को आगे बढ़ाते हैं।

आज मातृभाषा के प्रति हमारी अभिरुचि समाप्त होती जा रही है। बच्चे अपनी मातृभाषा में गिनती करना भूल गए हैं। एक से अधिक भाषाओं का ज्ञान होना अच्छी बात है, किंतु इसका अभिप्राय यह नहीं है कि हम अपनी मातृभाषा अपनी सांस्कृतिक धरोहर से दूर होते जाएँ। हम जिस राज्य या प्रांत से हैं वहाँ की बोली हमें अवश्य आनी चाहिए। मातृभाषा का ज्ञान न होते हुए भी आज अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्राप्त करके बच्चे स्वयं को श्रेष्ठ समझने लगते हैं, जो कदापि उचित नहीं है। यही कारण है कि आज गाँव और शहर के बच्चों के बीच में दूरियाँ बढ़ती जा रही हैं। अपनी भाषा के सुंदर लोकगीत, दोहे, छंद एवं लोकनृत्य हम भूलते जा रहे हैं।

हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए। उसे सहेज कर रखना चाहिए। महात्मा गाँधी ने भी कहा था कि मातृभाषा यदि शिक्षा का माध्यम नहीं होगी तो बच्चे रटने को मजबूर हो जाएँगे जिससे उनकी सृजनात्मकता समाप्त हो जाएगी। मातृभाषा के महत्व को समझते हुए यूनेस्को ने 17 नवंबर 1999 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने की स्वीकृति दी थी। इसी कारण विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 21 फरवरी को मनाया जाता है। हम सब का यह कर्तव्य है कि हम अपनी मातृभाषा के महत्व को समझें। उसे सीखने की कोशिश करें उसमें बोलना अपना गौरव समझें तथा उसे विश्व पटल पर गौरवपूर्ण स्थान प्रदान करने के लिए प्रयासरत रहें ।


12. स्वरचित कविता प्रकाशित करवाने के लिए अनुरोध करते हुए किसी समाचार-पत्र के संपादक को पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए। [5]

अथवा

आपके मित्र के पिता सीमा पर शहीद हो गए। अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए मित्र को लगभग 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए।


उत्तर

सेवा में,

संपादक

हिंदुस्तान टाइम्स

नई दिल्ली

विषय - स्वरचित कविता प्रकाशित करवाने हेतु

महोदय,

आप के लोकप्रिय समाचार पत्र की साप्ताहिक पत्रिका में नवोदित रचनाकारों की रचनाएँ पढ़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ। कुछ रचनाएँ बहुत प्रभावी और प्रेरणादायक थीं। मेरी भी अभिरुचि कविता लेखन में रही है। बाल कविताओं के साथ-साथ समसामयिक विषयों पर मैंने कई कविताएँ लिखी हैं। अपने काव्य संग्रह में से पर्यावरण संरक्षण पर लिखी एक कविता मैं इस पत्र के साथ संलग्न कर रही हूँ। आपसे अनुरोध है कि अपने समाचार पत्र में मेरी रचना को स्थान देकर कृतार्थ करें।

धन्यवाद सहित

निवेदिका

अब स

म. सं. 320 पॉकेट-ए, सेक्टर-3

रोहिणी, नई दिल्ली

दिनांक 22 फरवरी, 20XX


अथवा

सी-312, रोहन तरंग सोसाइटी दिनांक : 23 मार्च, 20XX

पुणे, महाराष्ट्र

प्रिय मित्र राहुल,

मधुर स्नेह,

कल समाचार पत्र में तुम्हारे पिताजी के सीमा पर शहीद हो जाने का शोकपूर्ण समाचार पढ़कर मैं स्तब्ध रह गया। अभी कुछ समय पूर्व ही जब वे अवकाश पर घर आए थे, तो मेरी भेंट उनसे हुई थी। समाचार पत्र में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उनके शहीद हो जाने का समाचार पढ़कर मुझे विश्वास ही नहीं हुआ।

प्रिय मित्र ! मैं जानता हूँ कि पिताजी के निधन से तुम्हारे परिवार को अपूर्णनीय क्षति पहुँची है। किंतु ईश्वर के विधान के आगे हम सब विवश हैं। तुम्हें तो गर्व होना चाहिए कि तुम्हारे पिताजी ने वीरतापूर्वक शत्रुओं का सामना करते हुए देश रक्षा में अपने प्राण समर्पित कर दिए। इस दुखद घड़ी में तुम्हें धैर्य से काम लेते हुए अपनी माता जी और छोटे भाई को भी संभालना है।

ईश्वर से प्रार्थना है कि दुख की इस विषय घड़ी में वे तुम्हें और तुम्हारे परिवार को असीम धैर्य और साहस तथा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। मेरे योग्य यदि कोई भी कार्य हो तो नि:संकोच कहना। मैं तुमसे शीघ्र भेंट करूँगा ।

तुम्हारा मित्र 

अ ब स।


13. टूथपेस्ट बनाने वाली कंपनी के लिए एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए। [5]

अथवा

पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक विज्ञापन 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए 

 


 

 

 

 

Outside Delhi [Set-II]

Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.

खण्ड ''


2. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए: [1 ×4= 4]

(क) जैसे ही बत्ती हरी हुई वैसे ही सारे वाहन चल पड़े। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) वे दिल्ली में बीमार रहे और पता नहीं चला। (सरल वाक्य में बदलिए)

(ग) वे रिश्ता बनाकर तोड़ते नहीं थे। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(घ) शंकुलता ने जो कटु वाक्य दुष्यंत को कहे, वह इस पढ़ाई का ही दुष्परिणाम था। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)


उत्तर- (क) बत्ती हरी हुई और सारे वाहन चल पड़े।


(ख) उनके दिल्ली में बीमार होने / रहने का पता नहीं चला।


(ग) यदि वे रिश्ता बनाते थे तो तोड़ते नहीं थे ।


(घ) शंकुतला ने जो कटु वाक्य दुष्यंत को कहे - (विशेषण उपवाक्य) ।


3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए:  [1 ×4=4]

(क) दुकानदार द्वारा उचित मूल्य लिया गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)

(ख) महात्मा गाँधी ने राष्ट्र को शांति और अहिंसा का संदेश दिया । (कर्मवाच्य में बदलिए)

(ग) मच्छरों के कारण हम रातभर सो न सके। (भाववाच्य में बदलिए)

(घ) गाइड द्वारा हमें सब कुछ समझा दिया गया। (कर्तृवाच्य में बदलिए)


उत्तर- (क) दुकानदार ने उचित मूल्य लिया।


(ख) महात्मा गाँधी द्वारा राष्ट्र को शांति और अहिंसा का संदेश दिया गया।


(ग) मच्छरों के कारण हम से रात भर सोया न जा सका।


(घ) गाइड ने हमें सब कुछ समझा दिया ।


4. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए:  [1 ×4= 4]

(क) आशिमा दसवीं कक्षा में पढ़ती है।

(ख) वाह, तुमने अच्छा काम किया।

(ग) शिक्षक के साथ एक शिष्य भी आता है।

(घ) तुम किस कक्षा में पढ़ते हो?


उत्तर- (क) आशिमा-संज्ञा, व्यक्तिवाचक, एकवचन, स्त्रीलिंगकर्ता कारक, ' पढ़ती है' क्रिया की कर्ता ।


(ख) वाह ! - अव्यय, विस्मयादिबोधक, हर्ष सूचक ।


(ग) एक संख्यावाचक विशेषण एकवचन पुल्लिंग 'शिष्य' विशेष्य का विशेषण ।


(घ) तुम - सर्वनाम, पुरुषवाचक, मध्यम पुरुष एकवचन, कर्ता कारक, 'पढ़ते हो' क्रिया का कर्ता ।


5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए: [1 ×4= 4]

 (क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचानकर लिखिए:

हाथ में घाव थे चार

थी उनमें मवाद भरमार

मक्खी उन पर भिनक रही थी

कुछ पाने को टूट पड़ी थी।

उसी हाथ से कौर उठाता

घृणा से मेरा मन भर जाता ।

(ख) 'वीर रस' का एक उदाहरण लिखिए।


उत्तर – (क) वीभत्स रस


(ख) वीर रस - मैं सत्य कहता हूँ सखे ! सुकुमार मत जानो मुझे यमराज से भी युद्ध को प्रस्तुत सदा मानो मुझे।


12. नगर में बढ़ती भीड़-भाड़ के कारण परिवहन की जटिल समस्या के हल के लिए सड़कों को और अधिक चौड़ा किए जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए अपने राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए ।    [5]

अथवा

वाद-विवाद प्रतियोगिता में पहली बार भाग लेने तथा पुरस्कार पाने का अनुभव बताते हुए अपने मित्र को पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।


उत्तर- सेवा में,

माननीय मुख्यमंत्री

उत्तराखंड शासन

देहरादून

महोदय,

सविनय निवेदन है कि देहरादून नगर, मसूरी जैसे पर्वतीय स्थल तथा हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे तीर्थ स्थलों के निकट होने के कारण सदा से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। उत्तराखंड की राजधानी बनने के बाद से देहरादून नगर राजनैतिक गतिविधियों का केंद्र भी बन गया है। ऐसे में यहाँ के नागरिकों को नगर में बढ़ती भीड़-भाड़ के कारण परिवहन की जटिल समस्या का रोज़ सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या तथा अनियंत्रित चालन के कारण आए दिन दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। किसी भी चौराहे को पैदल पार करना कठिन हो जाता है। परिवहन की समस्या के हल के लिए सड़कों को और अधिक चौड़ा किए जाने की आवश्यकता है। अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि आप अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आदेशित करें कि वे शीघ्र अतिशीघ्र नगर के प्रमुख मार्गों के चौड़ीकरण के साथ-साथ अन्य सड़कों की उचित मरम्मत कराने की व्यवस्था करें।

सधन्यवाद

भवदीय

   ब स

दिनांक 22 नवम्बर 20XX


अथवा

मकान संख्या- 12

साकेत कॉलोनी

नई दिल्ली

दिनांक 11 फरवरी 20XX :

प्रिय मित्र आशीष,

सप्रेम नमस्कार,

आशा है कि तुम कुशल पूर्वक होंगे। मैं भी यहाँ सानंद हूँ। जैसा कि तुम्हें पता है मैंने इस वर्ष नए विद्यालय में प्रवेश लिया है। यहाँ शिक्षण के साथ-साथ पाठ्य सहगामी गतिविधियाँ भी होती हैं। मैंने भी पहली बार हिंदी वाद- द-विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया था । यद्यपि मैंने इसके लिए बहुत परिश्रम और अभ्यास किया था, किंतु मंच पर जाने से पूर्व मुझे बहुत घबराहट हो रही थी । 

तुम्हें यह जानकर खुशी होगी कि इस प्रतियोगिता में मुझे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। प्राचार्य महोदय से प्रथम पुरस्कार प्राप्त करते समय मेरी खुशी का ठिकाना न रहा। मेरे -पिता को भी मेरी इस उपलब्धि पर बहुत गर्व है। माता- तुम भी अपने विद्यालय की गतिविधियों के विषय में मुझे लिखना | आपके माता-पिता को मेरा सादर प्रणाम और छोटी बहन को सस्नेह आशीर्वाद कहना ।

तुम्हारा मित्र

   ब स।


13. आपके मुहल्ले में एक संगीत संध्या का आयोजन होने जा रहा है। इसके अधिकाधिक प्रसार के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए । [5]

अथवा

'मोबाइल रिपेयर' नाम से सभी प्रकार के मोबाइलों को ठीक करने का दावा करने वाली एक नई दुकान खुली है। इसके प्रचार के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।


उत्तर-







Outside Delhi [Set-III]

Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.

खण्ड ''


2. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए: [1 ×4= 4|

(क) जादूगर का जादू देखकर दर्शक दंग रह गए। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) नवाब साहब ने तौलिया झाड़ा और सामने बिछ लिया। (सरल वाक्य में बदलिए)

(ग) खीरे के स्वाद के आनंद में नवाब साहब की पलकें मुँद आई। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(घ) मैं नहीं जानता कि इस संन्यासी ने कभी क्या सोचा था। (रेखांकित उपवाक्य भेद लिखिए)


उत्तर- (क) जादूगर का जादू देखा और दर्शक दंग रह गए।


(ख) नवाब साहब ने तौलिया झाड़ कर सामने बिछा लिया।


(ग) जब खीरे के स्वाद का आनंद आया, तब नवाब साहब की पलकें मुँद आई।


(घ) संज्ञा, आश्रित उपवाक्य।


3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए: [1 ×4=4]

(क) बस की खिड़की से न झाँकें।  (भाववाच्य में बदलिए)

(ख) धर्मगुरु ने कामिल बुल्के की बात मान ली। (कर्मवाच्य में बदलिए)

(ग) तुम पढ़ क्यों नहीं सकते? (कर्मवाच्य में बदलिए)

(घ) उससे उठा बैठा नहीं जाता।  (कर्तृवाच्य में बदलिए)


उत्तर- (क) बस की खिड़की से न झाँका जाए।


(ख) धर्मगुरु द्वारा कामिल बुल्के की बात मान ली गई।


(ग) तुमसे/तुम्हारे द्वारा पड़ा क्यों नहीं जा सकता?


(घ) वह उठ बैठ नहीं सकता।

 

4. निम्नलिखित वाक्यों में रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए: [1 ×4=4]

(क) पानवाला नया पान खा रहा था।

(ख) यह साइकिल मेरे बड़े भाई की है।

(ग) माँ की याद आती है।

(घ) मधुर गान तो सदा ही सुनने को मिलते।


उत्तर- (क) नया - गुणवाचक विशेषण, पुल्लिंग एकवचन, पान विशेष्य का विशेषण ।


(ख) यह सार्वनामिक विशेषण, एकवचन, स्त्रीलिंग साइकिल विशेष्य का विशेषण |


(ग) माँ की संज्ञा जातिवाचक, एकवचन, स्त्रीलिंग, संबंध कारक।


(घ) सदा ही अव्यय, क्रिया-विशेषण, काल वाचक, सुनने क्रिया की अवधि का सूचक, 'मिलते' क्रिया का विशेषण |


5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए: [1 ×4=4|

(क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचानकर लिखिए:

हाथी जैसे देह है, गैंडे जैसी खाल

तरबूजे - सी खोपड़ी, खरबूजे से गाल ।

(ख) 'अद्भुत रस' का एक उदाहरण लिखिए।

(ग) उत्साह' किस रस का स्थायी भाव है ?


उत्तर- (क) हास्य रस ।


(ख) अद्भुत रस चकित हुआ तब देख मोर जोड़ी को ।

नृत्य करती थी जो सुधबुध भूलकर ॥

साथ उसके था एक नृत्यरत सर्प - भी।

प्रवृत्ति गत युग वैरभाव से रहित थे ।


(ग) वीर रस का


12. बिजली विभाग के अधिकारी को बिजली बिल की शिकायत करते हुए लगभग 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए। [5]

अथवा

आप अंतर्विद्यालयी क्रिकेट के लिए अपने विद्यालय की टीम के कप्तान चुने गए हैं। इस आशय की सूचना देते हुए अपने पिताजी को लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।


उत्तर सेवा में,

विद्युत अधिकारी

विद्युत प्रदाय संस्थान

नेहरू ग्राम, रायपुर

देहरादून

दिनांक 22 नवम्बर 20XX

विषय- बिजली के बिल में गड़बड़ी की शिकायत हेतु महोदय,

निवेदन है हम नेहरू ग्राम रायपुर क्षेत्र के निवासी बिजली से बहुत परेशान हैं। हमारे क्षेत्र के मीटर रीडर मनचाही रीडिंग भर कर भेज देते हैं जिस कारण हमारे बिजली के बिल आवश्यकता से अधिक आते हैं। कई बार शिकायत करने के बाद भी आपके विभाग की ओर से इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।

पिछले महीने मैं अवकाश पर अपने गाँव गया हुआ था मेरा घर बंद था। फिर भी मेरा बिजली का बिल ₹3000 आया है। यह समस्या क्षेत्र के प्रायः सभी निवासियों की है। आशा है आप इस दिशा में उचित कदम उठाते हुए हमारी समस्या का निदान करने की कृपा करेंगे।

धन्यवाद सहित

भवदीय (हस्ताक्षर )

अबस

अध्यक्ष

मोहल्ला सुधार समिति

नेहरू ग्राम, रायपुर

देहरादून


अथवा


छात्रावास

प्रभात मॉडल स्कूल

लखनऊ

दिनांक - 22 जनवरी 20XX आदरणीय पिताजी,

सादर प्रणाम, आशा है आप सकुशल होंगे। आदरणीय माताजी तथा मुकुल भी प्रसन्न होंगे।

पिताजी मुझे आपको बताते हुए अत्यंत हर्ष का अनुभव हो रहा हैं कि इस वर्ष अंतर्विद्यालयी क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अपने विद्यालय की ओर से मेरा चयन टीम के कप्तान के रूप में हुआ है। निश्चय ही यह एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है और इसके लिए निरंतर अभ्यास एवं परिश्रम की आवश्यकता है। 

 मेरा लक्ष्य प्रतियोगिता में स्वर्णपदक प्राप्त करना है जिसके लिए मुझे आपके आशीर्वाद की आकांक्षा है। आशा है सदैव की भांति आप अपना आशीर्वाद मुझे देंगे। आदरणीय माता जी को चरण स्पर्श एवं प्रिय मुकुल को स्नेह आशीर्वाद कहिएगा।

आपका पुत्र

अबस।


13. विद्यालय में वार्षिकोत्सव के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा निर्मित हस्तकला की वस्तुओं की प्रदर्शनी के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए। [5] 

अथवा

हेलमेट बनाने वाली एक कंपनी के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।

उत्तर-

 


 

 

 

 

Hindi Course A (2020)

 Delhi [Set-I]

निर्धारित समय 3 घण्टे                                                                            

अधिकतम अंक:80      


खण्ड ''

1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

मनुष्य का सबसे बड़ा गुण है, आत्मनिर्भरता तथा सबसे बड़ा अवगुण है, स्वावलंबन का अभाव। स्वावलंबन सबके लिए अनिवार्य हैं। जीवन के मार्ग में अनेक बाधाएँ आती हैं। यदि उनके कारण हम निराश हो जाएँ, संघर्ष से जी चुराएँ या मेहनत से दूर रहें तो भला हम जीवन में सफल कैसे होंगे? अतः आवश्यक है कि हम स्वावलंबी बनें तथा अपने आत्मविश्वास को जाग्रत करके मजबूत बनें। यदि व्यक्ति स्वयं में आत्मविश्वास जाग्रत कर ले तो दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जिसे वह न कर सके। स्वयं में विश्वास करने वाला व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में कामयाब होता जाता है। सफलता स्वावलंबी मनुष्य पैर छूती है। आत्मविश्वास तथा आत्मनिर्भरता से आत्मबल मिलता है जिससे आत्मा का विकास होता है तथा मनुष्य श्रेष्ठ कार्यों की ओर प्रवृत्त होता है। स्वावलंबन मानव में गुणों की प्रतिष्ठा करता है। आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, आत्मबल, आत्मरक्षा, साहस, संतोष, धैर्य आदि गुण स्वावलंबन के सहोदर हैं स्वावलंबन व्यक्ति, राष्ट्र तथा मानव मात्र के जीवन में सर्वांगीण सफलता प्राप्ति का महामंत्र है।


(क) जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कौन-सा गुण आवश्यक है और क्यों ?  [2]

(ख) आत्मविश्वास क्यों आवश्यक है और कैसे जाग्रत हो सकता है?  [2]

(ग) स्वावलंबन का सहोदर किसे कहा गया है और क्यों ? [2]

(घ) स्वावलंबन का अभाव मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण क्यों है?  [2]

(ङ) 'आत्मबल' के लिए क्या आवश्यक है ?

 (च) उपर्युक्त गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक लिखिए |




उत्तर- (क) जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए आत्मविश्वास आत्मनिर्भरता का गुण आवश्यक है, क्योंकि इन दो गुणों से जीवन में आने वाली बाधाओं और निराशा का सामना करने के लिए सफलता प्राप्त की जा सकती है।


 (ख) आत्मविश्वास से आत्मबल मिलता जो स्वावलंबी बनने के लिए, जीवन में सभी कार्य कर सकने के लिए आवश्यक है, यह कड़ी मेहनत करके ही जागृत होता है।


(ग) स्वावलंबन के सहोदर आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, आत्मबल, आत्म रक्षा, संतोष, धैर्य है, क्योंकि इन्हीं गुणों की सहायता से हम स्वावलंबी बनते है।


घ) स्वावलंबन के अभाव में मनुष्य हमेशा दूसरों पर निर्भर रहता है और जीवन में सफलता प्राप्त नहीं कर पाता, इसलिये स्वावलंबन का अभाव मनुष्य का सबसे बड़ा अवगुण है।


ङ) आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता आत्मबल के लिए आवश्यक है।


(च) "सफलता के महामंत्र" / स्वावलम्बन


खण्ड ''


2. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए-  [1 × 4 = 4]

(क) पत्थर की मूर्ति पर चश्मा असली था। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) मूर्तिकार ने सुना और जवाब दिया। ( सरल वाक्य में बदलिए)

(ग) काशी में संगीत आयोजन की एक प्राचीन एवं अद्भुत परंपरा है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(घ) एक चश्मेवाला है जिसका नाम कैप्टन है। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)


उत्तर- (क) पत्थर की मूर्ति थी परन्तु चश्मा असली था ।


(ख) मूर्तिकार ने सुनकर जवाब दिया।


(ग) काशी में संगीत आयोजन की एक परम्परा है, जो प्राचीन एवं अद्भुत है।


(घ) आश्रित उपवाक्य- जिसका नाम कैप्टन है। भेद विशेषण आश्रित उपवाक्य ।


3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए-  [1 × 4 – 4]

(क) नेताजी ने देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। (कर्मवाच्य में बदलिए)

(ख) दर्द के कारण वह खड़ा ही नहीं हुआ। (भाववाच्य में बदलिए)

(ग) परीक्षा के बारे में अध्यापक द्वारा क्या कहा गया (कर्तृवाच्य में बदलिए)

(घ) नवाब साहब ने हमारी ओर देखकर कहा कि खीरा लज़ीज होता है। (कर्मवाच्य में बदलिए)


उत्तर- (क) नेताजी द्वारा देश के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया


(ख) दर्द के कारण उससे खड़ा ही नहीं हुआ गया।


(ग) परीक्षा के बारे में अध्यापक ने क्या कहा ?


(घ) नवाब साहब द्वारा हमारी ओर देखकर कहा गया कि खीरा लज़ीज होता है।


4. निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित पदों का पद-परिचय लिखिए-  [1 × 4 = 4]

(क) आजकल प्रदूषण तेजी से फैल रहा है।

(ख) वक्त काटने के लिए खीरे खरीदे होंगे।

(ग) नवाब साहब थककर लेट गए।

(घ) मेदा भी मेरा कमज़ोर है।


उत्तर- (क) प्रदूषण एकवचन, पुल्लिंग संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा ।


(ख) खरीदे होंगे क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, बहुवचन, भूतकाल, 'खीरा' कर्म ।


(ग) थककर - क्रिया विशेषण, एकवचन, 'लेट गए' क्रिया की विशेषता ।


(घ) मेरा सर्वनाम, एकवचन, पुल्लिंग, विशेष्य, 'मेदा' । 


5. निम्नलिखित में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए-  [1 × 4 = 4]

(क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए- 

उस काल मारे क्रोध के तनु काँपने उनका लगा।

मानो हवा के ज़ोर से सोता हुआ सागर जगा

(ख) 'वीर रस' का एक उदाहरण लिखिए।

(ग) 'शांत रस' का स्थायी भाव क्या है?

(घ) उद्दीपन से आप क्या समझते हैं ?

(ङ) स्थायी भाव से क्या अभिप्राय है?


उत्तर- (क) 'रौद्र रस'


(ख) वचन अरुणता बदन की अरु फूलै सब अंग ।

वह अनुभव बखानिये सब बीरन के संग ॥


(ग) शांत रस का स्थायी भाव-निर्वेद


(घ) उद्दीपन जो सहृदय के भावों को उद्दीप्त करे, उसे उद्दीपन कहते हैं।

स्थायी भाव सहृदय के हृदय में स्थायी रूप से विद्यमान भाव को स्थायी भाव कहते हैं।


खण्ड ''


6. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-  [ 2 × 3 = 6 ]

पानवाले के लिए यह एक मज़ेदार बात थी लेकिन हालदार साहब के लिए चकित और द्रवित करने वाली यानी वह ठीक ही सोच रहे थे। मूर्ति के नीचे लिखा 'मूर्तिकार मास्टर मोतीलाल' वाकई कस्बे का अध्यापक था। बेचारे ने महीने भर में मूर्ति बनाकर पटक देने का वादा कर दिया होगा बना भी ली होगी लेकिन पत्थर में पारदर्शी चश्मा कैसे बनाया जाए- काँचवाला यह तय नहीं कर पाया होगा। या कोशिश की होगी और असफल रहा होगा या बनाते-बनाते 'कुछ और बारीकी' के चक्कर में चश्मा टूट गया होगा या पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा। उफ ............!

(क) पानवाले के लिए क्या बात मज़ेदार थी और क्यों ?

(ख) हालदार साहब की दृष्टि में कस्बे का अध्यापक 'बेचारा' क्यों था?

(ग) हालदार साहब ने नेताजी की प्रतिमा पर चश्मा न होने की क्या-क्या संभावनाएँ व्यक्त कीं ?


उत्तर- (क) पानवाले के लिए मास्टर मोतीलाल द्वारा मूर्ति का चश्मा बनाना भूल जाना मजेदार बात थी क्योंकि उनका स्वभाव ऐसा था कि उसे ऐसी बातों में मजा आता था। देशभक्तों के प्रति संवेदनशीलता नहीं थी।


(ख) हालदार साहब की दृष्टि से कस्बे के अध्यापक को "बेचारा इसलिए कहा क्योंकि इतने कम समय में पत्थर की मूर्ति तो कर दी पर का सका। उन पर सीमित समय में बनाने का दबाव था।


(ग) न होने की संभावनाएँ निम्नलिखित है-

(i) काँचवाला तप नहीं कर पाया या कोशिश करने पर असफल रहा होगा।

(ii) कुछ और बारीकी के चक्कर में टूट गया होगा।

(iii) पत्थर का चश्मा अलग से बनाकर फिट किया होगा और वह निकल गया होगा।


7. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए-  [2x4-8]

(क) बालगोबिन भगत के गीतों का खेतों में काम करते हुए और आते-जाते नर-नारियों पर क्या प्रभाव पड़ता था ?

(ख) लखनवी अंदाज़ रचना में नवाब साहब की मानक को आप कहाँ तक उचित उप

(ग) फादर बुल्के में भारत में रहते हुए हिंदी के उत्थान के लिए क्या कार्य किए?

(घ) 'एक कहानी भी पाठ के आधार पर लेखिका के पिताजी के सकारात्मक और नकारात्मक गुण का उल्लेख कीजिए।

() बिस्मिल्ला खाँ की तुलना कस्तूरी मृग से क्यों की गई है ?


उत्तर- (क) बालगोवित भगत के गीतों का खेतों में काम करते हुए और आते-जाते नर-नारियों पर गीतात्मक प्रभाव पड़ता था कि मेड़ पर खड़ी औरतों के काँप उठते हैं से गुनगुनाने लगती है रोपनी करने वालों की अंगुलियाँ एक अजी कम सेलने लगती है। यही बालगोविन भगत के संगीत का जादू है।


(ख) 'अंदाज' रचना में नवाब साहब की को सकारात्मक क जा सकता है। सनक चाहे अंदाज की हो या बलिदान की उसको किस रूप से लेते हैं यह जरूरी है देशभक्ति रखने वाला देशभक्त संत मद्यत्याओं की भक्ति और परोपकार की खनक महापुरुषों की नब निर्माण की सनक सकारात्मक है तो साहय की सभी सकारात्मक है, अर्थात् उचित है।


(ग) फादर बुल्के एक विदेशी होते हुए उनका हिन्दी प्रेम देखते ही बनता था, उनमें हिंदी के प्रति हिन्दी वालों से कहीं ज्यादा गहरा प्रेम दिखा। उन्होने स्वगोष्ठियों में सक्रिय भूमिका निभाई और अंग्रेजी-हिन्दी शब्दकोष तैयार किया उनके प्रयासों के कारण विश्वविद्यालय ने अपने नियमों में बदलाव किया जिससे भविष्य में हिंदी में भी थीसिस लिखी जाने लगी। उन्हें कतई स्वीकार नहीं था कि हिंदी की अभिव्यक्ति में दूसरी भाषाओं के शब्द इस्तेमाल किए जाएँ। अतः यह सही है जो हिंदी से सरोकार रखते हैं, फादर बुल्के उनके लिए एक आदर्श व्यक्ति हैं।


(घ) कहानी के आधार पर लेखिका के पिताजी में नकारात्मक व सकारात्मक गुण थे।

नकारात्मक पहलू -

(i) दोनों बच्चों में रंग के आधार पर भेदभाव करना।

(ii) मन्नू को हीन भावना से देखना, मन्नू के प्रति शक्की भावना रखना।

(iii) लेखिका के प्रति संवेदनहीनता ।

सकारात्मक पहलू -

(i) लेखिका के पिता लेखिका को स्वतंत्रता आंदोलन में

रूचि, देश समाज के प्रति जागरूक करना चाहते थे।

(ii)                स्त्री शिक्षा को प्रोत्साहन देते थे।

(iii)               बच्चों में आर्थिक परेशानियाँ नहीं बाँटते थे।


(ङ) बिस्मिल्ला की तुलना कस्तूरी मृग से इसलिए की गई है, क्योंकि दोनों के गुण समान हैं जिस प्रकार कस्तूरी मृग के भीतर ही कस्तूरी की गंध होती है और वह उसकी तलाश में भटकता रहता है, उसी प्रकार बिस्मिल्ला खाँ सुरों के सच्चे ज्ञाता होते हुये भी ईश्वर से सच्चे सुर की प्रार्थना करते रहते थे।


8. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-  [ 2 × 3 = 6]

हरि हैं राजनीति पढ़ि आए। 

समुझी बात कहत मधुकर के समाचार सब पाए। 

इक अति चतुर हुते पहिलै ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए। 

बढ़ी बुद्धि जानी जो उनकी, जोगसँदेस पठाए । 

ऊधो भले लोग आगे के पर हित डोलत धाए। 

अब अपने मन फेर पाइहैं, चलत जु हुते चुराए। 

तेक्यौं अनीति करें आपुनजे और अनीति छुड़ाए। 

राज धरम तौ यह 'सूर', जो प्रजा ने जाहि सताए॥


(क) 'इक अति चतुर हुते पहिले ही, अब गुरु ग्रंथ पढ़ाए। ' में निहित व्यंग्य को समझाइए।

(ख) श्रीकृष्ण द्वारा चुराए गए मन को वापस माँगने में निहित गोपियों की मनोव्यथा को स्पष्ट कीजिए।

(ग) गोपियों के अनुसार सच्चा राजधर्म क्या है? उन्होंने 'राजधर्म' का उल्लेख क्यों किया है?


उत्तर- (क) कृष्ण गोपियों को आश्वासन देकर गए परन्तु वापस नहीं आए। गोपियाँ व्यंग्य कर रही हैं कि अब वे एक राजनीतिज्ञ की तरह व्यवहार करने लगे है।


(ख) श्रीकृष्ण ने हमें त्याग दिया है कृष्ण द्वारा मिलने का वादा नहीं निभाने की व्यथा और विरह वेदना की तीव्रता गोपियों द्वारा यह जताया जाना कि अब उन्हें कृष्ण से कोई उम्मीद शेष नहीं है।


(ग) गोपियों के अनुसार, सच्चा राजधर्म (राजा का धर्म ) यह होना चाहिए कि वह प्रजा को कभी ना सताए और निरंतर उनकी भलाई में लगा रहे प्रजा को अन्याय से छुटकारा दिलाए। इस आधार पर श्री कृष्ण को हमारे साथ न्याय करना चाहिए।

गोपियों द्वारा राजधर्म का उल्लेख कर यह याद दिलाना कि सबके प्रति समभाव रखना उनका कर्तव्य हैं वे भी उनकी प्रजा है। अतः उनके साथ भी अन्याय न होने देना उनका धर्म है।


9• निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर लगभग 30-40 शब्दों में लिखिए-  [ 2 × 4 = 8 ]

(क) 'अट नहीं रही है' कविता में 'उड़ने को नभ में तुम पर पर कर देते हो' के आलोक में बताइए कि फागुन लोगों के मान को किस तरह प्रभावित करता है ?

(ख) शिशु के धूलिधूसरित शरीर को देखकर कवि नागार्जुन ने क्या कल्पना की ?

(ग) प्रभुता की कामना को मृगतृष्णा क्यों कहा गया ? 'छाया मत छूना' कविता के आधार पर लिखिए।

(घ) 'संगतकार' कविता में कवि ने आम लोगों से क्या अपेक्षा की है ?

(ङ) परशुराम के प्रति लक्ष्मण के व्यवहार पर अपने विचार लिखिए।


उतर- (क) फागुन महीने में प्राकृतिक सौन्दर्य चरम पर होता है। और जन-मन उससे प्रभावित होता है। फागुन की सुगंधित हवा के रूप में जन-जन अन्दर बाहर सुवासित हो उठता है। इससे वातावरण अत्यंत सुहावना तथा मादक बन जाता है कि जन जन पक्षी की तरह पंख फैलाकर उड़ने के लिए व्याकुल नजर आते हैं और मन ख़ुशी तथा प्रसन्नता से भर उठता है।


(ख) शिशु के धूलि धूसरित शरीर को देखकर कवि नागार्जुन जी की कल्पना प्रवलित हो रही है कि तुम्हारे धूल से सने शरीर को देखकर लगता है, मानों कमल के फूल तालाब को छोड़कर झोपड़ी में खिल रहे हों, कहने का अर्थ है धूल धूसरित बाल तन को देखकर हृदय कमल खिल उठता है कवि कल्पना करता हुआ कहता है तुम ऐसे प्राणवान हो कि तुम्हारा स्पर्श पाकर ही कठोर पत्थर भी पिघल कर जल बन गया होगा अर्थात् बच्चे के कोमल स्पर्श में इतनी जीवंतता है कि वह कठोर को भी कोमल बना देती है। प्रभुता की कामना को मृगतृष्णा इसलिए कहा गया क्योंकि कवि का मानना है कि उच्च पद पर प्रतिष्ठित होने से कोई मानसिक सुख नहीं मिलता। यह एक मन का छलावा है। यह सच्चाई है हर सुख से दुख जुड़ा ही रहता है जैसे पूर्णिमा के बाद अमावस आती ही है। जिस तरह से मृग प्यास बुझाने के लिए भटकता रहता है, उसी तरह से व्यक्ति प्रभुता की कामना में भटकता रहता है। बड़प्पन का अहसास एक भ्रम है इससे भ्रमित होकर व्यक्ति दुःख ही पाता है।


(घ) संगतकार कविता के आधार पर कवि की आम लोगों से अपेक्षा है कि जिस प्रकार आप लोग अपनी आवाज को ऊँचा न उठाने को संगतकार की कमजोरी या असफलता नहीं मानना चाहिए। संगतकार के प्रति भी सवेदनशील होना चाहिए।


(ङ) लक्ष्मण परम वीर हैं। ऐसे लोग स्वतः ही निडर होते हैं, परन्तु किसी वीर का उग्र होना आवश्यक नहीं। हमारे विचार से एक योद्धा का धर्म अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना है। परन्तु जहाँ पर परशुराम और लक्ष्मण के मध्य वाद-विवाद चल रहा है, वह युद्धक्षेत्र नहीं है। परशुराम का असीमित क्रोध तथा लक्ष्मण की असीमित उग्रता दोनों ही बातें ठीक नहीं हैं। हर बात की अति बुरी होती है। फिर भी हमारी समझ से लक्ष्मण को क्रोध की सीमा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए था। भारतीय संस्कृति हमें बड़ों का सम्मान करना सिखाती है, अपमान नहीं।


10. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर लगभग 50-60 शब्दों में लिखिए- [3 × 2 = 6]

(क) 'बच्चे रोना-धोना, पीड़ा, आपसी झगड़े ज्यादा देर तक अपने साथ नहीं रख सकते हैं।' 'माता का अँचल' पाठ के आधार पर इस कथन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

(ख) जॉर्ज पंचम की लाट की टूटी नाक लगाने के क्रम में पुरातत्व विभाग की फाइलों की छानबीन की जरूरत क्यों आ गई? क्या उससे समाधान संभव था ? क्यों ?

(ग) यात्राएँ विभिन्न संस्कृतियों से परिचित होने का अच्छा माध्यम हैं। 'साना-साना हाथ जोड़ि यात्रा वृत्तान्त के आधार पर इस कथन की समीक्षा कीजिए। बच्चे रोना-धोना, पीड़ा, आपसी झगड़े ज्यादा देर तक अपने साथ नहीं रखते, यह कथन सही है।


उत्तर- (क) बच्चे सरल और निश्छल स्वभाव के होते हैं, वे लड़ाई-झगड़े की कटुता को अधिक देर तक अपने मन मैं नहीं रख सकते।

उदाहरण के तौर पर जब कभी आम की फसल के समय आँधी आती तब भोलानाथ अपने मित्रों के साथ बागों में चला जाता वहाँ उन्हें बूढे तिवारी जी मिल गए बैजू ने उन्हें चिढ़ाना आरंभ कर दिया इसकी शिकायत जब गुरुजी से की तो उन्होंने भोलानाथ की खूब खबर ली। भोलानाथ का रो-रोकर बुरा हाल था वह अपने पिता के साथ घर की तरफ चल दिये। रास्ते में ही भोलानाथ अपने मित्रों के साथ खेलने लगा। वहाँ खड़े लोग कहने लगे लड़के और बंदर पराई पीर नहीं समझते।


(ख) जॉर्ज पंचम की लाट की टूटी नाक लगाने के क्रम में विभिन्न प्रयास किए गए। इन प्रयासों में सरकारी फाइलों की छानबीन करना भी जरूरी समझा गया क्योंकि वह जानना चाह रहे थे कि लाट कब और कहाँ से बनी इसको बनाने में पत्थर कहाँ से लाया गया उससे पत्थर की पहचान कर उसी पत्थर से उसी रंग की नाक बनाई जा सके समय कम होने की वज़ह से एक आसान राह को खोजा गया जिससे पूरा विवरण मिल सके। कब, कहाँ और कैसे इस लाट की शुरुवात हुई, लेकिन इतना प्रयास करने के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिली। जॉर्ज पंचम की नाक का सवाल तो था ही, साथ ही साथ अधिकारियों व मूर्तिकार की नाक का सवाल भी था इसलिए उन्हें हर हाल में यह कार्य करना था, क्योंकि जॉर्ज पंचम की नाक के साथ उनकी नाक भी कट जाती।


ग) इतिहास गवाह है कि सभी यात्राएँ संस्कृतियों के परिचित होने का अच्छा माध्यम रहा है पाठ के आधार पर भी यह बात स्पष्ट होती है यात्राओं से हम वहाँ के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ भाषा, रीति-रिवाज, परम्पराओं, मान्यताओं से भी परिचित होते हैं। हम दूर बैठकर किसी स्थान की संस्कृति का अनुभव नहीं कर सकते। संस्कृतियों का आदान प्रदान इसकी अहम भूमिका निभाते हैं। पहाड़ी बच्चों को स्कूल जाने के साथ-साथ माँ-बाप का हाथ बँटाते देखा।


खण्ड ''


11. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत- बिन्दुओं के आधार पर लगभग 200 से 250 शब्दों में निबंध लिखिए- " [10]

(क) महात्मा गांधीजी की 150वीं जयंती

मनाने के उद्देश्य

गांधीजी का जीवन

आजादी के आंदोलन में भूमिका

प्रासंगिकता


(ख) महानगरीय भीड़भाड़ और मेट्रो

यातायात और भीड़भाड़

प्रदूषण की समस्या

मेट्रो रेल की भूमिका

मेट्रो के लाभ


(ग) ग्लोबल वार्मिंग और जन-जीवन

ग्लोबल वार्मिंग का अभिप्राय

ग्लोबल वार्मिंग के कारण



उत्तर- (क)        महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती

सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर देश को स्वतंत्रता दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। 02 अक्टूबर, 2019 गाँधी जी की 150वीं जयन्ती होने के कारण विशेष महत्वपूर्ण था। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रपिता की 150वीं जयन्ती को पूरे एक वर्ष तक मनाने की घोषणा की। इसका उद्देश्य जनसाधारण में गाँधी जी के सत्य, अहिंसा, परोपकार, त्याग और सांप्रदायिक सद्भाव जैसे आदर्शों के प्रति आस्था जगाना है साथ ही आधुनिक पीढ़ी को देश की आज़ादी में बापू के योगदान से परिचित कराना भी है। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया। उस समिति द्वारा 26 जनवरी 2019 की परेड में सभी झाकियाँ महात्मा गाँधी के जीवन से संबंधित रखने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही इस जयन्ती वर्ष में स्मारक डाक टिकट जारी करना, विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों और विद्यालयों द्वारा गाँधी जी से संबंधित नाटक प्रदर्शनियों, सेमीनारों का आयोजन करना।

गाँधीजी ने बचपन में सुनी श्रवण कुमार, प्रहलाद और राजा हरिश्चंद्र की कहानियों से मिली शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाया। इंग्लैण्ड से बैरिस्टरी करने के बाद वे भारत आए। बाद में दक्षिण भारत में रंगभेद की लड़ाई लड़ने के बाद वे देश सेवा में जुट गए। नमक आन्दोलन, दांडी मार्च असहयोग आंदोलन के बाद भारत छोड़ो आंदोलन में अंग्रेजों की नींद उड़ा दी। पूरा देश गाँधीजी के आदर्शों पर चलने को तैयार था। सत्य, अहिंसा के हथियार से गाँधीजी ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन छेड़ कर 15 अगस्त 1947 को देश को स्वतंत्रता दिलाई।

15 जून, 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा गाँधी जी के जन्मदिवस को अहिंसा के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में घोषित किया गया। निस्संदेह महात्मा गाँधी जी के सत्य, अहिंसा, सांप्रदायिक सद्भाव, आत्मनिर्भरता जैसे आदशों को अपनाना ही हमारी बापू के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी, क्योंकि वर्तमान संदर्भ में ये बहुत प्रासंगिक हैं गाँधी जी की 150वीं जयंती 2 अक्टूबर, 2019 को हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी ने एकल प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाते हुए 2022 तक भारत को प्लास्टिक मुक्त बनाने का संकल्प लिया है।


(ख) महानगरीय भीड़-भाड़ और मेट्रो

महानगर से तात्पर्य ऐसे नगर से है जिसमें लाखों की संख्या में लोग रहते हैं सड़कों पर बढ़ती लोगों की भीड़, व्यस्तता, भागदौड़ वाहनों की लंबी कतारें यहाँ के रोज़मर्रा के जीवन का अंग है। इस महानगरीय भीड़-भाड़ के बीच मेट्रो यातायात का सबसे सुलभ और आधुनिक साधन है। महानगरों की भीड़-भाड़ और भागम-भाग भरी जिंदगी आसान नहीं है। ऐसे में मेट्रो ने लोगों को बहुत राहत प्रदान की है।

मेट्रो रेल की व्यवस्था अत्याधुनिक तकनीक से संचालित होती है। इसके कोच वातानुकूलित और टिकट प्रणाली स्वचालित होती है। स्टेशनों पर एस्केलेटर की सुविधा उपलब्ध है। मेट्रो लाइन को बस मार्गों के समानांतर बनाया गया है जिससे यात्रियों को मेट्रो से उतरने के बाद कोई दूसरा साधन प्राप्त करने में असुविधा न हो मेट्रो के दरवाजे स्वचालित हैं और इसमें हर आनेवाले स्टेशन की जानकारी दी जाती है। मेट्रो में यात्रा करते समय ऐसा अनुभव होता है मानो हम किसी यूरोपीय देश में हों। मेट्रो का अनुशासन, स्वच्छता, तकनीकी कौशल, समय की पाबंदी और साज-सज्जा हमारा मन मोह लेती है।

सड़कों पर बढ़ती वाहनों की संख्या प्रदूषण वृद्धि का प्रमुख कारण है। मेट्रो रेल आधुनिक जनपरिवहन प्रणाली है जो भविष्य में इन महानगरों को प्रदूषण मुक्त रखने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है। लोगों ने मेट्रो को चुना इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी बहुत कमी आई है। जब लोग भारी यातायात से संघर्ष करके अपने कार्यस्थल पर पहुँचते थे, तो वे थक जाते थे मेट्रो में शांति से यात्रा करने के बाद उनके कार्य की गुणवत्ता बढ़ जाती है। मेट्रो यात्रा अपेक्षाकृत सस्ता साधन है। इससे हम अपने गंतव्य तक जल्दी पहुँचते हैं। निस्संदेह मैट्रो ने हमारी यात्रा को सुगम और सरल बना दिया है। अतः हम सबका कर्तव्य है कि इसकी स्वच्छता और सुगम संचालन में योगदान दें।


() ग्लोबल वार्मिंग और जनजीवन आज विश्व अनेक समस्याओं से जूझ रहा है उनमें ग्लोबल वार्मिंग एक विकराल समस्या है। इसी के कारण विश्व में विचित्र जलवायु परिवर्तन हो रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग को हिंदी में 'भूमंडलीय ताप में वृद्धि' के नाम से जाना जाता है वास्तव में पृथ्वी का सारा वातावरण 'ओज़ोन' नामक परत से सुरक्षित है, किंतु वायुमंडल के प्रदूषण के कारण उस परत में छेद हो चुका है। इस छेद में से होकर आने वाली पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट किरणों से वैश्विक ताप में जो वृद्धि हो रही है उसे अंग्रेजी में ग्लोबल वार्मिंग कहा जाता है। बहुत से कारणों की वजह से ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। जिस तरह से जनसंख्या बढ़ रही है उस तरह से ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ती जा रही है मनुष्य के द्वारा संचालित व्यवसायिक क्रियाएँ जिसमें उद्योगों से निकलने वाला धुआँ और वाहनों से निकलने वाला धुंआ आदि है।

मनुष्य द्वारा कार्बन डाई आक्साइड और सल्फर डाई आक्साइड दोनों गैसों को घरों में प्रयोग किया जा रहा है। इन गैसों को मुख्य रूप से फ्रिज और ऐसी में प्रयोग किया जाता है जिसकी वज़ह से पानी और वातावरण को ठंडा किया जाता है। लेकिन जब ये गैस वातावरण में मिल जाती है तो इनका असर उल्टा, पड़ जाता है। यह वातावरण को ठंडा करने की जगह पर गर्म कर देती है क्योंकि इसमें ऐसे पदार्थ होते हैं जो वातावरण में रेडियोएक्टिव को बढ़ा देता है।

प्रदूषण 'के लगातार बढ़ने की वजह से ग्लोबल वार्मिंग निरंतर बढ़ती ही जा रही है। जंगलों की कटाई, फैक्ट्रियों और कारखानों से निकलने वाला धुआँ, बढ़ती हुई जनसंख्या और वाहनों के धुएँ की वजह से ग्लोबल वार्मिंग का स्तर बढ़ रहा है।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण बड़े-बड़े हिमखंड ( ग्लेशियर पिघल रहे हैं। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से कई देशों में बाढ़ आती है और बड़ी मात्रा में जन-धन का विनाश कर डालती है। अनेक प्रकार के त्वचा संबंधी रोगों का जन्म भी इसके खतरों का ही अंग है। गर्मी की ऋतु लंबी होना, सर्दी की ऋतु छोटी हो जाना कम सर्दी पड़ना तथा अन्य ऋतु परिवर्तन होने से फसलों की उपज में गिरावट भी एक और बड़ा संकट है।

ग्लोबल वार्मिंग को व्यक्तियों और सरकार के संयुक्त प्रयास से रोका जा सकता है। वनों की कटाई पर रोक लगाई जानी चाहिए और पेड़ों को अधिक लगाया जाना चाहिए। ऑटोमोबाइल का उपयोग सीमित होना चाहिए और रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। विकसित देशों के ग्रीन हाउसों की गैसों व वायु प्रदूषण को नियंत्रित करके ओज़ोन परत के छेद को कम किया जा सकता है। ऐसा न करने पर तो यह समस्या और विकराल रूप भी ले सकती है।


12. सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ते हुए धूम्रपान तथा उसके कारण संभावित रोगों की ओर संकेत करते हुए किसी दैनिक समाचार पत्र के संपादक को 80-100 शब्दों में पत्र लिखिए। [5]

अथवा

आपके छोटे भाई / बहन ने एक आवासीय विद्यालय में एक मास पूर्व ही प्रवेश लिया है। उसको मित्रों के चुनाव में सावधानी बरतने के लिए समझाते हुए एक पत्र 80-100 शब्दों में लिखिए।


उत्तर -संपादक

नवभारत टाइम्स

आगरा विभाग

आगरा कैन्ट

उत्तर प्रदेश

दिनांक 27 नवम्बर 20XX

विषय- "सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान"

महोदय, मैं आगरा निवासी आपके लोकप्रिय समाचार पत्र का ध्यान एक गंभीर समस्या की ओर आकर्षित करना चाहता हूँ। आज लगभग सभी किसी न किसी प्रकार से अपने स्वास्थ्य की चिंता से जुड़े हैं। विभिन्न विभाग सरकार के नियमों के द्वारा बनाए गए मार्गदर्शन को ताक पर रखकर वातावरण को दूषित करने पर आ गया है। लगभग सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान की समस्या बढ़ती जा रही है।

मेरा आपसे अनुरोध है कि जगह-जगह जागरूकता कार्यक्रम पुलिस की सहायता से चलाया जाए जिससे लोग प्रभावित होंगे, दूसरा न मानने वालों से भारी जुर्माना वसूला जाएगा जिससे वह दुबारा यह गलती न करें। केवल होडिंग व बैनर लगाने से काम नहीं चलेगा वातावरण में विभिन्न रोगों के उत्पन्न होने से सभी को खतरा होता है। सभी सार्वजनिक स्थलों पर बहुत जरूरी है तो अलग से स्थान बनाए जाएँ, जहाँ वातावरण को शुद्ध करने के उपकरण लगे इस प्रकार के छोटे-छोटे प्रयासों से बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सकता है। मेरा आपसे अनुरोध है कि मेरे विचार को प्रकाशित करके संबंधित विभाग को जागरूक करें। 

सधन्यवाद,

प्रार्थी,

आम नागरिक


अथवा

प्रेषक

क ख ग नगर

मध्य प्रदेश

दिनांक 27 जनवरी 20XX

प्रिय अनुज,

तुम कैसे हो ईश्वर से तुम्हारी स्वास्थ्य व सुखद भविष्य की कामना करते हैं। प्रिय पिताजी ने तुम्हारे सुनहरे भविष्य के लिए इस आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया है। आशा करता हूँ कि तुम जल्दी ही इस माहौल में ढल जाओगे। एक महत्वपूर्ण बात बताना चाहता हूँ, कि विद्यार्थी जीवन में अकेले नहीं जिया जा सकता है प्रिय दोस्त, इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दोस्त जीवन का अहम् हिस्सा है लेकिन उसे चुनने के लिए बहुत सावधानियाँ रखनी होंगी। तुमको भी दोस्त बनाने से पहले उसे पूरी तरह परख लेना होगा तभी उसे अपना मित्र बनाना । उसके साथ समय बिताना, उसे समझने की कोशिश करना, अपनी बात भी पूरी बताना तभी मेल हो पाएगा। जीवन में यह सब समझाना जरूरी है। यहाँ सब ठीक है तुम अपना ध्यान रखना।

तुम्हारा

अग्रज


13. नगर में आयोजित होने वाली भारत की सांस्कृतिक एकता प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों को आमंत्रित करते हुए 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। [5]

अथवा

प्रदूषण से बचने के लिए जनहित में जारी एक विज्ञापन पर्यावरण विभाग की ओर से 25-50 शब्दों में लिखिए।     

                                   




 

Delhi SET-II

Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.

खण्ड ''


2. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए-  [1 ×4=4]

(क) एक साल पहले बने कॉलेज में शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) जो व्यक्ति साहसी हैं उनके लिए कोई कार्य असंभव नहीं है। (सरल वाक्य में बदलिए)

(ग) सवार का संतुलन बिगड़ा और वह गिरा गया। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(घ) केवट ने कहा कि बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। (आश्रित उपवाक्य छाँटकर भेद भी लिखिए)


उत्तर- (क) एक साल पहले कॉलेज बना था और उसमें शीला अग्रवाल की नियुक्ति हुई थी।


(ख) साहसी व्यक्तियों के लिए कोई कार्य असंभव नहीं है। 


(ग) जैसे ही सवार का संतुलन बिगड़ा वैसे ही वह गिर गया।


(घ) बिना पाँव धोए आपको नाव पर नहीं चढ़ाऊँगा। (भेद-संज्ञा आश्रित उपवाक्य)


3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए- [1 ×4=4]

(क) किसान के द्वारा खेत की जुताई की गई।  (कर्तृवाच्य में बदलिए)

(ख) कितने कंबल बँटे (कर्मवाच्य में बदलिए)

(ग) आओ, यहाँ बैठ सकते हैं। (भाववाच्य में बदलिए)

(घ) सैनिकों द्वारा देश की रखवाली की जाती है। ( कर्तृवाच्य में बदलिए)


उत्तर- (क) किसान ने खेती की जुताई की।


(ख) कितने कंबल बाँटे गए ?


(ग) आओ, यहाँ बैठा जा सकता है।


(घ) सैनिक देश की रखवाली करते हैं।


4. निम्नलिखित वाक्यों में से रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए-  [1 ×4=4] 

(क) सफेद घोड़ा तेज भागता है।

(ख) खीरा लज़ीज़ होता है।

(ग) यह भाषा किस क्षेत्र में बोली जाती है?

(घ) वह हमेशा सच बोलता है।


उत्तर- (क) सफेद-संज्ञा, व्यक्तिवाचक संज्ञा, एकवचन, पुल्लिंग


(ख) खीरा संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग


(ग) यह सर्वनाम, संकेतवाचक, एकवचन, स्त्रीलिंग


(घ) हमेशा क्रिया-विशेषण, 'बोलता है' क्रिया की विशेषता ।


5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर लिखिए-  [1 ×4=4]

 (क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए-

एक ओर अजगरहि लखि, एक और मृगराय ।

विकल बटोही बीच ही पर्यो मूरछा खाय ॥

(ख) 'रौद्र रस' का एक उदाहरण लिखिए।

(ग) 'करुण रस' का स्थायी भाव क्या है?


उत्तर- (क) 'वीभत्स रस'


(ख) श्रीकृष्ण के सुन वचन अर्जुन क्षोभ से जलने लगे। 

सब शील अपना भूल कर करतल युगल मलने लगे ॥ 

संसार देखे अब हमारे शत्रुरण में मृत पड़े। 

करते हुए यह घोषणा के हो गए उठ कर खड़े ॥


(ग) शोक


12. पुस्तकालय में हिंदी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें मँगवाने के लिए प्राचार्य को एक प्रार्थना-पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।  [5]

अथवा

आपकी बड़ी बहन को चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त हो गया है। इस सफलता के लिए बधाई पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।


उत्तर- प्राचार्य

अ ब स विद्यालय

आगरा विस्तार

उत्तर प्रदेश

दिनांक 27 अप्रैल 20XX

विषयपुस्तकें मँगवाने हेतु प्रार्थना-पत्र

महोदय,

मैं आपके विद्यालय में कक्षा का छात्र हूँ। हमारे विद्यालय में प्रत्येक कक्षा का एक कालांश पुस्तकालय का होता है। हम सभी पुस्तकालय जाते हैं, लेकिन पुस्तकालय में पुस्तकों की बहुत कमी है, विशेष कर हिन्दी की।

हमारे पुस्तकालय में हिन्दी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकों की कमी है। हम हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध लेखकों की जीवनी पढ़ना चाहते हैं, कुछ कक्षाओं में लेखकों की जीवनी को विषय के तौर पर पढ़ाया भी जाता है। परन्तु हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए इन प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें मँगवाना जरूरी हो गया है।

हम सभी आपसे अनुरोध करते हैं कि हिंदी के प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें जल्द से जल्द मँगवाने का आदेश दें जिससे हम जल्द लाभ उठा सकें। सधन्यवाद,

प्रार्थी,

सभी विद्यार्थी


अथवा

आगरा कैंट

मध्य प्रदेश

दिनांक 27 फरवरी 20XX

प्रिय दीदी,

दीदी यहाँ पर सब ठीक है, आशा करती हूँ कि आप भी कुशल होंगी। दीदी में अपनी भावना को व्यक्त नहीं कर सकती। इतनी खुशी है कि तुम्हारा प्रवेश इस नामी (प्रतिष्ठित) महाविद्यालय में हो गया है।दीदी मैं छोटी हूँ, ज्यादा जानकारी तो नहीं, लेकिन पापा ने मुझे सब कुछ बताया। इस महाविद्यालय से डॉ. बनकर बाहर निकलना, हमारे परिवार के लिए गाँव की बात है।

चिकित्सक बनना वैसे भी समाज व देश की सेवा करना जैसा है और तुम जैसी प्रतिभाशाली चिकित्सक की, तो हमारे देश में बहुत जरूरत है। हम सपरिवार ईश्वर से कामना करते हैं कि तुम अपना कोर्स पूरा करके परिवार व देश का नाम रोशन करोगी, हम सबको आपकी सफलता का इन्तजार रहेगा। 

आपकी बहन


13. देश की जनता को 'मतदान अधिकार' के प्रति जागरूक करने के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त कार्यालय की ओर से लगभग 25-50 शब्दों में एक विज्ञापन तैयार कीजिए। 151 

अथवा 

आपके नगर में मिठाई की एक नई दुकान खुली है। इसके प्रचार के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।














 

DELHI SET-III

Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.

खण्ड ''


2. निर्देशानुसार उत्तर लिखिए- [1 × 4 = 4 |

(क) उसने स्टेडियम जाकर क्रिकेट मैच देखा। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

(ख) जैसे ही बच्चे को खिलौना मिला वह चुप हो गया। (सरल वाक्य में बदलिए)

(ग) मन्नू जी की साहित्यिक उपलब्धियों के लिए उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

(घ) जो शांति बरसती थी वह चेहरे पर स्थिर थी । (आश्रित उपवाक्य छाँटकर उसका भेद भी लिखिए)


उत्तर- (क) वह स्टेडियम गया और उसने क्रिकेट मैच देखा। 


(ख) बच्चा खिलौना मिलते ही चुप हो गया।


(ग) मन्नू जी की साहित्यिक उपलब्धियाँ हैं जिसके लिए उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।


(घ) जो शान्ति बरसती थी। (विशेषण उपवाक्य)


3. निर्देशानुसार वाच्य परिवर्तन कीजिए- [1 ×4= 4]

(क) विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा दी गई। (कर्तृवाच्य में बदलिए)

(ख) मैं दीपावली पर मिट्टी के दीए जलाऊँगी। (कर्मवाच्य में बदलिए)

(ग) हर्षिता पैदल चल नहीं सकती। (भाववाच्य में बदलिए)

(घ) तुमसे चुप नहीं रहा जाता । (कर्तृवाच्य में बदलिए)


उत्तर- (क) विद्यार्थियों ने परीक्षा दी।


(ख) मेरे द्वारा दीपावली पर मिट्टी के दिए जलाए जाएँगे। 


(ग) हर्षिता से पैदल चला नहीं जा सकता।


(घ) तुम चुप नहीं रह सकते।


4. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित पदों का पद परिचय लिखिए-  [1 ×4=4]

(क) बाग में कुछ महिलाएँ बैठी थीं।

(ख) मुझे अपनी पत्नी और पुत्र की मृत्यु याद आ रही है।

(ग) एक शर्त रखी कि मैं भारत जाऊँगा।

(घ) नहीं जानता, बस मन में यह था।


उत्तर- (क) बैठी थीं- क्रिया, भूतकाल, अकर्मक स्त्रीलिंग


(ख) अपनी सर्वनाम, निजवाचक, एकवचन सार्वनामिक विशेषण


(ग) भारत संज्ञा, जातिवाचक, एकवचन, पुल्लिंग


(घ) नहीं एकवचन, निषेधवाचक


5. निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं चार के उत्तर दीजिए-  [1 × 4 = 4]

(क) निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में रस पहचान कर लिखिए-

विरह का जलजात जीवन, विरह का जलजात

वेदना में जन्म, करुणा में मिला आवास

अश्रु चुनता दिवस इसका, अश्रु गिनती रात

जीवन, विरह का जलजात।

(ख) 'वीभत्स रस' का एक उदाहरण लिखिए।

(ग) 'हास्य रस' का स्थायी भाव लिखिए।


उत्तर- (क) वियोग श्रृंगार रस


(ख) सिर पर बैठयो काग आँख दो उखात निकारत । खींचत जी भहि प्यार अतिहि आनंद उर घारत ॥ गीध जोधि को खोदि खोदि के माँस उपारत । स्वाग अंगुरिन कटि काटि के खात विदारत ॥


(ग) हास


12. यातायात के नियमों के उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने तथा दो अन्य सुझाव देते हुए यातायात पुलिस आयुक्त को पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।  [5]

अथवा

आपका छोटा भाई अनुराग परीक्षा में नकल करता पकड़ा गया, जिसके लिए उसे दंडित किया गया। उसे समझाते हुए पत्र लगभग 80-100 शब्दों में लिखिए।


उत्तर- पुलिस आयुक्त

आगरा मंडल

आगरा

दिनांक 27 फरवरी 20XX

विषय- यातायात के नियमों का उल्लंघन हेतु ।

मैं आगरा विस्तार का निवासी हूँ। हमारे क्षेत्र में लगातार यातयात के नियमों का उल्लंघन हो रहा है। ऐसा लगता है कि कोई नियम ही नहीं है। बिना हैलमेट के स्कूटर चलाना, दो के स्थान पर चार-चार लोगों को बिठाना, लाल बत्ती होते हुए भी नहीं रुकना यातायात पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। इतनी ज्यादा दुर्घटनाएँ हो रही हैं कि कोई बचाने वाला नहीं है। कहाँ सो रही है हमारी यातायात पुलिस अगर यही हालात रहे तो हमारा क्षेत्र दुर्घटनाओं की श्रेणी में प्रथम होगा।

मेरा मानना है कि यदि पुलिस चाहे तो यह समस्या जल्द ही दूर हो सकती है, बिना स्वार्थ के चालान काटे जाएँ, प्यार व सख्ती दोनों से काम लिया जा सकता है। सतर्कता जरूरी है जो यह पुलिस कर सकती है। यदि विभाग में पुलिसकर्मियों की कमी है, तो कॉलेज के युवाओं को अपने साथ जोड़ सकते हैं। इससे लोगों पर प्रभाव भी पड़ेगा और युवाओं में सही राह पर चलने का जोश आएगा। यातायात जागरूक सप्ताह शुरू करने से भी इस दशा में बहुत बदलाव आएगा।

                आशा है इस दिशा में मेरे सुझाव व आपकी जागरूकता एवं कर्तव्यपरायणता से हम सब इस क्षेत्र में सुधार ला पाएँगें।

प्रार्थी

कुमार के



अथवा

प्रेषक

अ ब स नगर

आगरा

दिनांक 27 नवम्बर 20XX

प्रिय भाई अनुज,

हम सब यहाँ ठीक हैं, आशा करता हूँ तुम कुशल होंगे। भाई मुझे तुम्हारे प्राचार्य का पत्र प्राप्त हुआ, एक पल पढ़कर झटका लगा, लेकिन संभलकर उसे समझा मैं अपने भाई को बहुत अच्छे से जानता हूँ, जरूर कोई ऐसी परिस्थिति रही होगी जो तुमने यह कदम उठाया।

भाई पढ़ाई किसी के सहारे नहीं पढ़ी जाती खासकर इन चंद कागज के टुकड़ों पर आधारित होकर यह तभी होता है जब व्यक्ति अपना आत्मविश्वास खो देता है। भाई भविष्य में कभी ऐसा नहीं होने देना, अपने पर विश्वास रखो, पढ़ाई में मन लगाओ, यह सोचो मेरे से अच्छा कोई नहीं, जैसे अंग्रेजी में कहा जाता है। "आइ एम द बैस्ट"।

अपना विश्वास कभी नहीं खोना, अपनी गलती से सीखने की कोशिश करना, सब ठीक होगा। मेरी तुम्हारे प्राचार्य से बात हो गई है, दंड जरूरी था लेकिन हारना नहीं, हम सब तुम्हारे साथ हैं। आगे भविष्य में ऐसी गलती नहीं करोगे, मुझे तुम पर पूरा विश्वास है।

तुम्हारा

अग्रज


13. आपके शहर में विराट हास्य कवि सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। इसमें देश के प्रसिद्ध हास्य कवि आमंत्रित हैं। इसके प्रचार के लिए एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए। [5]

अथवा

रजिस्टर एवं कॉपियाँ बनाने वाली 'रचना कंपनी' के लिए उत्पाद प्रचार हेतु एक विज्ञापन लगभग 25-50 शब्दों में तैयार कीजिए।






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