Class 12 Hindi Important Questions Aroh Chapter 13 काले मेघा पानी दे | काले मेघा पानी दे Class 12 Important Extra Questions Hindi Aroh Chapter 13 | काले मेघा पानी दे (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
काले मेघा पानी दे (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
प्रश्न 1:
'काले मेघा पानी दे' संस्मरण के लेखक ने लोक - प्रचलित विश्वासों को अंधविश्वास कहकर उनके निराकरण पर बल दिया है। - इस कथन की विवेचना कीजिए ?
उत्तर =
लेखक ने इस संस्मरण में लोक-प्रचलित विश्वास को अंधविश्वास कहा है। पाठ में इंदर सेना के कार्य को वह पाखंड मानता है। आम व्यक्ति इंदर सेना के कार्य को अपने-अपने तर्कों से सही मानता है, परंतु लेखक इन्हें गलत बताता है। इंदर सेना पर पानी फेंकना पानी की क्षति है। जबकि गरमी के मौसम में पानी की भारी कमी होती है। ऐसे ही अंधविश्वासों के कारण देश का बौद्धिक विकास अवरुद्ध होता है। हालाँकि एक बार इन्हीं अंधविश्वास की वजह से देश को एक बार गुलामी का दंश भी झेलना पड़ा।
प्रश्न 2:
'काले मेघा पानी दे' पाठ की 'इंदर सेना' युवाओं को रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा दे सकती हैं? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर -
इंदर सेना युवाओं को रचनात्मक कार्य करने की प्रेरणा दे सकती है। इंदर सेना सामूहिक प्रयास से इंद्र देवता को प्रसन्न करके वर्षा कराने के लिए कोशिश करती है। यदि युवा वर्ग के लोग समाज की बुराइयों, कमियों के खिलाफ़ सामूहिक प्रयास करें तो देश का स्वरूप अलग ही होगा। वे शोषण को समाप्त कर सकते हैं। दहेज का विरोध करना, आरक्षण का विरोध करना, नशाखोरी के खिलाफ़ आवाज उठाना-आदि कार्य सामूहिक प्रयासों से ही हो सकते हैं।
प्रश्न 3:
यदि आप धर्मवीर भारती के स्थान पर होते तो जीजी के तर्क सुनकर क्या करते और क्यों? 'काले मेधा पानी दे-पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर -
यदि मैं लेखक के स्थान पर होता तो जीजी का तर्क सुनकर वहीं करता जो लेखक ने किया, क्योंकि तर्क करने से तो जीजी शायद ही कुछ समझ पातीं, उनका दिल दुखता और हमारे प्रति उनका सद्भाव भी घट जाता। लेखक की भाँति मैं भी जीजी के प्यार और सद्भाव को खोना नहीं चाहता। यही कारण है कि आज भी बहुत-सी बेतुकी परंपराएँ हमारे देश को जकड़े हुए हैं।
प्रश्न 4:
'काले मेघा पानी दे' पाठ के आधार पर जल और वर्षा के अभाव में गाँव की दशा का वर्णन कजिए।
उत्तर =
गली-मोहल्ला, गाँव-शहर हर जगह लोग गरमी से भुन-भुन कर त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रहे थे। जेठ मास भी अपना ताप फैलाकर जा चुका था और अब तो आषाढ़ के भी पंद्रह दिन बीत चुके थे। कुएँ सूखने लगे थे, नलों में पानी नहीं आता था। खेत की माटी सूख सूखकर पत्थर हो गई थी। पपड़ी पड़कर अब खेतों में दरारें पड़ गई थीं। झुलसा देने वाली लू चलती थी। ढोर-ढंगर प्यास से मर रहे थे, पर प्यास बुझाने के लिए पानी नहीं था। निरुपाय से ग्रामीण पूजा-पाठ में लगे थे। अंत में इंद्र से वर्षा के लिए प्रार्थना करने इंदर सेना भी निकल पड़ी थी।
प्रश्न 5:
दिन-दिन गहराते पानी के संकट से निपटने के लिए क्या आज का युवा वर्ग 'काले मेघा पानी दे' की इंदर सेना की तर्ज पर कोई सामूहिक आंदोलन प्रारंभ कर सकता हैं? अपने विचार लिखिए।
उत्तर -
आज के समय पानी के गहरे संकट से निपटने के लिए युवा वर्ग सामूहिक आंदोलन कर सकता है। युवा वर्ग शहर व गाँवों में पानी की फिजूलखर्ची को रोकने के लिए प्रचार आंदोलन कर सकता है। गाँवों में तालाब खुदवा सकता है ताकि वर्षा के जल का संरक्षण किया जा सके। युवा वृक्षारोपण अभियान चला सकता है ताकि वर्षा अधिक हो तथा पानी भी संरक्षित रह सके। वह घर घर में पानी के सही उपयोग की जानकारी दे सकता है।
प्रश्न 6:
ग्रीष्म में कम पानी वाले दिनों में गाँव-गाँव में डोलती मेढ़क-मंडली पर एक बाल्टी पानी उड़ेलना जीजी के विचार से पानी का बीज बोना हैं, कैसे?
उत्तर -
जीजी का मानना है कि गरमी के दिनों में मेंढक-मंडली पर एक बाल्टी पानी उड़ेलना पानी का बीज बोना है। वे कहती हैं कि जब हम किसी को कुछ देंगे तभी तो अधिक लेने के हकदार बनेंगे। इंद्र देवता को पानी नहीं देंगे तो वह हमें क्यों पानी देगा। ऋषि-मुनियों ने भी त्याग व दान की महिमा गाई है। पानी के बीज बोने से काले मेघों की फसल होगी जिससे गाँव, शहर, खेत खलिहानों को खूब पानी मिलेगा।
प्रश्न 7:
जीजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर -
लेखक ने जीजी के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई हैं।
(क) स्नेहशील- जीजी लेखक को अपने बच्चों से भी अधिक प्यार करती थीं। वे सारे अनुष्ठान, कर्मकांड लेखक से करवाती थीं ताकि उसे पुण्य मिलें।
(ख) आस्थावती-जीजी आस्थावती नारी थीं। वे परंपराओं, विधियों, अनुष्ठानों में विश्वास रखती र्थी तथा श्रद्धा से उन्हें पूरा करती थीं।
(ग) तर्कशीला-जीजी अपनी बात के समर्थन में तर्क देती थीं। उनके तर्कों के सामने आम व्यक्ति पस्त हो जाता था। इंदर सेना पर पानी फेंकने के पक्ष में जो तर्क वे देती हैं, उनका कोई सानी नहीं। लेखक भी उनके समक्ष स्वयं को कमजोर मानता है।
प्रश्न 8:
'गगरी फूटी बैल पियासा' का भाव या प्रतीकार्थ देश के संदर्भ में समझाइए।
उत्तर -
'गगरी फूटी बैल पियासा' एक ओर जहाँ सूखे की ओर बढ़ते समाज का सजीव एवं मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करता है वहीं यह देश की वर्तमान हालत का भी चित्रण करता है। यहाँ गाँव तथा आम लोगों के कल्याणार्थ भेजी अरबों-खरबों की राशि न जाने कहाँ गुम हो जाती है। भ्रष्टाचार का दानव इस समूची राशि को निगल जाता है और आम आदमी की स्थिति वैसी की वैसी ही रह जाती है अर्थात उसकी आवश्यकता रूप प्यास अनबुझी रह जाती है।
प्रश्न 9:
'काले मेघा पानी दे' सस्मरण विज्ञान के सत्य पर सहज प्रेम की विजय का चित्र प्रस्तुत करता हैं। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
'काले मेघा पानी दे' संस्मरण में वर्षा न होना, सूखा पड़ना आदि के विषय में विज्ञान अपना तर्क देता है और वर्षा न होने जैसी समस्या के सही कारणों का ज्ञान कराते हुए हमें सत्य से परिचित कराता है। इस सत्य पर लोक-प्रचलित विश्वास और सहज प्रेम की जीत हुई है क्योंकि लोग इस समस्या का हल अपने-अपने ढंग से ढूँढने में जुट जाते हैं, जिनका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। लोगों में प्रचलित विश्वास इतना पुष्ट है कि वे विज्ञान की बात मानने को तैयार नहीं होते।
प्रश्न 10:
धर्मवीर भारती मेंढ़क-मंडली पर पानी डालना क्यों व्यर्थ मानते थे?
उत्तर -
लेखक धर्मवीर भारती मेंढक-मंडली पर पानी डालना इसलिए व्यर्थ मानते थे क्योंकि चारों ओर पानी की घोर कमी थी। लोग पीने के लिए बड़ी कठिनाई से बाल्टी-भर पानी इकट्ठा करके रखे हुए थे, जिसे वे इस मेढक-मंडली पर फेंक कर पानी की घोर बर्बादी करते हैं। इससे देश की अति होती है। वह पानी को यूँ फेंकना अंधविश्वास के सिवाय कुछ नहीं मानने थे।
प्रश्न 11:
'काले मघा पानी दे' में लेखक ने लोक मान्यताओं के पीछ छिपे किस तर्क को उभारा है? आप भी अपने जीवन के अनुभव से किसी अधविश्वास के पीछे छिपे तर्क को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
‘काले मेघा पानी दे” में लेखक ने लोक-मान्यताओं के पीछे छिपे उस तर्क को उभारा है, जिसके अनुसार ऐसी मान्यता है कि जब तक हम किसी को कुछ देंगे नहीं, तब तक उससे लेने का हकदार कैसे बन सकते हैं। उदाहरणतया, यदि हम इंद्र देवता को पानी नहीं देंगे तो वे हमें पानी क्यों देंगे। इंदर सेना पर बाल्टी भरकर पानी फेंकना ऐसी ही लोकमान्यता का प्रमाण है। हमारे जीवन के अनुभव से अंधविश्वास के पीछे छिपा तर्क यह है कि यदि काली बिल्ली रास्ता काट जाती है तो अंधविश्वासी लोग कहते हैं कि रुक जाओ, बाद में जाना पर मेरा तर्क यह है कि इसमें कोई सत्यता नहीं है। यह समय को बरबाद करने के अलावा कुछ नहीं है।
प्रश्न 12:
मेढ़क मंडली पर पानी डालने को लेकर लेखक और जीजी के विचारों में क्या भिन्नता थी?
उत्तर -
मेढक मंडली पर पानी डालने को लेकर लेखक का विचार यह था कि यह पानी की घोर बर्बादी है। भीषण गर्मी में जब पानी पीने को नहीं मिलता हो और लोग दूर-दराज से इसे लाए हों तो ऐसे पानी को इस मंडली पर फेंकना देश का नुकसान है। इसके विपरीत, जीजी इसे पानी की बुवाई मानती हैं। वे कहती हैं कि सूखे के समय हम अपने घर का पानी इंदर सेना पर फेंकते हैं, तो यह भी एक प्रकार की बुवाई है। यह पानी गली में बोया जाता है जिसके बदले में गाँवों, शहरों में, कस्बों में बादलों की फसल आ जाती है।
Hey thanks
ReplyDeletevery very thankyu sir but sir i want give you a suggetion that please upload the pyqs of each chapters . please sir
ReplyDeleteQuestion 2--- aarakchan kyo jati hi khatam kro na
ReplyDeleteThanks sir aap hamre liye itni mehnat karte ho 🤗
ReplyDeleteEk question tha sir kisme pareshani ko tadne ki skti jyada hoti hai option a. bcche me , option b .kutte me , option
ReplyDeleteDhanyabad 🙏🙏 Guru ji
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