Apathit Gadyansh in Hindi | How to Solve Apathit Kavyansh | हिंदी अपठित गद्यांश पद्यांश | अपठित गद्यांश और पद्यांश (वैकल्पिक उत्तर) (MCQ)
पद्यांश को हल करने के टिप्स और ट्रिक्स
पद्यांश संबंधी सामान्य बातें:
पद्यांश को ही काव्य कहा जाता है।
काव्य का स्तर, विचार, भाषा, शैली आदि प्रत्येक दृष्टि से परीक्षा के स्तर के अनुरूप होता है ।
काव्य का स्वरूप साहित्यिक, वैज्ञानिक, तथा विवरणात्मक भी होता है।
पद्यांश पर आधारित प्रश्नों को हल करने के लिए सुझाव:
● पद्यांश को ध्यानपूर्वक तथा समय की बचत करते हुए पढ़े तथा उसकी विषय वस्तु तथा केंद्रीय भाव जानने का प्रयास करें।
● जिस विषय के बारे में कई बार बात पद्यांश में की जाये वह उसका केंद्रीय भाव हो सकता है।
● जो तथ्य आपको पद्यांश पढ़ते हुए महत्वपूर्ण लगे उन्हें रेखांकित अवश्य करें इससे आपका समय आवश्यक रूप से बचेगा ।
● प्रश्नों के सही उत्तर को ध्यानपूर्वक चिन्हित करें ।
● उत्तर पद्यांश पर आधारित होना चाहिए कल्पनात्मक उत्तर न दें।
● पद्यांश में दी गई जानकारी को सही मानते हुए सही उत्तर निकालने का प्रयास करे।
● प्रत्येक विकल्प पर विचार करके देखें कि उनमे से किसके अर्थ की संगति सम्बंधित वाक्य के साथ सही बैठ रही है ।
पद्यांश का उदाहरण:
क्या करोगे अब ?
समय का
जब प्यार नहीं रहा
सर्वसहा पृथ्वी का
आधार नहीं रहा
न वाणी साथ है
न पानी साथ है
न कही प्रकाश है स्वच्छ
जब सब कुछ मैला है आसमान
गंदगी बरसाने वाले
एक अछोर फैला है
कही चले जाओ
विनती नहीं है
वायु प्राणप्रद
आदंकर आदमी
सब जग से गायब है
1. कवि ने धरती के बारे में क्या कहा है …
A. रत्नगर्भा
B. आधारशिला
C. सर्वसहा
D. माँ
2. 'आदमकद आदमी' से क्या तात्पर्य है
A. मानवीयता से भरपूर आदमी
B. ऊंचे कद का आदमी
C. सम्पूर्ण मनुष्य
D. सामान्य आदमी
3. आसमान की तुलना किससे से की गयी है…
A. समुद्र से
B. नीली झील से
C. पतंग से
D. गंदगी बरसाने वाले थैले से
4. प्राणदान का तात्पर्य है
A. प्राणों को पूर्ण करने वाला
B. प्राण प्रदान करने वाला
C. प्राणों को प्रणाम करने वाला
D. प्राणों को छीन लेने वाला
5. कवि समय से कब और क्यों कतराना चाहते हैं
A. किसी के पास बात करने का समय नहीं
B. किसी को दो क्षण बैठने का समय नहीं
C. किसी को प्यार करने का समय नही
D. किसी को गप मारने का समय नही
उत्तर - 1. C, 2. A, 3. D, 4. B, 5. C
अपठित गद्यांश
1. प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये –
राहे पर खड़ा है, सदा से ठूँठ नहीं है। दिन थे जब वह हरा भरा था और उस जनसंकुल चौराहे पर अपनी छतनार डालियों से बटोहियों की थकान अनजाने दूर करता था। पर मैंने उसे सदा ठूँठ ही देखा है। पत्रहीन, शाखाहीन, निरवलंब, जैसे पृथ्वी रूपी आकाश से सहसा निकलकर अधर में ही टंग गया हो। रात में वह काले भूत-सा लगता है, दिन में उसकी छाया इतनी गहरी नहीं हो पाती जितना काला उसका जिस्म है और अगर चितेरे को छायाचित्र बनाना हो तो शायद उसका-सा ‘अभिप्राय’ और न मिलेगा। प्रचंड धूप में भी उसका सूखा शरीर उतनी ही गहरी छाया ज़मीन पर डालता जैसे रात की उजियारी चांदनी में।जब से होश संभाला है, जब से आंख खोली है, देखने का अभ्यास किया है, तब से बराबर मुझे उसका निस्पंद, नीरस, अर्थहीन शरीर ही दिख पड़ा है।
पर पिछली पीढ़ी के जानकार कहते हैं कि एक जमाना था जब पीपल और बरगद भी उसके सामने शरमाते थे और उसके पत्तों से, उसकी टहनियों और डालों से टकराती हवा की सरसराहट दूर तक सुनाई पड़ती थी। पर आज वह नीरव है, उस चौराहे का जवाब जिस पर उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम चारों और की राहें मिलती हैं और जिनके सहारे जीवन अविरल बहता है। जिसने कभी जल को जीवन की संज्ञा दी, उसने निश्चय जाना होगा की प्राणवान जीवन भी जल की ही भांति विकल, अविरल बहता है। सो प्राणवान जीवन, मानव संस्कृति का उल्लास उपहार लिए उन चारों राहों की संधि पर मिलता था जिसके एक कोण में उस प्रवाह से मिल एकांत शुष्क आज वह ठूँठ खड़ा है। उसके अभाग्यों परंपरा में संभवतः एक ही सुखद अपवाद है – उसके अंदर का स्नेहरस सूख जाने से संख्या का लोप हो जाना। संज्ञा लुप्त हो जाने से कष्ट की अनुभूति कम हो जाती है।
1. जनसंकुल का क्या आश्य है?
क) जनसंपर्क
ख) भीड़भरा
ग) जनसमूह
घ) जनजीवन
2. आम की छतनार डालियों के कारण क्या होता था?
क) यात्रियों को ठंडक मिलती थी
ख) यात्रियों को विश्राम मिलता था
ग) यात्रियों की थकान मिटती थी
घ) यात्रियों को हवा मिलती थी
3. शाखाहीन, रसहीन, शुष्क वृक्ष को क्या कहा जाता है?
क) नीरस वृक्ष
ख) जड़ वृक्ष
ग) ठूँठ वृक्ष
घ) हीन वृक्ष
4. आम के वृक्ष के सामने पीपल और बरगद के शरमाने का क्या कारण था?
क) उसका अधिक हरा-भरा और सघन होना
ख) हवा की आवाज सुनाई देना
ग) अधिक फल फूल लगना
घ) अधिक ऊँचा होना
5. आम केे अभागेपन में संभवतः एक ही सुखद अपवाद था –
क) उसका नीरस हो जाना
ख) संज्ञा लुप्त हो जाना
ग) सूख कर ठूँठ हो जाना
घ) अनुभूति कम हो जाना
उत्तर - 1. ख, 2. ग, 3. ग, 4. क, 5. ख
2. प्रस्तुत गद्यांश को पढ़िए और उचित विकल्पों का चयन करके उत्तर दीजिये –
गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों को मानव-मात्र की समानता और स्वतंत्रता के प्रति जागरुक बनाने का प्रयत्न किया। इसी के साथ उन्होंने भारतीयों के नैतिक पक्ष को जगाने और सुसंस्कृत बनाने के प्रयत्न भी किए। गांधी जी ने ऐसा क्यों किया? इसलिए कि वे मानव-मानव के बीच काले-गोरे, या ऊँच-नीच का भेद ही मिटाना प्रयाप्त नहीं समझते थे, वरन उनके बीच एक मानवीय स्वभाविक स्नेह और हार्दिक सहयोग का संबंध भी स्थापित करना चाहते थे।
इसके बाद जब वे भारत आए, तब उन्होंने इस प्रयोग को एक बड़ा और व्यापक रुप दिया विदेशी शासन के अन्याय-अनीति के विरोध में उन्होंने जितना बड़ा सामूहिक प्रतिरोध संगठित किया, उसकी मिसाल संसार के इतिहास में अन्यत्र नहीं मिलती। पर इसमें उन्होंने सबसे बड़ा ध्यान इस बात का रखा कि इस प्रतिरोध में कहीं भी कटुता, प्रतिशोध की भावना अथवा कोई भी ऐसी अनैतिक बात न हो जिसके लिए विश्व-मंच पर भारत का माथा नीचा हो। ऐसा गांधी जी ने इसलिए किया क्योंकि वे मानते थे कि बंधुत्व, मैत्री, सदभावना , स्नेह-सौहार्द आदि गुण मानवता रूप टहनी के ऐसे पुष्प हैं जो सर्वदा सुगंधित रहते हैं।
1. अफ्रीका में प्रवासी भारतीयों के पीड़ित होने का क्या कारण था?
क) निर्धनता धनिकता पर आधारित भेदभाव
ख) रंग-भेद और सामाजिक स्तर से संबंधित भेदभाव
ग) धार्मिक भिन्ता पर आश्रित भेदभाव
घ) विदेशी होने से उत्पन्न मन-मुटाव
2. गांधी जी अफ्रीकावासियों और भारतीय प्रवासियों के मध्य क्या स्थापित करना चाहते थे?
क) सहज प्रेम एवं सहयोग की भावना
ख) पारिवारिक अपनत्व की भावना
ग) अहिंसा एवं सत्य के प्रति लगाव
घ) विश्वबंधुत्व की भावना
3. भारत में गांधीजी का विदेशी शासन का प्रतिरोध किस पर आधारित था?
क) संगठन की भावना पर
ख) नैतिक मान्यताओं पर
ग) राष्ट्रीयता के विचारों पर
घ) शांति की सदभावना पर
4. बंधुत्व, मैत्री आदि गुणों की पुष्पों के साथ तुलना आधारित है –
क) उनकी सुंदरता पर
ख) उनकी कोमलता पर
ग) उनके अपनत्व पर
घ) उनके कायिक प्रभाव पर
5. गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक क्या होगा?
क) अफ्रीका में गांधी जी
ख) प्रवासी भारतीय और गांधी जी
ग) गांधी जी की नैतिकता
घ) गांधी जी और विदेशी शासन
उत्तर - 1. ख, 2. क, 3. क, 4. ग, 5. ग
उत्तम संग्रह
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DeleteNice
Deleteयस
Deleteधन्यवाद..
ReplyDeleteOk
DeleteThanks
ReplyDeletethanks
ReplyDeleteboorgir
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteTTHANKYOUUUUUUUU VERY MUCH
DeleteInteresting
ReplyDeleteI like this
Thanks 😊
ReplyDeleteChup
DeleteYou need to add more gadhyansh and also add some tips
ReplyDeletebruhhhhhhhhh dude
ReplyDeleteThnx 😌👍 sir
ReplyDelete,🤫🖕🖕🖕
DeleteNice
ReplyDelete❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteNice really helpful sir your content 👍 near exam
ReplyDeleteAll Preety Girls walk like this!
ReplyDeletesir I need to improve my spelling mistakes in hindi . because of wrong spelling mistake I had been loss my 22 marks in hindi in class 9 outo. of 40 . but now I am in class 10 so I am join with you to improve my hindi
ReplyDeleteSir could you please add some more kavyansh!
ReplyDeleteThank you ☺️........
ReplyDeleteThank you
ReplyDeleteSir good content
ReplyDeleteThanks sir 🤗
ReplyDeleteOk sir
ReplyDeleteSir 1 padyansh m question 3 m 4 option m thela kya h
ReplyDeleteThx so much
ReplyDeleteVery good!
ReplyDeleteThanksgiving sir
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