Important Questions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 17 Poem Gazal | साये में धूप (गजल) (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)

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 Important Questions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 17 Poem Gazal | साये में धूप (गजल) (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)


 साये में धूप (गजल) (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)





प्रश्न 1:
‘गजल का प्रतिपाद्य लिखिए। 

उत्तर -
'गजल' नामक इस विधा में कवि राजनीतिज्ञों के झूठे वायदों पर व्यंग्य करता है कि वे हर घर में चिराग उपलब्ध कराने का वायदा करते हैं, परंतु यहाँ तो शहर में ही चिराग नहीं है। कवि को पेड़ों के साये में धूप लगती है अर्थात् आश्रयदाताओं के यहाँ भी कष्ट मिलते हैं। अतः वह हमेशा के लिए इन्हें छोड़कर जाना ठीक समझता है। वह उन लोगों के जिंदगी के सफर को आसान बताता है जो परिस्थिति के अनुसार स्वयं को बदल लेते हैं। मनुष्य को खुदा न मिले तो कोई बात नहीं, उसे अपना सपना नहीं छोड़ना चाहिए। थोड़े समय के लिए ही सही, हसीन सपना तो देखने को मिलता है। कुछ लोगों का विश्वास है कि पत्थर पिघल नहीं सकते। कवि आवाज़ के असर को देखने के लिए बेचैन है। शासक शायर की आवाज को दबाने की कोशिश करता है, क्योंकि वह उसकी सत्ता को चुनौती देता है। कवि किसी दूसरे के आश्रय में रहने के स्थान पर अपने घर में जीना चाहता है।

प्रश्न : 2
कवि के असंतोष के कारण बताइए।

उत्तर -
कवि के असंतोष के निम्नलिखित कारण हैं।
(क) जनसुविधाओं की भारी कमी।
(ख) लोगों में प्रतिरोधक क्षमता समाप्त होना।
(ग) ईश्वर के बारे में आकर्षक कल्पना करना तथा उसी के सहारे जीवन बिता देना।

प्रश्न 3:
'दरख्तों का साया और धूप का क्या प्रतीकार्थ है?

उत्तर -
दरख्तों का साया का अर्थ है-जनकल्याण की संस्थाएँ। धूप का अर्थ है-कष्ट। कवि कहना चाहता है कि भारत में संस्थाएँ लोगों को सुख देने की बजाय कष्ट देने लगी हैं। वे भ्रष्टाचार का अड्डा बन गई हैं।

प्रश्न 4:
'सिल दे जुबान शायर की पंक्ति का आशय स्पष्ट करें।

उत्तर -
कवि का आशय यह है कि कुशासन के विरोध में जब शायर विरोध करता है तो उसे कुचल दिया जाता है। उसकी रचनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। सत्ता अपने खिलाफ विद्रोह का स्वर नहीं सुनना चाहती।।

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