Usha Important Questions Class 12 | Usha Important Question Answer | Class 12 Usha Question Answer

9

Usha Important Questions Class 12 | Usha Important Question Answer | Class 12 Usha Question Answer






1. सूर्योदय से पहले आकाश में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं? ‘उषा’ कविता के आधार पर बताइए। [CBSE Sample Paper; 2007. (Foreign), 2009]

अथवा

‘उषा’ कविता के आधार पर सूर्योदय से ठीक पहले के प्राकृतिक दृश्यों का चित्रण कीजिए।

उत्तर- सूर्योदय से पहले आकाश का रंग शंख जैसा नीला था, उसके बाद आकाश राख से लीपे चौके जैसा हो गया। सुबह की नमी के कारण वह गीला प्रतीत होता है। सूर्य की प्रारंभिक किरणों से आकाश ऐसा लगा मानो काली सिल पर थोड़ा लाल केसर डालकर उसे धो दिया गया हो या फिर काली स्लेट पर लाल खड़िया मिट्टी मल दी गई हो। सूर्योदय के समय सूर्य का प्रतिबिंब ऐसा लगता है जैसे नीले स्वच्छ जल में किसी गोरी युवती का प्रतिबिंब झिलमिला रहा हो।
2. ‘उषा’ कविता के आधार पर उस जादू को स्पष्ट कीजिए जो सूर्योदय के साथ टूट जाता है। [CBSE (Outside), 2009, 2010]
उत्तर- सूर्योदय से पूर्व उषा का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है। भोर के समय सूर्य की किरणें जादू के समान लगती हैं। इस समय आकाश का सौंदर्य क्षण-क्षण में परिवर्तित होता रहता है। यह उषा का जादू है। नीले आकाश का शंख-सा पवित्र होना, काली सिल पर केसर डालकर धोना, काली स्लेट पर लाल खड़िया मल देना, नीले जल में गोरी नायिका का झिलमिलाता प्रतिबिंब आदि दृश्य उषा के जादू के समान लगते हैं। सूर्योदय होने के साथ ही ये दृश्य समाप्त हो ज़ाते हैं।
3. ‘स्लेट पर या लाल खड़िया चाक मल दी हो किसी ने।‘ -इसका आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- कवि कहता है कि सुबह के समय अँधेरा होने के कारण आकाश स्लेट के समान लगता है। उस समय सूर्य की लालिमा-युक्त किरणों से ऐसा लगता है जैसे किसी ने काली स्लेट पर लाल खड़िया मिट्टी मल दिया हो। कवि आकाश में उभरे लाल-लाल धब्बों के बारे में बताना चाहता है।
4. भोर के नभ को 'राख से लीपा गीला चौका ‘ की संज्ञा दी गई है। क्यों ?
उत्तर- कवि कहता है कि भोर के समय ओस के कारण आकाश नमीयुक्त व धुंधला होता है। राख से लिपा हुआ चौका भी मटमैले रंग का होता है। दोनों का रंग लगभग एक जैसा होने के कारण कवि ने भोर के नभ को ‘राख से लीपा, गीला चौका’ की संज्ञा दी है। दूसरे, चौके को लीपे जाने से वह स्वच्छ हो जाता है। इसी तरह भोर का नभ भी पवित्र होता है।
5‘उषा’ कविता में प्रातःकालीन आकाश की पवित्रता, निर्मलता व उज्ज्वलता से संबंधित पंक्तियों को बताइए।
उत्तर- पवित्रता- राख से लीपा हुआ चौका।
निर्मलता- बहुत काली सिल जरा से केसर से/कि जैसे धुल गई हो।
उज्ज्वलता- नीले जल में या किसी की
गौर झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो।

6. सिल और स्लेट का उदाहारण देकर कवि ने आकाश के रंग के बारे में क्या कहा है ?
उत्तर- कवि ने सिल और स्लेट के रंग की समानता आकाश के रंग से की है। भोर के समय आकाश का रंग गहरा नीला-काला होता है और उसमें थोड़ी-थोड़ी सूर्योदय की लालिमा मिली हुई होती है।
7. ‘उषा’ कविता में भोर के नभ की तुलना किससे की गई हैं और क्यों? [CBSE (Delhi), 2015]
उत्तर- ‘उषा’ कविता में प्रात:कालीन नभ की तुलना राख से लीपे गए गीले चौके से की गई है। इस समय आकाश नम एवं धुंधला होता है। इसका रंग राख से लिपे चूल्हे जैसा मटमैला होता है। जिस प्रकार चूल्हा-चौका सूखकर साफ़ हो जाता है उसी प्रकार कुछ देर बाद आकाश भी स्वच्छ एवं निर्मल हो जाता है।

Post a Comment

9Comments

If you have any doubts, Please let me know

  1. had great fun learning and memorising

    ReplyDelete
    Replies
    1. Plz make a video on camera ma bandh apahij again

      Delete
  2. Thank you sir ☺️

    ReplyDelete
  3. Awesome content.

    ReplyDelete
  4. You've probably observed that there are a plethora of books and publications on the market, causing students to get paralysed when it comes to picking the best books for themselves. Different people will recommend different books to you, but you must be wise enough to make your own decisions when selecting the best books for class 12th preparation. For more information visit @ www.sssi.in

    ReplyDelete
  5. Your notes are great sir

    ReplyDelete
  6. Sir you are best

    ReplyDelete
  7. Sir you are best

    ReplyDelete
Post a Comment