NCERT Solutions For Class 10 Hindi Kshitiz Chapter 13 मानवीय करुणा की दिव्या चमक | मानवीय करुणा की दिव्य चमक (अभ्यास-प्रश्न)
मानवीय करुणा की दिव्य चमक (अभ्यास-प्रश्न)
प्रश्न 1. फादर की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी क्यों लगती थी?
फादर परिमल की गोष्ठियों में सबसे बड़े माने जाते थे। वे सब के साथ पारिवारिक संबंध व मेलजोल बनाकर रखते थे। इससे भी महत्त्वपूर्ण बात है कि सबके घरों में होने वाले विभिन्न उत्सवों पर आशीर्वाद देकर कृतार्थ करते थे। हर व्यक्ति उनसे स्नेह करता था। वात्सल्य भाव तो उनकी आँखों में सदैव तैरता रहता था। उनकी उपस्थिति देवदार के वृक्ष की भाँति लगती थी।
प्रश्न 2. फादर बुल्के भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग है, किस आधार पर ऐसा कहा गया है?
फादर बुल्के बेल्जियम के रहने वाले थे। उन्होंने संन्यासी बनकर भारत में आकर रहने का निर्णय किया। भारत आकर उन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से समझा। ईसाई धर्म से संबंधित होते हुए भी उनका भारतीय संस्कृति के प्रति लगाव था। इतना ही नहीं उन्होंने रामायण का शोध प्रबंध भी किया। इस आधार पर लेखक ने फादर को भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग कहा है।
प्रश्न 3. पाठ में आए उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जिनसे फादर बुल्के का हिंदी प्रेम प्रकट होता है?
फादर बुल्के बेल्जियम के रहने वाले थे। यहाँ आकर उन्होंने हिंदी का अच्छा ज्ञान प्राप्त कर लिया। फादर ने मात्र लिंक द्वारा रचित नाटक 'ब्लू बर्ड' का 'नील पंछी' के नाम से हिंदी में अनुवाद किया। उन्होंने शब्दकोश का भी निर्माण किया। साथ ही बाइबिल का भी हिंदी अनुवाद किया। वे हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने की चिंता में रहते थे। उन्हें ऐसे लोगों पर झुंझलाहट होती थी जो हिंदी जानते हुए भी उसकी उपेक्षा करते थे।
प्रश्न 4. इस पाठ के आधार पर फादर कामिल बुल्के की जो छवि उभरती है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
फादर कामिल बुल्के विदेशी होते हुए भी मन से भारतीय थे। उन्होंने अपना जीवन भारतीय दर्शकों के अनुकूल बिताया। वे भारतीय संस्कृति के अभिन्न अंग बन कर रहे। उन्होंने हिंदी के उत्थान के लिए अनेक कार्य किए। वे हिंदी को प्रतिष्ठित राष्ट्रभाषा के रूप में देखना चाहते थे। उनका व्यक्तित्व दूसरों को सहारा देने वाला था। वे दूसरों के प्रति दया, सहानुभूति, करुणा आदि मानवीय गुणों से सदा भरे रहते थे। उन्हें कभी क्रोध में नहीं देखा।
प्रश्न 5. लेखक ने फादर बुल्के को 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' क्यों कहा है?
फादर कामिल बुल्के अपने हृदय में दीन दुखी के प्रति करुणा का भाव रखते थे। एक बार दिल से रिश्ता बना लेते थे, उसे जीवनभर निभाते थे। उनके हृदय में एक दिव्य शक्ति थी जो दुख के समय शांति की वर्षा करती थी। उनके संपर्क में जो भी आता था, उसका ह्रदय असीम शांति की अनुभूति करता। क्रोध तो मानो उनको छू भी नहीं सकता था। इसी कारण लेखक ने उन्हें 'मानवीय करुणा की दिव्य चमक' कहा है।
प्रश्न 6. फादर बुल्के ने संन्यासी की परंपरागत छवि से अलग एक नयी छवि प्रस्तुत की है, कैसे?
परंपरागत संन्यासी समाज से अपना रिश्ता नाता तोड़ लेते हैं। वे किसी के सुख दुख में सम्मिलित नहीं होते हैं। वे सदैव अपनी भक्ति में लीन रहते हैं किंतु फादर बुल्के की छवि इससे अलग थी। वे सदा समाज में रहते हैं। एक बार जिससे नाता बना लेते थे, उसे जीवनभर निभाते थे। उन्हें भारत में रहकर भी अपने परिवार की चिंता थी। जब वे दिल्ली आते तो लेखक से अवश्य मिलते। इस प्रकार फादर बुल्के की छवि परंपरागत संन्यासी से अलग थी।
प्रश्न 7. आशय स्पष्ट कीजिए -
क) नम आँखों को गिनना स्याही फैलाना है।
फादर बुल्के की मृत्यु पर उनके असंख्य प्रियजन, वैज्ञानिक, शिक्षक तथा साहित्यकार काफी संख्या में आए थे। वे सभी अत्यधिक रोए व दुखी हुए। उनके बारे में लिखना व्यर्थ में स्याही बर्बाद करना था अर्थात उनकी मृत्यु पर रोने वालों की संख्या अत्यधिक थी।
ख) फादर को याद करना एक उदास शांत संगीत को सुनने जैसा था।
लेखक के अनुसार जब भी हम फादर को याद करते तो उनका करुणा पूर्ण और शांत व्यक्तित्व हमारे सामने उभर कर आ जाता है। जिस प्रकार उदास शांत संगीत को सुनकर तनाव कम हो जाता है, ठीक उसी प्रकार फादर बुल्के को याद करके तनाव कम हो जाता है।
Thank you so much sir!!!👏👏👏
ReplyDeleteOwowoowowowoowoow
ReplyDeleteuwuwuwuwu
DeleteThank you sir
ReplyDeletethank you so much
Sir your answer are mind blowing 🙏🙏 thank u sir 😁😊😁
ReplyDeleteSir please in sabhi questions answers ko pdf form m provide kr dijeye
ReplyDeleteApke ans easily yaad ho jate h or samaj v aate h✌️
ReplyDeleteGreat knowledge sir
ReplyDeleteSir aap bhut acha pdate h aapke expression itne achehote h ki hume turant yad bhi ho jata h or sabse badi bat aap logo ko paise ke bina itna gyan de rhe h
ReplyDeleteThankyou sir
Sir aapne rachna aur abhivyakti ke questions nhi diye
ReplyDeleteThanku so much sir.
ReplyDeletegreat sir
ReplyDeleteSir aap sexy ho
ReplyDelete