NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 - Bhadand Anand Koslyayan | संस्कृति (अभ्यास-प्रश्न)

15

NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 17 - Bhadand Anand Koslyayan | संस्कृति (अभ्यास-प्रश्न)


संस्कृति (अभ्यास-प्रश्न)





प्रश्न 1. लेखक की दृष्टि में 'सभ्यता' और 'संस्कृति' की सही समझ अब तक क्यों नहीं बन पाई है?

लेखक का मत है कि रूढ़िवादी अपनी रूढ़ियों से इस प्रकार बँधे हुए हैं कि हर पल बदलते इस संसार में पिछड़ जाते हैं वे अपनी बंधी हुई सीमाओं तक सीमित रह जाते हैं और वे अपने जातिगत हितों की रक्षा करने में लगे रहते हैं और इसे ही अपनी सभ्यता और संस्कृति मान बैठते हैं। सच्चाई तो यह है कि सभ्यता और संस्कृति में किसी जातिगत भावना यहाँ तक कि धर्मगत भावना का कोई स्थान नहीं होता। उसमें पूरी मानवता के कल्याण की भावना होती है। यही कारण है कि लेखक की दृष्टि में सभ्यता और संस्कृति की सही समझ अब तक नहीं बन पाई है।

प्रश्न 2. आग की खोज एक बड़ी खोज मानी जाती है इस खोज के पीछे रही प्रेरणा के मुख्य स्रोत क्या रहे होंगे।

आग की खोज एक बहुत बड़ी खोज है। आग भोजन पकाने के काम आती है और भोजन से मनुष्य की भूख शांत होती है। आज भी हम हर सांस्कृति कार्य के आरंभ में दीप जलाते हैं। सर्दियों में तो आग का महत्त्व और भी बढ़ जाता है। आदिम युग में केवल पेट की भूख दूर करने के लिए इसकी खोज की गई थी तत्पश्चात आग को देवता तुल्य पूजा जाने लगा। आज भी आग का मानव जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान है

प्रश्न 3. वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' किसे कहा जाता जा सकता है?

जो व्यक्ति अपनी बुद्धि और विवेक से मानव को किसी नये तथ्य का दर्शन करवाता है अर्थात निस्वार्थ भाव से मानव का कल्याण करता है उसे संस्कृत व्यक्ति कहते हैं ऐसा व्यक्ति आंतरिक रूप से आविष्कार करता है। प्रस्तुत पाठ में न्यूटन का उदाहरण दिया गया है जो संस्कृत मानव है।

प्रश्न 4. न्यूटन को संस्कृत मानव कहने के पीछे कौन से तर्क दिए गए हैं? न्यूटन द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों एवं ज्ञान की कई दूसरी बारीकियों को जानने वाले लोग भी न्यूटन की तरह संस्कृत नहीं कहला सकते, क्यों?

न्यूटन एक महान वैज्ञानिक था। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण के बल के सिद्धांत का आविष्कार किया था। किसी पूर्व खोजी हुई वस्तु या सिद्धांत में परिमार्जन करने वाले व्यक्तियों को संस्कृत मानव नहीं कहा जा सकता क्योंकि वह पहले से अविष्कृत काम को ही आगे बढ़ा रहा है। उन व्यक्तियों को सभ्य तो कहा जा सकता है परंतु संस्कृत नहीं।

प्रश्न 5. किन महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सुई धागे का आविष्कार हुआ होगा?

आदिम युग में मनुष्य बिना कपड़ों के घूमते थे। उन्हें सर्दी गर्मी के कष्ट को सहना पड़ता था। उन कष्टों से बचने के लिए मनुष्य ने सुई धागे का आविष्कार किया। इसके अतिरिक्त अपने शरीर को ढकने को सजाने के भाव के कारण व दो कपड़ों को जोड़ने के लिए सुई धागे का आविष्कार हुआ होगा किंतु दूसरा विचार गौण प्रतीत होता है, और पहला प्रधान।

प्रश्न 6. मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है किन्हीं दो प्रसंगों का उल्लेख कीजिए जब-

क)  मानव संस्कृति को विभाजित करने की चेष्टाएँ की गई।

मानव संस्कृति अविभाज्य है परंतु मानव ने कभी-कभी संस्कृति को भंग करने का दुस्साहस किया है। हिन्दू - मुस्लिम भावनाओं को भड़काकर लड़ाई-झगड़े करवाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करने के लिए आज के नेताओं का आम कार्य हो गया है। आजकल आरक्षण के नाम पर संस्कृति को विभाजित किया जाता है।

ख) जब मानव संस्कृति ने अपने एक होने का प्रमाण दिया।

जब भी स्वार्थी लोगों ने संस्कृति को विभाजित करने का प्रयास किया तब संस्कृति के वे तथ्य उभरकर आए जो उसे बनाए रखते हैं। जैसे 'त्याग' संस्कृति का प्रमुख तत्व है। त्यागशील व्यक्ति किसी भी धर्म का हो, वह सबके लिए कार्य करता है। उदाहरण के लिए जापान में संपूर्ण विश्व ने एक स्वर में विरोध किया। बिस्मिल्ला खाँ मुसलमान थे, परंतु बालाजी से आशीर्वाद लेकर संगीत के सम्राट कहलाए। अतः संस्कृति मानवीय गुण हैं जिसे विभाजित नहीं किया जा सकता।

प्रश्न 7. आशय स्पष्ट कीजिए-

मानव की जो योग्यता उससे आत्म-विनाश के साधनों का आविष्कार कराती है, हम उसे उसकी संस्कृति कहें  या असंस्कृति?

प्रस्तुत निबंध में लेखक ने संस्कृति और असंस्कृति के अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया कि कोई महान कार्य करना जिससे मानवता का कल्याण हो; उसे संस्कृति कहते हैं। इसके अतिरिक्त लूटमार, भ्रष्टाचारी, रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी, हिंसा आदि सभी कार्य संस्कृति नहीं हो सकते। ये असंस्कृति के कार्य हैं। पाठ में लेखक संस्कृत एवं सभ्य मानव बनने पर बल दिया है।


Post a Comment

15Comments

If you have any doubts, Please let me know

  1. Sir padyansh nhi hota h

    ReplyDelete
  2. Sir padyansh nhi hota h

    ReplyDelete
  3. Replies
    1. elvish ke chode padai ni kari ja ri tujse tera bapp h kya elvish har gaja systum itni bar ram ji ka nam le lia hota to tera kaliyan ho gya hota bsdk

      Delete
    2. aur mera nam lucky thakur h

      Delete
  4. Apka bahut aabhar teacer

    ReplyDelete
  5. Jai shree ram 🚩🚩❤

    ReplyDelete
    Replies
    1. Ram mere laude par... 👿

      Delete
    2. allah mere laude pe



      Delete
    3. allah ki maa ki chut betichod....jai shree ram

      Delete
Post a Comment