NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 3 आलो-आँधारि | आलो आँधारि (अभ्यास प्रश्न)

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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Vitan Chapter 3 आलो-आँधारि | आलो आँधारि (अभ्यास प्रश्न)


आलो आँधारि (अभ्यास प्रश्न)






प्रश्न 1. पाठ के किन अंशों से समाज की यह सच्चाई उजागर होती है कि पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं है। क्या वर्तमान समय में स्त्रियों की सामाजिक स्थिति में कोई परिवर्तन आया है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।

 पाठ में लेखिका ने समाज की सच्चाई को उजागर किया है कि पुरुष के बिना स्त्री का कोई अस्तित्व नहीं है। पति का घर छोड़कर लेखिका अपने बच्चों को लेकर किराए के मकान में रहने लगी थी। इस घर के मिलने से पूर्व वह चिंतित थी कि यदि घर नहीं मिला तो वह कहाँ रहेगी। इसलिए वह जगह जगह भटकी।
                                             वर्तमान समय में शिक्षा का स्तर बढ़ने और रोजगार से जुड़ने के कारण महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है परंतु आज भी उन्हें समाज में कदम कदम पर पुरुषों की आवश्यकता होती है। पुरुष के बिना स्त्री को समाज में वह सम्मान नहीं मिलता जो उसे मिलना चाहिए।

प्रश्न 2. अपने परिवार से तातुश के घर तक के सफर में बेबी के सामने रिश्तो की कौन सी सच्चाई उजागर होती है?

लेखिका सोचती है कि वह बच्चों का पालन पोषण आसानी से कर लेगी परंतु आसपास की महिलाएँ उसके और उसके पति के बारे में अनेक सवाल करती है। दूसरी और उसकी मदद सुनील नामक मोटरचालक करता है। वह उसे काम दिलवाता है। जबकि उसका बेबी से कोई रिश्ता नहीं था। परंतु उसके भाई ऐसा कुछ नहीं करते थे। एक बार लेखिका का घर टूटने के बाद वह रात भर सामान के साथ बैठकर रखवाली करती रही, जबकि उसके भाई उसका हाल जानने भी नहीं आए। ऐसी दशा में उसकी मदद भोला दा नामक मुसलमान करता है।

प्रश्न 3. इस पाठ से घरों में काम करने वालों के जीवन की जटिलताओं का पता चलता है। घरेलू नौकरों की और किन समस्याओं का पता चलता है? इस पर विचार कीजिए।

लेखिका स्वयं एक घरेलू नौकरानी है। बेबी ने पति के अत्याचार का सामना करने से बेहतर पति को त्यागने का कड़ा निर्णय लिया। घर में कुछ भी बुरा हो, भले ही वह कार्य घर के किसी सदस्य ने किया हो परंतु पहला सन्देह नौकरों पर ही किया जाता है। नौकरों ने भले ही अपनी क्षमता से अधिक कार्य क्यों न किया हो, परंतु उन्हें मौके-बे-मौके कामचोर कहने से चूकते नहीं है। एक समस्या यह है कि उन्हें कम वेतन देकर जीवन के लिए आवश्यक सुविधाएँ न देकर उनका शोषण किया जाता है।

प्रश्न 4. 'आलो-आँधारि' रचना बेबी की व्यक्तिगत समस्याओं के साथ-साथ कई सामाजिक मुद्दों को समेटे हैं। किन्हीं दो मुख्य समस्याओं पर अपने विचार प्रकट कीजिए। 

बालश्रम की समस्या 

लेखिका का बड़ा लड़का जिसकी उम्र काम करने की नहीं है फिर भी उसे काम करता देख तातुश लेखिका से कहता है कि बच्चों से काम करवाना गैरकानूनी है। उसे वहाँ से छुड़ा लाना चाहिए। उसे ऐसी जगह काम पर लगाना चाहिए जहाँ वह काम के साथ कुछ सीख सके, कुछ पढ़ सके। 

महिलाओं पर छींटाकशी व शोषण का प्रयास

स्वयं लेखिका ने लिखा है कि उसे काम पर आते जाते देख लोग तरह तरह की बातें करते थे। जैसे इसका पति इसके साथ नहीं रहता, यह भाड़े के मकान में अकेली रहती हैं, आदि। कुछ लोग बहाने बनाकर उसके घर आ जाते थे। ऐसी स्थिति आज भी हमारे समाज में विद्यमान है जो विकट सामाजिक समस्या है।

प्रश्न 5. तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो- जेठू का यह कथन रचना संसार के किस सत्य को उद्घाटित करता है।

तुम दूसरी आशापूर्णा देवी बन सकती हो। जेठू का यह कथन रचना संसार के उस सत्य को उद्घाटित करता है जिसमें प्रतिकूल परिस्थिति में रहते हुए लेखिका आशापूर्णा देवी ने अनेक रचनाओं का निर्माण किया था। वह भी केवल बांग्ला पड़ी थी और वह भी बहुत कम। लोगों के उपहास के डर से वह सबके सो जाने के बाद रात में लिखती थी। इसी तरह बेबी एक नौकरानी होते हुए भी समय निकालकर जो कुछ भी लिख रही थी, जेठू को वह श्रेष्ठ लगा। इसलिए जेठू ने उसकी तुलना आशापूर्णा देवी से की है।

प्रश्न 6. बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार नहीं आया होता तो उसका जीवन कैसा होता? कल्पना करें और लिखें।

बेबी की जिंदगी में तातुश का परिवार न आया होता तो बेबी को भी सामान्य घरेलू नौकरानी का जीवन जीना पड़ता। उसे भी शायद साल या दो साल में काम करने के लिए दूसरा नया घर ढूँढना पड़ता। उसके बच्चे न तो पढ़ लिख पाते और न ही कुछ काम सीख पाते। उचित दिशा-निर्देश के अभाव में वे बुरी आदतों का शिकार भी हो सकते थे। तातुश के परिवार के संपर्क में आने पर सबसे बड़ा परिवर्तन तो बेबी की जिंदगी में आया। उसे तातुश ने पढ़ने लिखने के लिए प्रेरित किया तथा उनकी मदद से ही वह लेखिका बन सकी।



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