NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 14 विदाई-संभाषण विदाई संभाषण (अभ्यास प्रश्न)
विदाई संभाषण (अभ्यास प्रश्न)
प्रश्न 1. शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
शिवशंभु की दो गाय की कहानी के माध्यम से लेखक हिंदुस्तान की आपसी प्रेम, मेलजोल व अच्छे व्यवहार की ओर संकेत करना चाहता है। आपसी प्रेम-भाव के कारण विदाई का समय बहुत दुखदायी होता है। इसका दृष्टांत लेखक ने दो गायों के माध्यम से दिया है। शिवशंभु के पास दो गाय थी। किसी कारणवश शिवशंभु ने अपनी बलशाली गाय को किसी पुरोहित को दे दिया किंतु इससे कमजोर गाय खुश न होकर इतनी दुखी हुई कि उसने चारा भी नहीं छुआ। इससे हमें पता चलता है कि पशु-पक्षी भी विदाई के समय दुःखी हो जाते हैं।
प्रश्न 2. आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया- यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?
इस कथन द्वारा लेखक ने बंगाल विभाजन की ओर संकेत किया है। लॉर्ड कर्जन के कार्यों में सबसे मुख्य कार्य बंगाल विभाजन ही था। 7 जुलाई 1905 को इस योजना की सरकारी घोषणा की गई। 6 अक्टूबर 1905 को इस योजना को लागू किया गया। ऊपरी तौर पर यह कदम प्रशासन की कुशलता की दृष्टि से उठाया गया था किंतु इसका वास्तविक उद्देश्य बंगाल में राष्ट्रीय आंदोलन को कमजोर बनाना तथा हिंदू मुसलमानों में फूट डालना था।
प्रश्न 3. लॉर्ड कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ा?
लॉर्ड कर्जन 1899 से 1904 तथा 1904 से 1905 तक दो बार वायसराय रहे। सारी जनता इनके शासन से दुखी थी। उन्होंने मनपसंद अंग्रेज सदस्यों को पदों पर नियुक्त करवाना चाहा। उनकी यह इच्छा पूरी न हो सकी तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
प्रश्न 4. विचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे!- आशय स्पष्ट कीजिए।
वायसराय लॉर्ड कर्जन का पद भारत देश में सम्मानित था किंतु उनके द्वारा देश में किए गए मनमानीय शासन से भारतीयों को हमेशा दुखी होना पड़ा। उन्होंने अपने शासनकाल में विकास के अनेक कार्य किए तथा नए-नए आयोग बनाए किंतु इन सभी का लाभ अंग्रेजों के हित में था। इसलिए उनके बारे में यह कहा गया है। इस पद को संभालते समय उनकी अलग शान थी किंतु ठीक कर्तव्यों का पालन न कर सकने के कारण उन्हें देश-विदेश दोनों जगह पर नीचा देखना पड़ा।
प्रश्न 5. आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में कोई तीसरी शक्ति और भी है- यहाँ तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?
आपके वहाँ के निवासियों के बीच तीसरे शक्ति भी है। लेखक ने इस कथन में तीसरी शक्ति ईश्वर को कहा है। यह शक्ति कभी न कभी न्याय अवश्य करती है। लॉर्ड कर्जन को भी अत्याचार का फल भुगतना पड़ा। परिणामस्वरूप अधिक समय तक वे वायसराय जैसे ऊँचे पद पर न रह सके। परमात्मा का यह न्याय ही था जो कर्जन को इस्तीफा देना पड़ा।
Thankyou 🤗 sir ✨
ReplyDeleteSame doubt
ReplyDeleteLast answer galat h tisri shakti yha angrezi sarkar ko kha gya h
ReplyDeleteSahi h vo
Delete3answer is right
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