Jaha koi Wapsi Nahi Class 12 Question Answer | Class 12 Hindi Jaha koi Wapsi Nahi Question Answer | जहाँ कोई वापसी नहीं पाठ के प्रश्न उत्तर

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Jaha koi Wapsi Nahi Class 12 Question Answer | Class 12 Hindi Jaha koi Wapsi Nahi Question Answer | जहाँ कोई वापसी नहीं पाठ के प्रश्न उत्तर 




 प्रश्न 1. अमझर से आप क्या समझते हैं ? अमझर गाँव में सूनापन क्यों है ?

उत्तर : ‘अमझर’. हम समझते हैं-आमों का झरना। यह एक गाँव का नाम है। यह गाँव आम के पेड़ों से घिरा था और यहाँ के पेड़ों से आम झरते (गिरते) रहते थे।

इस गाँव में अब सूनापन है। यहाँ के पेड़ों पर भी सूनापन पसरा हुआ है। अब न कोई फल पकता है और न कुछ नीचे झरता है। इसका कारण यह है कि जब से यह सरकारी घोषणा हुई कि अमरौली प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवागाँव के अनेक गाँव उजाड़ दिए जाएँगे और उनमें अमझर गाँव भी था, तब से यहाँ के आम के पेड़ सूखने लगे। जब आदमी ही उजड़ जाएँगे तो फिर पेड़ ही जीवित रहकर क्या करेंगे ?


प्रश्न 2. आधुनिक भारत के ‘नए शरणार्थी’ किन्हें कहा गया है ?

उत्तर : पुराने शरणार्थी तो वे थे जो भारत बँटवारे के समय पाकिस्तान से उजड़कर यहाँ आए थे। अब आधुनिक भारत के नए शरणार्थी वे हैं जिन्हें औद्योगीकरण की आँधी ने अपने घर, अपनी जमीन से उखाड़कर हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया है। उन्हें विकास और प्रगति के नाम पर उन्मूलित किया गया है। इन लोगों की जमीन को सरकार या औद्योगिक घरानों ने अधिग्रहित कर लिया और ये लोग सदा के लिए बेघर हो गए। ये कभी अपने घर लौट नहीं सकते।


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प्रश्न 3. प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है ?

उत्तर : प्रकृति के कारण विस्थापन अस्थायी होता है। बाढ़ या भूकंप के कारण लोग अपना घर-बार छोड़कर कुछ समय के लिए जरूर बाहर जाकर बस जाते हैं, पर मुसीबत के टलते ही वे दोबारा अपने पुराने परिवेश में लौट आते हैं। औद्योगीकरण के कारण हुए विस्थापन में लोग फिर कभी लौटकर अपने घर वापस नहीं आ पाते। उनके घर टूट चुके होते हैं, जमीन पर कोई उद्योग स्थापित हो चुका होता है। उसका परिवेश और आवास-स्थल हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं।


प्रश्न 4. यूरोप और भारत की पर्यावरणीय संबंधी चिंताएँ किस प्रकार भिन्न हैं ?

उत्तर : यूरोप में पर्यावरण का प्रश्न मनुष्य और भूगोल के बीच संतुलन बनाए रखने का है। वहाँ के लोग इसी संतुलन को बनाए रखने के बारे में चिंता करते हैं। उनकी चिंता भौगोलिक स्थिति के बारे में होती है। इसका संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। भारत में पर्यावरणीय चिंता का स्वरूप भिन्न है। भारत में मनुष्य और उसकी संस्कृति के बीच पारस्परिक संबंध को बनाए रखने का प्रश्न है। यहाँ मनुष्य के उन रिश्तों की बात होती है जो उसे धरती, जंगलों, नदियों से जोड़ता है। यही उसकी सांस्कृतिक विरासत है, वह इसी की चिंता करता है।


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प्रश्न 5. लेखक के अनुसार स्वातंत्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रैजडी क्या है ?

उत्तर : स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़ी ट्रैजडी यह नहीं है कि शासन वर्ग ने औद्योगीकरण का मार्ग चुना, बल्कि ‘ट्रैजडी’ यह है कि हमने पश्चिम की देखा-देखी और नकल में योजनाएँ बनाईं और इनको बनाते समय प्रकृति-मनुष्य और संस्कृति के बीच का नाजुक संतुलन नष्ट कर दिया। इस संतुलन को किस तरह से नष्ट होने से बचाया जाए, इस ओर हमारे पश्चिम शिक्षित सत्ताधारियों का ध्यान कभी ग्या ही नहीं। हम बिना पश्चिम को मॉडल बनाए अपनी शर्तों और मर्यादाओं के आधार पर औद्योगिक विकास का भारतीय स्वरूप निर्धारित कर सकते थे, वह हमारे शासकों ने किया ही नहीं। इसका उन्हें खयाल तक नहीं आया।


प्रश्न 6. औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, क्यों और कैसे ?

उत्तर : औद्योगीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, यह पूरी तरह सच है। औद्योगीकरण करने के लिए आम लोगों की जमीन अधिग्रहित की गई। उनको उजाड़ा गयां। वहाँ के परिवेश को नष्ट किया गया। इस औद्योगीकरण में मनुष्य ही नहीं उजड़ा बल्कि उसका परिवेश भी उजड़ गया। इससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ा। औद्योगीकरण के कारण जो उद्योग स्थापित किए गए उन्होंने अपने धुएँ से भी पर्यावरण को प्रदूषित किया। इन कारखानों से निकलने वाले कचरे ने पर्यावरण का संकट पैदा किया।


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प्रश्न 7. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए –

(क) आदमी उजड़ेंगे तो पेड़ जीवित रहकर क्या करेंगे ?

(ख) प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है ?

उत्तर : (क) जब लोगों को अपने घर-परिवार और परिवेश से उजाड़ दिया जाएगा तब भला पेड़ जीवित रहकर क्या करेंगे। आदमी और पेड़ का आपस में गहरा रिश्ता है। एक के बिना दूसरा व्यर्थ है।


(ख) प्रकृति जब किसी को उजाड़ती है तो फिर से बसने का मौका भी देती है जबकि इतिहास जब लोगों को उजड़ता है तो वे लोग फिर कभी अपने घर लौट नहीं पाते। यही इनके बीच अंतर है।


प्रश्न 8. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-

(क) आधुनिक शरणार्थी

(ख) औद्योगीकरण की अनिवार्यता

(ग) प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच आपसी संबंध

उत्तर : (क) आधुनिक शरणार्थी वे हैं जिन्हें औद्योगीकरण की आँधी ने उखाड़ा है इन्हें उद्योग स्थापित करने के लिए अपने घर, अपनी जमीन से हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया जाता है।


(ख) औद्योगीकरण की अनिवार्यता को तो सभी स्वीकार करते हैं क्योंकि इसके बिना देश प्रगति नहीं कर सकता, पर इसे करते समय प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच के संतुलन की भी रक्षा की जानी चाहिए।


(ग) प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच गहरा संबंध है। औद्योगीकरण इसको नष्ट कर डालता है। कुछ ऐसा रास्ता खोजना चाहिए कि यह रिश्ता नष्ट न होने पाए।


प्रश्न 9. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव-सौंदर्य लिखिए-

(क) कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है।

(ख) अतीत का समूचा मिथक संसार पोथियों में नहीं, इन रिश्तों की अदृश्य लिपि में मौजूद रहता था।

उत्तर : (क) जो इलाका खनिज संपदा से संपन्न होता है, उस पर सभी की नजर होती है। सरकार और उद्योगपति इसका दोहन करने के उपाय सोचते रहते हैं। यही संपदा उस इलाके के लिए अभिशाप बन जाती है। उसकी खुली लूट शुरू हो जाती है। कभी-कभी ईश्वर प्रदत्त संपदा ही लोगों की आँखों में खटकने लगती है और लोग उस पर कब्जा करने के उपाय सोचने लगते हैं।


(ख) भारत की संस्कृति की यह विशेषता है कि हमारे अतीत की सभी अच्छी बातें संसार की किताबों में सीमित होकर नहीं रह गई हैं अपितु वे मनुष्यों के आपसी रिश्तों में पूरी तरह घुल-मिल गई हैं। उनकी लिपि दिखाई नहीं देती अर्थात् इनका संबंध दिखावटी न होकर मन से है। हमारी संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। यह संस्कृति भारतीयों के रंग-ढंग, रहन-सहन, खान-पान, वेशभूषा में झलकती है। इन्हें छिपाकर नहीं रखा गया है। इसके लिए पुस्तकों को खोजने की आवश्यकता नहीं है।


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