Kallu Kumhar ki Unakoti Class 9 Question Answer | Class 9th Kallu Kumhar ki Unakoti Exercise Question Answer | कल्लू कुम्हार की उनाकोटी Question Answer
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1. ‘उनाकोटी’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए बतलाएँ कि यह स्थान इस नाम से क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर- उनाकोटी का अर्थ है-एक कोटी अर्थात् एक करोड़ से एक कम। इस स्थान पर भगवान शिव की एक करोड़ से एक कम मूर्तियाँ हैं। इतनी अधिक मूर्तियाँ एक ही स्थान पर होने के कारण यह स्थाने प्रसिद्ध है।
प्रश्न 2. पाठ के संदर्भ में उनाकोटी में स्थित गंगावतरण की कथा को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- उनाकोटी में पहाड़ों को अंदर से काटकर विशाल आधार मूर्तियाँ बनाई गई हैं। अवतरण के धक्के से कहीं पृथ्वी धंसकर पाताल लोक में न चली जाए, इसके लिए शिव को राजी किया गया कि वे गंगा को अपनी जटाओं में उलझा लें और बाद में धीरे-धीरे बहने दें। शिव का चेहरा एक समूची चट्टान पर बना हुआ है। उनकी जटाएँ दो पहाड़ों की चोटियों पर फैली है। यहाँ पूरे साल बहने वाला जल प्रपात है, जिसे गंगा जल की तरह ही पवित्र माना जाता है।
प्रश्न 3. कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से किस प्रकार जुड़ गया?
उत्तर- स्थानीय आदिवासियों के अनुसार कल्लू कुम्हार ने ही उनाकोटी की शिव मूर्तियों का निर्माण किया है। वह शिव का भक्त था। वह उनके साथ कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था। भगवान शिव ने शर्त रखी कि वह एक रात में एक करोड़ शिव मूर्तियों का निर्माण करे। सुबह होने पर एक मूर्ति कम निकली। इस प्रकार शिव ने उसे वहीं छोड़ दिया। इसी मान्यता के कारण कल्लू कुम्हार का नाम उनाकोटी से जुड़ गया।
प्रश्न 4. मेरी रीढ़ में एक झुरझरी-सी दौड़ गई’-लेखक के इस कथन के पीछे कौन-सी घटना जुड़ी है?
उत्तर- लेखक राजमार्ग संख्या 44 पर टीलियामुरा से 83 किलोमीटर आगे मनु नामक स्थान पर शूटिंग के लिए जा रहा था। इ यात्रा में वह सी.आर.पी.एफ. की सुरक्षा में चल रहा था। लेखक और उसका कैमरा मैन हथियार बंद गाड़ी में चल रहे। थे। लेखक अपने काम में इतना व्यस्त था कि उसके मन में डर के लिए जगह न थी। तभी एक सुरक्षा कर्मी ने निचली पहाड़ियों पर रखे दो पत्थरों की ओर ध्यान आकृष्ट करके कहा कि दो दिन पहले उनका एक जवान विद्रोहियों द्वारा मार डाला गया था। यह सुनकर लेखक की रीढ़ में एक झुरझुरी-सी दौड़ गई।
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प्रश्न 5. त्रिपुरा ‘बहुधार्मिक समाज’ का उदाहरण कैसे बना?
उत्तर त्रिपुरा में विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग बाहरी क्षेत्रों से आकर बस गए हैं। इस प्रकार यहाँ अनेक धर्मों का समावेश हो गया है। तब से यह राज्य बहुधार्मिक समाज का उदाहरण बन गया है।
प्रश्न 6. टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय किन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ? समाज-कल्याण के कार्यों में उनका क्या योगदान था?
उत्तर टीलियामुरा कस्बे में लेखक का परिचय जिन दो प्रमुख हस्तियों से हुआ उनमें एक हैं- हेमंत कुमार जमातिया, जो त्रिपुरा के प्रसिद्ध लोक गायक हैं। जमातिया 1996 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा पुरस्कृत किए जा चुके हैं। अपनी युवावस्था में वे पीपुल्स लिबरेशन आर्गनाइजेशन के कार्यकर्ता थे, पर अब वे चुनाव लड़ने के बाद जिला परिषद के सदस्य बन गए हैं।
लेखक की मुलाकात दूसरी प्रमुख हस्ती मंजु ऋषिदास से हुई, जो आकर्षक महिला थी। वे रेडियो कलाकार होने के साथसाथ नगर पंचायत की सदस्या भी थीं। लेखक ने उनके गाए दो गानों की शूटिंग की। गीत के तुरंत बाद मंजु ने एक कुशल गृहिणी के रूप में चाय बनाकर पिलाई।
प्रश्न 7. कैलासशहर के जिलाधिकारी ने आलू की खेती के विषय में लेखक को क्या जानकारी दी?
उत्तर- कैलासशहर के जिलाधिकारी ने लेखक को बताया कि यहाँ बुआई के लिए पारंपरिक आलू के बीजों के बजाय टी.पी.एस. नामक अलग किस्म के आलू के बीज का प्रयोग किया जाता है। इस बीज से कम मात्रा में ज्यादा पैदावार ली जा सकती है। यहाँ के निवासी इस तकनीक से काफी लाभ कमाते हैं।
प्रश्न 8. त्रिपुरा के घरेलू उद्योगों पर प्रकाश डालते हुए अपनी जानकारी के कुछ अन्य घरेलू उद्योगों के विषय में बताइए?
उत्तर- त्रिपुरा के लघु उद्योगों में मुख्यतः बाँस की पतली-पतली सीकें तैयार की जाती हैं। इनका प्रयोग अगरबत्तियाँ बनाने में किया जाता है। इन्हें कर्नाटक और गुजरात भेजा जाता है ताकि अगरबत्तियाँ तैयार की जा सकें। त्रिपुरा में बाँस बहुतायत मात्रा में पाया जाता है। इस बाँस से टोकरियाँ सजावटी वस्तुएँ आदि तैयार की जाती हैं।
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