Awara Masiha Important Question Answer | Awara Masiha Class 11 Question Answer | Class 11 Hindi Awara Masiha Question Answer | आवारा मसीहा पाठ के प्रश्न उत्तर कक्षा 11

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Awara Masiha Important Question Answer | Awara Masiha Class 11 Question Answer | Class 11 Hindi Awara Masiha Question Answer | आवारा मसीहा पाठ के प्रश्न उत्तर कक्षा 11

 



प्रश्न 1. शरत का मन भारी क्यों था ?

उत्तर : शरत को भागलपुर में नाना के घर रहते हुए तीन साल हो गए थे। अब उसके वहाँ से जाने का समय आ गया था। वह अपने मामा सुरेंद को लेकर बाग में पहुँचा था। पेड़ों के आसपास घूमते मानो उनसे मन-ही-मन विदा ले रहा था। उसे ऐसा लग रहा था कि पता नहीं, यहाँ वापस आना हो या न हो। वह अपनी उदासी छिपाने के लिए लगातार बातें कर रहा था। उसे भागलपुर से बहुत लगाव था। यही सोचकर कि अब वह यहाँ से चला जाएगा, उसका मन भारी हो गया था।


प्रश्न 2. शरत को अपनी माँ और पिता के साथ तीन वर्ष पूर्व भागलपुर क्यों आना पड़ा ?

उत्तर : शरत के पिता मोतीलाल कल्पनाशील व्यक्ति थे। उन्हें एक स्थान पर टिककर रहना पसंद नहीं था। परिवार के पालन के लिए कई जगह नौकरी की परंतु उनके शिल्पी मन का दासता के बंधन के समय कोई सामंजस्य न हो पाता था। उनका हर काम अधूरा रहता था। कुछ दिन नौकरी में मन लगता, फिर एक दिन अचानक बड़े साहब से झगड़ा कर बैठते और नौकरी छोड़ देते थे।

कुछ दिन बाद उनका मन पढ़ने-लिखने में व्यस्त हो जाता। उन्हें कहानी, उपन्यास, नाटक सभी कुछ लिखने का शौक था। वे बड़े उत्साह से रचना लिखनी आरंभ करते थे। उनकी रचनाओं का आरंभ महत्वपूर्ण होता था परंतु अंत महत्वहीन होता था। उन्होंने अंत की अनिवार्यता को कभी महत्व नहीं दिया था। उनके इसी व्यवहार से उनकी पत्नी भुवनमोहिनी क्षुब्ध रहती थी। जब परिवार का भरण-पोषण असंभव हो गया तो वह अपने पिता केदारनाथ के पास भागलपुर रहने चली गई।


प्रश्न 3. देवी मामा को किसके अपराध की सज़ा मिली थी ? वह अपराध क्या था ?

उत्तर : एक दिन मामा देवी और नाना केदारनाथ सोए हुए थे। वही पास में बच्चे बँठे थे। उसी समय तक चमगादड़ का बच्चा कमरे में घुसकर बच्चों के सिर मँडराने लगा। बच्चे पढ़ाई छोड़कर चमगादड़ से बचने लगे। शरत और मणि के हाथों में चमगादड़ को मारने की खुजली होने लगी। दोनों लाठियाँ लेकर चमगादड़ को मारने के लिए दौड़ने लगे। चमगादड़ का बच्चा खिड़की में से निकल गया।

बच्चों की लाठी पर में जा लगी। दीये का तेल चादर पर गिर गया और दीया बुझ गया। मणि और शरत यह देखकर कमरे से भाग गए। नाना केदारनाथ ने कमरे में अँधेरा देखकर पूछा कि यह किसका काम है। नौकर को वहाँ मणि और शरत दिखाई नहीं दिए। उसने वहीं सो रहे देवी का नाम लगा दिया। नाना केदारनाथ ने देवी मामा को कान पकड़कर खड़ा कर दिया और उसे अस्तबल में बंद करने की सज़्रा मिली। देवी मामा को शरत् और मणि के अपराध की सज्ञा मिली थी।


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प्रश्न 4. बालक शरत के उपवन में कौन-कौन से फूल लगे थे ?

उत्तर : बालक शरत के नाना के घर पशु-पक्षी पालना, उपवन लगाना, पतंग उड़ाना जैसे बाल सुलभ-कार्य करने मना थे। बालक शरत ने अपने नाना और मामा से छिपकर अपना उपवन लगा रखा था। उस उपवन में अनेक प्रकार के फूल-गाछ और लता-गुल्म थे। ऋतु के अनुसार उपवन में जूही, बेला, चंद्र माल्लिका और गेंदा के फूल के पौधे लगा रखे थे। जब उन पौधों में फूल खिलते थे तो वह और उसके दल के बच्चे उन्हें देखकर प्रसन्न होते थे।


प्रश्न 5. बालक शरत ने शारीरिक कसरत के लिए अखाड़ा कहाँ बना रखा था ? उस अखाड़े को किस प्रकार तैयार किया गया ?

उत्तर : अंग्रेज्जी स्कूल में पढ़ते समय उसे अपने शरीर का बड़ा ध्यान रहता था। शरत् ने अभिभावकों से छिपकर नाना के घर के उत्तर में गंगा के पास एक खाली पड़े मकान के आँगन को अखाड़े के लिए तैयार किया। गोला फेंकने के लिए गंगा के गर्भ से बड़ेबड़े गोल पत्थर आ गए थे। बच्चों के पास पैसों का अभाव था इसलिए पैरेलल बार की व्यवस्था नहीं हो सकी। शरत ने इस पर सोच-विचार करके कहा कि पैरेलल बार के स्थान पर बाँस की बार तैयार की जाए। उसी संध्या बच्चों ने बाँस काटा और पैरेलल बार तैयार की। सब बच्चे वहाँ पर बिना शोर मचाए कुश्ती लड़ते, गोला फेंकते और पैरेलल बार पर झूलते थे।


प्रश्न 6. मणि और शरत् द्वारा गंगा-स्नान करने पर पकड़े जाने पर उनके साथ घर पर कैसा व्यवहार हुआ ?

उत्तर शरत् का विश्वास था कि तैरने पर शरीर बनता है। गंगा घर के पास थी। कई बार गंगा का जल कम हो जाने पर उसमें छोटे-छोटे ताल बन जाते थे जिसमें लाल-लाल जल भर जाता था। शरत् उस लाल जल में नहाना चाहता था परंतु नाना के यहाँ गंगा-स्नान के लिए जाना मना था। एक दिन शरत मणि मामा के साथ गंगा में स्नान के लिए कूद पड़ा। उस दिन अघोरनाथ नाना जल्दी घर आ गए थे। मणि को घर पर न पाकर उसके बारे में पूछा तो पता चला कि वह और शरत गंगा पर स्नान के लिए गए है। अघोरनाथ क्रोध से भर गए। दोनों बालक खुशी-खुशी स्नान करके घर लौँटे ही थे कि अघोरनाथ नाना मणि पर सिंह के समान गर्जन करते हुए टूट पड़े। उस दिन मणि की जो दुर्गति हुई उससे उसको टीक होने में पाँच सात दिन लग गए। शरत को उस समय छोटी नानी ने छिपा दिया था जिससे वह बच गया था।


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प्रश्न 7. शरत ने साँप वशीकरण मंत्र की परीक्षा कैसे ली ? क्या वह उसमें र्तफल रहा ?

उत्तर : शरत को अपने पिता की अलमारी में से ‘संसार कोश’ नाम पुस्तक मिली थी। उस पुस्तक में उसे गुरुजनों के दंड से मुक्ति पाने के मंत्र के साथ साँप को वश में करने का मंत्र भी मिला। शरत उस मंत्र की परीक्षा करने को आतुर हो उठा। कोश में लिखा था कि एक हाथ लंबी बेल की जड़ किसी भी विषाक्त साँप के फण के पास रख देने पर पल-भर में वह साँप सिर नीचा कर निर्जीव हो जाएगा। शरत ने बेल की जड़ दूँढ़ ली, परंतु उसे साँप कहीं नहीं मिला। शायद साँपों को इस मंत्र का पता लग गया था। एक दिन अभरूद के पेड़ के नीचे एक गोखरु साँप का बच्चा मिला। शरत अपने दल सहित वहाँ जा पहुँचा और उसे बिल से बाहर निकालने के लिए छेड़ने लगा। साँप ने बालकों के अत्याचारों से दुखी होकर अपना फण उठा लिया। फण के उठाते ही शरत ने बेल की जड़ उसके आगे कर दी। सबका विश्वास था कि अभी साँप वश में हो जाएगा और सिर झुकाकर सबसे क्षमा प्रार्थना करेगा। शरत का साँप वशीकरण का यह उपाय विफल हो गया। साँप जड़ को ही डसने लगा। बच्चे यह देखकर डर गए। मणि ने लाठी से उस साँप को मार दिया।


प्रश्न 8. शरत की सुरेंद्र मामा से क्यों पटती थी ?

उत्तर : सुंदु शरत् से उम्र में छोटा था परंतु रिश्ते में उसका मामा लगता था। वह सुंदंद मामा से कोई भी बात नहीं छिपाता था। इसके पीछे शायद यह कारण था कि शरत की माँ ने सुरेंद को अपना दूध पिलाया था। सुंदु अभी छोटा ही था कि उसकी मॉँ के फिर से संतान होने की संभावना दिखाई दी। उधर शरत का छोटा भाई शैशव में ही चल बसा था, तब उसकी माँ ने सुरेंद को अपना दूध पिलाकर पाला था, इसीलिए शरत की सुंरुद मामा से बहुत पटती थी।


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प्रश्न 9. शरत में आस-पास के वातावरण को अध्ययन करने की सहज प्रतिभा थी, हमें इसका पता कैसे चलता है ?

उत्तर : शरत ने अपने स्कूल के छोटे-से पुस्तकालय से उस समय के प्रसिद्ध लेखकों की सभी किताबें लेकर पढ़ ली थीं। वह केवल किताबें पढ़ता ही नहीं था बल्कि उसको समझने और हर वस्तु को पास से जानने का प्रयास करता था। उसमें अपने आस-पास के वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन करने की सहज प्रतिभा थी। इसका पता इस घटना से लगता है-

एक बार वह अपने अवकाश-प्राप्त अध्यापक अघोरनाथ अधिकारी के साथ घाट पर जा हा था। रास्ते में एक घर से धीरे-धीरे करुण स्वर में एक स्त्री के रोने की आवाज़ सुनाई दी। अधिकारी महोदय ने पूछा कि कौन रो रहा है ? उस प्रश्न का उत्तर शरत ने इस प्रकार दिया कि रोने वाली स्त्री का आदमी अंधा था। कल रात वह मर गया, इसलिए वह दुखी थी। दुखी लोग बड़े आदमियों की तरह दिखाने के लिए ज्रोर-ज्रोर से नहीं रोते। उनका रोना प्राणों को चीर देता है। मास्टर जी इस स्त्री का रोना सचमुच का है। इस उत्तर को सुनकर कह सकते हैं कि शरत में आस-पास के वातावरण का सूक्ष्म अध्ययन करने की प्रतिभा सहज थी।


प्रश्न 10. गांगुली परिवार में ऐसा कौन व्यक्ति था, जिस पर नवयुग की हवा का प्रभाव था ? उनका संक्षिप्त परिचय दीजिए।

उत्तर : गांगुली परिवार की कठोरता और कट्टरता के मध्य एक व्यक्ति ऐसा था, जिस पर नवयुग की हवा का प्रभाव हुआ था। वे केदारनाथ के चौथे भाई अमरनाथ थे। वे शौकीन तबीयत के थे। कबूतर पालते थे। उस युग में कंघा, शीशा और वृश इत्यादि का प्रयोग करते थे। सिर पर अंग्रेज्री फ़ैशन के बाल रखते थे। दफ़तर से लौटकर बच्चों को पीपरमेंट की गोलियाँ इत्यादि देते थे। उनकी पढ़ने में भी बहुत रुचि थी। उनके द्वारा ही गांगुली परिवार में बंकिम चंद्र के ‘बंगदर्शन’ का प्रवेश हुआ था। वह इस अखबार को चोरी-छिपे लाते थे। उनसे ‘बंगदर्शन’ भुवनमोहिनी के द्वारा मोतीलाल के पास पहुँचता था। दुर्भाग्य से अमरनाथ बहुत दिन जी नहीं सके। बच्चों को उनसे बहुत प्यार था। उनके जाने का सबसे अधिक दुख बच्चों को हुआ था।

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