Kartoos Class 10 Question Answers | Kartoos Class 10 Question Answers NCERT | कारतूस Class 10 Question Answer

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Kartoos Class 10 Question Answers | Kartoos Class 10 Question Answers NCERT | कारतूस Class 10 Question Answer 


मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1. कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में क्यों लगा हुआ था?

उत्तर- कर्नल कालिंज का खेमा जंगल में वज़ीर अली की गिरफ़्तारी के लिए लगा हुआ था। कर्नल कालिंज को यह लग रहा थी कि वज़ीर अली अवश्य ही जंगल में कहीं-न-कहीं छिपा होगा। बरसों से वह कर्नल की पूरी फौज की आँखों में धूल झोंक रहा था। यद्यपि वह इन्हीं जंगलों में घूम रहा था।


प्रश्न 2. वज़ीर अली से सिपाही क्यों तंग आ चुके थे?

उत्तर- सिपाही वज़ीर अली से तंग आ चुके थे। क्योंकि हफ़्ते से डेरा डालने और उसे ढूँढ़ने के बाबजूद भी वज़ीर अली पकड़ा नहीं जा रहा था। वे जंगल में रहते-रहते परेशान हो चुके थे।


प्रश्न 3. कर्नल ने सवार पर नज़र रखने के लिए क्यों कहा?

उत्तर- कर्नल ने लेफ्टीनेंट को सवार पर नज़र रखने के लिए इसलिए कहा, ताकि वह यह देख सके कि सवार किस दिशा की तरफ जा रहा है और उसकी गतिविधियों की जाँच हो सके।


प्रश्न 4.  सवार ने क्यों कहा कि वज़ीर अली की गिरफ़्तारी बहुत मुश्किल है?

उत्तर- सवार ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि सवार स्वयं वज़ीर अली था। वह एक जाँबाज़ सिपाही था जिसे अंग्रेज़ अधिकारी साधारण सवार समझ रहे थे। कर्नल के साथ पूरी फौज़ थी फिर भी सवार ने ऐसा कहा क्योंकि उसे कर्नल के खेमे में कोई भी पहचान नहीं पाया था।


लिखित


(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिनहुड की याद क्यों आ जाती थी?

उत्तर- वज़ीर अली के अफ़साने सुनकर कर्नल को रॉबिन हुड की याद आ जाती थी, क्योंकि उनको जंगल में डेरा डाले हफ़्तों हो गए थे, फिर भी वज़ीर अली भूत की तरह हाथ ही नहीं लगता था। इसी प्रकार रॉबिन हुड भी जंगलों में घूमता रहता था, पर किसी के भी हाथ नहीं लगता था।


प्रश्न 2. सआदत अली कौन था? उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत क्यों समझा?

उत्तर- सआदत अली अवध के नवाब आसिफउद्दौला का भाई और वज़ीर अली को चाचा था। आसिफ अली को जब तक संतान न थी तब तक सआदत अली के अवध का नवाब बनने की पूरी संभावना थी लेकिन वज़ीर अली के पैदा होते ही उसका सपना टूट गया उसे अपनी नवाबी खतरे में लगने लगी। अतः उसने वज़ीर अली की पैदाइश को अपनी मौत समझा।


प्रश्न 3. सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का क्या मकसद था?

उत्तर- सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का विशेष मकसद था। दोस्त होने के कारण उसे उसपर पूर्ण विश्वास था कि स्वयं तो वह ऐशो-आराम का जीवन बिताएगा ही, साथ ही उन्हें भी अर्थात् कर्नल को भी दौलत तथा संपत्ति देकर मालामाल कर देगा और उनकी जरूरतों के अनुसार हर तरह की मदद करेगा।


प्रश्न 4. कंपनी के वकील का कत्ल करने के बाद वजीर अली ने अपनी हिफ़ाज़त कैसे की?

उत्तर- वज़ीर अली को उसके पद से हटाने के बाद अंग्रेज़ों ने उसे बनारस भेज दिया और तीन लाख रुपया सालाना वज़ीफा तय कर दिया। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता बुलाया। वज़ीर अली इस बुलावे से चिढ़कर कंपनी के वकील के पास गया जो बनारस में ही रहता था। वकील ने वजीर अली की शिकायत की कोई परवाह नहीं की, उल्टा उसे बुरा-भला सुना दिया। वज़ीर अली को गुस्सा आ गया और उसने खंजर निकालकर वकील का कत्ल कर दिया। इसके बाद वज़ीर अली अपने सैनिकों के साथ आज़मगढ़ की ओर भाग गया। वहाँ के बादशाह ने उन लोगों को अपनी हिफाज़त में घाघरा तक पहुँचा दिया। तब से वह जंगलों में छिपकर अपनी शक्ति बढ़ाने लगा।


प्रश्न 5. सवार के जाने के बाद कर्नल क्यों हक्का-बक्का रह गया?

उत्तर- सवार के जाने के बाद कर्नल हक्का-बक्का इसलिए रह गया, क्योंकि जिस वज़ीर अली को पकड़ने के लिए वह जंगल में लावलश्कर के साथ लंबे समय से डेरा डाले हुए था, वही वज़ीर अली ऐसा वेश बदलकर आया कि कर्नल को उसके किसी भी हाव-भाव से नहीं पता चला कि वह वज़ीर अली है। इसके अतिरिक्त उसने बड़ी ही होशियारी से अपना परिचय देकर कर्नल से कारतूस लेकर उसकी जान भी बख्श दी और देखते-ही-देखते घोड़े पर सवार होकर चला गया। कर्नल केवल घोड़ों की टापों का शोर ही सुनता रह गया।

 

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(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. लेफ्टीनेंट को ऐसा क्यों लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है?

उत्तर- देश में अलग-अलग अनेक स्थानों पर राजा एवं नवाब कंपनी का विरोध कर रहे थे। जब लेफ़्टीनेंट ने देखा कि वज़ीर अली, टीपू सुल्तान तथा बंगाल के नवाब शमसुद्दौला ने बाहरी देशों जैसे अफ़गानिस्तान के बादशाह शाहे-ज़मा को हिंदुस्तान पर हमला करने की दावत दे दी है, तो उसे ऐसा लगा कि कंपनी के खिलाफ़ सारे हिंदुस्तान में एक लहर दौड़ गई है अर्थात् हिंदुस्तान में चारों ओर से कंपनी के खिलाफ युद्ध की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं।


प्रश्न 2. वज़ीर अली ने कंपनी के वकील का कत्ल क्यों किया?

उत्तर- वज़ीर अली को अंग्रेज़ों ने रहने के लिए बनारस भिजवा दिया था और उसे तीन लाख रुपया सलाना वजीफा देना तय किया था। कुछ महीने बाद गवर्नर जनरल ने वज़ीर अली को कलकत्ता बुलवाया। वज़ीर अली वहाँ जाना नहीं चा हता था। कंपनी का वकील भी बनारस में रहता था। इसलिए वह गवर्नर की शिकायत लेकर कंपनी के वकील के पास गया। शिकायत पर ध्यान न देकर वकील ने वज़ीर अली को भला-बुरा सुना दिया। इससे वज़ीर अली के स्वाभिमान को गहरा धक्का लगा। दूसरा वज़ीर अली कंपनी सरकार से नफ़रत करता था। इन दोनों कारणों के जुड़ जाने से वज़ीर अली ने वकील का कत्ल कर दिया।


प्रश्न 3. सवार ने कर्नल से कारतूस कैसे हासिल किए?

उत्तर- सवार, जो कि स्वयं वज़ीर अली था, ने कर्नल से अपनी जाँबाजी और सूझ-बूझ से उसके खेमे में घुसकर, उसकी । जान बख्शकरे, कारतूस हासिल किए अर्थात् कर्नल और उसकी फ़ौज से बिना डरे वज़ीर अली ने कर्नल को उसकी औकात दिखाने के लिए उसी से कारतूस हासिल कर लिए।


प्रश्न 4. वज़ीर अली एक जाँबाज़ सिपाही था, कैसे? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- वज़ीर अली सचमुच एक जाँबाज सिपाही था। वह बहुत हिम्मती और साहसी था। उसे अपना लक्ष्य पाने के लिए जान की बाजी लगानी आती थी। जब उससे अवध की नवाबी ले ली गई तो उसने अंग्रेज़ों के विरुद्ध संघर्ष करना शुरू कर दिया। उसने गवर्नर जनरल के सामने पेश होने को अपना अपमान माना और पेश होने से साफ मना कर दिया। गुस्से में आकर उसने कंपनी के वकील की हत्या कर डाली। यह हत्या शेर की माँद में जाकर शेर को ललकारने जैसी थी। इसके बाद वह आज़मगढ़ और गोरखपुर के जंगलों में भटकता रहा। वहाँ भी निडर होकर अंग्रेज़ों के कैंप में घुस गया था। उसे अपनी जान की भी परवाह नहीं थी। उसके जाँबाज़ सिपाही होने का परिचय उस घटना से मिलता है जब वह अंग्रेज़ों के कैंप में घुसकर कारतूस लेने में सफल हो जाता है तथा कर्नल उसे देखता रह जाता है। इन घटनाओं से पता चलता है कि वह सचमुच जाँबाज़ आदमी था।


(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1. मुट्ठीभर आदमी और ये दमखम।

उत्तर- इसका आशय है कि वज़ीर अली के पास मुट्ठी भर आदमी थे, अर्थात् बहुत कम आदमियों की सहायता या साथ था, फिर भी इतनी शक्ति और दृढ़ता का परिचय देना कमाल की बात थी। सालों से जंगल में रहने पर भी स्वयं कर्नल, उनकी सेना का बड़ा समूह; जो बहु-संख्या में युद्ध-सामग्री से लैस था, मिलकर भी उसे पकड़ नहीं पाए थे। उसकी अदम्य शक्ति और दृढ़ता को जीत नहीं पाए थे। वह हर काम इतनी सावधानी तथा होशियारी से करता था कि मुट्ठी भर आदमियों ने ही कर्नल के इतने बड़े सेना समूह की नाक में दम कर दिया था।


प्रश्न 2. गर्द तो ऐसे उड़ रही है जैसे कि पूरा एक काफ़िला चला आ रहा हो मगर मुझे तो एक ही सवार नजर आता है।

उत्तर- यह कथ न अंग्रेज़ों की फौज़ के लेफ़्टीनेंट का है। वज़ीर अली अकेला ही पूरे काफ़िले के समान था। वह तूफान की तरह शक्तिशाली और गतिशील था। उसके घोड़े की टापों से उड़ने वाली धूल ऐसा आभास देती थी मानो पूरी फौज़ चली आ रही है। इस वाक्य से आने वाले सवार के व्यक्तित्व की महानता की झलक मिलती है जो अकेले होते हुए भी अकेला नहीं दिखता। यह सवार वज़ीर अली था जिसका पता किसी को न चला।



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