Important Questions CBSE Class 10 Hindi A – माता का आँचल | माता का अँचल (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
माता का अँचल (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)
प्रश्न 1.
मूसन तिवारी द्वारा बाल मंडली की शिकायत के बाद पाठशाला में भोलानाथ के साथ कैसा व्यवहार हुआ और उन्हें उनके पिता जी के द्वारा किस प्रकार घर लाया गया? इस घटना से बच्चों की किस मनोवृत्ति का पता चलता है? 'माता के अँचल' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मूसन तिवारी द्वारा बाल मंडली की शिकायत के बाद पाठशाला से चार लड़के भोलानाथ और बैजू की गिरफ्तारी का वारंट लेकर निकले। भोलानाथ जैसे ही घर पहुँचा, वैसे ही वे चारों लड़के उस पर टूट पड़े और उसे लेकर मूसन तिवारी के पास गए। उन्होंने भोलानाध की खूब खबर ली। भोलानाथ का रोते-रोते बुरा हाल था। जब भोलानाथ के बाबूजी ने यह सुना तो वे दौड़ते हुए पाठशाला पहुँचे और गोद में उठाकर उसे पुचकारने एवं फुसलाने लगे। फिर उन्होंने गुरु जी से विनती करके गोदी में भोलानाथ को घर ले चले। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि बच्चों में चिढ़ाने एवं तंग करने की प्रवृत्ति बहुत होती है। ये परिणाम के बारे में बिना सोचे ही अपने मन की इच्छा पूरी करने लगते हैं। संभवतः नटखट होना इसी को कहा जाता है। इसके अलावा, यह भी स्पष्ट होता है कि खेल के चक्कर में वे सारी बातें भूल जाते हैं। जब साथ में दोस्तों का समूह मिल जाता है तो फिर उनकी प्रवृत्ति मनमानी करने की हो जाती है। यही बचपना है, यही बच्चों की मानसिकता है।
प्रश्न 2
'माता का अँचल' पाठ में लेखक का अपने माता-पिता से बहुत लगाव है, माता पिता भी उनका बहुत ध्यान रखते हैं। आपके विचार से लेखक को अपने माता-पिता के लिए क्या-क्या करना चाहिए? 2015
उत्तर:
'माता का अँचल' पाठ में लेखक का अपने माता-पिता से बहुत लगाव है, माता पिता भी उनका बहुत ध्यान रखते है। लेखक को अपने पिता से अधिक ही जुड़ाव था। वह अपने पिता के साथ बाहर बैठक में सोया करता था। पिता ही उसे नहलाया-धुलाया करते थे तथा उसे तैयार कर अपने पास पूजा में बिठाते थे। माँ लेखक को दूध पिलाती थी, ठीक प्रकार खाना खिलाती थी। उसके सिर पर तेल लगाती, चोटी बनाती, माथे पर काजल की बिंदी लगाकर नज़र से बचाने का उपक्रम करती थी। लेखक पिता के कंधे पर विराजमान रहता था, लाड़ में वह पिता की मूंछे उखाड़ता था। मुसीबत के समय वह माता के आँचल की शरण लेता था। इस प्रकार माता-पिता दोनों लेखक को सुख पहुँचाने का प्रयास करते थे। मेरे विचार से लेखक को अपने माता-पिता का कहना मानना चाहिए। उन्हें किसी भी प्रकार तंग नहीं करना चाहिए। शरारतें नहीं करनी चाहिए और न ही माता-पिता को शिकायत का मौका देना चाहिए। उनका आदर और सम्मान करना चाहिए।
प्रश्न 3
'माता का अँचल' पाठ में भोलानाथ एक स्थान पर, दूसरे बच्चों की कुसंगति में एक वृद्ध व्यक्ति को चिढ़ाता है। मज़ाक उड़ाता है। इस अनुपयुक्त व्यवहार के लिए उसे क्या दंड भोगना पड़ता है? आप इस घटना से क्या शिक्षा ग्रहण करते हैं। 2014
उत्तर:
लेखक के गाँव में एक बूढ़ा व्यक्ति था जिसका नाम मूसन तिवारी था। उसे दिखाई कम देता था। भोलानाथ दूसरे बच्चों की कुसंगति में पड़कर उसने सबके साथ मिलकर उन्हें यह कहकर चिढ़ाता है- 'बुढ़वा बेईमान मांगे करेला का चोखा। इससे मूसन तिवारी चिढ़ जाते हैं। वे बच्चों को मारने के लिए उनके पीछे भागते हैं। बच्चे भाग जाते हैं और उनके हाथ नहीं आते। वे बच्चों की शिकायत करने स्कूल तक पहुँच जाते हैं। भोलानाथ जैसे ही घर पहुँचता है, वैसे ही उनके गुरुजी द्वारा भेजे गए लड़के उन्हें पकड़ लेते हैं। अपने इस अनुपयुक्त व्यवहार के लिए उन्हें गुरुजी द्वारा दिया गया दंड भोगना पड़ता है। गुरुजी भोलानाथ की खूब खबर लेते हैं और अन्ततः यह बात उनके पिताजी तक पहुँच जाती है। इस घटना से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें कभी भी किसी भी बूढ़े व्यक्ति को तंग नहीं करना चाहिए। हमें बुर्जुग व्यक्तियों का आदर और सम्मान करना चाहिए। उनकी हर प्रकार से मदद करनी चाहिए एवं उनके जीवन को सुविधाजनक बनाने का प्रयास करना चाहिए। वृद्ध व्यक्ति हमारे समाज के वरिष्ठ नागरिक हैं। उनकी सहायता करना हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए। उन्हें कभी भी अकेला या असहाय महसूस नहीं होने देना चाहिए। उनको अपना सहयोग देना चाहिए एवं उनकी सेवा करनी चाहिए। उनका आशीर्वाद मिलना ही हमारे लिए बहुत बड़ी एवं महत्त्वपूर्ण बात है।
प्रश्न 4.
साँप को देखते ही बच्चों ने क्या किया?
उत्तर:
एक बार बच्चे टीले पर जाकर चूहों के बिल में पानी डालने लगे। उससे चूहा तो नहीं निकला पर साँप निकल आया। साँप को देखकर बच्चे बहुत अधिक डर गए। रोते-चिल्लाले बेतहाशा भागने लगे। कोई सीधा गिरा, तो कोई औंधा। किसी का सिर फूट गया तो किसी के दाँत टूट गए। सभी गिरते-पड़ते भाग रहे थे। स्वयं लेखक की देह भी लहूलुहान हो गई थी और वह एक ही सुर में दौड़ते हुए घर के भीतर पहुँचकर सीधे अपनी माता की गोद की शरण में चले गए।
प्रश्न 5.
'माता का अँचल' शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए।
उत्तर
'माता का अँचल' शीर्षक की सार्थकता उसकी संक्षिप्तता और विषय वस्तु के साथ उसके संबंध पर निर्भर करती है। इन दोनों की दृष्टि से 'माता का अँचल' एक सार्थक शीर्षक है। यह संक्षिप्त भी है और पाठ की विषय-वस्तु, माँ के आँचल के महत्त्व को रोचक तरीके से प्रस्तुत करता है। बच्चे माँ के आँचल में छिपकर अपने आपको सुरक्षित महसूस करते हैं। भोलानाथ का अधिकांश समय पिता के साथ बीतता था। भोलानाथ का माँ के साथ संबंध बहुत सीमित रहता था। अंत में साँप से डरा हुआ बालक भोलानाथ पिता को हुक्का गुडगुड़ाते देखकर भी माता की ही शरण में जाता है और अद्भुत रक्षा और शांति का अनुभव करता है। वह इस स्थिति में अपने पिता को भी अनदेखा कर देता है। वह माँ के आँचल में दुबककर राहत महसूस करता है। इस प्रकार 'माता का अँचल' शीर्षक पूर्णतया सार्थक है।
अन्य शीर्षक- (क) मेरा बचपन, (ख) बचपन के सुनहरे पल (ग) माँ की ममता, (घ) बच्चों की दुनिया
प्रश्न 6.
माँ को बाबूजी के खिलाने का ढंग पसंद क्यों नहीं था। 2012
उत्तर:
माँ को बाबूजी के खिलाने का ढंग पसंद इसलिए नहीं था क्योंकि वह चार-चार दाने के कौर भोलानाथ (लेखक) के मुँह में देते थे, इससे वह थोड़ा खाने पर भी समझ लेता था कि बहुत खा लिया। माँ भर-मुँह कौर खिलाती थी। थाली में दही-भात सानती थी और तरह-तरह के पक्षियों के बनावटी नामों के कौर बनाकर खिलाती जाती थी। तभी उसे संतुष्टि का अनुभव होता था।
प्रश्न 7
मूसन तिवारी कौन था? उसे किसने चिड़ाया और दंड किसे मिला?
उत्तर
मूसन तिवारी गाँव का ही एक बूढ़ा व्यक्ति था, जिसे कम दिखाई देता था। बैजू ने उन्हें चिढ़ाया- 'बुढ़वा बेईमान माँगे करेला का चोखा। बैजू के सुर में सभी बच्चों ने सुर मिलाया और चिल्लाना शुरू कर दिया। मूसन तिवारी बच्चों को मारने उनके पीछे दौड़े, परंतु बच्चे भाग गए। वे बच्चों की शिकायत करने उनके स्कूल जाते हैं। लेखक (भोलानाथ) जैसे ही घर पहुँचता है, गुरु जी द्वारा भेजे गए लड़कों द्वारा भोलानाथ पकड़ा जाता है। भोलानाथ यानि लेखक को इस अनुपयुक्त व्यवहार के लिए गुरु जी द्वारा दिया गया दंड भोगना पड़ा।
प्रश्न 8.
'माता का अंचल' पाठ में लेखक का वास्तविक नाम क्या था? उसका नाम भोलानाथ क्यों पड़ा?
उत्तर
'माता का अँचल' पाठ में लेखक का वास्तविक नाम तारकेश्वरनाथ था। उनके पिता उन्हें सुबह नहला-धुलाकर अपने साथ पूजा में बिठा लेते थे। उनके ललाट पर भभूत एवं त्रिपुंड लगा देते थे। सिर पर लंबी जटाएँ होने के कारण भभूत के साथ वह 'बम-भोला' बन जाते थे। पिता जी उन्हें इस रूप में देखकर बड़े प्यार से 'भोलानाथ' कहकर पुकारते थे और फिर इस तरह उसका नाम भोलेनाथ पड़ गया।
प्रश्न 9.
आपको बच्चों का कौन सा खेल पसंद नहीं आया और क्यों?
उत्तर.
हमें बच्चों का चूहे के बिल में पानी डालने का खेल पसंद नहीं आया क्योंकि बच्चे चूहे के बिल में पानी डाल रहे थे कि चूहा बाहर आएगा, परंतु चूहे के स्थान पर साँप बाहर निकल आया। बच्चे रोते-चिल्लाते इधर-उधर भागते चले गए। लेखक भोलानाथ का सारा शरीर लहूलुहान हो गया। पैरों के तलवे काँटों से छलनी हो गए। वास्तव में ऐसे खेल से कोई दुर्घटना हो सकती थी। किसी को साँप काट भी सकता था। ऐसा खेल खेलना बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं है।
प्रश्न 10.
लेखक भोलानाथ को उनके पिताजी अपने साथ पूजा में क्यों बैठाते थे?
उत्तर.
लेखक के पिता धार्मिक प्रवृत्ति के थे। पूजा-अर्चना करना, रामायण पढ़ना उनके नियम थे। वे अपने बेटे भोलानाथ में भी यह संस्कार डालना चाहते थे इसलिए जब वह पूजा करते थे तब उन्हें भी नहला-धुलाकर पूजा में अपने साथ बिठा लेते थे। पवित्रता का भाव, ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास की भावना के अपने बेटे में बचपन से ही पैदा कर देना चाहते थे।
प्रश्न 11.
भोलानाथ माँ के साथ कितना नाता रखता था?
उत्तर
भोलानाथ का अपनी माता के साथ दूध पीने तक का नाता था। परंतु भोलानाथ के लाख मना करने पर भी उसकी माँ, उनके सिर में कड़वा (सरसों का) तेल लगाकर छोड़ती थी। माथे पर काजल की बिंदी लगाती थी. कुर्ता-टोपी पहनाती थी, गोरस-भात खिलाती थी। वास्तव में भोलानाथ जितनी भी देर माता के संपर्क में रहता था, जबर्दस्ती ही रहता था। कहानी के अंत में साँप से डरा हुआ भोलानाथ सीधा माता की ही शरण में जाता है और स्वयं को सुरक्षित महसूस करता है। इससे पता चलता है कि भोलानाथ का अपनी माता से गहरा नाता था।
प्रश्न 12.
'माता का अँचल' पाठ में बच्चे बारात का जुलूस कैसे निकालते थे?
उत्तर.
बच्चे जब बारात निकालते तो कनस्तरों का तंबूरा बजाते, आम की उगी हुई गुठली को घिसकर शहनाई बनाई जाती। बच्चों में से कोई दूल्हा बन जाता और कोई समधी। बारात चबूतरे के एक कोने से जाती और दूसरे कोने से वापिस आ जाती। बारात जिस कोने तक जाती; उस कोने को आम व केले के पत्तों से सजाया जाता। एक पालकी को लाल कपड़े से ढ़का जाता और उसमें दुलहन बिठाकर लाई जाती। बारात के वापिस आने पर पिताजी पालकी के कपड़े को ऊपर उठाकर देखते थे।
thanks a lot sir. nice
ReplyDeletebb
DeleteMaza aa gya sir 😇😇😇😇😇😇
ReplyDeleteThankeww so much sir...🥰🥰
ReplyDeleteaagaye term 2 ke liye
Deleteloda
DeleteXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXSEXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX
ReplyDeleteMaaaaaaaaaaaaa
Deletedaaaaaaaaaaaaaa
raaaaaaaaaaaaaaa
aa
Uuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuuu
DeleteCcccccccccccccccccccccccc
Hhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh
iiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiiii
Hhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhhh
Aaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaa
Thank you sir for your faveolus job
ReplyDeleteI appreciate your work with my marks
I had scored 38 out of 40 by following your materials
sir there are lot of spelling mistakes
ReplyDeleteTo tu sahi kar le l**dee
Delete😂😂😂😂😂😂
DeleteSIR THANK YOU SO MUCH
ReplyDeleteThnx sir
ReplyDeleteBest of luck for tomorrow
ReplyDeleteBest of luck for tomorrow
ReplyDeleteThank you sir, best of luck for our board exams.
ReplyDeleteAre are ,
ReplyDeleteAaj padha, kal bhool jaunga
Reply kya padh raha hai, question answers padh
DeleteChup chaak upaar jaake question answer padhle idhar scroll mat kar😳😳
ReplyDeleteTu kon hota hai bolne wala
DeleteFake you
ReplyDeleteFuck you hota hai laudi ke
Deletesahi bola bhen ke lode fuck you hota hai macchar ki jhaant ghade ka lund kutte ki dum jhaat ke baal
DeleteThankyou sir 💖
ReplyDeleteTeri MA ki choot bhosdiwale , madarchod agar tu mere samne hota toh Teri aur Teri behan ki gand maar leta me
ReplyDeleteMental
DeleteTeri maa ke chuutdo me baba tevari ka loda behai kutte madarchod
Deletemusan tiwari ka lauda tere pure khaandaan ke gaand me 🤣💀
DeleteThank you sir for this questions ♥️
ReplyDeleteSir cbse ke pyq bhi kara dijiye
ReplyDeleteThanku so much ❤️ sir ji
ReplyDeleteIt was helpful sir thanks:)
ReplyDeleteThank you sir ❣️
ReplyDeleteCixthcg
ReplyDeletehttps://birlaedu-my.sharepoint.com/:w:/r/personal/ekaksha5128149_bspstudent_org_in/_layouts/15/doc2.aspx?sourcedoc=%7Ba57b0958-0a0f-4aea-b04b-75e7e3240e95%7D&action=edit
ReplyDeleteVery nice and good
ReplyDeleteMy name is gajal
ReplyDeleteThis is very nice chapter
Sex karegi?
Delete