जामुन का पेड़ (पठित गद्यांश)

6 minute read
0

जामुन का पेड़ (पठित गद्यांश)







निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

1, 'क्या मुश्किल है?’ माली बोला, 'अगर सुपरिंटेंडेंट साहब हुक्म दें, तो अभी पंद्रह-बीस माली, चपरासी और क्लर्क लगाकर पेड़ के नीचे से दबे हुए आदमी को निकाला जा सकता है। माली ठीक कहता है, बहुत से क्लर्क एक साथ बोल पड़े 'लगाओ ज़ोर, हम तैयार हैं। एक साथ बहुत से लोग पेड़ को उठाने को तैयार हो गए। ठहरो।" सुपरिंटेंडेंट बोला, 'मैं अंडर-सेक्रेटरी से पूछ लें।" सुपरिटेंडेंट अंडर-सेक्रेटरी के पास गया। अंडर सेक्रेटरी डिप्टी सेक्रेटरी के पास गया। डिप्टी सेक्रेटरी ज्वाइंट सेक्रेटरी के पास गया। ज्वाइंट सेक्रेटरी चीफ़ सेक्रेटरी के पास गया। चीफ सेक्रेटरी मिनिस्टर के पास गया। मिनिस्टर ने चीफ़ सेक्रेटरी से कुछ कहा। चीफ़ सेक्रेटरी ने ज्वाइंट सेक्रेटरी से कु0 कहा। ज्वाईट सेक्रेटरी ने डिप्टी सेक्रेटरी से कहा। डिप्टी सेटरी ने अंडर सेक्रेटरी से कहा। फाइल चलती रही। इसी में आधा दिन बीत गया। 

प्रश्न
1. माली ने क्या सुझाव दिया क्यों?
2 इस अश में किस पर व्यय किया गया है?
3 काम करने के तरीके के विषय में अपनी राय बताइए?

उत्तर-
1. माली ने सुझाव दिया कि अगर सुपरिंटेंडेंट साहब हुक्म दें तो पंद्रह बीस आदमी मिलकर पेड़ के नीचे से दबे हुए आदमी को निकाला जा सकता है। वह दबे हुए आदमी के बारे में चिंतित था।

2 इस अंश में सरकारी कार्यालयों की कामटानू कार्यशैली पर व्यंग्य किया गया है। सरकार में हर व्यक्ति एक-दूसरे पर जिम्मेवारी टालता है। वे संवेदनशील विषयों पर भी शीघ्र निर्णय नहीं लेते और कागजी कार्यवाई में व्यस्त रहते हैं।

3. काम करने के तरीके के बारे में मेरी राय है कि हर काम को सहजता तथा आडंबररहित तरीके से करना चाहिए। मानवीय सहानुभूति के कामों में तो कागजी कार्यवाई न्यूनतम होनी चाहिए।

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

2. दोपहर के खाने पर दबे हुए आदमी के चारों और बहुत भीड़ हो गई थी। लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे। कुछ मनचले क्लकों ने समस्या को खुद ही सुलझाना चाहा। वे हुकूमत के फैसले का इंतजार किए बिना पेड़ को अपने आप हटा देने का निश्चय कर रहे थे कि इतने में सुपरिंटेंडेंट फाइल लिए भागा-भागा आया। बोला- हम लोग खुद इस पेड़ को नहीं हटा सकते। हम लोग व्यापार-विभाग से संबंधित है, और यह पेड़ की समस्या है, जो कृषि विभाग के अधीन है। मैं इस फाइल को अजेंट मार्क करके कृषि विभाग में भेज रहा हूँ वहाँ से उत्तर आते ही इस पेड़ को हटवा दिया जाएगा।'

प्रश्न
1. कहाँ और क्यों भीड़ इकट्ठी हो गई
2. मनचले क्लर्क शिन्हें कहा गया है? क्यों?
3. क्लर्क पेड़ को हटाने में क्यों नहीं सफल हो सके?

उत्तर-
1. सचिवालय में रात को आँधी आने से एक पेड़ गिर पड़ा तथा उसके नीचे एक व्यक्ति दब गया। वह जीवित था। दफ्तर में खबर फैली तो दोपहर के भोजन के समय उस दबे हुए व्यक्ति के चारों तरफ भीड़ इकट्ठी हो गई।

2. मनचले क्लर्क उन्हें कहा गया जो पेड़ के नीचे दबे आदमी की पीड़ा को समझकर सहायता करने के लिए तत्पर थे। अफसरों की नजर में ये लोग अनुशासनहीन थे, क्योंकि वे अफसरों की जी हजूरी नहीं करते थे।

3. क्लर्क पेड़ हटाने का निर्णय ले चुके थे। वे सरकारी आदेश की प्रतीक्षा नहीं कर सकते थे। तभी सुपरिटेंडेंट फाइल लेकर आया और कहा कि यह समस्या कृषि-विभाग की है हमारी नहीं। अत: क्लर्क पेड़ हटाने में सफल नहीं हो सके।

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

3. हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट का सेक्रेटरी साहित्य-प्रेमी आदमी जान पड़ता था। उसने लिखा था, 'आश्चर्य है. इस समय जब हम पेड़ लगा स्कीम ऊँचे स्तर पर चला रहे हैं, हमारे देश में ऐसे सरकारी अफसर मौजूद हैं जो पेड़ों को काटने का सुझाव देते हैं, और वह भी एक फलदार पेड़ को, और वह भी जामुन के पेड़ को, जिसके फल जनता बड़े चाव से खाती है। हमारा विभाग किसी हालत में इस फलदार वृक्ष को काटने की इजाजत नहीं दे सकता।'

प्रश्न
1. हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के सचिव को क्या कहा गया हैं। उसने क्या टिप्पणी की।
2. हॉटकल्चर डिपार्टमेंट ने किस बात की इजाजत नहीं दी और क्र्यो?
3 इस गद्यांश में किस व्यवस्था पर व्यग्य किया गया है?

उत्तर-
1. हॉर्टीकल्चर डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को साहित्य-प्रेमी कहा गया है। उसने टिप्पणी की कि इस समय हम 'पेड़ लगाओ स्कीम बड़े स्तर पर चला रहे हैं। ऐसे में किसी सरकारी अफसर द्वारा पेड़ काटने की बात हास्यास्पद है।

2. हॉर्टीकल्चर विभाग ने जामुन का पेड़ काटने की इजाजत नहीं दी, क्योंकि यह पेड़ फलदार है और इसके फल जनता बड़े चाव से खाती है।

3. इरा गद्यांश में लालफीताशाही का पता चलता है। सरकारी विभागों में तालमेल नहीं होता तथा हर विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ना चाहता है। उनमें संवेदनशीलता नहीं होती।

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

4. दूसरे दिन माली ने चपरासी को बताया, चपरासी ने क्लर्क को, क्लर्क ने हैड क्लर्क की। थोड़ी ही देर में सेक्रेटेरियंट में यह अफ़वाह फैल गई कि दबा हुआ आदमी शायर है। बस, फिर क्या था। लोगों का झुंड का झुंड शायर को देखने के लिए उमड़ पड़ा। इसकी चर्चा शहर में भी । फैल गई और शाम तक गली-गली से शायर जमा होने शुरू हो गए। सेक्रेटेरियेट का लॉन भाँति-भाँति के कवियों से भर गया और दबे हुए। आदमी के चारों ओर कवि सम्मेलन का-सा वातावरण उत्पन्न हो गया। सेक्रेटेरियेट के कई क्लर्क और अंडर-सेक्रेटरी तक जिन्हें साहित्य और कविता से लगाव था, रुक गए। कुछ शायर दबे हुए आदमी को अपनी कविताएँ और दोहे सुनाने लगे। कई क्लर्क उसको अपनी कविता पर- आलोचना करने को मजबूर करने लगे। 

प्रश्न
1. माली ने दूसरे दिन क्या सूचना दी? उसका क्या परिणाम हुआ?
2. सरकारी कर्मचारियों ने क्या काम करना शुरू कर दिया?
3. इस गद्यांश में निहित व्यग्य स्पष्ट करें।

उत्तर-
1. माली ने दूसरे दिन बताया कि दबा हुआ आदमी शायर है। यह अफवाह पूरे सचिवालय तथा शाम तक शहर की गली-गली में यह चर्चा फैल गई। दबे व्यक्ति के आसपास तथाकथित साहित्यकारों की भीड़ इकट्ठी होने लगी।

2. सरकारी कर्मचारियों को जैसे ही पता चला कि पेड़ के नीचे दबा हुआ व्यक्ति शायर है तो सचिवालय के साहित्य प्रेमी क्लर्क और अंडर सेक्रेटरी, वहाँ रुक गए। कुछ ने उसे अपनी कविताएँ व दोहे सुनाए तो कुछ उससे अपनी कविता पर टिप्पणी करने को विवश तक करने लगे।

3. इस गद्यांश में मानवीय संवेदनहीनता का यथार्थ रूप दिखाया गया है। लोग दबे हुए कवि को देखने आते हैं, परंतु उसे बचाने का प्रयास नहीं करते। वे तमाशबीन हैं। साहित्य जगत के लोग भी अपनी शायरी के लिए समय-असमय का ध्यान नहीं रखते। सरकारी कर्मचारी हर स्थिति में आम व्यक्ति का शोषण करते हैं।

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

5. 'यह हम नहीं कर सकते।' सेक्रेटरी ने कहा, 'और जो हम कर सकते थे, वह हमने कर दिया है, बल्कि हम तो यहाँ तक कर सकते हैं कि अगर तुम मर जाओ, तो तुम्हारी बीवी को क्ज़ीफा दे सकते हैं, अगर तुम दरख्वास्त दो, तो हम वह भी कर सकते हैं।' 'मैं अभी जीवित हैं।" कवि रुक रुककर बोला, 'मुझे जिंदा रखो।' 'मुसीबत यह है, सरकारी साहित्य अकादमी का सेक्रेटरी हाथ मलते हुए बोला, 'हमारा विभामबसिर्फ कल्चर से संबंधित है। पेड़ काटने का मामला कलम दवात से नहीं, आरी कुल्हाड़ी से संबंधित है। उसके लिए हमने फ़ॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लिख दिया है और अजेंट लिखा है।

प्रश्न
1. सचिव कया काम नहीं कर सकता?
2. कल्चर विभाग क्या कार्य कर सकता हैं?
3. साहित्य अकादमी के सचिव की क्या मजबूरी है?

उत्तर-
1. सचिव दबे हुए शायर के ऊपर गिरे पेड़ को नहीं हटवा सकता था। क्योंकि यह उसके विभाग के कार्यक्षेत्र से बाहर का काम है।

2. कल्चर विभाग शायर को अपनी अकादमी का सदस्य बना सकता है। अगर शायर की मृत्यु हो जाए तो वह उसकी पत्नी को वज़ीफा भी दे सकता है।

3. साहित्य अकादमी के सचिव की मजबूरी है कि उनका कार्यक्षेत्र केवल कल्चर तक है। पेड़ काटने का मामला कलम-दवात से नहीं, आरी कुल्हाड़ी से संबंधित है। वे शायर को बचाने के लिए वन विभाग को लिखते हैं।


Post a Comment

0Comments

If you have any doubts, Please let me know

Post a Comment (0)