प्रेमचंद के फटे जूते (पठित गद्यांश)
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
1. प्रेमचंद का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सिर पर किसी मोटे कपड़े की टोपी, कुरता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड़ियों उभर आई हैं, पर घनी मूछे चेहरे को भरा-भरा बतलाती हैं। पॉवों में कैनवस के जते हैं, जिनके बंद बेतरतीब बँधे हैं। लापरवाही से उपयोग करने पर बंद के सिरों पर की लोहे की पतरी निकल जाती है और छेदों में बंद डालने में परेशानी होती है। तब बंद कैसे भी कस लिए जाते हैं। दाहिने पाँव का जूता ठीक है, मगर बाएँ जूते में बड़ा छेद हो गया है जिसमें से अंगुली बाहर निकल आई है। मेरी दृष्टि इस जूते पर अटक गई है। सोचता हूँ-फोटो खिंचाने की अगर यह पोशाक है, तो पहनने की कैसी होगी? नहीं, इस आदमी की अलग-अलग पोशाकें नहीं होंगी इसमें पोशाकें बदलने का गुण नहीं है। यह जैसा है, वैसा ही फोटो में खिंच जाता है।
प्रश्न
(क) फोटो में प्रेमचंद ने कैसे जूते पहन रखे थे?
(ख) प्रेमचंद के फटे जूते देखकर लेखक के मन में क्या विचार आया?
(ग) फोटो देखकर प्रेमचंद के किस गुण का पता चलता है?
उत्तर
(क) फोटो में प्रेमचंद ने फटे जूते पहन रखे थे, जिनके बंद बेतरतीब बँचे थे।
(ख) प्रेमचंद के फटे जूतों को देखकर प्रेमचंद के मन में यही विचार आया कि यदि फोटो खिंचवाते समय इन्होने ऐसी पोशाक पहन रखी है तो वास्तविक जीवन में उनका क्या हाल होगा| या फिर ये भी हो सकता है कि ये वास्तविक जीवन में भी ऐसे ही रहते होंगे।
(ग) लेखक के पास प्रेमचंद की जो फोटो थी, उससे यही पता चलता है कि वे वास्तविक जीवन में बहुत-ही सीधे-सादे व्यक्ति थे। वे अपना जीवन बड़ी सरलता से जीते थे।
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए -
2. तुम फोटो का महत्व नहीं समझते। समझते होते, तो किसी से फोटो खिंचाने के लिए जूते माँग लेते। लोग तो माँगे के कोट से बर-दिखाई करते हैं। और माँगे की मोटर से बारात निकालते हैं। फोटो खिंचाने के लिए तो बीवी तक माँग ली जाती है, तुमसे जूते ही माँगते नहीं बने! तुम फोटो का महत्व नहीं जानते। लोग तो इत्र चुपड़कर फोटो खिंचाते हैं जिससे फोटो में खुशबू आ जाए! गंदे से गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है।
प्रश्न
(क) फोटो के महत्व को कौन नहीं जानता और क्यों?
(ख) लोग फोटो खिंचाने के लिए क्या-क्या करते हैं?
(ग) गंदे-से-गंदे आदमी की फोटो भी खुशबू देती है- में छिपा व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
(क) लेखक के अनुसार प्रेमचंद फोटो के महत्व को नहीं जानते क्योंकि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ जो फोटो खिंचवाई थी, उसमें उनके जूते फटे हुए थे।
(ख) लोग फोटो खिंचाने के लिए सुंदर बनते हैं। इसके लिए वे माँगी हुई पोशाक तक पहनने में नहीं हिचकिचाते| कई तो इत्र लगाकर फोटो खिंचाते हैं ताकि उनकी फोटो में भी खुशबू आ जाए।
(ग) प्रस्तुत कथन में लेखक ने उन लोगों पर व्यंग्य किया है जो वास्तविक जीवन में कुछ और होते हैं लेकिन दिखावे के लिए। अच्छे बनते हैं। दुनिया के सामने वे अपनी सुंदर छवि प्रस्तुत करते हैं। ऐसे आदमी बनावटी होते हैं और अपनी असलियत सबसे छिपा कर रखते हैं।
no
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