Important Questions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 - Rajni | रजनी (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)

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Important Questions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 7 - Rajni | रजनी (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)


रजनी (अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न)





प्रश्न 1:
'रजनी' पाठ का प्रतिपाद्य बताइए।

उत्तर-
यह पाठ शिक्षा के व्यवसायीकरण, ट्यूशन के रैकेट, अधिकारियों की उदासीनता तथा आम जनता द्वारा अन्याय का विरोध आदि के बारे में बताता है। यह हमें अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा देता है। यह पाठ सिखाता है कि यदि अन्याय को नहीं रोका गया तो वह बढ़ता जाएगा। अन्याय का विरोध समाज को साथ लेकर हो सकता है, क्योंकि आम आदमी की सहभागिता के बिना सामाजिक, प्रशासनिक व राजनैतिक व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन संभव नहीं है।

प्रश्न 2:
गणित के टीचर के खिलाफ अन्य बच्चों ने आवाज क्यों नहीं उठाई।

उत्तर-
गणित का अध्यापक बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन पर आने के लिए कहता था। ऐसा न करने पर उनके अंक तक काट देता था। दूसरे बच्चों ने उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई, क्योंकि उन्हें लगता था कि ऐसा करने पर अगली कक्षाओं में भी उनके साथ भेदभाव किया जाएगा। अध्यापक उनका भविष्य बिगाड़ देगा और उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। इस डर से अमित व उसकी माँ भी रजनी को विरोध करने से रोकना चाहते थे।

प्रश्न 3:
रजनी संपादक से क्या सहायता माँगती है?

उत्तर-
रजनी संपादक को ट्यूशन की समस्या बताती हैं तथा उसे अखबार में छापने का आग्रह करती है। वह उनसे कहती है कि 25 तारीख की पेरेंट्स मीटिंग की खबर भी प्रकाशित करें। इससे सब लोगों तक ख़बर पहुँच जाएगी। व्यक्तिगत तौर पर हम कम लोगों से संपर्क कर पाएँगे।

प्रश्न 4
शिक्षा बोर्ड और प्राइवेट स्कूलों के बीच क्या संबंध होता है?

उत्तर-
शिक्षा बोर्ड शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए प्राइवेट स्कूलों को 90% सहायता देकर मान्यता देता है। यह सहायता स्कूलों के रखरखाव, अध्यापक और विद्यार्थियों के स्तर को ऊँचा उठाने के लिए दी जाती है। शिक्षा बोर्ड के नियमों का पालन करना प्राइवेट स्कूल का कर्तव्य है। शिक्षा बोर्ड सिलेबस बनाता है, वार्षिक परीक्षा बोर्ड करवाता है।

प्रश्न 5:
सरकारी कार्यालयों की व्यवस्था पर टिप्पणी कीजिए।

उत्तर-
सरकारी कार्यालयों में आम आदमी को परेशान किया जाता है। यहाँ हर कदम पर भ्रष्टाचार है। अफसर अंदर खाली बैठे रहते हैं, परंतु बाहर 'बिजी' होने का संदेश दिया जाता है। चपरासी भी रिश्वत लेकर ही मुलाकातियों को साहब से मिलने भेजता है। अधिकारी का रवैया काम को टालने वाला होता है। उसे जनता से कोई लेना-देना नहीं होता।


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