NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 - Ram Vraksh Benapuri | बालगोबिन भगत (अभ्यास-प्रश्न)

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NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 11 - Ram Vraksh Benapuri | बालगोबिन भगत (अभ्यास-प्रश्न)


बालगोबिन भगत (अभ्यास-प्रश्न)






प्रश्न 1. खेती-बाड़ी से जुड़े गृहस्थ बालगोबिन भगत अपनी किन चारित्रिक विशेषताओं के कारण साधु कहलाते थे?

बालगोबिन भगत खेतीबाड़ी करने वाले गृहस्थ थे। किंतु उनका संपूर्ण व्यवहार साधु जैसा था। सर्वप्रथम तो हम कह सकते हैं कि उनका जीवन ईश्वर के लिए समर्पित था उनमें किसी प्रकार का अहं भाव नहीं था। वह अपने आपको ईश्वर का बंदा मानते थे। इसलिए वह अपनी होने वाली फसल को कबीरपंथी मंदिर में ले जाते थे। वहाँ से उन्हें जो प्रसाद के रूप में मिलता, उसी से अपना गुजारा करते थे। वे सदैव सुख दुख में समान रहते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे। इन सब बातों को देखकर कहा जा सकता है कि बालगोबिन भगत गृहस्थ होने के बाद भी संन्यासी थे।

प्रश्न 2. भगत की पुत्रवधू उन्हें अकेले क्यों नहीं छोड़ना चाहती थी?

भगत की पुत्रवधू समझदार युवती थी। पुत्र की मृत्यु के बाद भगत के घर में एकमात्र पुत्रवधू ही थी जो उनकी देखभाल कर सकती थी। वह सोचती थी कि यदि मैं भी यहाँ से चली जाऊंगी तो कौन उनकी देखभाल करेगा? बुढ़ापे में कौन उनकी सेवा करेगा? बीमार होने पर कौन उनकी दवा पानी करेगा? इन सब बातों के कारण ही वह भगत को अकेले छोड़ना नहीं चाहती थी।

प्रश्न 3. भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त की?

 बालगोबिन भगत का पुत्र उनकी एकमात्र संतान थी। वह कुछ सुस्त और बोदा सा था। मगर वे उसे बहुत प्यार करते थे किंतु अब वह बीमार रहने लगा और भगत की बचाने की कोशिश पर भी वह मर गया। भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर औरों की तरह शोक नहीं बनाया। उनका मत था कि उसकी आत्मा परमात्मा के पास चली गई। उन्होंने अपने बेटे के शव को फूलों से सजाया और उसके सामने आसन बिछाकर प्रभु भजन गाने लगे। जब उनकी पुत्रवधू रोने लगी तो उसे भी खुशी मनाने के लिए कहा।

प्रश्न 4. भगत के व्यक्तित्व और उनकी वेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

वेशभूषा
बालगोबिन भगत की आयु लगभग 60 वर्ष की रही होगी। उनके बाल सफेद थे जो उनके चेहरे पर चमचमा रहे थे। माथे पर चंदन का लेप था। कपड़ों के नाम पर कमर पर एक लंगोटी और एक कबीरपंथी टोपी रहती थी। शीत ऋतु आने पर एक काले रंग की कमली धारण करते थे।
व्यक्तित्व
वे कबीर को साहब मानते थे। उनमें एक सच्चे साधु की सभी गुण थे। वे सदा कबीर द्वारा बताए गए आदेशों पर चलते थे। वे कभी झूठ नहीं बोलते थे। किसी दूसरे की वस्तु लेते या छूते तक नहीं थे। वे सदा सुख दुख में समान रहते थे।

प्रश्न 5. बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण इसलिए थी क्योंकि वह अपने दैनिक जीवन के सभी नियमों का दृढ़ता से पालन करते थे। वे प्रात:काल जल्दी उठते और गाँव से 2 मील दूर नदी पर जाकर स्नान करते वापसी पर पोखर के ऊँचे स्थान पर खड़े होकर खंजड़ी बजाते थे और कबीर के पदों का गान करते थे। वह गर्मी सर्दी की चिंता किए बगैर प्रतिदिन ऐसा करते थे। इस प्रकार अपने दैनिक जीवन के नियमों को ऐसे दृढ़ता से पालन करना लोगों के लिए अचरज का कारण था।

प्रश्न 6. पाठ के आधार पर बालगोबिन भगत के मधुर गायन की विशेषताएँ लिखिए।

बालगोबिन भगत कबीर दास से अत्यधिक प्रभावित थे यहाँ तक कि उन्हें साहब कहते थे। उनके गीतों को सुनने वाला व्यक्ति मंत्रमुग्ध हो जाता था। औरतें और बच्चे उनके गीतों को गुनगुनाने लगते थे उनके गीतों पर किसानों व मजदूरों के हाथ एक लय में चलने लगते थे उनके गीत संगीत का हर दिल पर विशेष प्रभाव पड़ता था। गर्मी सर्दी हर मौसम में उनकी मधुर ध्वनि सुनी जा सकती थी।

प्रश्न 7. कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिए।

पाठ के आधार पर कहा जा सकता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे पाठ में आए कुछ प्रसंग इस प्रकार है
पुत्र की मृत्यु पर उनके शव को फूलों से सजाना और सामने आसन जमाकर तल्लीनता से गीत गाना, पुत्र की चिता को अग्नि स्वयं की अपेक्षा अपनी पुत्रवधू से दिलवाना, पुत्रवधू को भाई के साथ भेज देना ताकि वह पुनर्विवाह करके खुश रह सके आदि प्रसंग दिखाते हैं कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे।

प्रश्न 8. धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थीं? उस माहौल का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।

आषाढ़ महीने में वर्षा होने पर चारों और धान की फसल उगाई जाती थी। बालगोबिन भगत की गीत की लहरियाँ भी चारों ओर के वातावरण को संगीतमय बना देती थी। वे गीत गुनगुनाते रहते थे। उनकी प्रेम मंडली के मन ऊपर उठने लगते थे और धीरे-धीरे सभी भगत के साथ नृत्यशील हो जाते थे।


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  1. nice content good for last minute revesion

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  2. thank you sir for support
    ,sir jo jo naubat khane ke ibadat ka video lecture purana video hn sir isliye mjh nhi aa rha thik se usmai🙁

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  3. Sir ismai rachna aur abhivyakti Wale questions answers nhi hai

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  4. प्रश्न 8. Exercise का - उसके उत्तर. मे पहले की लाइन मे ओर की जगह और है Please Correct This
    लेकिन आपका Content Bhadiya He Thanks Sir ☠️☠️💀💀

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