NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 16 नमक | नमक (अभ्यास-प्रश्न)
नमक (अभ्यास-प्रश्न)
प्रश्न 1. सफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?
सफिया पाकिस्तान के सिख बीबी को भेंट के रूप में नमक की पुड़िया देने के लिए हिंदुस्तान में लाना चाहती थी। उसने नमक की पुड़िया साथ ले जाने से अपनी बहन को मना कर दिया। वह इस बात को जानता था कि पाकिस्तान से हिंदुस्तान में नमक ले जाना गैरकानूनी था। यदि सफिया नमक की पुड़िया ले जाती तो भारत-पाक सीमा पार करते समय कस्टम अधिकारी उसे पकड़ लेते। ऐसा होने पर सफ़िया और उसके परिवार का अपमान होता। यही कारण है कि सफिया के भाई ने उसे नमक ले जाने से मना कर दिया।
प्रश्न 2. नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफिया के मन में क्या द्वंद्व था?
भाई द्वारा यह कहने पर कि पाकिस्तान से हिंदुस्तान में नमक ले जाना गैरकानूनी है। सफिया के मन में द्वंद उत्पन्न कर देता है। परंतु वह सीख बीबी को निराश नहीं करना चाहती थी। वह सोचने लगी किस तरह नमक को सीमा पार ले जाया जाए। नमक के पकड़े जाने पर वह भी पकड़ी जा सकती थी। पहले तो उसने नमक की पुड़िया को किन्नू की टोकरी में छुपाया परंतु अंत में इस द्वंद्व को समाप्त करते हुए उसने यह निर्णय लिया कि वह कस्टम अधिकारी को नमक दिखा कर ले जाएगी; चोरी से नहीं।
प्रश्न 3. जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?
जब सफिया अमृतसर पुल पर चल रही थी तो कस्टम अधिकारी निचली सीढ़ी पर सिर नीचे करके खड़ा था। सिख बीबी का प्रसंग आने पर उस अफ़सर को अपने वतन ढाका की याद आने लगी। वह सफिया तथा सिख बीवी की भावनाओं के कारण संवेदनशील हो चुका था। उन्हें लगा कि भारत-पाकिस्तान की सीमा बनावटी है; जबकि लोगों के दिल आपस में जुड़े हुए हैं। जो लाहौर में पैदा हुए थे। वे लाहौर के लिए तरसते हैं और जो दिल्ली में पैदा हुए थे वे दिल्ली के लिए तरसते हैं, और जो ढाका में पैदा हुए थे वे ढाका के लिए तरसते हैं। कस्टम अधिकारी मन ही मन सोच रहा था कि उसे उसके वतन से अलग क्यों कर दिया गया?
प्रश्न 4. लाहौर अभी तक उनका वतन है और देहली मेरा या मेरा वतन ढाका है जैसे उद्गार किस सामाजिक यथार्थ को संकेत करते हैं?
पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी का यह कथन है कि लाहौर अभी तक सिख बीबी का वतन है, दिल्ली मेरा वतन है लेकिन सुनील दास गुप्त ने कहा मेरा वतन ढाका है, यह उद्गार इस सामाजिक यथार्थ का उद्घाटन करते हैं कि देशों की सीमाएँ लोगों के मनों को विभक्त नहीं कर सकती है। मानव तो क्या पशु-पक्षी भी अपनी जन्मभूमि से प्रेम करते हैं। स्वदेश प्रेम कोई ऐसा पौधा नहीं है जिसे मनमर्जी से गमले में उगाया जा सके। जिस देश में जिस व्यक्ति का जन्म हुआ है वह उससे हमेशा प्रेम करता है। यदि मानचित्र पर लकीर खींचकर भारत-पाक विभाजन कर दिया गया तो यह लकीर लोगों को अलग अलग नहीं कर सकती।
प्रश्न 5. नमक ले जाने के बारे में सफिया के मन में उठे द्वंद्व के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
स्पष्टवक्ता
सफिया एक साहित्यकार है। इसलिए बातचीत करते समय वह किसी प्रकार का संकोच नहीं करती और भाई से नमक ले जाने के लिए अड़ जाती है।
निडर
वह एक निडर स्त्री है। वह कस्टम के समक्ष निडर होकर कहती है कि देखो मेरे पास नमक है थोड़ा सा। मैं अपनी माँ के लिए ले जा रही हूँ।
दृढ़-निश्चयी
सफ़िया दृढ़-निश्चयी है। उसने बहुत पहले यह निश्चय कर लिया था कि सिख बेबी के लिए नमक ले जाएगी। भले ही यह काम गैरकानूनी था।
ईमानदार
सफ़िया एक ईमानदार स्त्री है। उसने ईमानदारी का परिचय देते हुए नमक चोरी से न ले जाकर, सबको बता कर ले जाती है।
प्रश्न 6. मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नहीं जाती है- उचित तर्कों व उदाहरणों के जरिए इसकी पुष्टि करें।
मानचित्र पर लकीर खींच देने से न तो जमीन बंट जाती है; न ही जनता। यह कथन कुछ सीमा तक सत्य हैं। सच्चाई यह है कि जो लोग भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहते हैं उनकी लगभग एक सी जमीन है, एक सी सूरते और लिबाज़ है। हैरानी की बात यह है कि भारत-पाक विभाजन हुए लंबा समय बीत चुका है लेकिन सिख बीवी को अपने वतन से बड़ा लगाव है। इसलिए वह अपने वतन का नमक चाहती है।
प्रश्न 7. नमक कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभाव के बीच मोहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ है, कैसे?
यह सत्य है कि सत्ता के भूखे कुछ लोगों ने भारत पाक विभाजन कर दिया परंतु वे लोग इन दोनों देशों के नागरिकों के स्नेह और प्रेम का विभाजन नहीं कर सके। सफिया के भाई की बातों में भारत-पाक का भेद-भाव स्पष्ट देखा जा सकता है। इस आरोपित भेदभाव के बावजूद सिख बीबी, पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी, सुनील दास गुप्त और सफिया के व्यवहार में प्रेम तथा स्नेह दिखाई देता है। उनमें दोनों देशों की जनता के बीच मोहब्बत का नमकीन स्वाद भरा हुआ था। यह स्वाद पूरी कहानी में विद्यमान है। आज भी भारत और पाकिस्तान के लोगों के दिल जुड़े हुए हैं। आज भी जन्मभूमि की याद उन्हें व्याकुल कर देती है।
Sir thank u so much 💓 jada kuch nhi khna sir bhut bhut dhanyawad apka dil se sir apke lie salute 👏 🙏 ❤ 💙
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