NCERT Solutions for Class 11 Hindi Aroh Chapter 18 जामुन का पेड़ | जामुन का पेड़ (अभ्यास प्रश्न)
जामुन का पेड़ (अभ्यास प्रश्न)
प्रश्न 1. बेचारा जामुन का पेड़। कितना फलदार था। और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थी।
क) यह संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?
यह पंक्ति सेक्रेटेरिएट में जामुन का पेड़ एक अनजान व्यक्ति के ऊपर गिरने पर एक क्लर्क ने दूसरे क्लर्क से बात कही। पेड़ के गिरने पर कुछ देर पश्चात उस व्यक्ति के चारों और भीड़ जमा हो गई।
ख) इससे लोगों की कैसी मानसिकता का पता चलता है?
इस संवाद द्वारा लोगों की स्वार्थपूर्ण मानसिकता का पता चलता है। लोगों को जामुन के पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की अपेक्षा फलदार पेड़ से मिलने वाली जामुनों की चिंता है। इसलिए वे दबे व्यक्ति की अपेक्षा जामुन के पेड़ के लिए 'बेचारा' शब्द का प्रयोग करते हैं।
प्रश्न 2. दबा हुआ आदमी एक कवि है यह बात कैसे पता चली और इस जानकारी का फाइल की यात्रा पर क्या प्रभाव पड़ा?
माली से बात करते हुए दबे हुए व्यक्ति ने एक शेर सुनाया कि:
यह तो माना कि तगाफुल न करोगे लेकिन
खाक हो जाएँगे हम तुमको ख़बर होने तक।।
इस शेर को दबे हुए आदमी के मुँह से सुनकर माली आश्चर्यचकित रह गया। उसके कवि होने की बात सेक्रेटेरिएट तक पहुंच गई और उसके बाद उसकी फाइल सांस्कृतिक विभाग में भेज दी गई। उन्होंने सांस्कृतिक विभाग से अनुरोध किया कि दबे हुए व्यक्ति को पेड़ के नीचे से निकाला जाए।
प्रश्न 3. कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टिकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया?
कृषि विभाग वालों ने मामले को हॉर्टिकल्चर विभाग को सौंपने के पीछे तर्क दिया कि यह एक फलदार पेड़ का मामला है। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट का अधिकार केवल अनाज व खेती-बाड़ी के मामले में फैसला करने का है। इस पेड़ का मामला उद्यान विभाग के अंतर्गत आता है।
प्रश्न 4. इस पाठ में सरकार के किन किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ से उनके कार्य के बारे में क्या अंदाजा मिलता है?
इस पाठ में सरकार के व्यापार विभाग, विदेश विभाग, कृषि विभाग, चिकित्सा विभाग, उद्यान विभाग, सांस्कृतिक विभाग, वन विभाग आदि की चर्चा की गई है। पाठ में इन सभी विभागों के कार्यों की असंतोषजनक स्थिति स्पष्ट होती है। सभी विभाग अपने कार्य न करके दूसरों पर थोपना चाहते हैं। व्यक्ति को पेड़ के नीचे से निकालने का कार्य शीघ्र करने का था परंतु कोई भी शीघ्र कदम उठाना तो दूर, काम करना ही नहीं चाहते थे। सभी विभागों के कर्मचारी अकर्मण्य, आलसी, असूझबूझपूर्ण तथा संवेदनशून्य प्रतीत होते हैं। अंत में दबे हुए व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
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