Important Questions Class 9th- ग्राम श्री ~ Gram Shree Extra Questions
प्रश्न 1. कविता के आधार पर गंगा किनारे की चित्रात्मक छवि का अंकन कीजिए।
उत्तर-कवि ने बनारस और इलाहाबाद में शिक्षा प्राप्त की थी जहाँ उसने गंगा नदी की शोभा को निकटता से देखा था, वहाँ की छवियां उस के मन में रची-बसी हुई थीं। वसंत ऋतु आने पर पेड़-पौधों और फसलों पर ही बहार नहीं आ जाती बल्कि जीव जंतु भी अपने भीतर परिवर्तन को अनुभव करते हैं। गंगा की धाराएँ हर पल तटों को नहलाती आगे बढ़ती जाती हैं और उनके आगे बढ़ने से साँपों जैसे निशान रेत पर छूट जाते हैं। धूप में सूखी रेत तरह-तरह के रंगों में चमकती है, दूर-दूर से बह कर आए घास-पात और तिनके तटों की रेत पर बिखर जाते हैं। किसान रेत भरे तटों पर ककड़ी, खरबूजे और तरबूज उगाते हैं। बगुले अपने पंजों रूपी कंघी से अपनी कलगियाँ संवारते हैं। सुरखाब पानी पर तैरते हैं और पुलिया पर मगरौठी सोई रहती है।
प्रश्न 2. नीला आकाश अद्भुत क्यों दिखाई दे रहा है?
उत्तर-दूर तक खेतों में हरी-भरी फ़सलों की मखमली शोभा फैली हुई है। सुबह सूर्य की किरणें निकलने पर सारा वातावरण चाँदी के समान उजला दिखाई देता है। धूप निकलने पर फ़सलों का रंग और गहरा हरे रंग का हो जाता है। उस पर साफ़-स्वच्छ नीला आकाश झुका हुआ-सा दिखाई दे रहा है। आकाश का हरी-भरी फ़सलों से भरे खेतों पर झुका हुआ प्रतीत होना अद्भुत दिखाई देता है।
प्रश्न 3. खेतों में कौन-कौन से रंग किस-किस फ़सल में दिखाई दे रहे हैं?
उत्तर-खेतों में नीले-पीले, सुनहरे रंग अलग से ही अपनी सुंदरता दिखाने लगते हैं। गेहूँ-जौ, अरहर और सनई पर सुनहरे रंग की बलियाँ लग गई हैं। सभी खेतों में पीली-पीली सरसों फैली हुई हरी-भरी धरती पर अलसी के पौधों पर नीली-नीली कलियाँ झाँकने लगी हैं। इस प्रकार सारी धरती रंग-बिरंगी दिखाई देने लगती है।
प्रश्न 4. बसंत ऋतु के आगमन के साथ प्रकृति में आए परिवर्तन का वर्णन करो।
उत्तर-बसंत ऋतु के आगमन के साथ प्रकृति में परिवर्तन आ जाता है, आम के पेड़ों पर सोने-चांदी के रंगों से युक्त बौर आ जाता है। कोयल मस्त होकर कूकने लगती है। पीपल पर पुराने पत्तों के स्थान पर नए पत्ते आ जाते हैं। जामुन के पेड़ अधखिले हो जाते हैं। सब्जियों पर नई बहार आ जाती है। जंगल में झरबेरी झूमने लगती है। सारी प्रकृति तरह-तरह के पौधों से महकने और चहकने लगती है। प्रकृति का यह परिवर्तन सबको सुहावना लगता है।
प्रश्न 5. बसंत ऋतु में फलों और सब्जियों पर बहार कैसी-कैसी है?
उत्तर-पेड़ों पर आडू, नींबू और अनार झूमने लगते हैं। अमरूद पक कर पीले और मीठे हो गए हैं। बेर सुनहरे दिखने लगे हैं, खेतों में हरी-हरी पालक लहलहाने लगती है तो वातावरण में धनिए की सुगंध फैलने लगी है। लाल रंग के मखमली टमाटरों से पौधे लद गए हैं। हरी मिर्चों के पौधे हरी-भरी थैली के समान दिखाई देने लगे हैं। बसंत ऋतु में फलों और सब्जियों की बहार देखने वाली होती है।
प्रश्न 6. गंगा किनारे का कवि द्वारा अंकित चित्र अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-कवि को गंगा का किनारा बहुत अच्छा लगता है इसलिए उन्होंने कविता में गंगा के किनारे के प्राकृतिक दृश्य का स्वाभाविक और अति सुंदर चित्रण किया है। गंगा किनारे पर रंग-बिरंगी रेत दूर-दूर तक फैली हुई है। रेत पर गंगा की लहरों के कारण साँप जैसे चिह्न बन गए हैं। लहरों के साथ बहकर आए घास-पात और तिनके किनारे को अलग रूप दे रहे हैं जो देखने में सुंदर लगते हैं। तट पर तरबूजों की खेती की गई है। बगुले भी गंगा की सुंदरता को देखकर अपने पंजों रूपी अंगुलियों से कलगी सजा रहे हैं, चक्रवाक पक्षी जल में क्रीड़ा कर रहे हैं। इस तरह गंगा किनारे का दृश्य अति मोहक है। प्रकृति ने भी अपने सभी रंग वहाँ बिखेर कर गंगा किनारे को अति सुंदर बना दिया है।
प्रश्न 7. कवि के अनुसार बसंत आगमन पर हरियाली कैसी हो जाती है?
उत्तर-वसंत आगमन पर सर्दियों की ठिठुरने वाली ठंड कम हो जाती है। धूप में तेजी बढ़ने लगती है जिससे आस-पास के वातावरण में गर्मी का एहसास होने लगता है। दिन-रात सर्दी से ठिठुरती खेतों की हरियाली भी मानो गर्मी पाकर अलसाने लगती है। इसलिए कवि ने बसंत आगमन पर हरियाली को सुख से अलसाई-सी माना है।
You are mad or what!
ReplyDeletedude atleast don't spoil the comment section. dum failure
DeletePencho
ReplyDeleteThx sir your website has given a lot of help to me as i used to score 60% now i can score 85% in Hindi .....
ReplyDeleteThanks for providing questions with such a good explanation....but can you post more questions regarding this chapter, there are many questions in this and you are our hope....:)
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