Important Questions Class 9th- मेघ आए ~ Megh Aaye Extra Questions
प्रश्न 1. कविता में मेघ के आगमन का चित्रण किस रूप में हुआ है?
उत्तर-कविता में मेघ के आगमन का चित्रण सज संवर कर आए अतिथि के रूप में हुआ है?
प्रश्न 2. गली-गली में दरवाजे और खिड़कियाँ क्यों खुलने लगीं?
उत्तर-गली-गली में दरवाजे और खिड़कियाँ शहर से आए पाहुन को देखने के लिए खुलने लगीं।
प्रश्न 3. 'बरस बाद सुध लीन्हीं' में प्रिया के किस भाव की अभिव्यक्ति हुई है-
(क) प्रेम भाव की
(ख) उपालंभ की
(ग) उदारता की
(घ) कृतज्ञता की।
उत्तर-उपालंभ की।
प्रश्न 4. शहरी पाहुन के आगमन पर गाँव में उमंग, उल्लास के रूप को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-जब शहरी पाहुन सज-संवर कर गाँव में आता है तो चारों ओर प्रसन्नता का वातावरण छा जाता है। उसके आगमन की खबर तेज़ी से फैल जाती है, गली-गली में दरवाजे और खिड़कियाँ उसे उत्सुकतावश देखने के लिए खुल जाते हैं। लोग गरदन उठाकर उसे देखने लगते हैं और गाँव की औरतें शरमा कर घूंघट सरका कर तिरछी दृष्टि से उसे देखती हैं। प्रिया भी अपने पाहुन को घर आया देख प्रसन्न हो जाती है, परंतु दरवाज़े की ओट में छिपकर वह पाहुन को उपालंभ भी देती है। उसके हृदय के सारे भ्रम दूर हो जाते हैं। अतिथि और प्रियतमा का मिलन हो जाता है और उनके नेत्रों से प्रसन्नता के आँसू छलक पड़ते हैं।
प्रश्न 5. बादलों की तुलना किसके साथ की गई है और कैसे?
उत्तर-कवि ने बादलों की तुलना शहरी मेहमान के साथ की है। जिस प्रकार शहरी मेहमान बन-संवर कर आते हैं उसी प्रकार बादल भी बन संवर आए हैं और सारे आकाश में फैल गए हैं। गाँव के लोग बादलों को देखने के लिए अपने खिड़की-दरवाज़े उसी प्रकार खोल रहे हैं जिस प्रकार शहरी मेहमान को देखने की उत्सुकता में लोग अपने घरों के खिड़की-दरवाज़े खोलते हैं।
प्रश्न 6. 'मिलन के अश्रु ढरके' से कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-मिलन के अश्रु ढरके से कवि का अभिप्राय है कि धरती को यह भ्रम था कि बादल नहीं आएंगे। नायिका को लगता था कि उसका मेहमान अब कभी नहीं आएगा। परंतु जब बादल रूपी मेहमान बन-संवर आता है तब धरती और नायिका दोनों का भ्रम दूर हो जाता है। धरती और मेघ का मिलन देखकर बादल ज़ोर-ज़ोर बरसने लगते हैं अर्थात् नायिका और अतिथि के मिलन पर आँखों से खुशी के आँसू बहने लगते हैं।
प्रश्न 7. बादलों के मेहमान बनकर आने पर उनका स्वागत किस प्रकार होता है?
उत्तर-गाँव में बादल एक साल बाद मेहमान की भाँति बन संवर कर आए हैं। उन्हें देखकर सारा गाँव खुशी से नाच उठता है। सभी अपने-अपने ढंग से बादल रूपी मेहमान के स्वागत की तैयारी में लग जाते हैं। गाँव के सबसे बूढ़े पेड़ पीपल ने बादलों का स्वागत झुककर वंदना करते हुए किया। जब घर में मेहमान आते हैं उनका स्वागत घर के बड़े लोग करते हैं। तालाब में लहरें उठने लगती हैं वह भी अपने जल से मेहमान के चरण धोने के लिए तत्पर है। मेहमान की नायिका उसे यह ताना देती है कि वह एक साल बाद आया है उसने तो उसके आने की उम्मीद छोड़ दी थी। अर्थात् धरती भी मेघों से मिलने को बेचैन थी और वह अपनी बेचैनी किसी को दिखाती नहीं है। इसीलिए आड़ में छिपकर अपने मेहमान का स्वागत करती है।
प्रश्न 8. बादल कहाँ तक फैल गए हैं उनके सौंदर्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर-बादल आकर क्षितिज तक फैल गए हैं। उनमें से बिजली चमक रही है। बिजली की चमक देखकर ऐसा लगता है मानो बादल रूपी मेहमान क्षितिज रूपी अटारी पर आने से नायिका रूपी बिजली का तन-मन आभा से युक्त हो गया है।
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