2016 CBSE Class 10 Hindi B PYQ | Class 10 Hindi B PYQ | Class 10 Hindi B PYQ Question | Class 10 Hindi PYQ Course B 2016
HINDI COURSE B (2016)
[Term-1]
खण्ड 'क'
1. निम्नलिखित
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
कभी-कभी मैं अपने मित्रों की परीक्षा लेती हूँ, यह परखने के लिए
कि वे क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस
लौटीं। मैंने उनसे पूछा,
"आपने क्या-क्या देखा?"
"कुछ खास तो
नहीं", उनका जवाब था
मुझे बहुत अचरज नहीं हुआ क्योंकि मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हूँ।
मेरा विश्वास है कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं क्या यह संभव है कि भला
कोई जंगल में घंटाभर घूमे और फिर भी कोई विशेष चीज न देखे? मुझे जिसे कुछ भी
दिखाई नहीं देता सैकड़ों रोचक चीजें मिलती हैं, जिन्हें मैं छूकर पहचान लेती हूँ मैं भोज-पत्र के पेड़ की
चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श से पहचान लेती हूँ। वसंत के दौरान मैं
टहनियों में नई कलियाँ खोजती हूँ। मुझे फूलों की पंखुड़ियों की मखमली सतह छूने और
उनकी घुमावदार बनावट महसूस करने में आनंद मिलता है। इस दौरान मुझे प्रकृति के जादू
का कुछ अहसास होता है कभी जब मैं खुशनसीब होती हूँ तो टहनी पर हाथ रखते ही किसी
चिड़िया के मधुर स्वर कानों में गूंजने लगते हैं। अपनी अँगुलियों के बीच झरने के
पानी को बहते हुए महसूस कर मैं आनंदित हो उठती हूँ। मुझे चीड़ की फैली पत्तियाँ या
घास का मैदान किसी भी महँगे कालीन से अधिक प्रिय है। बदलते हुए मौसम का समाँ मेरे
जीवन में एक नया रंग और खुशियाँ भर जाता है।
कभी-कभी मेरा दिल इन सब चीजों को देखने के लिए मचल उठता है।
अगर मुझे इन चीजों को सिर्फ छूने भर से इतनी खुशी मिलती है, तो उनकी सुंदरता
देखकर तो मेरा मन मुग्ध ही हो जाएगा, परन्तु जिन लोगों की आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम
देखते हैं। इस दुनिया के अलग-अलग सुंदर रंग उनकी संवेदना को नहीं छूते मनुष्य अपनी
क्षमताओं की कभी कदर नहीं करता। वह हमेशा उस चीज की आस लगाए रहता है जो उसके पास
नहीं है। यह कितने दुःख की बात है कि दृष्टि के आशीर्वाद को लोग एक साधारण-सी चीज
समझते हैं, जबकि इस नियामत
से जिंदगी को खुशियों के इंद्रधनुषी रंगों से हरा-भरा किया जा सकता है। -हेलन केलर
(i) 'जिन लोगों की
आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम
देखते हैं - हेलन को ऐसा क्यों लगता है? [2]
(ii) 'कुछ खास तो नहीं
अपनी मित्र से ऐसा उत्तर सुनकर उनके मन में क्या विचार आए होंगे? [2]
(iii) प्रकृति का जादू' किसे कहा गया है? [2]
(iv) हेलन
प्रकृति-प्रेमी थीं किन्हीं दो उदाहरणों द्वारा सिद्ध कीजिए । [2]
(v) हेलन को मनुष्य
के कैसे स्वभाव पर दुःख होता है? क्यों? [2]
(vi) (क) जिन लोगों की
आँखें हैं, वे सचमुच बहुत कम
देखते हैं (सरल वाक्य में बदलें) [1]
(ख) इन गद्यांश का
उपयुक्त शीर्षक लिखिए। [1]
उत्तर- (i) 'जिन लोगों की
आँखें हैं, वे सममुच बहुत कम
देखते हैं - हेलन को ऐसा इसलिए लगता है, क्योंकि वह नेत्रहीन होते हुए भी अपने आस-पास कितनी ही
सुंदरता का अहसास कर सकती है, जबकि आँखों वाले लोगों को अपने आस-पास कुछ खास दिखाई ही
नहीं देता ।
(ii) अपनी मित्र से
ऐसा उत्तर सुनकर हेलन को कोई हैरानी नहीं हुई क्योंकि उन्हें इस तरह के उत्तर
सुनने की आदत हो चुकी थी उन्हें लगने लगा था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते
हैं।
(iii) भोजपत्र के पेड़
की चिकनी छाल और चीड़ की खुरदरी छाल को स्पर्श करना, वसंत के मौसम में टहनियों में नई कलियों का
निकलना, फूलों की मखमली
पंखुड़ियों का अहसास ये सब ही प्रकृति का जादू है।
(iv) हेलन प्रकृति
प्रेमी थीं, क्योंकि वे अपनी
अँगुलियों के बीच झरने के पानी को बहते हुए महसूस करने में अत्यंत आनंद का अनुभव
करती थीं उन्हें चीड़ की फैली पत्तियों और घास के मैदान किसी भी महँगे कालीन से
अधिक प्रिय थे।
(v) हेलन को दुःख
होता था जब मनुष्य अपनी क्षमताओं की कदर नहीं करता और हमेशा उस चीज की आस लगाए
रहता है, जो उसके पास नहीं
है। वे दृष्टि के आशीर्वाद को एक साधारण सी चीज समझते हैं।
(vi) (क) सरल वाक्य
आँखों वाले लोग कम देखते हैं।
(ख) शीर्षक 'जो देखकर भी नहीं देखते या 'आँखें नियामत जिंदगी की'।
2. निम्नलिखित
काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में आग लगी हो तो क्या तुम दूसरे
कमरे में सो सकते हो? यदि तुम्हारे घर
के एक कमरे में लाशें सड़ रही हों तो क्या तुम दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते
हो? यदि हाँ तो मुझे
तुम से कुछ नहीं कहना है। देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता कि एक हिस्से के फट
जाने पर बाकी हिस्से उसी तरह साबुत बने रहें और नदियाँ, पर्वत, शहर गाँव वैसे ही
अपनी-अपनी जगह दिखें अनमने रहें । यदि तुम यह नहीं मानते तो मुझे तुम्हारे साथ
नहीं रहना है। इस दुनिया में आदमी की जान से बड़ा कुछ भी नहीं है न ईश्वर न ज्ञान
न चुनाव, कागज पर लिखी कोई
भी इबारत फाड़ी जा सकती है और जमीन की सात परतों के भीतर गाड़ी जा सकती है। जो
विवेक खड़ा हो लाशों को टेक वह अंधा है जो शासन चल रहा हो बंदूक की नली से
हत्यारों का धंधा है यदि तुम यह नहीं मानते तो मुझे अब एक क्षण भी तुम्हें नहीं
सहना है। याद रखें एक बच्चे की हत्या एक औरत की मौत एक आदमी का किसी शासन का हीं
नहीं संपूर्ण राष्ट्र का है पतन |
(i) पहले दो प्रश्नों के माध्यम से कवि क्या जानना चाहता है? [2]
(ii) 'देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता' स्पष्ट कीजिए । [2]
(iii) कवि ने दुनिया में किसे महत्वपूर्ण माना है? क्यों? [2 ]
(iv) कोई भी हत्या पूरे राष्ट्र का पतन कैसे हो सकती है? [2]
उत्तर- (i) पहले दो प्रश्नों के
माध्यम से कवि यह कहना चाहता है कि अगर देश के एक हिस्से में हिंसा, दंगे और अराजकता
फैली हो तो देश के बाकी हिस्से भी उससे अछूते नहीं रह सकते। यह मारकाट और अराजकता
सारे देश के लिए एक खतरा है।
(ii) 'देश कागज पर बना
नक्शा नहीं होता' अर्थात् देश और
प्रांत आपस में एक दूसरे से जुड़े हैं देश के किसी भी कोने में अगर अशांति और
अमानवीय घटनाएँ हो रही हैं,
तो देश के अन्य
हिस्से ऑंखें मूंदकर नहीं रह सकते। एक कागज पर नक्शा बना देने से देश नहीं बनता, बल्कि भावनाओं और
प्रेम के आधार पर ही किसी देश का निर्माण होता है।
(iii) कवि ने मानवीयता
और आदमी की जान को इस दुनिया में सबसे बड़ा माना है। उसके अनुसार ईश्वर, ज्ञान, चुनाव और सत्ता
से बड़ी इंसान की जान है।
(iv) अगर एक राष्ट्र
और उसका कानून किसी निरपराध बच्चे, औरत और आदमी की जान नहीं बचा सकते, तो उस राष्ट्र को
राष्ट्र कहलाने का हक नहीं है। एक राष्ट्र और उसके नेताओं का कर्तव्य है कि सभी
लोगों को शांति पूर्ण और सुरक्षित माहौल प्रदान किया जाए। इसके अभाव में एक
राष्ट्र का पतन निश्चित है।
खण्ड 'ख'
3. निम्नलिखित
वाक्यों को निर्देशानुसार बदलिए- [3]
(क) वामीरो कुछ
सचेत हुई और घर की तरफ दौड़ी। (सरल वाक्य में )
(ख) सुभाष बाबू को पकड़कर गाड़ी द्वारा लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया। (मिश्र वाक्य में)
(ग) सालाना इम्तिहान हुआ, भाई साहब फेल हो गए, मैं पास हो गया। (संयुक्त वाक्य में)
उत्तर- (क) सरल वाक्य -
वामीरो सचेत होकर घर की तरफ दौड़ी।
(ख) मिश्र वाक्य -
जैसे ही सुभाष बाबू को पकड़ा गया वैसे ही उन्हें लाल बाजार लॉकअप में भेज दिया गया
।
(ग) संयुक्त वाक्य
- सालाना इम्तिहान हुआ, भाई साहब फेल हुए
और मैं पास हो गया ।
4. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए – [4]
(क) इस जंगल में एक पागल हाथी हो गया है।
(ख) जो काम करो, वही पूरा जरूर करो।
(ग) शाम को
श्रीमती मीरा एक गीत देंगी।
(घ) तुम्हारे को
गुलाब की फूलों की माला ले आना।
5. (क) निम्नलिखित
समस्त पदों का विग्रह कीजिए तथा समास का नाम लिखिए [4]
(i) उच्चाकांक्षा
(ii) लोकप्रिय
(ख) निम्नलिखित
शब्दों से समास बनाइए व समास का नाम लिखिए-
(i) सत्य के लिए
आग्रह ( समास विग्रह )
(ii) अंधा है जो
विश्वास ( समास का नाम )
उत्तर- (क) (i) उच्चाकांक्षा-ऊँची है जो आकांक्षा - कर्मधारय समास
(ii) लोकप्रिय लोगों में प्रिय - तत्पुरुष समास
समस्त पद समास का नाम
(ख) (i) सत्य के लिए
आग्रह - सत्याग्रह, तत्पुरुष समास
(ii) अंधा है जो विश्वास
अंधविश्वास - कर्मधारय समास
6. (क) 'विद्यालय' पद है या शब्द ? कैसे? [ 2]
(ख) छात्रों को अवकाश
अच्छा लगता है (रेखांकित पद है या शब्द) क्यों ?
7. निम्नलिखित
मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए- [
2]
(क) दो से चार
बनाना
(ख) चुल्लू भर पानी देने वाला न होना
उत्तर- (क) दो से चार बनाने - की विद्या तो कोई हितेष से पूछे, क्योंकि दो ही
साल की छोटी-सी नौकरी में वह मालामाल हो गया।
(ख) एक्सीडेंट में
कृष्ण के माता-पिता के अलावा सभी की मौत हो गई। अब घर में कोई चुल्लू भर पानी देने
वाला ही न रहा।
खण्ड 'ग'
8. निम्नलिखित
गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
"ढीठता की हद है
मैं जब से परिचय पूछ रही हूँ और तुम बस | एक ही राग अलाप रहे हो। गीत गाओ-गीत गाओ, आखिर क्यों? क्या तुम्हें
गाँव का नियम नहीं मालूम?"
इतना बोलकर वह
जाने के लिए तेजी से मुड़ी तताँरा को मानो कुछ होश आया। उसे अपनी गलती का अहसास
हुआ वह उसके सामने रास्ता रोककर मानो गिड़गिड़ाने लगा।
(i) किसने ढीठता
दिखाई? वह ढीठता क्या थी? [2]
(ii) तताँरा को अपनी किस गलती का अहसास हुआ? [2]
(iii) गाँव का नियम
क्या था ? [1]
अथवा
यह सब तो अपनी सुनी हुई लिख रहे हैं, पर सुभाष बाबू का
और अपना विशेष फासला नहीं था। सुभाष बाबू बड़े जोर से वंदे मातरम् बोलते थे, यह अपनी आँख से
देखा । पुलिस भयानक रूप
से लाठियाँ चला रही थी क्षितीश चटर्जी का फटा हुआ सिर देखकर तथा बहता हुआ खून
देखकर आँख मिच जाती थी। इधर यह हालत हो रही थी कि उधर स्त्रियाँ मोनुमेंट की
सीढ़ियों पर चढ़ झंडा फहरा रही थीं और घोषणा पढ़ रही थीं। स्त्रियाँ बहुत बड़ी
संख्या में पहुँच गई थीं। प्रायः सबके साथ झंडा था जो वोलेंटियर गए थे वे अपने
स्थान से लाठियाँ पड़ने पर भी नहीं हटते थे।
(i) यह कौन - सा दिन / वर्ष था? यह दिन
महत्त्वपूर्ण क्यों था? [2]
(ii) स्त्रियों का क्या योगदान था ? [2]
(iii) पाठ में वर्णित किन्हीं दो क्रांतिकारी स्त्रियों के नाम लिखिए। [1]
उत्तर- (i) ततारा ने वामीरी की
छुप-छुप कर देखने और बार-बार उसका नाम पूछने की ढीठता दिखाई। वह वामीरो को बार-बार
गाना गाने को कह रहा था जिसे वामीरो ने उसकी ढीठता कहा।
(ii) तताँरा, एक अनजान लड़की के गाने की तारीफ, उसके मना करने के
बाद भी किए जा रहा था वह भूल गया था कि उनके गाँव में एक गाँव का पुरुष दूसरे गाँव
की लड़की से बातें नहीं कर सकता इस बात का अहसास होते ही उसने वामीरो का रास्ता
छोड़ दिया।
(iii) गाँव का नियम था कि अपने गाँव के बाहर वैवाहिक और प्रेम
संबंध नहीं बनाए जा सकते।
अथवा
(i) यह 26 जनवरी 1931 का दिन था। यह
दिन महत्त्वपूर्ण इसलिए था, क्योंकि इस दिन कोलकाता (कलकत्ता) में दूसरा
स्वाधीनता दिवस मनाया गया था।
(ii) स्त्रियाँ मोनुमेंट की सीढ़ियों पर झंडा फहरा रही थीं और घोषणा पढ़ रही थीं। एक बड़ी संख्या में स्त्रियाँ इस स्वाधीनता दिवस आयोजन में हिस्सा ले रही थीं।
(iii) जानकी देवी, मदालसा बजाज, विमल प्रतिभा ।
9. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(i) तीसरी कसम के 'हीरामन की क्या
विशेषता थी? उनके अभिनय के बारे में पाठ में क्या कहा गया है? [2]
(ii) शैलेंद्र के गीतों की दो विशेषताएँ लिखिए । [2]
(iii) छोटा भाई पढ़ता नहीं था फिर भी पास कैसे हो जाता था ? आप इसका क्या
कारण समझते हैं?
उत्तर- (i) 'तीसरी कसम' फिल्म में
राजकपूर ने अपने उस महान् व्यक्तित्व को
पूरी तरह से हीरामन बना दिया था। पूरी फिल्म में राजकपूर कहीं पर भी हीरामन का
अभिनय करते हुए नहीं दिखे, बल्कि वे तो खुद ही हीरामन बन गए थे। ऐसा
हीरामन जो हीराबाई की 'मनुआ नदुआ' जैसी भोली सूरत
पर अपना सब कुछ हारने को तैयार है और हीराबाई के थोड़ा-सा भी गुस्सा हो जाने पर
अपने आप को ही दोषी ठहराता हुआ
सच्चा हीरामन बन जाता है। शैलेंद्र ने इस फिल्म में गाड़ीवान हीरामन पर राजकपूर को
हावी नहीं होने दिया है, बल्कि राजकपूर को हीरामन बना दिया है।
(ii) शैलेंद्र के गीतों में उच्चकोटि के भाव होते हुए भी भाषा
सरल होती है। उनके गीतों में सिर्फ करुणा ही नहीं, बल्कि जूझने का
संकेत भी था और ऐसी प्रेरणा भी मौजूद थी, जिसके बल पर अपनी
मंजिल तक पहुँचा जा सकता है उनके सभी गीत भावप्रवण थे, कठिन नहीं इसी
कारण उनके गीतों के लिए कहा गया है कि उनमें शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की
गहराई थी अर्थात् शैलेंद्र के गीतों में शांत नदी जैसी सरलता होती थी और समुद्र की
गहराई जैसे अर्थ छुपे हुए थे।
(iii) छोटा भाई कम मेहनत करके भी परीक्षा में अच्छे अंक लेकर
उत्तीर्ण हो जाता था। उसका मन पढ़ाई में कम, खेल-कूद में
ज्यादा लगता है। वह कुशाग्र बुद्धि का था इसलिए कम मेहनत करके भी परीक्षा में
अच्छे अंकों से पास हो जाता था। इससे हमारी रटन्त और अव्यावहारिक शिक्षा प्रणाली
का प्रमाण मिलता है।
10. 'तीसरी कसम' फिल्म को सैल्यूलाइड पर लिखी कविता क्यों कहा
गया है ? [5]
उत्तर- 'तीसरी कसम' फिल्म की पटकथा 'फणीश्वरनाथ रेणु' की लिखी
साहित्यिक रचना है। सैल्यूलाइड का अर्थ है- कैमरे की रील । कविता में भावुकता
मार्मिकता एवं संवेदनशीलता जैसे गुणों का होना अनिवार्य माना गया है 'तीसरी कसम' फिल्म भी कविता
के समान भावुकता, संवेदना, मार्मिकता से भरी
हुई कैमरे की रील पर उतरी हुई फिल्म है इसलिए इसे सैल्यूलाइड पर लिखी कविता ( रील
पर उतरी हुई फिल्म ) कहा गया है।
11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
(i) मीरा कृष्ण की
चाकरी करने को इतनी आतुर क्यों हैं? [2]
(ii) तोप के लिए घर रखी गई है वाक्यांश का प्रयोग क्यों किया गया
है? [2]
(iii) कबीर के अनुसार 'राम वियोगी क्यों
नहीं जी पाता है? [1]
उत्तर- (i) मीरा कृष्ण की चाकरी करने
के लिए आतुर हैं, क्योंकि वे सेवक बनकर कृष्ण के आस-पास रहना
चाहती थीं। ताकि वे अपने प्रिय कृष्ण के दर्शन प्रतिदिन कर सकें। इस प्रकार मीरा
चाकरी करके कृष्ण की निकटता पाना चाहती हैं।
(ii) तोप के लिए घर रखी गई है' वाक्यांश यह सीख
देता है। कि आततायी शक्ति चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, पर उसका अंत
अवश्य होकर रहता है। कंपनी बाग में धरी हुई इस तोप ने हमारे जाँबाजों को मौत के
घाट उतारा था। पर एक दिन ऐसा आया कि लोगों ने ब्रिटिश सत्ता को ही उखाड़ फेंका। यह
तोप उसी सत्ता का प्रतीक है।
(iii) राम वियोगी वह होता है जो राम से अलग रहकर तड़पता है। वह
परमात्मा से वियोग की दशा को सह नहीं पाता।
12. पर्वत प्रदेश में पावस कविता के आधार पर लिखिए कि वर्षा ऋतु
के दौरान पहाड़ी क्षेत्रों में क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर - पर्वत प्रदेश में पावस प्राकृत सौंदर्य की कविता का
उद्देश्य है- वर्षाकाल में पर्वतों की क्षण-क्षण बदलती सोभा का वर्णन करना । कवि
ने दिखाया है कि विशाल पर्वत पर हजारों फूल खिले हैं। पर्वत करधनी जैसा विशाल है।
उसका प्रतिबिंब नीचे वाले तालाब में दिखाई दे रहा है। पहाड़ से गिरने वाले झरने
झर-झर करते हुए शोर कर रहे हैं। उनका झाग वाला जल मोती की लड़ियों के समान सुंदर
प्रतीत हो रहा है। पहाड़ पर खड़े हुए पेड़ बहुत ऊँचे हैं वे मानो नीले शांत आकाश को
देखते हुए कुछ सोच रहे हैं कवि ने दिखाया है कि कभी पहाड़नुमा चमकीले बादल आकाश
में उड़ चले हैं, कभी वे धरती पर टूट पड़े हैं। शाल के वृक्ष
भयभीत होकर धँस गए से लगते हैं। तालाब का धुंआ उसके जलने का संकेत देता है। इस
प्रकार वर्षा ऋतु में पर्वतों पर मायावी खेल से दिखाई देते हैं।
13. एक ही रात में ठाकुरबारी में जो सुख-शांति और संतोष पाया, वह अपने अब तक के
जीवन में हरिहर काका ने कभी नहीं पाया था। इस कथन के संदर्भ में सच्चे सुख-शांति
और संतोष की आवश्यकता पर प्रकाश डालिए तथा बताइए कि आप काका की उस स्थिति को कहाँ
तक उचित मानते हैं? और क्यों? [5]
उत्तर- रात में हरिहर काका को भोग लगाने के लिए जो
मिष्ठान्न और व्यंजन मिले, वैसे उन्होंने कभी भी नहीं खाए थे। घी टपकते
मालपुए रस बुनिया, लड्डू छेने की तरकारी, दही, खीर पुजारी जी ने
स्वयं अपने हाथों से खाना परोसा था। पास में बैठे महंत जी धर्म चर्चा से मन में
शांति पहुँचा रहे थे एक ही रात में ठाकुरवारी में जो सुख-शांति और संतोष उन्होंने
पाया, वह अपने अब तक के जीवन में उन्होंने नहीं पाया था।
हम काका की उस स्थिति और उस सोच को बिल्कुल उचित मानते हैं, क्योंकि अपनी
पत्नी और संतान न होने के कारण उन्हें प्रतिदिन रोटी के लिए अपने भाइयों की
पत्नियों पर आश्रित रहना पड़ता था और बदले में उन्हें बासी - रूखा-सूखा भोजन ही
मिलता था। ऐसे में ठाकुरबारी में प्रेमपूर्वक खिलाए गए स्वादिष्ट पकवान के कारण
उन्होंने ऐसा सोचा ।
खण्ड 'घ'
14. निम्नलिखित विषयों में से किसी एक पर संकेत बिंदुओं के आधार
पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए [5]
(क) पुस्तकें पढ़ने की आदत
• पढ़ने की घटती प्रवृत्ति
• कारण और हानि
• पढ़ने की आदत से लाभ
(ख) कम्प्यूटर हमारा मित्र
• क्या है
• विद्यार्थियों के लिए उपयोग
• सुझाव
(ग) स्वास्थ्य की रक्षा
• आवश्यकता
• पोषक भोजन
• लाभकारी सुझाव
उत्तर- (क) पुस्तकें पढ़ने
की आदत
किताब / पुस्तक पढ़ना एक ऐसी आदत है, जिसके लाभों की
गणना नहीं की जा सकती। अतः छोटे-बड़े सबको विशेषकर बच्चों को किताब पढ़ने की आदत
डालनी चाहिए। जिस व्यक्ति या बच्चे ने पुस्तकें पढ़ने की आदत डाल ली उसने स्वयं को
नाना प्रकार की बुराइयों से बचा लिया पुस्तकें पढ़ने वाले का आत्मविश्वास पुस्तकें
न पढ़ने वाले की अपेक्षा अधिक होता है जो व्यक्ति पुस्तकें पढ़ने की आदत डाल लेता
है, वह स्वयं को ज्ञान में वृद्धि के स्रोत से जोड़ लेता है, ऐसे लोग अपनी
इच्छाओं को और अधिक तार्किक बना लेते हैं मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि अध्ययन व
पुस्तकें आत्मा का भोजन है। शिक्षकों और अभिभावकों को बच्चों के लिए ऐसी
किताबों का चयन करना चाहिए, जो बच्चों में
जिज्ञासा की भावना की प्रोत्साहित करने का कारण बनें।
(ख) कम्प्यूटर हमारा
मित्र
आज के युग को यदि हम कम्प्यूटर का युग कहें, तो अतिशयोक्ति
नहीं होगी शिक्षा मनोरंजन, चिकित्सा, यातायात, संचार आदि सभी
क्षेत्रों में कम्प्यूटर ने अपनी उपयोगिता सिद्ध की है। शिक्षा के क्षेत्र में
कम्प्यूटर अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं कम्प्यूटर के माध्यम से पठन-पाठन का
स्तर भी अच्छा हुआ है। कार्यालयों में इसके माध्यम से कार्य करना अत्यंत सहज एवं
सरल हो गया है। महत्त्वपूर्ण आँकड़ों व तथ्यों को फाइल' में सुरक्षित रखा
जाता है। इसी कारण से प्रत्येक सरकारी, गैर-सरकारी और
निजी कार्यालयों में कम्प्यूटर का प्रयोग अनिवार्य हो गया है। इसने संचार के
क्षेत्र में एक क्रांति ला में दी है। 'ई-मेल' के माध्यम से
हजारों मील दूर बैठे अपने संबंधी अथवा मित्रों को हम कम खर्च और कम समय में संदेश
भेज सकते हैं 'इंटरनेट' के माध्यम से मनुष्य हर प्रकार की जानकारी का
आदान-प्रदान विश्व के किसी भी कोने से करने में सक्षम है। इन सभी कारणों से
कम्प्यूटर हमारा मित्र है।
(ग) स्वास्थ्य की
रक्षा
खान-पान तथा स्वास्थ्य रक्षा के अन्य नियमों में त्रुटि आने
पर ही शरीर में रोगों का जन्म होता है। यदि स्वास्थ्य रक्षा संबंधी सभी नियमों का
यथाविधि पालन किया जाए, तो कभी बीमार होने के अवसर ही उपस्थित नहीं होंगे।
प्रतिदिन स्नान, व्यायाम और योग करने से हम अपने स्वास्थ्य की काफी हद तक
रक्षा कर सकते हैं अच्छा स्वास्थ्य जीवन के समस्त सुखों का आधार है। धन से वस्तुएँ
खरीदी जा सकती हैं, परन्तु उनका उपभोग अच्छे स्वास्थ्य पर निर्भर
करता है। अच्छे स्वास्थ्य की कामना करने वाले बहुत हैं परंतु उसके लिए जागरूक होकर
प्रयत्न करने वाले थोड़े ही हैं। अच्छा एवं संतुलित आहार, नियमित दिनचर्या
और नियमित व्यायाम स्वास्थ्य को बनाए रखने वाले तीन मूलभूत तत्व हैं। भोजन में फल, अनाज, सब्जी और दूध का
समन्वय होना चाहिए। फल हरी ताजी सब्जियाँ, अंकुरित अनाज तथा
दूध की कुछ-न-कुछ मात्रा प्रतिदिन लेने से व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है
अतः प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह स्वास्थ्यप्रद जीवनशैली अपनाए और अपने
तन को स्वस्थ और मन को आनंदित रखे।
15. विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचे जाने की शिकायत करते हुए प्रधानाचार्य को
पत्र लिखकर उन्हें रोकने का अनुरोध कीजिए । [5]
उत्तर- सेवा में,
प्रधानाचार्य महोदय
क ख ग विद्यालय
अ ब स स्थान
विषय: विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के समय जंक फूड बेचने वालों
को रोके जाने के संबंध में पत्र ।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि हमारे विद्यालय के गेट पर मध्यावकाश के
समय ठेले और रेहड़ी वालों द्वारा जंक फूड बेचा जाता है। बाहर जंक फूड मिलने की वजह
से अधिकतर विद्यार्थियों ने टिफिन लाना भी बंद कर दिया है। यह जंक फूड
विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जंक फूड खाने से कई बच्चों की
तबीयत भी खराब हुई है। अतः आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप यथाशीघ्र इन्हें हटवाने का
प्रबंध कीजिए।
धन्यवाद!
आपकी आज्ञाकारी शिष्य
क, ख, ग
कक्षा दसवीं
16. विद्यालय में छुट्टी के दिनों में भी प्रातःकाल योग की
अभ्यास कक्षाएँ चलने की सूचना देते हुए इच्छुक विद्यार्थियों द्वारा अपना नाम देने
हेतु सूचना पट्ट के लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में
लिखिए । [5]
उत्तर- क.ख.ग. पब्लिक स्कूल
अ. ब. स. स्थान
दिनांक 07 दिसम्बर, 20XX
सूचना
प्रातःकाल में
योगाभ्यास कक्षा
आप सभी को सूचित किया जाता है कि विद्यालय में छुट्टी के
दिनों में प्रातः काल में योग की अभ्यास कक्षाएँ चलाई जाएँगी । जो भी विद्यार्थी
योगाभ्यास की कक्षाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, वे अपना नाम अपने
कक्षाध्यापक / कक्षाध्यापिका को दे सकते हैं नाम देने की आखिरी तारीख 26 फरवरी, 20xx है ।
योगाभ्यास
कार्यक्रम
स् - बास्केटबॉल मैदान
समय - प्रातः 6.7 बजे
दिनांक - प्रत्येक शनिवार
एवं रविवार
अभिनव छाबड़ा
अधिकृत
17 परीक्षा में आपकी शानदार उपलब्धियों पर आपके और पिताजी के
बीच हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए।" [5]
18. सड़क पर टहलते हुए आपको एक बैग मिला, जिसमें कुछ रुपये, मोबाइल फोन तथा
अन्य कई महत्त्वपूर्ण कागजात थे। लगभग 25 शब्दों में एक
विज्ञापन तैयार कीजिए कि अधिकारी व्यक्ति आपसे संपर्क कर अपना बैग ले जाए। [5]
HINDI
COURSE B (2016)
Outside
Delhi Term II [Set-1]
निर्धारित समय 3 घण्टे :
अधिकतम अंक 90
खण्ड 'क'
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
के उत्तर लिखिए- [2 × 6 =
12]
महात्माओं और विद्वानों का सबसे बड़ा लक्षण है-आवाज को
ध्यान से सुनना । यह आवाज कुछ भी हो सकती है। कौओं की कर्कश आवाज से लेकर नदियों
की छलछल तक मार्टिन लूथर किंग के भाषण से लेकर किसी पागल के बड़बड़ाने तक। अमूमन
ऐसा होता नहीं सच यह है कि हम सुनना चाहते ही नहीं। बस बोलना चाहते हैं। हमें लगता
है कि इससे लोग हमें बेहतर तरीके से समझेंगे। हालांकि ऐसा होता नहीं हमें पता ही
नहीं चलता और अधिक बोलने की कला हमें अनसुना करने की कला में पारंगत कर देती है एक
मनौवैज्ञानिक ने अपने अध्ययन में पाया कि जिन घरों के अभिभावक ज्यादा बोलते हैं, वहीं बच्चों में
सही-गलत से जुड़ा स्वाभाविक ज्ञान कम विकसित हो पाता है, क्योंकि ज्यादा
बोलना बातों को विरोध आभासी तरीके से सामने रखता है और सामने वाला बस शब्दों के
जाल में फँसकर रह जाता है बात औपचारिक हो या अनौपचारिक दोनों स्थितियों में हम
दूसरे की न सुन, बस हावी होने की कोशिश करते हैं खुद ज्यादा बोलने और दूसरों
को अनसुना करने से जाहिर होता है कि हम अपने बारे में ज्यादा सोचते हैं और दूसरों
के बारे में कम ज्यादा बोलने वालों के दुश्मनों की भी संख्या ज्यादा होती है अगर
आप नए दुश्मन बनाना चाहते हैं, तो अपने दोस्तों से ज्यादा बोलें और अगर आप नए
दोस्त बनाना चाहते हैं, तो दुश्मनों से कम बोलें। अमेरिका के सर्वाधिक
चर्चित राष्ट्रपति रूजवेल्ट अपने माली तक के साथ कुछ समय बिताते और इस दौरान उनकी
बातें ज्यादा सुनने की कोशिश करते। वह कहते थे कि लोगों को अनसुना करना अपनी
लोकप्रियता के साथ खिलवाड़ करने जैसा है इसका लाभ यह मिला कि ज्यादातर अमेरिकी
नागरिक उनके सुख में सुखी होते, और दुख में दुखी ।
(क) अनसुना करने की कला क्यों विकसित होती है?
(ख) अधिक बोलने वाले अभिभावकों का बच्चों पर क्या प्रभाव
पड़ता है और क्यों?
(ग) अधिक बोलना किन बातों का सूचक है?
(घ) रूजवेल्ट की लोकप्रियता का क्या कारण बताया गया है?
(ङ) तर्कसम्मत टिप्पणी कीजिए हम सुनना चाहते ही नहीं।"
(च) अनुच्छेद का मूल भाव तीन-चार वाक्यों में लिखिए।
उत्तर- (क) आज हम किसी को सुनना ही नहीं चाहते हैं और अपनी
ही बोलना चाहते हैं। इसी अधिक बोलने की कला के कारण अनसुना करने की कला विकसित
होती है।
(ख) अधिक बोलने वाले अभिभावकों के कारण बच्चों में सही गलत
से जुड़ा स्वाभाविक ज्ञान कम विकसित होता है। ज्यादा बोलना बातों को विरोधाभासी
तरीके से सामने रखता है और सामने वाला बस शब्दों के जाल में फंसकर रह जाता है।
(ग) अधिक बोलना इन बातों का सूचक है कि हम अपने बारे में
ज्यादा सोचते हैं और दूसरों के बारे में हम सोचना ही नहीं चाहते।
(घ) रूजवेल्ट की लोकप्रियता इससे जाहिर होती है कि वे दूसरों
की बातों को अधिक से अधिक सुनने का प्रयास करते थे और कम से कम बोलकर अपनी बात
रखते थे। वे कहते थे लोगों को अनसुना करना अपनी लोकप्रियता से खिलवाड़ करना है।
(ङ) जब हम खुद ज्यादा बोलते हैं और दूसरों को बोलने का मौका
ही नहीं देते हैं इस बात से पता चलता है कि हम दूसरों को सुनना ही नहीं चाहते, उन्हें कोई
अहमियत नहीं देते। बस अपनी ही कहना चाहते हैं उन्हें लगता है इस तरह से लोग उन्हें
बेहतर तरीके से समझेंगे।
(च) हमें दूसरों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनना चाहिए। इस तरह हम अपने लोगों के बीच लोकप्रिय होंगे। अच्छे दोस्त बनाएँगे। विद्वान व्यक्ति बोलते कम और सुनते अधिक है।
और साथ ही, हमारा कोई दुश्मन नहीं होगा।
2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों
के उत्तर लिखिए- [2 x 4 = 8]
यादें होती हैं गहरी नदी में उठी भँवर की तरह
नसों में उतरती कड़वी दवा की तरह
या खुद के भीतर छिप बैठे साँप की तरह
जो औचक्के में देख लिया करता है।
यादें होती हैं जानलेवा खुशबू की तरह
प्राणों के स्थान पर बैठे जानी दुश्मन की तरह
शरीर में धँसे उस काँच की तरह
जो कभी नहीं दिखता
पर जब-तब अपनी सत्ता का
भरपूर एहसास दिलाता रहता है
यादों पर कुछ भी कहना
खुद को कठघरे में खड़ा करना है
पर कहना जरूरत नहीं, मेरी मजबूरी है।
(क) यादों को गहरी नदी में उठी भँवर की तरह क्यों कहा गया है?
(ख) यादों को जानी दुश्मन की तरह मानने का क्या आशय है?
(ग) शरीर में धँसे काँच से यादों का साम्य कैसे बिठाया जा
सकता है?
(घ) आशय स्पष्ट कीजिए "यादों पर कुछ भी कहना खुद को कठघरे में
खड़ा करना है।"
खण्ड 'ख'
3. (i) शब्द क्या है ? उदाहरण देकर
स्पष्ट कीजिए। [1+1=2]
(ii) शब्द वाक्य में प्रयुक्त होने पर क्या कहलाता है?"
4. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए: [1 × 3 =
3]
(i) वह पुस्तक लेने बाजार गया (मिश्र वाक्य में बदलकर लिखिए)
(ii) तुमने जो घड़ी खरीदी, वह अच्छी थी (
सरल वाक्य में बदलिए)
(iii) वह वाचनालय जाकर समाचार पत्र पढ़ने लगा । (संयुक्त वाक्य
में बदलिए)
उत्तर- (i) वह बाजार गया क्योंकि उसे पुस्तक लेनी थी।
(ii) तुमने अच्छी घड़ी खरीदी।
(iii) वह वाचनालय गया और समाचार पत्र पढ़ने लगा ।
5. (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
दहेज-प्रथा , महात्मा
(ख) निम्नलिखित का
समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
नया जो युवक, ध्यान में मग्न
उत्तर- दहेज की प्रथा - तत्पुरुष समास
महान है आत्मा जिसकी - कर्मधारय समास
(ख) नवयुवक - कर्मधारय समास
ध्यान मग्न - तत्पुरुष समास
6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4]
(क) हम यहाँ सकुशलतापूर्वक हैं।
(ख) आज लगभग कोई एक दर्जन छात्र नहीं आए हैं।
(ग) कृपया आज का अवकाश देने की कृपा करें।
(घ) मोहन ने घर गया और सो गया।
7. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए
कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए [1+1=2]
दाँतों चने चबाना, बाल-बाल बचना।
उत्तर- दाँतों चने चबाना - झाँसी की रानी
ने अंग्रेजों को दाँतों चने चबवा दिए।
बाल-बाल बचना - हमारी माताजी और मौसी जी सड़क दुर्घटना में
बाल-बाल बच गईं।
खण्ड 'ग'
8. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: [2+2+1=2]
(क) ओचुमेलॉव की दो चारित्रिक विशेषताओं का अपने शब्दों में
उल्लेख कीजिए।"
(ख) 'अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ
के आधार पर लिखिए कि समुद्र के गुस्से का क्या कारण था? उसने अपना गुस्सा
कैसे व्यक्त किया ?
(ग) सआदत अली कौन था? कर्नल उसे अवध के
तख्त पर क्यों बिठाना चाहता था ?
उत्तर- (ख) कई सालों से बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे
और उसकी जमीन पर अधिकार करते चले जा रहे थे। समुद्र सिमटता जा
रहा था। उसने पहले टाँगें समेटी फिर धीरे-धीरे उकडू होकर बैठा उस स्थिति में भी
लोगों ने उसे न रहने दिया तो फिर खड़ा हो गया बहुत छोटी जगह में सिमटने के कारण।
इसके बावजूद धीरे-धीरे जगह और कम होती गई तो उसे गुस्सा आ गया। उसने तीन जहाज फेंक
दिये। एक वर्ली में समुद्र के किनारे, दूसरा बांद्रा
में कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट वे ऑफ इंडिया पर जो बाद में टूट-फूट गया।
(ग) सआदत अली वजीर अली का चाचा और नबाव आसिफउद्दौला का छोटा
भाई था सआदत अली अंग्रेजों का चमचा था। अंग्रेज जानते थे कि यदि अवध को अपने
अधिकार में लेना है तो सआदत अली का तख्त पर बैठना आवश्यक है। वजीर अली के रहते अवध
को अपने कब्जे में लेना संभव नहीं था। यही कारण था कि वह सआदत अली को तख्त पर
बैठाना चाहते थे।
9. 'झेन की देन' पाठ में जापानी
लोगों को मानसिक रोग होने के क्या-क्या कारण बताए गए हैं? आप इनसे कहाँ तक
सहमत हैं ? तर्कसहित लिखिए । [2+2+1=2]
उत्तर- लेखक के मित्र ने मानसिक रोग के कारण बताए हैं कि
मनुष्य चलता नहीं दौड़ता है। बोलता नहीं, हर समय बक बक
करता है। एक महीने का काम एक-दो दिन में करना चाहता है, दिमाग हजार गुना
अधिक गति से दौड़ाता है अतः तनाव बढ़ जाता है मानसिक रोगों का प्रमुख कारण
प्रतिस्पर्धा के कारण दिमाग का अनियंत्रित गति से काम करना है हम भी यह मानते हैं
कि मानसिक रोग अत्यधिक तनाव के कारण होते हैं। मस्तिष्क पर अत्यधिक तनाव, अत्यधिक दुख या
कष्ट मानसिक रोग उत्पन्न करते हैं। यह स्थिति मनुष्य को बीमार बना देती है आज का
मनुष्य संतोष भरा जीवन व्यतीत नहीं करता है। वह बस भागते रहना चाहता है इस दौड़
में वह दूसरों से बहुत आगे निकल जाना चाहता है हम इस कथन से बिल्कुल सहमत हैं कि
यह स्थिति ही उसे मानसिक रोगी बना देती है।
10. निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर
लिखिए: [2+2+1=5]
संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो, लेकिन धरती किसी
एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की
इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने
अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के
समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो है। चुका
(क) 'मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें
खड़ी कर दीं - कथन का क्या आशय है?
(ख) परिवार के टुकड़ों में बँटकर एक दूसरे से दूर होने के
क्या कारण हैं?
(ग) आशय समझाइए धरती किसी एक की नहीं है।
उत्तर- (क) इसका अर्थ है कि मनुष्य ने पृथ्वी, उसके जीवों तथा
स्वयं को बाँट दिया है। पहले यह संसार एक परिवार के समान था, अब वह टुकड़ों
में बँट गया है।
(ख) परिवार टुकड़ों में बँट गया है, इस कारण एक-दूसरे
से दूर होने के कारण आपसी मतभेद हो गए हैं। मनुष्य ने सभी को उनके रंग, रूप, आकार तथा स्वभाव
के आधार पर बाँट दिया है जिसके कारण अब वे एक नहीं बल्कि अलग-अलग हो गये हैं। इसी
बँटवारे की वजह से उनमें आपस में मतभेद उत्पन्न हो गए हैं।
(ग) इसका आशय है कि भगवान ने इस धरती को सबके लिए बनाया है
जिसमें हर प्राणी का समान अधिकार है। कोई एक व्यक्ति या समूह इस धरती को अपनी
जागीर नहीं समझ सकता इसलिए अगर कोई एक इस पर अपना एकाधिकार दिखाने का प्रयास करे, तो उचित नहीं है।
यह धरती सभी की है।
11. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए: [2+2+1=5]
( क ) बिहारी ने ईश्वर प्राप्ति में किन साधनों को साधक और
किनको बाधक माना है?
(ख) महादेवी वर्मा अपने दीपक को किस प्रकार जलने के लिए कह रही है और क्यों?"
(ग) 'कर चले हम फिदा' गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि क्या है?
उत्तर- (क ) बिहारी अनुसार ईश्वर को तो केवल सच्ची भक्ति से
ही पाया जा सकता है हाथ में माला लेकर जपने तथा माथे पर चन्दन का तिलक लगाकर जप
करने का दिखावा करने से वह किसी काम नहीं आता है। यह सब बाहरी आडम्बर है। इस तरह
के आडम्बरों से ईश्वर को पाया नहीं जा सकता। ये साधन साधक के लिए बाधा के समान
हैं।
(ग) यह गीत सन् 1962 के भारत-चीन
युद्ध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है। चीन ने तिब्बत की ओर से आक्रमण किया
और भारतीय वीरों ने इस आक्रमण का मुकाबला वीरता से किया था।
12. 'आत्मत्राण' कविता में कवि की प्रार्थना से क्या संदेश
मिलता है? अपने शब्दों में लिखिए। [5]
उत्तर- 'आत्मत्राण' कविता
रवीन्द्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखित कविता है। आत्मत्राण कविता में कवि मनुष्य को
भगवान के प्रति विश्वास बनाए रखने का संदेश देता है। वह प्रभु से प्रार्थना करता
है कि चाहे कितना कठिन समय हो या कितनी ही विपदाएँ जीवन में हों, परन्तु हमारी
आस्था भगवान पर बनी रहनी चाहिए। इनके अनुसार जीवन में थोड़े से दुःख आते ही हैं और
इस कारण से भगवान पर से विश्वास हट जाता है कवि भगवान से प्रार्थना करता है कि ऐसे
समय में आप मेरे मन में अपने प्रति विश्वास को बनाए रखना। उनके अनुसार भगवान पर
विश्वास ही उन्हें सारी विपदाओं व कठिनाइयों से उबरने की शक्ति
देता है। दूसरे वह भगवान मनुष्य को विषम परिस्थितियों में निडर होकर लड़ने के लिए
प्रेरित करते हैं। उनके अनुसार भगवान में वे शक्तियाँ हैं कि वह असंभव को संभव बना
सकते हैं। परन्तु कवि भगवान से प्रार्थना करते हैं कि परिस्थितियाँ कैसी भी हों, वह उनसे स्वयं
आमना-सामना करें। भगवान मात्र उसका सहयोग करें। इससे होगा यह कि वह स्वयं इतना
मजबूत हो जाएगा कि हर परिस्थिति में कमजोर नहीं पड़ेगा और उसका डटकर सामना करेगा।
13. घर वालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ्फन के घर और
उसकी दादी से क्यों था? दोनों के अनजान, अटूट रिश्ते के
बारे में मानवीय मूल्यों की दृष्टि से अपने विचार लिखिए। [5]
उत्तर- टोपी को इफ्फन से और इफ्फन की दादी से जो प्रेम था, वह अकथनीय था।
उसे जितना प्रेम वहां मिला, उसे अपने घर में नहीं मिला। यही कारण है कि
घरवालों के मना करने पर भी टोपी का लगाव इफ्फन के घर और उसकी दादी से था। इफ्फन की
दादी ने तो जैसे उसके कोमल मन में गहरा स्थान पा लिया था। यह प्रेम ही जो था, जिसने न धर्म को
देखा, न उम्र को बस ह्रदय को देखा और जीवन में आत्मसात हो गया।
प्रेम ऐसा भाव है जिसमें व्यक्ति जाति-पांति, धर्म, ऊँच-नीच, बड़े-छोटे के सभी
बंधनों को भूल जाता है। मानवीय मूल्यों में प्रेम सबसे सुंदर भाव है प्रेम किसी
जाति-पांति, ऊँच-नीच, बड़े-छोटे का गुलाम नहीं होता हमारे बीच में
प्रेम विभिन्न रूपों में विद्यमान है जैसे माता-पिता का संतान से भाई का भाई और
बहन से, बहन का बहन और भाई से, चाचा-चाची, बुआ या मामा-मामी
का अपने भतीजे-भतीजियों भांजों से, गुरु का शिष्य से, बड़ों का छोटों
से एक मित्र का दूसरे मित्र से, मनुष्य का पशु-पक्षियों से प्रिय का प्रियतमा
से पति का पत्नी से, दादा-दादी या नाना-नानी का अपने नाती-पोतों से, भक्त का भगवान से
भूखे इन्सान का रोटी से पड़ोसी का पड़ोसी से रहता है। ये सभी रूप प्रेम के ही हैं
इसलिए कहा गया है-
"प्रेम न देखे
जात-पात, न उमर का फासला ।
खण्ड 'घ'
14. दिए गए संकेत बिंदुओं के आधार पर निम्नलिखित में से किसी एक
विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए: [5]
(क) मित्रता
• मित्रता का महत्त्व
• अच्छे मित्र के लक्षण
• लाभ-हानि
(ख) दहेज प्रथा - एक अभिशाप
• सामाजिक समस्या
• रोकथाम के उपाय
• युवकों का कर्त्तव्य
(ग) कम्प्यूटर
• उपयोगी वैज्ञानिक आविष्कार
• विविध क्षेत्रों में कंप्यूटर
• लाभ-हानि
उत्तर- (क) मित्रता
मित्रता एक अनमोल धन है। यह एक ऐसी धरोहर है जिसका मूल्य
लगा पाना संभव नहीं है। इस धन व धरोहर के सहारे मनुष्य कठिन से कठिन समय से भी
बाहर निकल आता है। भगवान के द्वारा मनुष्य को परिवार मिलता है और मित्र वह स्वयं
बनाता है। जीवन के संघर्षपूर्ण मार्ग पर चलते हुए उसके साथ उसका मित्र कन्धे से
कन्धा मिलाकर चलता है। हर व्यक्ति को मित्रता की आवश्यकता होती है वह चाहे सुख के
क्षण हों या दुःख के क्षण, मित्र उसके साथ रहता है। किसी विशेष गूढ़ बात पर
मित्र ही उसे सही सलाह देकर उसका मार्गदर्शन करता है। मित्र ही उसका सही अर्थों
में सच्चा शुभचिंतक, मार्गदर्शक, शुभ इच्छा रखने
वाला होता है। सच्ची मित्रता में प्रेम व त्याग का भाव होता है। मित्र की भलाई
दूसरे मित्र का कर्त्तव्य होता है सच्चा मित्र वही होता है जो विपत्ति के समय अपने
मित्र के साथ दृढ़ निश्चय होकर खड़ा रहता है हमें चाहिए कि जब भी किसी को अपना
मित्र बनाएं तो सोच विचार कर बनाएं क्योंकि जहाँ एक सच्चा मित्र आपका साथ दे, आपको ऊँचाई तक
पहुँचा सकता है, कपटी मित्र अपने स्वार्थ के लिए आपको पतन के रास्ते पर भी
पहुँचा सकता है जो आपके मुंह पर आपका सगा बने और पीठ पीछे आपकी बुराई करे ऐसे
मित्र को दूर से नमस्कार कहने में ही भलाई है।
(ख) दहेज प्रथा एक
अभिशाप
दहेज प्रथा हिन्दू समाज की नवीनतम बुराइयों में से एक है।
विगत बीस-पच्चीस वर्षों में यह बुराई इतनी बढ़कर सामने आई है कि इसका प्रभाव समाज
की आर्थिक एवं नैतिक अवस्था की कमर तोड़ रहा है। इस प्रथा के पीछे लोभ की
दुष्प्रवृत्ति है। दहेज प्रथा भारत के सभी क्षेत्रों और वर्गों में व्याप्त है
दहेज प्रथा को जीवित रखने वाले तो थोड़े से व्यक्ति हैं, परन्तु समाज पर
इसका कुप्रभाव अत्यधिक पड़ रहा है। कितनी ही बार देखा जाता है कि पिता को अपनी
सुंदर लड़की की शादी धन के अभाव के कारण किसी भी बिना पढ़े-लिखे, अवगुणों से भरपूर
लड़के के साथ करनी पड़ती है। कई बार सुनने में आता है कि दहेज प्रथा के कारण या तो
लड़की ने आत्महत्या कर ली या ससुराल में उसे प्रताड़ित करते हुए जलाकर अथवा किसी
भी तरीके से मार दिया गया। दहेज प्रथा की बीमारी पढ़े-लिखे लोगों में अनपढ़ लोगों
की अपेक्षा अधिक फैली हुई है। सरकार ने दहेज प्रथा के विरुद्ध कानून बना दिया है, लेकिन दहेज प्रथा
के विरुद्ध प्रताड़ित होने के बावजूद कोई वकील और कचहरी के चक्कर लगाना नहीं चाहता।
अतः कानून को और सख्त बनाना पड़ेगा। लड़कियों को उच्च शिक्षा दिलवाना आवश्यक है
ताकि वह स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक हों। इस प्रथा को तो समाज का युवावर्ग
ही तोड़ने में समर्थ हो सकता है। वह वर्तमान परम्पराओं का एक बार तिरस्कार कर दे, तो दहेज प्रथा
धीरे-धीरे खत्म हो सकती है।
(ग) कम्प्यूटर
कम्प्यूटर के आविष्कार से जीवन आफिस, संचार एवं / फोटो
/ डाटा के क्षेत्र में जो क्रांति आई है, वह आज तक के
दूसरे आविष्कारों के मुकाबले बहुत तीव्र है । कम्प्यूटर के माध्यम से डिजाइनिंग व
छपाई को एक नया आयाम मिला। कम्प्यूटर के आविष्कार के साथ कई नये कार्यक्षेत्रों का
जन्म हुआ जिससे रोजगार के नये अवसर पैदा हुए। आज कम्प्यूटर हर क्षेत्र में
अपना स्थान बना चुका है। रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा
सरकारी या गैर-सरकारी कार्यालय, बैंक, पत्र-पत्रिकाओं
समाचार पत्रों का कार्यालय हो, कुछ ही क्षणों में हम कम्प्यूटर के माध्यम से अपने
कार्यों को सफलतापूर्वक कर सकते हैं। अपने कार्यों को और अच्छा बनाने के लिए ई-मेल
का सहारा लेते हैं आज ई-मेल भी हर क्षेत्र की महत्वपूर्ण जरूरत के रूप में सामने
आया है। इसी तरह से दुनिया के किसी शहर क्षेत्र की जानकारी, कोई महत्वपूर्ण
सूचना या प्रसिद्ध व्यक्तियों के बारे में जानकारी हमें "गूगल से मिल जाती
है। कम्प्यूटर के लाभ हैं, तो इससे जुड़ी हानियाँ भी कम नहीं हैं। यदि
कम्प्यूटर में वायरस आ जाए तो समस्त जानकारियाँ, फाइल इत्यादि
नष्ट हो जाती हैं। कुछ आपराधिक मानसिकता के लोगों द्वारा, तो कई बैंकों या
देश की सुरक्षा संबंधी क्षेत्रों में कम्प्यूटर व इन्टरनेट के माध्यम से घुसपैठ की
जाती है साइबर क्राइम इसी से जुड़ा होता है जो अत्यधिक चिन्ता का विषय है। इसके
अतिरिक्त कम्प्यूटर पर ज्यादा बैठने वाले लोगों को सिर दर्द, पीठ दर्द, स्पोन्डोलाइटिस, आँखों संबंधी
परेशानी जैसी कई बीमारियाँ हो जाती हैं।
5. आपके नाम से प्रेषित एक हजार रु. के मनीआर्डर की प्राप्ति न
होने का शिकायत पत्र अधीक्षक पोस्ट आफिस को लिखिए। [5]
उत्तर- 47, अशोक नगर
बरेली
सेवा में,
अधीक्षक,
मुख्य डाकघर, बरेली
दिनांक 25 मार्च, 20XX
विषय - मनीआर्डर की प्राप्ति नहीं होने पर कार्यवाही हेतु पत्र
महोदय,
मैं बरेली का रहने वाला हूँ। मेरे घर से मेरे पिताजी ने
दिनांक 3 मार्च, 20XX को 1000 रुपये का
मनीआर्डर ( रसीद संख्या XXXX ) किया था, परन्तु अभी तक यह
मनीआर्डर मुझे प्राप्त नहीं हुआ है। इस विषय में मैंने अपने क्षेत्र के पोस्ट आफिस
के स्टाफ से संपर्क किया। परन्तु उनका कहना है कि उनको इसकी कोई जानकारी नहीं है
हमारा परिवार बहुत गरीब है और पिताजी दिहाड़ी की मजदूरी मेहनत करके मुझे पैसे
भेजते हैं आपसे निवेदन है कि इस दिशा में कुछ ठोस कदम उठाएं | और जल्द से जल्द
मुझे मनीआर्डर वाले पैसे दिलवाएं। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप मेरी इस समस्या पर
ध्यान देते हुए उचित कार्यवाही करेंगे मैं सदैव आपका आभारी रहूँगा। धन्यवाद सहित
भवदीय
अ.ब.स.
9873XXXXXX
16. विद्यालय में आयोजित होने वाली वाद-विवाद प्रतियोगिता के
लिए एक सूचना लगभग 30 शब्दों में साहित्यिक क्लब के सचिव की ओर से
विद्यालय सूचना पट के लिए लिखिए । [5]
17. खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट के बारे में मित्र के
साथ हुए संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए। [5]
18. अपने पुराने मकान के बेचने संबंधी विज्ञापन का आलेख लगभग 25 शब्दों में तैयार
कीजिए। [5]
Outside
Delhi Term II [Set-II]
Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.
4. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए [1 × 3 = 3]
(i) मैंने एक बीमार व्यक्ति को देखा। (संयुक्त वाक्य
में बदलिए)
(ii) यद्यपि वह बहुत मेहनती है फिर भी सफल नहीं हो सका। ( रचना
के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
(iii) शरीर से कमजोर व्यक्ति के लिए यह प्रतियोगिता नहीं है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर- (i) संयुक्त वाक्य- मैंने एक
व्यक्ति को देखा और वह बहुत बीमार था।
(ii) मिश्र वाक्य
(iii) मिश्र वाक्य - जो शरीर से कमजोर व्यक्ति है, उसके लिए यह
प्रतियोगिता नहीं है।
5. (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम बताइए [1+1=2]
जनहित मधुरफल
(ख) निम्नलिखित का
समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
स्वप्न देखने वाला, अपनी रक्षा
उत्तर- (क) (i) जन का हित - तत्पुरुष समास
(ii) मधुर है जो फल कर्मधारय समास
(ख) (i) स्वप्नदर्शी - तत्पुरुष समास
(ii) आत्मरक्षा - तत्पुरुष समास
6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 ×4=4]
(क) एक गरम कप चाय पीलो ।
(ख) उससे हमारा बात हो गया है।
(ग) यहाँ केवल मात्र दो पुस्तकें रखी हैं।
(घ) वह तुमसे भली भाँति सुपरिचित है।
7. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए
कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए : [1+1=2]
पानी-पानी होना, सिर पर कफन
बाँधना ।
उत्तर- पानी-पानी होना- नरेश की चोरी पकड़ी जाने पर वह सबके
सामने पानी-पानी हो गया।
सिर पर कफन बाँधना - भारतवर्ष की
स्वतंत्रता की माँग को लेकर भगत सिंह, राजगुरु और
सुखदेव ने अपने सिर पर कफन बाँध लिया और फांसी पर चढ़ गए।
9. पाठ के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि दूसरों के दुःख से
दुःखी होने वाले अब कम मिलते हैं। [5]
उत्तर- इस पाठ में लेखक सुलेमान पैगंबर लशकर, शेख अयाज़ और
अपनी माताजी के माध्यम से यह संदेश देना चाहता है कि अब संसार में इस तरह के लोग
नहीं है, जो किसी दूसरे के दुःख में उसी प्रकार दुःखी होते हैं मानो
उनका अपना ही दुःख हो इंसान आज इतना स्वार्थी हो गया है, कि इस स्वार्थ के
वशीभूत होकर वह दूसरों के हितों का भी हनन करने से नहीं चूकता। ईश्वर ने उसे यह सुंदर
दुनिया दी ताकि वह इसमें सभी प्राणियों के साथ मिलकर रहे, लेकिन वह यह भूल
गया है कि इस दुनिया में उसके अतिरिक्त और कोई भी रहता है वे अपने लिए इसका व अन्य
जीव-जन्तुओं का नाश करने से भी नहीं चूका। उसे यही भ्रम है कि वह इस पृथ्वी पर
सबसे शक्तिशाली है। इस मद में मदमस्त होता हुआ, वह जाने अनजाने
स्वयं के लिए गड्ढा खोद चुका है।
15. नेशनल बुक ट्रस्ट के प्रबंधक को पत्र लिखकर हिंदी में
प्रकाशित नवीनतम बाल साहित्य की पुस्तकें भेजने हेतु अनुरोध कीजिए। [5]
उत्तर- परीक्षा भवन
नई दिल्ली। दिनांक 20 जनवरी, 20XX
सेवा में,
प्रबंधक नेशनल बुक ट्रस्ट
मुख्य डाकघर
नई दिल्ली।
विषय: पुस्तक मंगाने हेतु प्रार्थना-पत्र |
महोदय,
हमने छोटे बच्चों के लिए एक वाचनालय की शुरुआत की है, जिसमें छोटी-छोटी
कहानियों का संग्रह, नेताओं की जीवनी, रामायण व महाभारत
संबंधित पुस्तकों का संकलन होगा। मुझे निम्नलिखित दस पुस्तकें शीघ्र भिजवा दें और
यहाँ प्रकाशित बच्चों संबंधित किताबों की एक सूची भी भिजवा दें। इस आर्डर की
पुस्तकों की कीमत की अग्रिम राशि 1,000 रुपये का बैंक
ड्राफ्ट नं XXXXX दिनांक 20 जनवरी, 20XX बैंक, ग्रामीण
आर्यावर्त बैंक इस पत्र के साथ भेज रहा हूँ पुस्तकें भेजते हुए पहले यह सुनिश्चित
कर लीजिएगा कि पुस्तकें अंदर से या बाहर से कटी-फटी न हों और प्रत्येक पुस्तक कवर
चढ़ी हुई हो ।
आपसे करबद्ध अनुरोध है कि सारी पुस्तकें बच्चों के वाचनालय
हेतु हैं अतः हमारे द्वारा माँगी हुई सभी किताबों, पत्र-पत्रिकाओं पर यथासम्भव
"छूट" दें।
आपसे विनम्र निवेदन है जितना शीघ्र हो सके, निम्न पुस्तकों
की 5-5 प्रतियाँ भिजवा दें
1. मन्दाकिनी 6. पंचतन्त्र की
कहानियाँ
2. अमन, प्रेम व आजादी 7. बच्चों की जातक
कथाएँ
3. चम्पक 8. जंगल बुक
4. चन्द्रकान्ता 9. सिंहासन बत्तीसी
5. नन्दन 10. हितोपदेश
धन्यवाद!
भवदीय
सचिव, वाचनालय
मनीआर्डर भेजने का पता-
ईशान्त चावला
नई दिल्ली।
Outside Delhi
Term II [Set-III]
Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.
4. निर्देशानुसार उत्तर दीजिए [1 × 3 =
3]
(i) माता-पिता की सेवा करने वाले को किसी अन्य की सेवा नहीं
चाहिए। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
(ii) प्रातःकाल टहलने के कारण वह स्वस्थ रहता है। (संयुक्त वाक्य
में बदलिए)
(iii) परिश्रमी व्यक्ति को दुःख नहीं झेलना पड़ता। ( रचना के आधार पर
वाक्य भेद बताइए )
उत्तर- (i) मिश्र वाक्य जो माता-पिता
की सेवा करता है, वह किसी और की सेवा सहायता नहीं चाहता।
(ii) संयुक्त वाक्य वह स्वस्थ रहता है, जो प्रातःकाल
टहलने जाता है।
(iii) सरल वाक्य
5. (क) निम्नलिखित का विग्रह करके समास का नाम बताइए [1+1=2]
चिंतारहित, शुभदिन
(ख) निम्नलिखित का समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
माता का भक्त, चाँद जैसा मुख ।
उत्तर- (क) (i) चिंता से रहित
अपादान - तत्पुरुष समास
(ii) शुभ है जो दिन - कर्मधारय समास
(ख) (i) मातृ भक्त - तत्पुरुष
समास
(ii) चंद्रमुखी - कर्मधारय समास
6. निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 =
4]
(क) हमने पिताजी से मिलना है।
(ख) उत्तम चरित्र
- निर्माण हमारा लक्ष्य होने चाहिए।
(ग) कितने लोग हमारा बुराई करता रहता है।
(घ) शिक्षक ने शशांक को बुलाए।
7. निम्नलिखित मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए
कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए: [1 × 1 = 2 ]
खून सूखना, कागजी घोड़े दौड़ाना।
उत्तर- मुहावरों का प्रयोग खून सूखना- डॉक्टर ने जब हमारे
पिताजी को कैंसर से पीड़ित बताया तो घर के सभी सदस्यों का खून सूख गया।
कागजी घोड़े दौड़ाना - मात्र योजनाएँ
बनाना, परन्तु उस पर कार्य न करना- कागजी घोड़े दौड़ाने से काम
नहीं चलता सरकार द्वारा आगरा की पेयजल समस्या को हल करने के लिए गंगा जल अभी तक
नहीं लाया गया।
9. 'टी सेरेमनी' की तैयारी और
उसके प्रभाव पर चर्चा कीजिए । [5]
उत्तर- जापानी में चाय पीने की विधि को
"चा-नो-यू" कहते हैं जिसका अर्थ होता है-"टी सेरेमनी" और चाय
पिलाने वाला "चाजीन' कहलाता है। जहाँ चाय पिलाई जाती है, वहाँ की सजावट
पारम्परिक होती है और इस स्थान में केवल तीन लोग बैठकर चाय पी सकते हैं। यहाँ
अत्यन्त शांति और गरिमा के साथ-साथ चाय पिलाई जाती हैं टी सेरेमनी में चाजीन
द्वारा अतिथियों का उठकर स्वागत करना, आराम से अंगीठी
सुलगाना, चायदानी रखना, दूसरे कमरे से
चाय के बर्तन लाना, चाय को बर्तनों में डालना, सभी क्रियाएं
गरिमापूर्ण ढंग से की जाती हैं। चाय पीने के बाद लेखक ने महसूस किया कि जैसे उनके
दिमाग की गति मंद पड़ गई हो । धीरे-धीरे उसका दिमाग चलना भी बंद हो गया। उन्हें
लगा कि मानो वे अनंतकाल से जी रहे हैं। वे भूत और भविष्य दोनों का चिंतन न करके
वर्तमान काल में जी रहे हों ।
12. 'कर चले हम फिदा' कविता का
प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए । [5]
उत्तर- इस कविता में देशभक्ति की भावना को प्रतिपादित किया
गया हैं। इस कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों
ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान
दिया। मरते दम तक वे देश रक्षा के प्रयासों में लगे रहे और अपनी इस धरोहर को अपने
साथियों को सौंपकर वीरगति को प्राप्त हुए। देश की धरती अत्यंत पवित्र है हम सभी को
मिलकर इस देश की रक्षा करनी है। इस देश की रक्षा में अनेक सैनिकों ने अपना रक्त
बहाया है। हिमालय हमारे देश के मान-सम्मान का प्रतीक है। हमें किसी भी हालत में
इसके सिर को झुकने नहीं देना है।
14. रेल द्वारा बुक कराकर भेजा गया घरेलू सामान आपके निवास के
निकटस्थ स्टेशन तक नहीं पहुँचा है, इसकी शिकायत करते
हुए रेल प्रबंधक को एक पत्र लिखिए। [5]
उत्तर- अ.ब.स.
94, साबरमती गार्डन
अहमदाबाद।
सेवा में,
रेल प्रबंधक
वाराणसी कैन्ट रेलवे स्टेशन
वाराणसी
दिनांक 25 नवम्बर, 20XX
विषय - सामान न पहुंचने का शिकायती पत्र ।
महोदय,
मैं एक सरकारी कर्मचारी हूँ और अहमदाबाद से तबादले के बाद
वाराणसी आया हूँ। मैंने अपना ज्यादातर घरेलू सामान लकड़ियों और स्टील के बक्सों
में अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पर वाराणसी कैन्ट स्टेशन के लिए बुक किया था। रेलवे की
बुकिंग रसीद संख्या XXXX दिनांक 25 नवम्बर, 20XX है।
क्योंकि घरेलू सामान अभी तक यहाँ वाराणसी नहीं पहुँचा है, मैंने पार्सल घर
और स्टेशन मास्टर से सम्पर्क किया, परन्तु वे कोई
सन्तोषजनक उत्तर नहीं दे पा रहे हैं। रेलवे की पार्सल ट्रैकिंग की इन्टरनेट सेवा
भी काम नहीं कर रही है क्योंकि सामान घरेलू है इसलिए हमें काफी दिक्कतों का सामना
करना पड़ रहा है। आपसे अनुरोध है कि हमारा घरेलू सामान जल्द से जल्द वाराणसी
स्टेशन पर मँगवाया जाए और हमें हमारा सामान दिया जाए।
अग्रिम धन्यवाद
भवदीय
अ.ब.स.
9568XXXXXX
HINDI (COURSE B) 2016
Delhi Term II [Set-1]
निर्धारित समय 3 घण्टे
अधिकतम अंक : 90
खण्ड 'क'
1. निम्नलिखित
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: [2 × 6 = 12]
हम एक ऐसे युग
में जी रहे हैं, जहाँ एक तरफ
भौतिक समृद्धि अपनी ऊँचाई पर है, तो दूसरी तरफ
चारित्रिक पतन की गहराई है। आधुनिकीकरण में उलझा मानव सफलता की नित नई परिभाषाएँ
खोजता रहता है और अपनी अंतहीन इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकता रहता है। ऐसे समय
में सच्ची सफलता और सुख-शांति की प्यास से व्याकुल व्यक्ति अनेक मानसिक रोगों का
शिकार बनता जा रहा है। हममें से कितने लोगों को इस बात का ज्ञान है कि जीवन में
सफलता प्राप्त करना और सफल जीवन जीना, यह दोनों दो अलग-अलग बातें है यह जरूरी नहीं कि जिसने अपने जीवन में साधारण
कामनाओं को हासिल कर लिया हो, वह पूर्णतः
संतुष्ट और प्रसन्न भी हो। अतः हमें गंभीरतापूर्वक इस बात को समझना चाहिए कि
इच्छित फल को प्राप्त कर लेना ही सफलता नहीं है जब तक हम अपने जीवन में नैतिक व
आध्यात्मिक मूल्यों का सिंचन नहीं करेंगे, तब तक यथार्थ सफलता पाना हमारे लिए मुश्किल ही नहीं, अपितु असंभव कार्य हो जाएगा, क्योंकि बिना मूल्यों के प्राप्त सफलता केवल क्षणभंगुर सुख
के समान रहती है।
कुछ निराशावादी
लोगों का कहना है कि हम सफल नहीं हो सकते, क्योंकि हमारी तकदीर या परिस्थितियाँ ही ऐसी हैं, परंतु यदि हम अपना ध्येय निश्चित करके उसे अपने मन में बिठा
लें, तो फिर सफलता स्वयं हमारी
ओर चलकर आएगी सफल होना हर मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार है, परंतु यदि हम अपनी विफलताओं के बारे में ही सोचते रहेंगे,
तो सफलता को कभी हासिल नहीं कर पाएँगे। अतः
विफलताओं की चिंता न करें, क्योंकि वे तो हमारे
जीवन का सौंदर्य हैं और संघर्ष जीवन का काव्य है, कई बार प्रथम आघात में पत्थर नहीं टूट पाता, उसे तोड़ने के लिए कई आघात करने पड़ते हैं,
इसलिए सदैव अपने लक्ष्य को सामने रख आगे बढ़ने
की जरूरत है। कहा गया है कि जीवन में सकारात्मक कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं
होती।
(क) मनुष्य के
मानसिक रोग और अशांति का कारण किसे माना गया है?
(ख) सफलता पाना और
सफल जीवन जीना दोनों बातें अलग कैसे हैं?
(ग) गद्यांश में
जीवन का सौंदर्य और संघर्ष किसे बताया गया है? क्यों?
(घ) पत्थर का
उदाहरण क्यों दिया गया है?
(ङ) वास्तविक
सफलता पाने के लिए क्या आवश्यक है और क्यों?
(च) आशय स्पष्ट
कीजिए "संघर्ष जीवन का काव्य है।"
उत्तर- (क)
मनुष्य के मानसिक रोग और अशांति का कारण उसकी अंतहीन इच्छायें हैं। मनुष्य इन
इच्छाओं के रेगिस्तान में भटकता रहता है, सुख-शांति की प्यास में व्याकुल होकर वह मानसिक रोगों का शिकार हो जाता है।
(ख) सफलता पाना और
सफल जीवन जीना दोनों अलग-अलग बातें हैं। अपने इच्छित फल को प्राप्त कर लेना सफलता
तो हो सकती है, पर सफल जीवन जीने
के लिए जीवन में नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों का सिंचन करना भी होता है। इसी से
संतुष्टि और प्रसन्नता मिलती है।
(ग) गद्यांश में
विफलताओं को जीवन का सौंदर्य बताया गया है हमें विफलताओं की चिन्ता नहीं करनी
चाहिए। संघर्ष को जीवन का काव्य बताया गया है लक्ष्य को सामने रखकर आगे बढ़ने के
लिए संघर्ष की आवश्यकता होती है।
(घ) पत्थर यहाँ
समस्याओं का प्रतीक है जो सफलता के रास्ते में बाधा हैं। पत्थर को तोड़ने के लिए
कई आघात करने पड़ सकते हैं। उसी प्रकार समस्याओं के समाधान के लिए एक से ज्यादा
प्रयास करने पड़ सकते हैं।
(ङ) वास्तविक
सफलता पाने के लिए भाग्य का सहारा छोड़कर अपना ध्येय निश्चित करें और उसे अपने मन
में बिठा लें। लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ते जाने से ही वास्तविक सफलता मिलती है।
(च) संघर्ष जीवन
का काव्य है संघर्ष करने में जहाँ कठोर आघात सहने पड़ते हैं, वहीं इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आते हैं
संघर्ष सुखद अनुभूति भी कराता है।
2. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए : [2 × 4 = 8]
वह जागता है
रात के सन्नाटे
में
दिन का कोलाहल
उसे सोने नहीं देता
वह अरमानों को
सँजोता है और
सिर्फ अपने लिए
जीता है।
रात के सन्नाटे
में वह सोच पाता है, विवेक को जगा
पाता है।
तभी तो दिन को
बर्दाश्त कर पाता है!
वह परेशान है दिन के कोलाहल से,
वही ढोंग,
दिखावा, झूठे रिश्ते,
छल, छद्म और पाखंड दम
घुटता है उसका
इसलिए जागना
चाहता है
रात के सन्नाटे
में
(क) काव्यांश में
दिन और रात किस बात के प्रतीक माने गए हैं?
(ख) विवेक किसे
कहा जाता है? कवि का विवेक कब
जागता है?
(ग) कवि को दिन
में परेशानी क्यों होती है?
(घ) आशय स्पष्ट
कीजिए तभी तो दिन को बर्दाश्त कर पाता है!"
खण्ड 'ख'
3. शब्द और पद में
क्या अंतर है ? उदाहरण सहित
समझाइए । [1+1=2]
4. निर्देशानुसार
उत्तर दीजिए [1 × 3 = 3]
(i) ज्यों ही वह
पहुँचा वर्षा होने लगी। ( सरल वाक्य में बदलिए)
(ii) जब उसने भाषण
शुरू किया तो तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत हुआ। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iii) मैंने वहाँ एक
हृष्ट-पुष्ट व्यक्ति देखा (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर- (i)
सरल वाक्य उसके पहुँचते ही वर्षा होने लगी।
(ii) संयुक्त वाक्य -
उसने भाषण शुरू किया और तालियों की
गड़गड़ाहट से उसका स्वागत
हुआ।
(iii) मिश्र वाक्य-
मैंने वहाँ एक व्यक्ति को देखा जो हृष्ट-पुष्ट था।
5. (क) निम्नलिखित का
विग्रह करके समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
ऋणमुक्त, चन्द्रखिलौना
(ख) निम्नलिखित का
समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
धन और दौलत, राष्ट्र की
संपत्ति
उत्तर- (क) (i)
ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त - तत्पुरुष समास
(ii) चन्द्रखिलौना =
चंद्र रूपी खिलौना - कर्मधारय समास
(ख) (i) धन और = दौलत धन-दौलत - द्वंद्व समास
(ii) राष्ट्र की
संपत्ति = राष्ट्रीय संपत्ति - तत्पुरुष समास
6. निम्नलिखित
वाक्यों को शुद्ध रूप में लिखिए :
(क) यह लोग कहाँ
के रहने वाले हैं?
(ख) कृपया मेरी
बात सुनने की कृपा करें?
(ग) हमने उन्हें
आज भोजन पर बुलाए हैं।
(घ) शिक्षक ने
उसकी खूब प्रशंसा करी ।
7. निम्नलिखित
मुहावरों का वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए: [2]
छक्के छुड़ाना,
आँखें खुल जाना
उत्तर- मुहावरों
का वाक्यों में प्रयोग-
छक्के छुड़ाना -
भारतीय सेना ने युद्ध में पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए।
आँखें खुल जाना -
जब तुम्हारा सारा धन बाहर वाले लूट ले जाएंगे तो तुम्हारी स्वतः ही आँखें खुल
जायेंगी।
खण्ड 'ग'
8. निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर दीजिए: [2+2+1=5]
(क) ख्यूक्रिन कौन
था ? उसने मुआवजा पाने की क्या
दलील दी?"
(ख) गिन्नी का
सोना पाठ में शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से क्यों की गई
है ?
(ग) सआदत अली को अवध के तख्त पर बिठाने के पीछे कर्नल का
क्या उद्देश्य था ?
उत्तर- (ख)
महात्मा गांधी ने शुद्ध आदर्श की तुलना सोने से और व्यावहारिकता की तुलना ताँबे से
इसलिए की है क्योंकि शुद्ध आदर्श में कभी कोई खोट नहीं होता। वह खरे सोने के समान
होता है। व्यावहारिकता ताँबे के समान होती है उसे आभूषण बनाने के लिए सोने में
मिलाया जाता है इसी प्रकार आदर्श को व्यावहारिक बनाने के लिए कभी-कभी कुछ समझौते
करने पड़ते हैं।
(ग) सआदत अली
कर्नल का दोस्त था कर्नल ने उसे अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए अवध के तख्त पर बिठाने
का षड्यंत्र रचा सआदत अली ऐश पसंद व्यक्ति था। यही कारण था कि उसने आधी जायदाद और
दस लाख रुपये कर्नल को दे दिए। कर्नल ने उसे अवध के तख्त पर बिठा दिया। वे दोनों
मजे करने लगे। सआदत अली अंग्रेजों का दोस्त बन गया था, जिसे बाद में अंग्रेजों ने गद्दी से उतार कर अवध पर कब्जा
कर लिया।
9. 'अब कहाँ दूसरे के
दुःख से दुःखी होने वाले' पाठ में बढ़ती
हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या कुप्रभाव बताया गया है? अपने शब्दों में विस्तार से लिखिए। [5]
उत्तर- इस पाठ
में पर्यावरण के असंतुलन पर प्रकाश डाला गया है। बढ़ती आबादी ने पर्यावरण पर
निम्नलिखित रूप से कुप्रभाव डाला है-
इसने समुद्र को
सिकोड़कर रख दिया है। कहने का तात्पर्य यह है कि समुद्र को धीरे-धीरे पाट-पाट कर
जमीन बनाते जा रहे हैं बढ़ती आबादी को रहने के लिए भूमि जमीन की आवश्यकता बढ़ती जा
रही है।
इसने पर्यावरण को
प्रदूषित कर दिया है।
इसने पर्यावरण के
संतुलन को बिगाड़कर रख दिया है। अब मौसम अनिश्चित हो गया है और तापमान में वृद्धि
होती जा रही है। ग्रीष्म ऋतु का समय बहुत बढ़ गया है, जबकि शरद ऋतु नाममात्र की रह गई है आर्कटिक व अन्टार्कटिका
ग्लेशियर भी पिघलने लगे हैं।
अब प्राकृतिक
आपदाएँ अधिक भयंकर रूप में आने लगी हैं।
10. निम्नलिखित
गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए: [2+2+1=5]
अकसर हम या तो
गुजरे हुए दिनों की खट्टी-मीठी यादों में उलझे रहते हैं या भविष्य के रंगीन सपने
देखते हैं। हम या तो भूतकाल में रहते हैं या भविष्यकाल । असल में दोनों काल मिथ्या
हैं। एक चला गया है, दूसरा आया नहीं
है। हमारे सामने जो वर्तमान क्षण है, वही सत्य है। उसी में जीना चाहिए ।
(क) गद्यांश में
लेखक ने किन बातों में उलझे रहने की बात कही है?
(ख) आशय स्पष्ट
कीजिए "असल में दोनों काल मिथ्या हैं।
(ग) लेखक ने सत्य
किसे कहा है और क्यों?
उत्तर- (क) लेखक ने बीते हुए समय
की खट्टी-मीटी यादों में उलझे रहने की बात की है। हम उन बातों को याद करते हैं
अथवा भविष्य के रंगीन सपने देखते रहते हैं।
(ख) असल में दोनों
काल भूतकाल और भविष्यकाल' मिथ्या हैं।
भूतकाल बीत गया और भविष्यकाल आया ही नहीं। अतः दोनों ही कालों में रहना व्यर्थ है।
हमें वर्तमान में जीना चाहिए।
(ग) लेखक ने
वर्तमान क्षण को सत्य कहा है क्योंकि हम उसी "वर्तमान' में जी रहे हैं जो सामने है, वही सत्य है।
11. निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर दीजिए: [2+2+1=5]
(क) बिहारी ने जगत
को तपोवन क्यों कहा है और इससे क्या संदेश देना चाहा है?
(ख) मधुर मधुर
मेरे दीपक जल में कवयित्री के दीपक से ज्वाला-कण कौन माँग रहे हैं और क्यों?"
(ग) आत्मत्राण
कविता में कवि किससे और क्या प्रार्थना करता है?
उत्तर- (क )
बिहारी ने ग्रीष्म ऋतु का वर्णन करते हुए जगत को तपोवन कहा है क्योंकि गर्मी में
जगत भी तपोवन के समान भीषण अग्नि में जल रहा है तपोवन पवित्र स्थान होता है,
वहाँ न कोई शत्रुता का भाव होता है और न कोई
बैरी होता है। गर्मी के कारण परस्पर बैरभाव रखने वाले जीव भी एक ही वृक्ष की छाया
में आ जाते हैं।
(ग) आत्मत्राण'
कविता में कवि यह नहीं चाहता है कि ईश्वर इसे
दिन-प्रतिदिन विपदाओं से बचाए वह तो ईश्वर से यह प्रार्थना करता है कि वह उसे इतनी
शक्ति दे कि वह इन विपदाओं से भयभीत न हो और जीवन में आने वाले दुखों पर विजय
प्राप्त कर सके। उसे कोई सहायक भले ही न मिले, पर उसका बल-पौरुष न हिले कवि अपने मन की दृढ़ता की कामना
करता है तथा ईश्वर से केवल कष्ट सहने की शक्ति चाहता है।
12. 'कर चले हम फिदा'
कविता में किस प्रकार की मृत्यु को अच्छा कहा
गया है और क्यों? इससे कवि क्या
संदेश देना चाहता है ? [5]
उत्तर- कर चले हम
फिदा' कविता में कवि ने देश की
खातिर होने वाली मृत्यु को अच्छा बताया है। उसका कहना है कि देश पर मर-मिटने का
अवसर बार-बार नहीं मिलता ।
शायर कैफी आज़मी
इस कविता के माध्यम से संदेश देते हैं कि जीने के मौसम तो बहुत आते हैं, पर देश पर अपनी जान कुर्बान करने का मौका बड़ी
मुश्किल से मिलता है। अवसर मिलने पर हमें इस प्रकार के मौके को गँवाना नहीं चाहिए
। देश का मान-सम्मान सर्वोपरि है। इसकी रक्षा में अपने प्राण तक न्योछावर करने को
तत्पर रहना चाहिए। हमें सैनिकों के जीवन बलिदान करने के जज्बे का सम्मान करना
चाहिए।
13. जीवन मूल्यों के
आधार पर इफ्फन और टोपी शुक्ला के संबंधों की समीक्षा कीजिए । [5]
उत्तर- इफ्फन और
टोपी शुक्ला दो भिन्न-भिन्न धर्मों को मानने वाले हैं। इफ्फन मुसलमान है तो टोपी
शुक्ला पक्का हिंदू है। धार्मिक भिन्नता होते भी दोनों में प्रगाढ़ मित्रता है।
टोपी इफ्फन को बहुत चाहता है। उसके पिता का तबादला होने पर वह दुःखी होता है। वह
इफ्फन की दादी को प्यार करता है तथा दादी भी उसे बहुत प्यार करती है। दोनों के
सम्बन्ध मानवीय धरातल पर हैं। इनके बीच में धर्म की दीवार नहीं है यही हमारी
सामाजिक संस्कृति की प्रमुख विशेषता है। हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए।
मानवीय प्रेम सर्वोपरि है। धर्म को इसमें बाधक नहीं बनना चाहिए।
खण्ड 'घ'
14. निम्नलिखित में
से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए: [5]
(क) देशाटन
• क्या और क्यों
•शैक्षिक महत्त्व
• साधन और सुविधा
(ख) विज्ञान के
आधुनिक चमत्कार
•मानव जीवन और
विज्ञान
•आधुनिक आविष्कार
•लाभ-हानि
(ग) शारीरिक श्रम
• श्रम और मानव
जीवन
•लाभ
• सुझाव
उत्तर- (क) देशाटन
"देशाटन" देश
का भ्रमण करना है जब हम देश का भ्रमण करके वहाँ की स्थिति को वहाँ के उद्योगों को,
बाजार को, नदियों अथवा समुद्र को वहाँ के वातावरण को अपनी आँखों से
देखते हैं तब इसे देशाटन कहा जाता है। देशाटन की उपयोगिता सर्वविदित है इससे हमारा
ज्ञान बढ़ता है, अनुभव से संसार
का दायरा विस्तृत होता है तथा मनोरंजन होता है। देशाटन करके हम दुनिया की हर चीज
को खुली आँखों से प्रत्यक्ष देखते हैं। किताबों के पढ़ने मात्र से हमारा ज्ञान
अधूरा रह जाता है। इसके लिए विभिन्न साधन अपनाने होते हैं हम हवाई यात्रा, रेल यात्रा, बस यात्रा, निजी वाहन का
प्रयोग कर सकते हैं और पहाड़ों पर चढ़ने के लिए पैदल चलकर भी यात्रा कर सकते हैं।
देशाटन को उस देश की सरकार को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। आजकल की सरकारे इसे
बढ़ावा भी दे रही हैं। अलग से पर्यटन मंत्रालय बनाया गया है, पर अभी कई तरह की सुविधाओं का अभाव है। पर्यटन
पर आये यात्रियों को अधिक सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए।
(ख) विज्ञान के
आधुनिक चमत्कार
वर्तमान समय
विज्ञान का है। विज्ञान ने हमें अनेक चमत्कारी वस्तुएँ प्रदान की हैं। विज्ञान के
आधुनिक चमत्कार हैं-कम्प्यूटर, इंटरनेट और
स्मार्ट मोबाइल फोन । इसके अलावा यातायात, चिकित्सा शिक्षा, जनसंचार, मुद्रण आदि क्षेत्रों में विज्ञान के चमत्कारों
/ आविष्कारों ने हमारा जीवन बहुत सुखद एवं सुविधाजनक बना दिया है। जब से कम्प्यूटर
के साथ इंटरनेट को जोड़ दिया गया है, तब से विज्ञान के और नये-नये आविष्कारों में क्रांति सी आ गयी है किस जगह पर
कहाँ और क्या हो रहा है, हमें तुरन्त खबर
मिल जाती है। आने वाले 8-10 दिनों में मौसम
कैसा रहेगा, उसका पूर्वानुमान
लगा लिया जाता है। घर बैठे सारी सूचनाएँ उपलब्ध हो जाती हैं सारे बिल घर बैठे जमा
हो जाते हैं बैंकिंग का काम हो जाता है, हवाई, रेल अथवा बस की टिकट बुक
हो जाती है 5 मिनट के अन्दर
टैक्सी सर्विस आपके घर पर मुहैया हो जाती है। मोबाइल फोन भी एक वरदान है हम सभी के
साथ चौबीस घंटे संपर्क में रहते हैं फेसबुक और व्हाट्सएप सोशल मीडिया के जरिये हम
जाने-अनजाने सभी व्यक्तियों से विचारों का आदान-प्रदान कर सकते हैं यह फोन कैमरे
और घड़ी का भी काम करता है। अब तो फोन पर भी इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है।
(ग) शारीरिक श्रम
श्रम संसार में
सफलता दिलाने का सर्वाधिक महत्वपूर्ण साधन है। श्रम करके ही हम जीवन की
इच्छा-आकांक्षाओं की पूर्ति कर सकते हैं यह संसार कर्मक्षेत्र है। यहाँ कर्म करके
ही सफलता पाई जा सकती है। काम में सफलता तभी मिलती है जब हम ईमानदारी से परिश्रम /
मेहनत करते हैं। श्रम से जीवन को गति मिलती है। यदि हम मेहनत नहीं करना चाहते
दूसरे शब्दों में यदि हम श्रम की उपेक्षा करते हैं तो हमारे जीवन में एक ठहराव आने
लगता है। हमारे सामने चींटी का उदाहरण है। चींटी को श्रमजीवी कहा गया है। वह श्रम
करके एक-एक दाना जमा करती है ताकि वर्षाकाल में उसे भोजन का अभाव न हो हम भी श्रम
करके भावी कठिनाइयों और शारीरिक बीमारियों से जूझने की हिम्मत जुटा सकते हैं। श्रम
न करने वाले लोग भाग्यवादी होते हैं, वास्तव में वे आलसी होते हैं। श्रम करने से कतराते हैं। उन्हें यह बात
भली-भांति समझ लेनी चाहिए कि जीवन में श्रम के बलबूते पर ही सफलता पायी जा सकती
है।
15. यात्रा करते समय
मेट्रो में छूट गए अपने बैग और मोबाइल को मेट्रो कर्मचारी द्वारा आपको वापस भेज
दिए जाने पर उसकी ईमानदारी की प्रशंसा करते हुए प्रबंधक को एक पत्र लिखिए । [5]
उत्तर- सेवा में,
प्रबंधक
दिल्ली मेट्रो,
नई दिल्ली
दिनांक 25 जनवरी, 20XX
विषयः मेट्रो में
छूटे सामान का वापस मिलना । महोदय,
कल दिनांक 24 जनवरी, 20XX को मैंने द्वारका सेक्टर-9 से राजीव चौक तक की यात्रा मेट्रो से की थी। जल्दबाजी में
उतरते समय मेरा बैग मेट्रो में ही छूट गया। मुझे अपने आफिस पहुँचकर अपनी गलती का
पता चला।
मेरे सुखद
आश्चर्य की सीमा न रही जब मेट्रो के एक कर्मचारी श्री दीपक सिन्हा ने मुझे फोन पर
बुलाया कि मेरा बैग राजीव चौक मेट्रो के आफिस में है और मैं अपना सामान ले जा सकता
हूँ। उनका व्यवहार बहुत सुखद और प्रशंसनीय है मैं उनके प्रति कृतज्ञ हूँ क्योंकि
मेरे बैग में मेरे आफिस के कई कागज़ात आदि रखे थे। मैं चाहता हूँ कि ऐसे ईमानदार
श्री दीपक सिन्हा को प्रमाण पत्र सहित सम्मानित करना चाहिए जिससे कि दूसरे
कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें। सधन्यवाद
भवदीय
( नाम, पता व फोन नं.)
16. विद्यालय के
वार्षिकोत्सव की सूचना साहित्यिक क्लब की 'प्राचीर' पत्रिका के लिए
लगभग 30 शब्दों में लिखिए। [5]
17. बढ़ती महंगाई के
संबंध में मित्र से हुए वार्तालाप को संवाद के रूप में लगभग 50 शब्दों में लिखिए।" [5]
18. अपने पुराने
घरेलू फर्नीचर को बेचने के लिए एक विज्ञापन तैयार कीजिए। [5]
उत्तर- फर्नीचर बेचने के लिए विज्ञापन
Delhi Term II
[Set-II]
Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.
4. निर्देशानुसार
उत्तर दीजिए: [1 × 3 = 3]
(i) जब-जब प्राकृतिक
आपदा आती है, लोग दिल खोलकर
सहायता करते हैं। ( रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
(ii) शिक्षक के आते ही वहाँ सन्नाटा छा गया। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iii) लाल कमीज पहनकर आने वाला व्यक्ति मेरा पड़ोसी
है। (मिश्र वाक्य में बदलिए)
उत्तर- (i)
मिश्र वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य -
शिक्षक आए और वहाँ सन्नाटा छा गया।
(iii) मिश्र वाक्य - जो लाल कमीज पहनकर आया, वह व्यक्ति मेरा पड़ोसी है।
5. (क) निम्नलिखित का
विग्रह करके समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
कर्मफल, हिसाब-किताब
(ख) निम्नलिखित का
समस्त पद बनाकर समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
मिट्टी जैसा मैला,
हाथ से बनाया हुआ
उत्तर- (क)
कर्मफल - कर्मों का फल = तत्पुरुष समास
हिसाब-किताब - हिसाब और किताब = द्वंद्व समास
(ख) मिट्टी जैसा
मैला - मटमैला = कर्मधारय समास
हाथ से बनाया हुआ – हस्तनिर्मित = तत्पुरुष समास
6. निम्नलिखित वाक्यों को
शुद्ध रूप में लिखिए : [1 × 4 = 4]
(क) फलों का रस मेरे को
नहीं पीना।
(ख) कृपया आप यहाँ से जाने
की कृपा करें।
(ग) हमारे घर में आज बहुत
सा मेहमान आया है।
(घ) उसे बैंक से रुपए
निकालने चाहिए।
7. निम्नलिखित मुहावरों का
वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए [1+1=2]
सिर मारना, मुट्ठी गरम करना ।
उत्तर- मुहावरों
का वाक्य प्रयोग
सिर मारना - बहुत प्रयत्न करना अस्पताल में पत्नी के इलाज
के लिए, रमेश पैसों के इन्तजाम के लिए जगह-जगह सिर
मारता फिर रहा है।
मुट्ठी गरम करना - रिश्वत देना आजकल सरकारी कार्यालयों में अफसरों
व क्लकों की मुट्ठी गरम किए बगैर कोई काम नहीं होता ।
खण्ड 'ग'
9. 'गिरगिट' कहानी के इस शीर्षक के औचित्य पर अपने विचार
विस्तार से व्यक्त कीजिए।" [5]
12. 'मनुष्यता' कविता में कवि ने किन महान व्यक्तियों का
उदाहरण दिया है और उनके माध्यम से क्या संदेश देना चाहा है? [5]
उत्तर - कवि
मैथिलीशरण गुप्त ने दधीचि, कर्ण, रंतिदेव, उशीनर-पुत्र शिबि आदि महान व्यक्तियों के उदाहरण देकर मनुष्यता के लिए यह
संदेश दिया है कि परोपकार के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर देना चाहिए। इन लोगों ने
समाज के लिए अपने शरीर तक का त्याग कर दिया और उन्होंने यह काम खुशी-खुशी किया।
भूख से व्याकुल रंतिदेव ने अपना भोजन दूसरे को देकर उसकी भूख मिटाई, ऋषि दधीचि ने वृत्रासुर के आतंक से मुक्ति दिलाने के लिए अपनी अस्थियों तक दान
में दे दीं, उशीनर-पुत्र राजा शिबि ने कबूतर की प्राण-रक्षा
हेतु अपने शरीर का माँस काटकर दे दिया तथा कर्ण ने अपने जीवन रक्षक कवच-कुंडल तक
दान में दे डाले। उनके इन कार्यों से मनुष्यता की रक्षा हो सकी। वे कार्य हमें
परोपकार करने का संदेश देते हैं।
खण्ड 'घ'
15. बस में यात्रा करते हुए आपका एक बैग छूट गया था
जिसमें जरूरी कागज और रुपये थे उसे बस कंडक्टर ने आपके घर आकर लौटा दिया। उसकी
प्रशंसा करते हुए परिवहन निगम के अध्यक्ष को पत्र लिखिए। [5]
उत्तर- सेवा में,
अध्यक्ष,
पंजाब राज्य
परिवहन निगम,
अम्बाला ।
दिनांक 25 नवम्बर, 20XX
विषय- बस में
छूटे बैग का वापस मिलना।
महोदय,
कल दिनांक 24 नवम्बर, 20XX को मैंने दिल्ली में कार्य समाप्ति पर अम्बाला
के लिए दिल्ली बस स्टैण्ड से वातानुकूलित (एयर कंडीशनिंग ) बस पकड़ी थी। सफर पूर्ण
होने पर मैं बस से उतर कर अम्बाला चला गया।
मेरे सुखद
आश्चर्य की तब सीमा नहीं रही जब दो घंटे पश्चात बस के कंडक्टर श्री रामनाथ चौधरी
मेरे घर का पता पूछते हुए मेरे बैग के साथ मेरे घर पहुँच गये। तब मुझे अहसास हुआ
कि बस से उतरते हुए मैं अपना बैग बस में भूल गया था, जिसमें कई जरूरी कागज, कुछ रुपये और भारत सरकार द्वारा जारी आधार कार्ड था। उसी पर मेरे घर का पता
लिखा हुआ था। मुझे कंडक्टर का व्यवहार बहुत सराहनीय और प्रशंसनीय लगा। मैं उसकी
ईमानदारी के प्रति कृतज्ञ हूँ मैं चाहता हूँ कि इस तरह के ईमानदार कर्मचारियों को
पुरस्कृत किया जाना चाहिए. जिससे दूसरे कर्मचारी भी ईमानदारी का पाठ सीख सकें।
सधन्यवाद और श्री रामनाथ चौधरी का पुनः आभार ।
भवदीय
( नाम, पता, फोन नम्बर )
( दिनांक 28 नवम्बर, 20XX )
Delhi Term II
[Set-III]
Note: Except for the following questions, all the remaining questions have been asked in previous set.
खण्ड 'ख'
4. निर्देशानुसार उत्तर
दीजिए [1 × 3 = 3]
(i) जब-जब वह यहाँ आता है तो
पढ़ाई के बारे में चर्चा करता है। ( रचना के आधार पर वाक्य भेद बताइए)
(ii) घनघोर वर्षा के कारण वहाँ
के सभी रास्ते बंद हो गए। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)
(iii) आजकल मैं घर के सभी काम
करता हूँ और समय पर कार्यालय जाता हूँ। (सरल वाक्य में बदलिये)
उत्तर- (i) संयुक्त वाक्य
(ii) संयुक्त वाक्य घनघोर
वर्षा हुई और वहाँ के सभी रास्ते बंद हो गए।
(iii) सरल वाक्य- आजकल मैं घर
के सभी काम करके समय पर कार्यालय जाता हूँ।
5. (क) निम्नलिखित का विग्रह
करके समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
पत्रव्यवहार, शुभदर्शन
(ख) निम्नलिखित का समस्त
पद बनाकर समास का नाम लिखिए: [1+1=2]
अग्नि की ज्वाला, सेवा और सुश्रूषा
उत्तर- ( क )
पत्रव्यवहार - पत्र से व्यवहार - तत्पुरुष समास
शुभदर्शन - शुभ
है दर्शन जिसके - बहुव्रीहि समास
(ख) अग्नि की ज्वाला - अग्नि ज्वाला - तत्पुरुष समास
सेवा और सुश्रूषा
- सेवा सुश्रूषा - द्वंद्व समास
6. निम्नलिखित वाक्यों को
शुद्ध रूप में लिखिए : 1 ×4=4]
(क) उसे गरम गाय का दूध
पसंद है।
(ख) मैंने परीक्षा फीस जमा
कर दिया।
(ग) तुम्हारे चेहरे पर आज
उदासिता क्यों है?
(घ) मेरे को पिताजी ने
बुलाया था।
7. निम्नलिखित मुहावरों का
वाक्य में इस प्रकार प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए [1+1=2]
खाक छानना, आँखों पर बिठाना।
उत्तर- खाक छानना - भटकते
फिरना मन की शांति के लिए श्याम ने मंदिरों की खाक छान डाली।
आँखों पर बिठाना
- आदर-सत्कार करना हमारे बेटे की शादी में हमारे परिवारीजनों ने सभी बारातियों को
आँखों पर बिठाया।
खण्ड - 'ग'
9. 'अब कहाँ दूसरों के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ
के आधार पर लिखिए कि प्रकृति में असंतुलन क्यों हो रहा है? इसके परिणाम क्या हैं ? [5]
उत्तर- मनुष्य ने
अपनी बुद्धि के बल पर अन्य प्राणियों का अधिकार छीन लिया है। इससे प्रकृति में
असंतुलन आ गया। प्रकृति में आए असंतुलन का यह परिणाम हुआ कि पक्षियों ने बस्तियों
में जाना बन्द कर दिया। अब गर्मी का मौसम ज्यादा लम्बा हो गया है और तापमान में
बहुत बढ़ोत्तरी होती जा रही है। मौसम का चक्र बिगड़ गया है। बेवक्त बरसात होने लगी
है भूकंप, बाढ़, तूफान जैसी प्राकृतिक
आपदाएँ आने लगी हैं। नित्य नये रोग पनपने लगे हैं। प्रदूषण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा
है।
इस असंतुलन से
मौसमों का आना-जाना अनिश्चित हो गया है। अब गर्मी में ज्यादा गर्मी पड़ने लगी है, वर्षा कभी समय पर नहीं होती,
कभी बहुत कम होती है, कभी बहुत ज्यादा होती है और बाढ़ ला देती है। प्रकृति में आए असंतुलन के कारण
नए-नए रोगों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है।
12. “कर चले हम फिदा " गीत किस पृष्ठभूमि में
लिखा गया ? गीत का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। [5]
उत्तर- "कर
चले हम फिदा' गीत की एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है। सन् 1962 में भारत पर चीन का आक्रमण हुआ था। उस युद्ध में अनेक भारतीय सैनिकों ने सीमा
पर लड़ते-लड़ते अपने प्राण देकर भारत के सम्मान की रक्षा की थी इसी युद्ध की
पृष्ठभूमि पर 'हकीकत' फिल्म बनी थी। यह गीत
कैफी आजमी ने लिखा था और भारतीय सैनिकों के लिए उत्साह बढ़ाने वाला गीत बन गया। इस
कविता में देश भक्ति की भावना को प्रतिपादित किया गया है। इस गीत को पढ़कर हमें
अपने देश के सैनिकों पर गर्व होता है। इन सैनिकों ने अत्यन्त विषम परिस्थितियों का
सामना करते हुए देश की रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। देश की धरती अत्यन्त
पवित्र है हम सभी को मिलकर इस देश की रक्षा करनी है।
If you have any doubts, Please let me know