2018 CBSE Class 10 Hindi B PYQ | Class 10 Hindi B PYQ | Class 10 Hindi B PYQ Question | Class 10 Hindi PYQ Course B 2018
HINDI COURSE B (2018)
निर्धारित समय 3 घण्टे
अधिकतम अंक 80
खंड 'क'
1. निम्नलिखित
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए:
हँसी भीतरी आनंद
का बाहरी चिह्न है जीवन की सबसे प्यारी और उत्तम से उत्तम वस्तु एक बार हँस लेना
तथा शरीर को अच्छा रखने की अच्छी से अच्छी दवा एक बार खिलखिला उठना है। पुराने लोग
कह गए हैं कि हँसो और पेट फुलाओ । हँसी कितने ही कला-कौशलों से भरी है जितना ही
अधिक आनंद से हँसोगे उतनी ही आयु बढ़ेगी एक यूनानी विद्वान कहता है कि सदा अपने
कर्मों पर खीझने वाला हेरीक्लेस बहुत कम जिया, पर प्रसन्न मन डेमाक्रीट्स 109 वर्ष तक जिया । हँसी-खुशी का नाम जीवन है जो रोते हैं उनका
जीवन व्यर्थ है। कवि कहता है- जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते हैं। मनुष्य के शरीर के
वर्णन पर एक विलायती विद्वान ने पुस्तक लिखी है उसमें वह कहता है कि उत्तम सुअवसर
की हँसी उदास-से-उदास मनुष्य के चित्त को प्रफुल्लित कर देती है आनंद एक ऐसा प्रबल
इंजन है कि उससे शोक और दुख की दीवारों को ढा सकते हैं। प्राण रक्षा के लिए सदा सब
देशों में उत्तम से उत्तम उपाय मनुष्य के चित्त को प्रसन्न रखना है सुयोग्य वैद्य
अपने रोगी के कानों में आनंदरूपी मंत्र सुनाता है।
एक अंग्रेज
डॉक्टर कहता है कि किसी नगर में दवाई लदे हुए बीस गधे ले जाने से एक हँसोड़ आदमी
को ले जाना अधिक लाभकारी है।
(क) हँसी भीतरी
आनंद को कैसे प्रकट करती है? [2]
(ख) पुराने समय
में लोगों ने हँसी को महत्व क्यों दिया? [2]
(ग) हँसी को एक
शक्तिशाली इंजन के समान क्यों कहा गया है? [2]
(घ) हेरीवलेस और
डेमाक्रीट्स के उदाहरण से लेखक क्या स्पष्ट करना चाहता है? [2]
(ङ) गद्यांश का
उचित शीर्षक दीजिए। [1]
उत्तर- (क) जो
व्यक्ति जितना प्रसन्न और जीवन से संतुष्ट होगा, वह उतना ही स्वस्थ रहेगा। हँसी भीतरी आनंद का बाहरी चिह्न
है हमारे अंदर की खुशी, हमारी हँसी से
झलकती है ।
(ख) पुराने समय
में लोगों ने हँसी को महत्त्व इसलिए दिया है क्योंकि वे मानते थे कि हँसी अनेक कला
कौशलों से भली है जितना ही अधिक आनंद से हम हँसेंगे, उतनी T ही हमारी आयु
बढ़ेगी।
(ग) हँसी (आनंद)
को एक शक्तिशाली इंजन के समान इसलिए बताया गया है क्योंकि हँसी उदास से उदास
मनुष्य के चित्त को प्रफुल्लित कर देती है और बड़े-से-बड़े शोक और दुःख को ढहाने
में सक्षम कर सकती है।
(घ) लेखक कहता है
कि हँसी और आयु में सीधा संबंध है। जितना अधिक आनंद से हँसेंगे उतनी ही आयु
बढ़ेगी। हेरीक्लेस हर बात पर खीझता था इसलिए बहुत कम जिया. परंतु डेमाक्रीट्स सदैव
प्रसन्न रहता था इसलिए 109 वर्षों तक जिया
।
(ङ) शीर्षक हँसना
एक उत्तम औषधि
2. निम्नलिखित
काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए :
मैं चला, तुम्हें भी चलना है असि धारों पर
सर काट हथेली पर
लेकर बढ आओ तो
इस युग को नूतन
स्वर तुमको ही देना है,
अपनी क्षमता को
आज ज़रा आज़माओ तो ।
दे रहा चुनौती समय अभी नवयुवकों को
मैं किसी तरह मंजिल तक पहले पहुँचूँगा।
तुम बना सकोगे भूतल का इतिहास नया,
मैं गिरे हुए
लोगों को गले लगाऊँगा ।
क्यों ऊँच-नीच, कुल, जाति रंग का
भेद-भाव ?
मैं रूढ़िवाद का कल्मष महल दहाऊँगा।
जिनका जीवन वसुधा
की रक्षा हेतु बना
मरकर भी सदियों तक यों ही वे जीते हैं।
दुनिया को देते हैं यश की रसधार बिमल
खुद हँसते-हँसते कालकूट को पीते हैं। है
अगर तुम्हें यह भूख- मुझे भी जीना है'
तो आओ मेरे साथ नींव में पड़ जाओ
ऊपर इसके निर्मित होगा आनंद-महल
मरते-मरते भी
दुनिया में कुछ कर जाओ।
(क) कवि को
नवयुवकों से क्या-क्या अपेक्षाएँ हैं ? [2]
(ख) मरकर भी
सदियों तक जीना कैसे संभव है ? स्पष्ट कीजिए । [2]
(ग) भाव स्पष्ट
कीजिए: [2]
दुनिया को देते
हैं यश की रसधार विमल,
खुद हँसते-हँसते
कालकूट को पीते हैं।
खंड 'ख'
3. शब्द पद कब बन
जाता है ? उदाहरण देकर तर्कसंगत
उत्तर दीजिए। [2]
4. नीचे लिखे
वाक्यों का निर्देशानुसार रूपांतरण कीजिए [1 × 3 - 3]
(क) जापान में चाय
पीने की एक विधि है जिसे 'चा-नो-यू कहते
हैं। (सरल वाक्य में)
(ख) तताँरा को
देखते ही वामीरो फूट-फूट कर रोने लगी। (मिश्र वाक्य में)
(ग) तताँरा की
व्याकुल आँखें वामीरों को ढूँढने में व्यस्त थीं। (संयुक्त वाक्य में)
उत्तर- (क) सरल
वाक्य जापान में चाय पीने की विधि को चानो यू कहते हैं।
(ख) मिश्र वाक्य
जैसे ही वामीरो ने तँतारा को देखा वैसे ही वह फूट-फूट कर रोने लगी।
(ग) संयुक्त वाक्य
तैतारा की आँखें व्याकुल थीं और वामीरो को ढूँढने में व्यस्त थीं।
5. (क) निम्नलिखित
शब्दों का सामासिक पद बनाकर समास के भेद का नाम भी लिखिए [1 x 2 = 2]
जन का आंदोलन, नीला है जो कमल
(ख) निम्नलिखित
समस्त पदों का विग्रह करके समास के भेद का नाम लिखिए: [1 × 2 - 2]
नवनिधि, यथासमय
उत्तर- (क)
जनांदोलन - तत्पुरुष समास
नीलकमल - कर्मधारय समास
(ख) नौ निधियों का
समाहार - द्विगु समास
समय के अनुसार-
अव्ययीभाव समास
6.निम्नलिखित वाक्यों को
शुद्ध करके लिखिए [1 × 4 = 4]
(क) वह गुनगुने
गर्म पानी से स्नान करता है।
(ख) माताजी बाजार
गए हैं।
(ग) अपराधी को
मृत्युदंड की सजा मिलनी चाहिए।
(घ) मैं मेरा काम
कर लूँगा।
7. निम्नलिखित
मुहावरों का प्रयोग इस प्रकार कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए- [2]
उत्तर- मौत पर
होना - सिर अपने भाई की मृत्यु का बदला लेने के लिए
रमेश मौत सिर पर लिए घूम रहा है।
चेहरा मुरझा जाना- जब से
दिनेश को अपने अधिकारी से डॉट पड़ी है, तबसे उसका चेहरा मुरझाया हुआ है।
खंड 'ग'
8. निम्नलिखित
प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में
लिखिए:
(क) ततौरा -वामीरो
कथा के आधार पर प्रतिपादित कीजिए कि रूढ़ियाँ बंधन बनने लगें तो उन्हें टूट जाना
चाहिए। [2]
(ख) हमारी फिल्मों
में त्रासद स्थितियों का चित्रांकन 'ग्लोरीफाई' क्यों कर दिया
जाता है ? तीसरी कसम के शिल्पकार शैलेन्द्र के आधार पर
उत्तर दीजिए। [2]
(ग) गिरगिट पाठ
में चौराहे पर खड़ा व्यक्ति जोर-जोर से क्यों चिल्ला रहा था ? [1]
उत्तर- (क)
रूढ़ियों जब तक हमारी सांस्कृतिक परंपराओं की रक्षा करती हैं, तब तक तो वे सही हैं, पर जब वे रूढ़ियाँ हमारे लिए बंधन बन जाती हैं, तब ये बोझ स्वरूप हो जाती हैं। तब इनका टूटना
ही अच्छा है इसका कारण यह है कि तब ये रूढ़ियाँ हमारी प्रगति के मार्ग को अवरुद्ध
कर देती हैं यह हमें समय की गति के साथ नहीं चलने देतीं। हमें आधुनिक विचारों को अपनाने
से रोकती हैं। ऐसे में ये रूढ़ियाँ हमारे पैरों की बेड़ियाँ बन जाती है इनका टूटना
ही अच्छा है।
(ख) फिल्मों में
त्रासद स्थितियों का चित्रांकन ग्लोरीफाई इसलिए कर दिया जाता है जिससे कि दर्शकों
का भावनात्मक शोषण किया जा सके। फिल्म निर्माता का उद्देश्य केवल टिकट विंडो पर
ज्यादा से ज्यादा टिकटें बिकवाना और अधिक-से-अधिक पैसा कमाना होता है इसलिए दुःख
को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताते हैं जो वास्तव में सत्य नहीं होता है। दर्शक उस दुःख
के जादू में सम्मोहित होते चले जाते हैं और कथानक को बहुत दिनों तक भूल नहीं पाते
हैं।
9. 'बड़े भाई साहब'
कहानी के आधार पर लगभग 100 शब्दों में लिखिए की लेखक ने समूची शिक्षा
प्रणाली के किन पहलुओं पर व्यंग्य किया है? आपके विचारों से इसका क्या समाधान हो सकता है ? तर्कपूर्ण उत्तर लिखिए |[5]
अथवा
'अब कहाँ दूसरों
के दुःख से दुःखी होने वाले पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि बढ़ती हुई आबादी का
पशुपक्षियों और मनुष्यों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ रहा है ? इसका समाधान क्या हो सकता है ? उत्तर लगभग 100 शब्दों में दीजिए।
उत्तर- 'बड़े भाई साहब' पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के निम्न तौर-तरीकों पर
व्यंग्य किया है
(i) इस शिक्षा
प्रणाली में अंग्रेजी शिक्षा पर बहुत अधिक बल दिया जाता है। इसके बिना बालक का
पूरा विकास नहीं हो पाता है।
(ii) इस प्रणाली में
रटंत विद्या को बढ़ावा दिया जाता है, जो बालक के
स्वाभाविक विकास के विपरीत है। (iii) इस शिक्षा प्रणाली में बीजगणित और रेखागणित को समझना लोहे के चने चबाने जैसा
है।
(iv) इस शिक्षा में
इंग्लैंड का इतिहास पढ़ना जरूरी है। वहीं के बादशाहों के नाम याद रखना आसान नहीं
है। इसका कोई लाभ भी नहीं है।
(v) इस शिक्षा
प्रणाली में बेसिर-पैर की बातें पढ़ाई जाती हैं जिसका कोई लाभ नहीं है।
(vi) छोटे-छोटे विषयों
पर लंबे-चौड़े निबंध लिखने को कहा जाता है।
हम लेखक के
विचारों से सहमत हैं क्योंकि इस प्रकार की शिक्षा- प्रणाली में बालकों की मौलिकता
नष्ट हो जाती है, उसका स्वाभाविक
विकास नहीं हो पाता ।
अथवा
बढ़ती हुई आबादी
का पर्यावरण पर बहुत दुष्प्रभाव पड़ा। इस बढ़ती हुई आबादी ने प्रकृति के संतुलन को
गड़बड़ा दिया। इस आबादी ने समुद्र को पीछे धकेलना शुरू कर दिया, पेड़ों को रास्ते से हटाना और प्रदूषण को
बढ़ाना शुरू कर दिया। पशु-पक्षी बस्तियाँ छोड़कर कहीं भाग गए। वातावरण में गर्मी
होने लगी। इस प्रकार बढ़ती आबादी से पर्यावरण प्रदूषित हो गया। ईश्वर ने धरती के
साथ-साथ अनगिनत ऐसी वस्तुएँ बनाई हैं, जो मानव हित में हैं, लेकिन स्वयं को
बुद्धिमान समझने वाला मानव इन सबसे लाभ उठाकर स्वार्थी हो गया। स्वार्थ के वशीभूत
होकर उसने नई नई खोज करनी शुरू कर दीं। नई-नई खोजों की लालसा में उसने प्रकृति का
अत्यधिक दोहन करना शुरू कर दिया। दोहन इतना अधिक था कि सहनशील प्रकृति व्याकुल हो
उठी प्रकृति के इस असंतुलन का परिणाम यह भी हुआ कि पक्षियों ने बस्तियों से भागना शुरू कर
दिया। अब भयंकर गर्मी पड़ने लगी। भूकंप 1: बाढ़, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदा आने लगीं। नित्य नए-नए रोग पनपने लगे।
इन सभी समस्याओं
का समाधान है कि आबादी पर रोक लगाई जाए। प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए और प्रकृति
के साथ छेड़-छाड़ बंद करके अधिकाधिक वृक्षारोपण किया जाए।
10. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 20-30 शब्दों में लिखिए:
(क) महादेवी वर्मा की कविता में दीपक और प्रियतम
किन के प्रतीक हैं ?" [2]
(ख) पर्वत प्रदेश में पावस कविता के आधार पर
पर्वत के रूप-स्वरूप का चित्रण कीजिए। [2]
(ग) बिहारी ने 'जगतु तपोवन सौ किया क्यों
कहा है ? [1]
उत्तर- (ख) पर्वत
प्रदेश में पावस कविता में पर्वत श्रृंखला को ही मेखलाकार कहा गया है। पर्वत की
ढाल भी मेखलाकार ( करधनी के आकार ) की होती है। हजारों फूल खिले हैं। पहाड़ पर
खड़े पेड़ बहुत ऊँचे हैं। पहाड़ से गिरने वाले झरने झर-झर करते हुए शोर कर रहे
हैं।
(ग) ग्रीष्म ऋतु की भयंकर गर्मी की मार के कारण
सारा संसार तपोवन के समान तप रहा है तेज गर्मी सहन नहीं हो पा रही है। इसलिए
बिहारी ने जगतु तपोवन शब्दों का प्रयोग किया है।
11. 'कर चले हम फिदा'
अथवा 'मनुष्यता' कविता का
प्रतिपाद्य लगभग 100 शब्दों में
लिखिए। [5]
उत्तर- कर चले हम
फिदा गीत प्रसिद्ध शायर कैफी आज़मी द्वारा रचित है। इसे उन्होंने चीनी आक्रमण की
पृष्ठभूमि में बनी फिल्म 'हकीकत' के लिए लिखा था। इस फिल्म में हिमालय क्षेत्र
में लड़े गए भारत-चीन युद्ध का चित्रांकन किया गया है। इस कविता में देशभक्ति की
भावना को प्रतिपादित किया गया है। इस कविता को पढ़कर हमें अपने देश के सैनिकों पर
गर्व होता है इन सैनिकों ने अत्यंत विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए देश की
रक्षा हेतु अपना अमर बलिदान दिया। मरते दम तक वे देश-रक्षा के प्रयासों में लगे
रहे और अपनी इस धरोहर को अपने साथियों को सौंप कर चले गए। हम सभी को मिलकर अपनी
पवित्र धरती की रक्षा करनी है इस देश की रक्षा में अनेक सैनिकों ने अपना रक्त
बहाया है। हिमालय हमारे देश के मान-सम्मान का प्रतीक है, हमें किसी भी हालत में इसके सिर को झुकने नहीं देना है।
अथवा
'मनुष्यता'
कविता में कवि मैथिलीशरण गुप्त अपनों के लिए
जीने-मरने वालों को मनुष्य तो मानता है, लेकिन यह मानने को तैयार नहीं है कि ऐसे मनुष्यों में मनुष्यता के पूरे पूरे
लक्षण भी हैं। वह तो उन मनुष्यों को ही महान मानता है जो अपना और अपनों के हित
चिंतन से कहीं पहले, दूसरों का हित
चिंतन करते हों उनमें परोपकार प्रेम, एकता, दया, करुणा और त्याग जैसे गुण हों, जिसके कारण युगों-युगों तक लोग उन्हें याद कर
सकें। ऐसे लोगों की मृत्यु को ही सुमृत्यु कहा जाता है रंतिदेव दधीचि उशीनर,
कर्ण आदि T ऐसे ही महान व्यक्ति थे हमें कभी भी वैभव और धन में अंधा
नहीं हो जाना चाहिए। सच्चा मनुष्य वही है जो दूसरों के लिए जीता है और मरता है और
एकमत होकर आगे बढ़ता है।
12. इफ्फन और टोपी
शुक्ला की मित्रता भारतीय समाज के लिए किस प्रकार प्रेरक है ? जीवन मूल्यों की दृष्टि से लगभग 150 शब्दों में उत्तर दीजिए। [5]
अथवा
'हरिहर काका'
कहानी के आधार पर बताइए कि एक महंत से समाज की
क्या अपेक्षा होती है? उक्त कहानी में
महंतों की भूमिका पर टिप्पणी कीजिए। उत्तर लगभग 150 शब्दों में दीजिए ।
उत्तर- टोपी और
इफ्फन की कहानी राही मासूम रज़ा के उपन्यास 'टोपी शुक्ला' का एक अंश है। लेखक ने इस कहानी का आधार दो बच्चों को बनाया है। एक हिंदू
परिवार से संबंध रखने वाला है-टोपी, दूसरा है-इफ्फन, जो मुस्लिम
परिवार से संबंध रखता है। दोनों में गहरी मित्रता है दोनों एक-दूसरे के सुख-दुःख
बाँटते हैं। टोपी इफ्फन के घर भी जाता है टोपी को इफ्फन 1 की दादी से बेहद लगाव है, जबकि उसे अपनी दादी बिल्कुल अच्छी नहीं लगती। जिस स्नेह और
अपनेपन को वह अपने घर में ढूँढता था, वह उसे इफ्फन के घर उसकी दादी से मिलता था। जब इफ्फन की दादी का देहांत हुआ तो
वह बहुत उदास हो गया। उसने कहा तेरी दादी की जगह मेरी दादी क्यों नहीं मर गई। उस
दिन दोनों खूब रोए टोपी और इफ्फन की मित्रता ऐसी थी कि दोनों को एक-दूसरे के बगैर
चैन नहीं मिलता था। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया था कि मित्रता की भावना को मजहब और
जाति की दीवारों में कैद नहीं किया जा सकता । आज समाज में टोपी और इफ्फन जैसी
मित्रता की बहुत अधिक आवश्यकता है। बच्चों में उत्पन्न प्रेम और अपनेपन का आधार
मजहब या सम्पन्न परिवार के लोग नहीं होते। यह भी सच है कि मनुष्य पहले मनुष्य है,
वह हिंदू या मुसलमान बाद में है टोपी और इफ्फन
की मित्रता से हमें प्रेरणा मिलती है। 1 कि ऐसी सच्ची मित्रता सांप्रदायिक भावना, तनाव और झगड़ों को समाप्त करने में उपयोगी सिद्ध हो सकती
है। ऐसी मित्रता समाज में मौजूद मज़हब की दीवारों को भी तोड़ सकती हैं।
अथवा
महंतों से कोई भी
समाज यह अपेक्षा रखता है कि ये ईश्वर के दिखाए मार्ग से लोगों को अवगत कराएँ,
धर्म और अधर्म की वास्तविक परिभाषा को लोगों के
समक्ष लाएँ दुःखियों और बेसहारों को मंदिर / आश्रम इत्यादि में स्थान देकर उनमें
भगवान के प्रति आस्था एवं विश्वास जगाएँ ।
'हरिहर काका'
पाठ में महंत को धूर्त, मक्कार, चालाक, स्वार्थी एवं हिंसक प्रवृत्ति वाला बताया गया
है वह हरिहर काका को अपने जाल में फँसाने का हर संभव उपाय करता है पहले समझाता
बुझाता तथा अच्छे खाने का जाल फेंकता है, फिर हरिहर काका को पिटवाने तक से बाज नहीं आता। वह एक प्रकार से महंत न होकर
एक गुंडा है जो धर्म गुरु का चोगा पहनकर अनैतिक कार्यों में लिप्त रहता है। वह
कहीं से भी धार्मिक व्यक्ति प्रतीत नहीं होता ठाकुरवारी में साधु-संतों का रहन-सहन,
ठाठ-बार इस बात का प्रतीक था। ठाकुरबारी के
साधु-संत काम- धाम करने में कोई रुचि नहीं लेते थे वह ठाकुर जी को भोग लगाने के
नाम पर दोनों समय हलवा-पूड़ी खाते थे और आराम से पड़े रहते थे। वे सिर्फ बातें
बनाना जानते थे। गाँव के लोगों में ठाकुरबारी के प्रति अंधभक्ति थी। वे लोग
ठाकुरवारी में प्रवचन सुनकर और ठाकुरजी के दर्शन कर अपना जीवन सार्थक मानते थे।
खंड 'घ'
13. निम्नलिखित में
से किसी एक विषय पर लगभग 80-100 शब्दों का
अनुच्छेद लिखिए [5]
(क) भारतीय किसान के
कष्ट
•अन्नदाता की
कठिनाइयाँ
• कठोर दिनचर्या
• सुधार के उपाय
(ख) स्वच्छता
आंदोलन
• क्यों
•बदलाव
• हमारा
उत्तरदायित्व
(ग) मन के हारे
हार है मन के जीते जीत
• निराशा अभिशाप
•'सकारात्मक सोच
• दृष्टिकोण
परिवर्तन
उत्तर- अनुच्छेद
लेखन
(क) भारतीय किसान के
कष्ट
भारतीय किसान के
कष्ट भारतीय किसान श्रम का उपासक है। श्रम ही उसका जीवन और श्रम ही उसका मनोरंजन
होता है। सुबह से शाम तक वह कठोर परिश्रम करता रहता है, फिर भी उसके चेहरे पर थकान दिखाई नहीं देती आलस्य को वह
अपने पास फटकने तक नहीं देता आँधी-तूफान, वर्षा की झड़ी, मेघों की गर्जना,
बिजली की कड़क प्रचंड लू और शीत के प्रकंपन के
बावजूद वह अपने काम में लगा रहता है रात दिन परिश्रम करके भी वह अपने फटे हाल में
मस्त रहता है। झोपड़ियों में रहकर वह महलों के स्वप्न नहीं देखता आत्मनिर्भरता की
वह जीवंत मूर्ति होता है हमारा अन्नदाता इतनी कठोर परिस्थितियों में जीवन यापन
करता है उसके कच्ये घर के चारों ओर लहलहाते खेत ही उसके लिए बगीचा हैं कृषि-प्रध न
देश होने के कारण भारत का किसान भारत की रीढ़ है उसके संकटमय और अभावग्रस्त जीवन
को खुशहाल बनाने के लिए उनको सरल ब्याज पर ऋण सुविधाएँ, उनकी फसलों के लिए उचित कीमत और कृषि शिक्षा संबंधी प्रयास
अवश्य करने चाहिए। सूखे या अकाल की दशा में उसे सरकार द्वारा मदद दी जानी चाहिए।
(ख) स्वच्छता आंदोलन
स्वच्छ भारत
अभियान को स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छता अभियान भी कहा जाता है। स्वच्छ भारत
अभियान एक राष्ट्रीय अभियान है 2 अक्टूबर 2014
को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान के
आरंभ की घोषणा की साफ-सफाई को लेकर दुनिया भर में भारत की छवि बदलने के उद्देश्य
से इस अभियान को एक जन आंदोलन बनाकर देशवासियों को इससे जोड़ा गया। साफ-सफाई केवल
सफाई कर्मचारियों की जिम्मेदारी नहीं हैं हमें अपना यह नजरिया बदलना होगा। इस
अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों, विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का भी
उपयोग कर रही है आजकल बड़े बड़े शहरों में नगर निगमों ने घर-घर से कूड़ा उठवाने की
व्यवस्था कर दी है। पहले घर के सामने ही घर का कूड़ा-करकट फेंक दिया जाता था।
गाँवों में तो आज भी गली खरंजों पर पशु बाँधकर गंदगी फैलायी जाती है जगह-जगह पर जल भराव, गड्डे, कीचड़ की गंदगी से जीवन दूभर हो जाता है। अब
नागरिक जाग उठा है तथा इन सभी कारणों पर ध्यान देने लगा है। गंदगी से अनेक
बीमारियाँ फैलती है। जो हमारे परिवार के बच्चों को हानियाँ पहुँचाती हैं। आज देश
का हर नागरिक जागरूक है तथा हमारी सरकार भी इस ओर अपना पूरा ध्यान दे रही है।
(ग) मन के हारे हार है, मन के जीते जीत
"जो भी परिस्थितियाँ मिलें, काँटे चुनें कलियाँ खिलें, हारे नहीं इंसान है संदेश जीवन का यही "
मनुष्य का जीवन चक्र अनेक प्रकार की विविधताओं से भरा होता है जिसमें सुख-दुःख, आशा-निराशा तथा जय-पराजय के अनेक रंग समाहित होते हैं वास्तविक रूप में मनुष्य
की हार और जीत उसके मनोयोग पर आधारित होती है। मन का सीधा संबंध मस्तिष्क से है मन
में हम जिस प्रकार के विचारों को रखते हैं, हमारा शरीर उन्हीं के
अनुरूप ढल जाता है हमारा मन यदि निराशा व अवसादों से घिरा हुआ है तब हमारा शरीर भी
उसी के अनुरूप शिथिल पड़ हैं जाता है, परंतु दूसरी ओर यदि हम
आशावादी हैं और हमारे मन में कुछ पाने व जानने की तीव्र इच्छा हो तथा हम सदैव
भविष्य की ओर देखते हैं तो हम प्रगति की ओर बढ़ते जाते हैं इसलिए सच ही कहा गया है
कि मन के हारे हार है, मन के जीते जीत हमारी पराजय का सीधा अर्थ है कि
विजय के लिए पूरे मन से प्रयास नहीं किया गया। यदि मनुष्य जीवन में सफलता प्राप्त
करना चाहता तो उसे मन को संयमशील बनाकर ऊँची भावनाओं का स्वामी बनना चाहिए। मनोबल
से मनुष्य लौकिक ही नहीं लोकोत्तर शक्तियाँ भी प्राप्त कर सकता है मानसिक शक्ति के
संयम में ही सच्ची सफलता का बीज निहित है।
14. बस में छूट गए
सामान को आपके घर तक सुरक्षित रूप से पहुँचाने वाले बस कंडक्टर की प्रशंसा करते
हुए उसे पुरस्कृत करने के लिए परिवहन अध्यक्ष को एक पत्र लगभग 100 शब्दों में लिखिए। [5]
अथवा
अपने बैंक के
प्रबंधक को पत्र लिखकर अपने आधार कार्ड को बैंक खाते से जोड़ने का अनुरोध कीजिए ।
उत्तर-
महाप्रबंधक महोदय,
दिल्ली परिवहन
निगम
पीतमपुरा,
दिल्ली
25 मार्च,
20XX
विषयः बस संख्या DL-IP
3845 ( शादीपुर ) के कंडक्टर की
प्रशंसा हेतु पत्र ।
महोदय,
मुझे इस बात की
सूचना देते हुए अपार हर्ष हो रहा है कि दिल्ली परिवहन निगम की बस संख्या DL
IP-3845 ( शादीपुर डिपो) के कंडक्टर
रामविलास जुनेजा ने कल अत्यंत प्रशंसनीय तथा साहसिक कार्य किया। एक व्यक्ति अपनी
बेटी की शादी के लिए गहने खरीदकर आ रहा था वह बस में सवार हुआ। थोडी ही देर में वह
चिल्लाने लगा कि उसका बैग छीनकर कोई जेबकतरा बस से उतर गया है रामविलास ने तुरंत
बस रुकवा दी और जेबकतरे के पीछे दौड़ा और अपनी बहादुरी से उससे बैग भी छीन
लिया। इस घटना को देखने में अपने जरूरी कागजात का बैग बस में ही भूल गयी शाम के
पाँच बजे मुझे मेरे घर पर मेरा कागजात का बैग लौटाने रामविलास जी मिले। उनके साहस
और ईमानदारी को देखते हुए मैंने उन्हें 1,000 रुपए का
पुरस्कार देना चाहा, परंतु उन्होंने लेने से इंकार कर दिया और कहा
कि "मैंने अपना कर्तव्यपालन किया है।" मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि श्री
रामविलास को पुरस्कृत और सम्मानित किया जाए जिससे कि अन्य व्यक्ति भी इनसे प्रेरणा
लें।
धन्यवाद ।
भवदीया
रुचि गुप्ता
ई-393, रमेश नगर, नई दिल्ली
अथवा
प्रबंधक महोदय
स्टेट बैंक ऑफ
इंडिया
सरस्वती विहार, दिल्ली
25 दिसम्बर, 2018
विषयः खाता
संख्या-13457398 के साथ आधार कार्ड जोड़ने का आग्रह
महोदय,
मैं सोनिया गर्ग, बचत खाता संख्या 13457398 की धारक हूँ। मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि मेरे
आधार कार्ड, संख्या-631345678915 को मेरे बचत
खाते के साथ जोड़ दीजिए इस पत्र के साथ मेरे आधार कार्ड की प्रतिलिपि संलग्न है।
धन्यवाद ।
भवदीया
सोनिया गर्ग
15. आप हिन्दी छात्र परिषद के सचिव प्रगण्य हैं
आगामी सांस्कृतिक संध्या के बारे में अनुभागीय दीवार पट्टिका के लिए 25-30 शब्दों में सूचना तैयार कीजिए । [5]
अथवा
विद्यालय की
सांस्कृतिक संस्था 'रंगमंच की सचिव लतिका की ओर से 'स्वरपरीक्षा' के लिए इच्छुक विद्यार्थियों को यथासमय उपस्थित
रहने की सूचना लगभग 25-30 शब्दों में लिखिए। समय और स्थान का उल्लेख भी
कीजिए ।
16. विद्यालय में
मोबाइल फोन के प्रयोग पर अध्यापक और अभिभावक के बीच लगभग 50 शब्दों में संवाद लिखिए। [5]
अथवा
स्वच्छता अभियान
की सफलता के बारे में दो मित्रों के संवाद को लगभग 50 शब्दों में लिखिए ।
17. अपने विद्यालय की
संस्था 'पहरेदार की ओर से जल का
दुरुपयोग रोकने का आग्रह करते हुए लगभग 50 शब्दों में एक विज्ञापन का आलेख तैयार कीजिए । [5]
अथवा
विद्यालय की कलावीथि में कुछ चित्र (पेंटिंग्स) बिक्री के
लिए उपलब्ध हैं। इसके लिए एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में लिखिए।
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