Uski Maa Hindi Class 11 Important Questions | Class 11th Hindi Uski Maa Question Answer | Uski Maa Chapter Question Answer | उसकी मां पाठ के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. पुलिसवाले ने लाल के चाचा को लाल से सावधान और दूर रहने का सुझाव क्यों दिया ?
उत्तर : लाल के चाचा कट्टर राजभक्त थे। पुलिस अधिकारी ने उन्हें लाल से सावधान रहने के लिए इसलिए कहा क्योंकि लाल एक क्रांतिकारी तथा राजद्रोही युवक था। वह ब्रिटिश सरकार से देश को आज्ञाद कराना चाहता था। ऐसे राजट्रोही से दूर रहने में ही लाल के चाचा की कुशलता थी नहीं तो उन्हें भी राजद्रोह के अपराध में दंड मिल सकता था।
प्रश्न 2. इस कहानी में अंग्रेज़ सरकार को धर्मात्मा, विवेकी और न्यायी सरकार क्यों कहा गया है ?
उत्तर : इस कहानी में ज्रमींदार ने अंग्रेज़ सरकार को धर्मात्मा, विवेकी और न्यायी सरकार कहा है क्योंकि वह अंग्रेज़ सकार का कट्टर भक्त है तथा पिछली कई पीढ़ियों से उसका परिवार राजभक्त रहा था। उसे सरकार से सब प्रकार की सुख-सुविधाएँ भी प्राप्त थीं। वह इन सुविधाओं से वंचित नहीं होना चाहता था। इस कारण वह अंग्रेज़ सरकार को धर्मात्मा, विवेकी तथा न्यायी मानता है।
प्रश्न 3. “धीरे-धीरे जोंक की तरह हमारे देश का धर्म, प्राण और धन चूसती चली जा रही है यह शासन-प्रणाली।” लाल के साथियों के इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं ?
उत्तर : हम लाल के मिश्रों के इस कथन से पूरी तरह सहमत हैं। अंग्रेज मूल रूप से व्यापारी थे जो शासक बनकर हमारा निरंतर शोषण करते रहे। लालच और भय दिखाकर उन्होंने ईसाई धर्म का प्रचार किया तथा हिंदुओं को ईसाई बना लिया। भारतवासियों पर उन्होंने अमानुषी अत्याचार किए तथा उनकी हत्याएँ भी कीं। यहाँ के उद्योग-धंधों को नष्ट कर विदेशी माल बेच-बेचकर इस देश की आर्थिक स्थिति को भी उन्होंने शोचनीय बना दिया था। इस प्रकार जन तक अंग्रेज़ भारत में रहे वे जोंक की तरह इस देश का धर्म, प्राण और धन चूसते रहे।
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प्रश्न 4. लाल के साथियों का माँ ने जो चित्र खींचा, उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर : माँ के अनुसार लाल के साथी लापरवाह और बातूनी हैं। उनकी बातों का कोई अर्थ नहीं होता। वे अत्यंत सीधे-साधे तथा भोले-भाले हैं। वे सदा खुलकर हँसते रहते हैं। उसे भारत माँ कहकर पुकारते हैं। वे अपराधी नहीं हैं। वे सरल प्रकृति के तथा छल-कपट से मुक्त हैं।
प्रश्न 5. ‘उसकी माँ’ कहानी का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : ‘उग्र’ जी द्वारा रचित कहानी ‘उसकी माँ’ का प्रमुख उद्देश्य परतंत्र भारत के राजनीतिक वातावरण का यथार्थ चित्रण करते हुए यह बताना है कि किस प्रकार उस युग में देश को स्वतंत्र कराने के लिए लाल जैसे नवयुवक हैंसते-हैसते अपने प्राणों को बलिदान कर देते थे। लाल जैसे युवकों की माताएँ भी जानकी के समान अपने पुत्र को भी मातृभूमि के लिए न्योछावर कर देती थीं। इस कहानी से यह भी ज्ञात होता है कि कुछ सुविधाभोगी वर्ग के लोग अपने सुखों के लिए अंग्रेजों की गुलामी करना पसंद करते थे।
प्रश्न 6. ‘उसकी माँ’ कहानी के आधार पर लाल का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तर : पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ द्वारा रचित कहानी ‘उसकी माँ’ में लाल का महत्वपूर्ण स्थान है। वह लंबा, सुडौल, सुंदर तथा तेजस्वी युवक है। वह स्वर्गीय रमानाथ तथा जानकी की एकमात्र संतान है। वह कॉलेज में अध्ययन करता है। वह एक जागरूक युवक है। वह पराधीन भारत पर हो रहे अंग्रेजी सरकार के अत्याचार को सहन नहीं कर सकता अतः वह क्रांति का मार्ग अपना लेता है। उसके हृदय में देशभक्ति की भावनाएँ हिलोरें ले रही हैं। वह भारत की पराधीनता की जजीरों को छिन्न-ििन्न करने के लिए आतुर है।
उसे अपनी शक्ति और सामर्थ्य पर विश्वास है। उसमें नेतृत्व का गुण विद्यमान है। उसके साथी उसके इशारे पर अपनी जान तक न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं। पुलिस-विभाग में भी वह क्रांतिकारियों के नेता के रूप में जाना जाता है। लाल के घर का घेराव करके पुलिस उसे तथा उसके साथियों को पकड़कर ले जाती है। स्वतंत्रता प्रेमी होने के कारण लाल निडर एवं साहसी है। जमीदार उसे समझाता है कि वह इन दुर्बल हाथों से शब्तिशाली सरकार से टक्कर नहीं ले सकता। टक्कर लेने का अर्थ नष्ट होना है। तभी वह निडर होकर कहता है, कर्म के समय हमारी भुजाएँ दुर्बल नहीं, भगवान की सहस्न भुजाओं की सखियाँ हैं।” लाल देश-भक्त होने के साथ-साथ मातृ-भक्त भी है। वह अपनी माँ से बहुत प्यार करता है। वह अपनी फाँसी की बात माँ से छ्छिपाकर रखता है। वह जानता है कि माँ का कोमल हूदय इतने बड़े आघात को सहन नहीं कर पाएगा। अत: लाल एक देश-भक्त, क्रांतिकारी, निर्भीक, उत्साही तथा मातृ-भक्त युवक है।
प्रश्न 7. ‘उसकी माँ’ कहानी के आधार पर लाल के चाचा अर्थात ज़र्मींदार का चरित्र-चित्रण करें।
उत्तर : उग्र द्वारा रचित कहानी ‘उसकी माँ’ में ज़मींदार का चरित्र विशेष महत्व रखता है। वह अंग्रेजी सरकार का पक्षधर है। पुलिस-पति जब लाल के विषय में पूछताछ करने के लिए आता है तो वह अपनी राजभक्ति स्पष्ट करता हुआ कहता है-‘ हम तो सात पुश्त से सरकार के फरमांबरदार हैं।’ वह लाल की माँ के सामने भी अंग्रेज्ज सरकार की प्रशंसा करता है। लाल भी उसे कट्टर राजभक्त कहता है। उसके पुस्तकालय में सभी पुस्तकें अंग्रेज़ी लेखकों की हैं।
ज़र्मीदार को लाल तथा उसकी माँ से सहानुभूति है। लाल का पिता रमानाथ जब तक जीवित रहा, उसकी ज्रींदारी का मैनेजर रहा। ज़र्मींदार की लाल तथा उसकी माँ के प्रति सहानुभूति तो है किंतु अंग्रेज़ सरकार के भय से वह उनकी कोई सहायता नहीं कर पाता। वह अपनी किसी पुस्तक पर लाल के हस्ताक्षर देखकर भी घबरा उठता है। वह रबड़ उठाकर उस पुस्तक पर से उसका नाम मिटाने लगता है। इस प्रकार प्रस्तुत कहानी में ज्रींदार पराधीन भारत के उस वर्ग का प्रतिनिधित्व करता है जिसने अपने स्वार्थ की पूर्ति तथा अपनी सुख-सुविधाओं के लिए सरकार का साथ दिया था।
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प्रश्न 8. लाल ने अपने पत्र में अपनी माँ को क्या लिखा था ?
उत्तर : यह पत्र लाल ने जेल से अंतिम बार अपनी माँ को लिखा था। लाल का चाचा लाल की माँ को यह पत्र पढ़कर सुनाता है। लाल ने अपनी माँ को संबोधित करके इस पत्र में लिखा था कि माँ, जिस दिन तुम्हें मेरा यह पत्र मिलेगा उसी दिन सुबह वह प्रभातकालीन सूर्य के किरण रूपी रथ पर सवार होकर दूसरे लोक चला जाएगा अर्थात उसे फाँसी हो जाएगी। वह कहता है कि अपनी अंतिम इच्छा व्यक्त कर वह उससे मिल सकता था पर उसे इस मिलन में कोई लाभ प्रतीत नही हो रहा था। उसे विश्वास है कि उसकी माँ अनेक जन्मों में भी उसकी माँ ही रहेगी। अतः वह उसे समझाता है कि वह उससे कहीं दूर नहीं जा रहा है। वह उसे विश्वास दिलाता है कि जब तक वायु बह रही है, सूर्य अपना प्रकाश फैला रहा है, सागर लहरा रहा है तब तक उसे उसकी ममतामयी गोद से कोई भी दूर नहीं कर सकता। भाव यह है कि वह सदा उसकी माँ का बेटा बनकर ही जन्म लेना चाहता है।
प्रश्न 9. ‘यह बुरा है, लाल की माँ’ यह कथन किसका है और इस कथन का अभिप्राय क्या है ?
उत्तर : कहानी में यह कथन ज़्मीदार का है। जब ज़र्मींदार को लाल की माँ से यह ज्ञात होता है कि लाल तथा उसके साथी ब्रिटिश सरकार से देश को आज़ाद कराने की बातें करते रहते हैं तो वह लाल की माँ को समझाते हुए कहता है कि इनकी ये बारें बहुत खतरनाक हैं क्योंकि सरकार के विरुद्ध बोलने से सरकार उन्हें कभी भी दंडित कर सकती है। इस पंक्ति में लाल का चाचा लाल को समझाता है कि लाल का अंग्रेज्ञों से विरोध, उसके लिए हानिकारक है।
प्रश्न 10. लाल के मित्र आपस में क्या बातें करते हैं ?
उत्तर : लाल का चाचा जब लाल की माँ से पूछता है कि लाल और उसके मित्र किस प्रकार की बातें करते हैं तो लाल की माँ उन्हें बताती है कि भारतमाता की तथा अन्य अनेक प्रकार की बातें करते रहते हैं। एक दिन वे अत्यंत उत्तेजित स्वर में कह रहे थे कि सरकार लड़कों को पकड़ रही है। वे कहते थे कि पुलिस केवल संदेह के आधार पर भी अच्छे-अच्छे परिवार के लड़कों को पकड़कर ले जाती है तथा उन्हें बहुत कष्ट देती है। वे उन बच्चों को मारते, पीटते और अनेक प्रकार से सताते भी हैं। इसे वे लड़के पुलिस की अत्याचार और नीचता मानते हैं। ठन लड़कों के अनुसार इस प्रकार की नीच हरकतोंवाली शासन-प्रणाली को स्वीकार करके अपने धर्म, कर्म, आत्मा तथा परमात्मा को धोखा देना है। इस प्रकार हम अपने आपको धीरे-धीरे नष्ट कर देते हैं तथा हमारा अस्तित्व भी समाप्त हो जाता है।
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प्रश्न 11. ब्रिटिश सरकार भारतीयों को शिक्षित क्यों नहीं करना चाहती ?
उत्तर : लाल की माँ लाल के चाचा को यह बता रही है कि लाल और उसके मित्र आपस में किस प्रकार की बातें करते हैं। वह बताती है कि एक दिन लाल का एक मित्र कह रहा था कि ब्रिटिश सरकार भारतीयों को इसलिए पढ़ाना-लिखाना नहीं चाइती कि कहीं वे अपना अधिकार न माँगने लगें। वह कहता है कि लोग पढ़-लिखकर जागरूक न हो जाएँ इस कारण त्रिटिश सरकार भारतीयों को पढ़ने-लिखने नहीं देती तथा जो पढ़ते-लिखते है उन्हें भी अंग्रेजी ढंग की शिक्षा दी जाती है।
अंग्रेजी सरकार ने इस कारण ऐसे अपमानजनक तथा मानवता से रहित नीति-विरुद्ध नियम बनाए हैं जिससे लोगों में वीर भावनाएँ न पनप सके तथा वे उनकी गुलामी से आजाद न हो सकें। यह सरकार गरीबों का शोषण कर अपनी सेना को शराब, कबाब आदि खिला-पिला कर मोटा-ताजा बनाए रखती है जिससे भारतीयों पर अत्याचार किया जा सके। यह सरकार धीरि-धीरे इस देश में धर्म, मनुष्यों तथा धन संपत्ति को इस प्रकार नष्ट करती जा रही है जैसे जोंक खून चूसती है। इस प्रकार से ब्रिटिश सरकार भारतीयों का पूर्ण रूप से शोषण कर रही है।
प्रश्न 12. ‘उसकी माँ’ कहानी किसकी रचना है तथा इसमें कहानीकार ने क्या कहना चाहा है ?
उत्तर : ‘उसकी माँ’ कहानी लेखक पांडेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ द्वारा रचित है। यह कहानी लेखक की स्वाधीनता से प्रेरित कहानी है। इस कहानी में लेखक ने देश को आजाद कराने के लिए कुछ युवकों द्वारा दिए गए बलिदान का मर्मस्पर्शी चित्रण किया है। साथ ही साथ यह भी बताया है कि किस प्रकार एक बूढ़ी माँ अपने इकलौते पुत्र को देश पर न्योछावर कर देती है।
प्रश्न 13. ‘उसकी माँ’ कहानी का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर : ‘उसकी मां’ कहानी में उग्र जी ने स्वतंत्रता संग्राम में एक माँ की ममता, युवकों का अपने देश के प्रति प्रेम, समर्पण, अंग्रेजों का दमन, ज्ञमींदारों की राजशक्ति आदि का बड़ा ही हदय चिदारक चित्रण किया है। यह कहानी लोगों में देशप्रेम की भावना जागृत करती है। यह कहानी रूस के महान लेखक मैक्सिम गोर्की की महान रचना ‘माँ’ की याद दिलाती है। यह कहानी भारतमाता और माँ दोनों की ओर हमारा ध्यान लगाती है। अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण यह अत्यंत मार्मिक बन पड़ी है।
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