Idgah 11 Important Questions | Class 11 Hindi Chapter 1 Idgah Important Question Answer | ईदगाह पाठ के Important Questions

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Idgah 11 Important Questions | Class 11 Hindi Chapter 1 Idgah Important Question Answer | ईदगाह पाठ के Important Questions 



 प्रश्न 1. मिठाई न खरीद पाने पर हामिद् अपने-आपको कैसे समझाता है ?

उत्तर - हामिद के साथी मिठाइयाँ खरीदते और खाते हैं। वे हामिद को दिखा-दिखाकर खाते है। हामिद मिठाइयों को ललचाई आँखों से देखता है। हामिद ने किताब में मिठाइयों की बुराइयों के बारे में पढ़ा था। वह स्वयं को समझाता है कि खाएँ मिठाइयाँ, अपने-आप इनका मुँह सड़ेगा और फोड़े-फुँसियाँ निकलेंगी। जब इनकी जबान चटोरी हो जाएगी तो घर से पैसे चुराकर खाएँगे और घरवालों की मार भी खाएँगे। किताब में झूठी बातें थोड़े ही लिखी होती हैं। मेरी जबान तो खराब भी नही होगी।


प्रश्न 2. हामिद ने खिलॉने क्यों नहीं खरीदे ?

उत्तर - हामिद को अपनी गरीबी का अहसास था। असमय ही वह प्रौढ़ बुद्धिवाला बन गया था। खिलौने तो चार दिन का खेल हैं। चिमटों को एक दुकान पर देखकर उसे खयाल आया कि दादी के पास चिमटा नहीं। तवे से रोटियाँ उतारती हैं तो हाथ जल जाता है। चिमटा देखकर दादी प्रसन्न होंगी। घर में एक काम की चीज़ हो जाएगी।


प्रश्न 3. ईंद के दिन गाँव के बच्चे क्यों प्रसन्न थे ?

उत्तर - रमज़ान के पूरे तीस रोजों के बाद ईंद आई थी। ईंद मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है। त्योहार सबके हिदय में खुशियाँ भर देता है। बच्चे सबसे अधिक प्रसन्न हैं क्योंकि वे गृहस्थी की चिंताओं से मुक्त हैं। रोज्ज ईंद का नाम रटते थे। उसका आना उनको प्रसन्नता से भर देता है। वे मेले में जाएँगे, घूमेंगे-फिरेंगे, मनपसंद मिठाइयाँ खाएँगे और खिलौने खरीदेंगे।


प्रश्न 4. ईंद की नमाज के द्वारा लेखक ने क्या संदेश दिया है ?

उत्तर - ईदद का त्योहार छोटे-बड़े का भेद मिटा देता है। इस अवसर पर सब एक-दूसरे के गले लगकर मिलते हैं। ईंदगाह में कोई धन और पद नहीं देखता। ईंद आपसी भाईचारे को बनाए रखने तथा अनुशासनमय जीवन व्यतीत करने का संदेश देती है। ईंद का पर्व ही यह बताता है कि सभी में एक ही आत्मा का निवास है। सभी भ्रातृत्व के एक सूत्र में बँघे हैं।


प्रश्न 5. चिमटा खरीदकर हामिद ने अच्छा किया या बुरा ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर - चिमटा खरीदकर हामिद ने अच्छा ही किया। उसे अपनी निर्धनता का आभास था। उसे अपनी दादी का भी खयाल था क्योंकि तवे से रोटी उतारते समय उसके हाथ जल जाते थे। खिलौने तो थोड़ी देर के लिए मन बहलाते हैं और चिमटा हमेशा काम आएगा।


प्रश्न 6. ईंद के दिन अमीना का दिल क्यों कचोट रहा था ?

उत्तर - अमीना का दिल कचोट रहा था क्योंकि हामिद अकेला मेले में जा रहा था। उसे उसकी सुरक्षा का पूरा ध्यान था। उसे डर था कि कहीं हामिद मेले में खो न जाए। फिर तीन-चार कोस कैसे चलेगा ? पाँव में छाले पड़ जाएँगे। यह सब सोचकर अमीना का दिल कचोट रहा था। वह दुखी थी और भयभीत भी।


प्रश्न 7. ईंदगाह का वातावरण कैसा होता है ?

उत्तर - ईदगाह का वातावरण बहुत शांत होता है। सभी एक पंक्ति में खड़े हो जाते हैं। सभी वजू करते हैं। बड़ा सुंदर संचालन होता है। हजारों सिर एक साथ सिजदे में झुक जाते हैं, फिर सब-के-सब एक साथ खड़े हो जाते हैं ऐसा लगता है कि मानो भ्रातृत्व का एक सूत्र इन समस्त आत्माओं को एक लड़ी में पिरोए हुए है। यहाँ कोई पद या धन का गौरव नहीं होता। सभी समान होते हैं।


प्रश्न 8. अमीना कौन है ? उसने छाती क्यों पीट ली ?

उत्तर - अमीना हामिद की दादी है। हामिद के माता-पिता नहीं हैं इसलिए अमीना ही उसकी देखभाल करती है। हामिद मेले में गया था। उसके पास केवल तीन पैसे थे। उन पैसों का सदुपयोग कर वह दादी के लिए चिमटा ले आया क्योंकि तवे से रोटी उतारते समय उसके हाथ जल जाते हैं। अमीना उसकी इस दूरदर्शिता से परिचित नहीं थी और वह यह कल्पना भी नहीं कर सकती थी कि हामिद मेले में भूखा-प्यासा रहकर चिमटा लाएगा। अत: उसने छाती पीटकर हामिद की इस नासमझी पर दुख प्रकट किया।


प्रश्न 9. चिमटा कौन लाया था ? उसके प्रति आपके मन में कैसे भाव हैं ?

उत्तर - चिमटा हामिद लेकर आया था। हमारे मन में उसके प्रति सहानुभूति का भाव उत्पन्न होता है। हम उसकी दूरदर्शिता तथा समझदारी से प्रभावित होते हैं। उसमें निडरता तथा तर्क की शक्ति भी है। वह अपने साथियों को अपनी दलीलों से पराजित कर देता है। उसमें संयम का भाव भी है। उसे दादी की सुविधा का भी ध्यान है। उसके चरित्र से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि पैसों का सदुपयोग करने में समझदारी है।


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प्रश्न 10. हामिद में बुजुर्ोो जैसी सोच के क्या कारण थे ?

उत्तर - हामिद के माता-पिता नहीं थे। वह अपनी दादी अमीना के पास रहता था। अमीना की निर्धनता का कोई ठिकाना नहीं था। हामिद बालक होते हुए भी जीवन की कठिनाइयों से परिचित हो गया था। यही कारण है कि वह मेले में तीन पैसे न तो खिलौने पर खर्च करता है और न ही मिठाई पर। वह दादी के लिए चिमटा खरीदकर ले आता है क्योंकि रोटियाँ सेंकते समय दादी की उंगलियाँ जलती थीं। चिमटे की उपयोगिता को भली-भौति समझता है। घर में जो काम एक बूढ़ा अथवा प्रौढ़ व्यक्ति कर सकता है, वह हामिद ने कर दिखाया।


प्रश्न 11. ‘ईंदगाह’ कहानी का उद्देश्य क्या है ?

उत्तर - इस कहानी में लेखक ने बड़े सुंदर ढंग से एक मुस्लिम गरीब परिवार के साथ-साथ शहर में होनेवाले मेले का यथार्थ तथा व्यापक चित्र प्रस्तुत किया है। साथ ही मेले में भिन्न-भिन्न वस्तुओं को देखते हुए एक पितृविहीन अनाथ बच्चे की मानसिकता तथा विवशताओं का बड़ा ही मार्मिक और मनोवैज्ञानिक चित्रण किया है। एक बच्चे का अपनी वृद्धा दादी के प्रति अपार प्रेम का भी वर्णन है। यही प्यार बच्चे को बूड़ा बना देता है।

प्रश्न 12. ईदगाह कहानी में हामिद कौन है ? उसकी भूमिका क्या है ?


उत्तर - हामिद ‘ईंदगाह’ कहानी का मुख्य पात्र है। वह चार-पाँच वर्ष का एक गरीब है, जो अपनी दादी के साथ रहता है। गत वर्ष उसके पिता का हैस्द्रह्य की बीमारी से देहांत हो गया। पिता की मृत्यु के बाद उनके शोक में हामिद की माँ पीली होते-होते एक दिन मर गई। लेकिन किसी को माँ के मरने की बीमारी का पता नहीं चला।


प्रश्न 13. हामिद की वेशभूषा का वर्णन करते हुए बताएँ कि हामिद खुश क्यों था ?

उत्तर - हामिद अत्यंत निर्धन है। उसके पाँव में जूते नहीं हैं। सिर पर एक पुरानी टोपी है जिसका गोटा काला पड़ गया है। गरीबी में भी वह अत्यंत प्रसन्न है क्योंकि उसकी दादी ने उसके दिल में कुछ आशाएँ बाँधी थीं। उसके पिता थैलियाँ और अम्मीजान नियामतें लेकर आएँगी तब वह अपने दिल के सभी अरमान पूरे कर लेगा।


प्रश्न 14. माता-पिता की मृत्यु के बाद हामिद किसके साथ रह रहा था और वह उसे क्या कहती थी ?

उत्तर - माता-पिता की मृत्यु के बाद हामिद अपनी दादी अमीना के साथ रहता था। उसकी दादी उससे असीम प्रेम करती थी। हामिद उसी की गोद में सोता था। वह हामिद को सदैव कहती थी कि उसके अब्बाजान रुपये कमाने गए हैं। बहुत-सा धन कमाकर लाएँगे। अम्मीजान अल्लाह मियाँ के घर से उसके लिए बड़ी अच्छी चीज्जें लाने गई हैं।


प्रश्न 15. ईंद के दिन अमीना क्यों रो रही थी ?

उत्तर - हामिद की दादी अमीना अत्यंत गरीब एवं फटेहाल है। उसके घर में अनाज का दाना तक नहीं है। उसका एकमात्र पुत्र अल्लाह की गोद में चला गया है। आज ईंद के पर्व पर उसके पास अपने पोते हामिद को देने के लिए मात्र तीन पैसे के सिवाए और कुछ नहीं है। अत: अपनी इसी विवशता के कारण वह मुँह छुपाए घर के कोने में बैठी अपनी किस्मत पर रो रही थी।


प्रश्न 16. ईंदगाह पहुँचने से पूर्व लड़कों ने क्या देखा ?

उत्तर - सभी लड़के सज-धजकर शहर जाने को तैयार हो गए। वे हँसते-खेलते शहर पहुँचे, जहाँ उन्होंने सबसे पहले अदालत, कॉलेज, क्लब-घर आदि की बड़ी-बड़ी इमारतें देखीं। इसके बाद हलवाइयों की बड़ी-बड़ी दुकानें देखीं, जहाँ लोगों की खूल भीड़ लगी हुई थी। अंत में इमली के घने वृक्षों के नीचे उन्हें ईदमाह दिखाई दी।


प्रश्न 17. ईंदगाह के अंदर का दुश्य अंकित कीजिए।

उत्तर - ईंदगाह के अंदर रोज्ञादारों की एक के बाद एक पंक्तियाँ लगी हुई थीं। यहाँ अमीर-गरीब का कोई भेद-भाव नहीं था। सब मिलकर एक साथ सिजदे में झुक रहे थे और फिर एक साथ खड़े हो जाते थे। वहाँ भाई-चारे का अत्यंत सुंदर दृश्य देखते ही बनता था। नमाज के बाद सब आपस में गले मिल रहे थे।


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प्रश्न 18. मोहसिन ने अपने मामू की कौन-सी बात अपने दोस्तों को बताई ?

उत्तर - मोहसिन ने अपने दोस्तों से कहा कि उसके मामू एक थाने में कानिसटिबिल हैं। वह बीस रुपया महीना पाते हैं लेकिन पचास रुपये घर भेजते हैं। एक बार उसने जब अपने मामू से पूछा कि आप इतने रुपये कहाँ से पाते हैं ? तब उसके मामू ने हँसकर उत्तर दिया कि अल्लाह उन्हें देता है । कुछ देर बाद फिर उन्होंने कहा कि वे लोग चाहें तो एक दिन में लाखों रुपयों कमा लें लेकिन वे उतना ही कमाते हैं कि उनकी बदनामी न हो और नौकरी भी न जाए।


प्रश्न 19. मोहसिन की माँ ने उसे और उसकी बहन को दो-दो चाँटे क्यों लगाए ?

उत्तर - मोहसिन जैसे ही घर पहुँचा। मोहसिन की छोटी बहन ने दौड़कर भिश्ती उसके हाथ से छीन ली और मारे खुशी के उछ्लने लगी। उछलते ही भिश्ती उसके हाथ से हूटकर नीचे गिर गया और सुरलोक सिधार गया। इसी बात पर दोनों भाई-बहन में मार-पीट हो गई। दोनों खूब रोए। उनकी अम्मी उनका शोर सुनकर बाहर आई और दोनों को दो-दो चाँटे लगाए।


प्रश्न 20. अमीना दादी का मन गद्गद क्यों हो गया ?

उत्तर - हामिद ने जब अत्यंत अपराधी भाव से कहा दादी तुम्हारी उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं; इसलिए उसने चिमटा खरीदा। सहसा दादी का क्रोध स्नेह में बदल गया। यह मूक स्ेेह था। खूब ठोस, रस और स्वाद से भरा हुआ। वह सोचने को विवश हो गई कि छोटे-से बालक में कितना त्याग, कितना सद्भाव और कितना विवेक है जो दूसरों को खिलौने लेते और मिठाई खाते देखकर डगमगाया नहीं। अपने पोते की इन्हीं खाबियों को देखकर दादी का मन गद्गद हो गया।


प्रश्न 21. हामिद और दुकानदार के मध्य हुई वार्ता का वर्णन कीजिए।

उत्तर - हामिद – यह चिमटा कितने का है ?

दुकानदार – तुम्हारे काम का नहीं है जी।

हामिद – बिकाऊ है कि नहीं ?

दुकानदार – बिकाऊ क्यों नहीं है। और यहाँ क्यों लाद लाए हैं ?

हामिद – तो बताते क्यों नहीं, कै पैसे का है ?

दुकानदार – छः पैसे लगेंगे।

हामिद – ठीक-ठीक बताओ।

दुकानदार – ठीक-ठीक पाँच पैसे लगेंगे, लेना हो लो, नहीं तो चलते बनो।

हामिद – तीन पैसे लोगे ?


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