चंपा काले काले अच्छर नही चीन्हती (पठित पद्यांश)
1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हतीमें जज पढ़ने लगता हैं वह आ जाती है।
खड़ी खड़ी चुपचाप सुना करती है।
उसे बड़ा अचरज होता हैं।
इन काले चीन्ही से कैसे ये सब स्वर
निकला करते हैं।
प्रश्न
1. चंपा कौन है? उसे किस चीज़ का ज्ञान नहीं है।
2. चंपा चुपचाप क्या करती है?
३. चंपा को हैरानी का कारण बताइए।
4 आप चांपा को किसका,किनका प्रतीक मान सकते हैं। यहाँ कवि ने किस सामाजिक समस्या की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है?
उत्तर =
1. चंपा गाँव की अनपट्ट बालिका है। उसे अक्षर ज्ञान नहीं है।
2. जब कवि पढ़ने लगता है तब वह वहाँ आ कर चुपचाप खडी खडी सुनती रहती है।
3. चंपा कवि द्वारा बोले गए अक्षरों को सुनती है। उसे आश्चर्य होता है इन काले अक्षरों से कवि ध्वनियों कैसे बोल लेता है। वह ध्वनियों व अक्षरों के संबंध को नहीं समझ पाती।
4, चंपा गाँव की इन निरक्षर लड़कियों की प्रतीक है जिन्हें पढ़ने-लिखने का अवसर नहीं मिल पाता है। चंपा के माध्यम से कवि ने समाज में फैली निरक्षरता की ओर ध्यान आकृष्ट किया है।
2. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा सुदर की लड़की है।सुंदर ग्वाला है गाएँ भैंसे रखता है।
चंपा चौपायों को लेकर
घरवाही करने जाती है।
चंपा अच्छी हैं।
चंचल हैं।
नटखट है।
कभी कभी धम करती हैं।
कभी-कभी वह कलम चुरा देती है।
जैसे तैसे उसे ढूंढ कर जब लाता हैं
पाता है-अब कागज गायब
परेशान फिर हो जाता हैं।
प्रश्न
1. चंपा के पिता के विषय में बताइए।
2. चंपा क्या करने जाती है।
3. चंपा का व्यवहार कैसा है?
4. कवि की परेशानी का क्या कारण है।
उत्तर =
1, चंपा के पिता का नाम सुंदर है। वह ग्वाला है तथा गाएँ-भैंसे रखता है।
2. चंपा प्रतिदिन पशुओं को चराने के लिए लेकर जाती है।
3. चंपा का व्यवहार अच्छा है। वह चंचल है तथा नटखट भी है। कभी कभी वह बहुत शरारते करती है।
4, चंपा कवि की कलम चुरा लेती है। किसी तरीके से कवि उसे ढूंढकर लाता है तो उसके कागज गायब मिलते हैं। चंपा की इन हरकतों से कवि परेशान होता है।
3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा कती है।तुम कागद ही गोदा करते ही दिन भर
क्या यह काम बहुत अच्छा है।
यह सुनकर मैं हँस देता हूँ।
फिर थंपा चुप हो जाती है।
चंपा ने यह कहा कि
मैं तो नहीं पहुँगी
तुम तो कहते थे गाँधी बाबा अच्छे हैं।
उस दिन चंपा आई मैने कहा कि
चंपा तुम भी पढ़ लो
हारे गाद्ध काम सरेगा
गाँध बाबा की इच्छा है।
सब जन पढ़ना-लिखना सीखें
पड़ने लिखने की कैसे बात करेंगे
मैं तो नहीं पड़ेंगी।
प्रश्न
1. चंपा कवि से क्या प्रश्न करती है?
2. कवि ने चंपा को क्या सीख दी तथा क्यों?
३. कवि ने गधों का नाम क्यों लिया?
4. चंपा कवि से गाँधी जी के बारे में क्या तर्क देती है?
उत्तर
1, चंपा कवि से प्रश्न करती है कि वह दिनभर कागज को काला करते हैं। क्या उन्हें यह कार्य बहुत अछा लगता है।
2, कवि चंपा को पढ़ने-लिखने की सीख देता है ताकि कष्ट के समय उसे कोई परेशानी न हो।
3. कवि का मानना है कि ग्रामीण भी गाँधी जी का बहुत सम्मान करते हैं तथा उनकी बात मानते हैं। उन्हें लगा कि शिक्षा के बारे में गांधी जी की इच्छा जानने के बाद चंपा पढ़ना सीखेगी।
4. चंपा कवि से कहती है कि अगर गाँधी जी अच्छे हैं तो वे कभी पड़ने-लिखने के लिए नहीं कहेंगे।
4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
मैंने कहा कि चंपा, पढ़ लेना अच्छा है।ब्याह तुम्हारा होगा तुम गौने जाओगी.
कुछ दिन बालम सग साथ रह चंपा जाएगा जब कलकत्ता
बड़ी दूर है। वह कलकत्ता
केस उसे संदेसा दोगी
कैसे उसके पत्र पड़ोगी।
चंपा पढ़ लेना अच्छा है।
प्रश्न
1, कवि ने चंपा को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए क्या तर्क दिया?
2. कलकत्ता जाने की बात से कथा पता चलता है?
३, बड़ी दूर है वह कलकत्ता, फिर भी लोग कलकत्ता क्यों जाते हैं।
4. कवि ने नारी मनोविज्ञान का सहारा लिया है-स्पष्ट करें।
उत्तर =
1. कवि ने चंपा को पढ़ने के लिए प्रेरित करते हुए तर्क दिया है कि शादी के बाद जब तुम्हारा पति कलकत्ता काम के लिए जाएगा तो तुम उसके पास कैसे अपना संदेश भेजोगी तथा कैसे उसके पत्र पढ़ोगी? इसलिए तुम्हें पढ़ना चाहिए।
2. कलकत्ता जाने की बात से पता चलता है कि महानगरों की तरफ ग्रामीणों की पलावनवादी प्रवृत्ति है। इससे परिवार बिखर जाते हैं।
3, कलकत्ता बहुत दूर तो है, किंतु महानगर है जहाँ रोजगार के अनेक साधन उपलब्ध हैं। वहाँ रोजी-रोटी के साधन सुलभ हैं। रोजगार पाने की आशा में ही लोग कलकत्ता जाते होंगे।
4. कवि ने जारी गनोविज्ञान का सहारा लिया है, धयोंकि नारी को धिक खुशी अपने पति के नाम व उसके संदेश से मिलती है।
5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
चंपा बोली तुम कितने झूठे हो देखाहाय राम तुम पढ़-लिख कर इतने झूठे हो
में तो ब्याह कभी न करूं
और कहीं जो ब्याह हो गया
तो मैं अपने बालम को सँग साथ दूंगी
लकत्ता मैं कभी न जाने देंगी।
कलकत्ते पर बजर गिरे।
प्रश्न
1. चंपा कवि पर क्या आरोप लगाती है तथा क्यों?
2. चंपा की अपने पति के बारे में क्या कल्पना है?
3. चंपा कलकत्ते के बारे में क्या कहती है?
4. शिक्षा के प्रति चंपा की क्या सोच है? उसकी यह सोच कितनी उपयुक्त है?
उत्तर -
1. चंपा कवि पर झूठ बोलने का आरोप लगाती है कि कवि पढ़ाई के चक्कर में उसकी शादी व फिर पति के कलकत्ता जाने की झूठी बात कहता है।
2. चंपा अपने पति के बारे में कल्पना करती है कि वह उसे अपने साथ रखेगी तथा कलकत्ता नहीं जाने देगी अर्थात् उसका शोषण नहीं होने देगी।
3. चंपा कलकत्ते के बारे में कहती है कि उस पर वज्रपात हो जाए ताकि वह नष्ट हो जाए। इससे आसपास के लोग वहाँ जा नहीं सकेंगे।
4. शिक्षा के प्रति चंपा की सोच यह है कि इससे परिवार में बिखराव होता है, लोगों का शोषण होता है। उसकी यह सोच बिल्कुल गलत है, क्योंकि शिक्षा ज्ञान एवं विकास के नए द्वार खोलती है।
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