सबसे खतरनाक (पठित पद्यांश)

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सबसे खतरनाक (पठित पद्यांश)






1. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़ जाना-बुरा तो हैं।
सहमी सी चुप में जकड़ ज़ाना बुरा तो है
पर सबसे खतरनाक नहीं होता
कपट के शर में
सही होते हुए भी दब जाना-बुरा तो हैं।
किसी जुगनू की ली में पढ़ना-बुरा तो है।
मुट्टियाँ भींचकर बस वक्त निकाल लेना-बुरा तो हैं।
सबसे खतरनाक नहीं होता

प्रश्न
1, 'सबसे खतरनाक नहीं होती वाक्यांश की आवृत्ति से कवि क्या कहना चाहता है?
2. कवि ने किन-किन खतरनाक स्थितियों का उल्लेख किया है।
3. किसी जुगनू की लौ में पढ़ना-आशय स्पष्ट कीजिए।
4. मुदठियाँ भींचकर वक्त निकालने को बुरा क्यों कहा गया है।

उत्तर =
1. इस वाक्यांश की भावृत्ति से कति करना चाहता है कि समाज में अनेक स्थितियाँ खतरनाक हैं, परंतु इनसे भी खतरनाक स्थिति जड़ता, प्रतिक्रियाहीनता की है।

2. कवि ने निम्नलिखित खतरनाक स्थितियों के बारे में बताया है- मेहनत की कमाई लूटना पुलिस की मार, शासन के प्रति गद्दारी, लोभ करना।

3, इसका अर्थ है कि साधनहीनता की स्थिति में गुजारा चलाना बहुत बुरा है किंतु खतरनाक नहीं है।

4. कवि ने अपने आक्रोश को दबाकर टालते रहने की प्रवृत्ति को बुरा बताया है इससे मनुष्य अपनी इच्छानुसार कार्य नहीं कर सकता।


2 . निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

सबसे खतरनाक होता है।
मुद शांति से भर जाना
न होना तड़प का सब सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर ना
सबसे खतरनाक होता हैं।
हमारे सपनों का मर जाना
सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है।
उपकी कलाई पर चलती हुई भी जो
आपकी निगाह में रुकी होती हैं।

 प्रश्न
1, कवि के अनुसार सबसे खतरनाक क्या होता है
2. मुद शांति से क्या अभिप्राय है?
3. सपनों के मर जाने से क्या होता है?
4. घड़ी के माध्यम से कवि क्या कहता है।

उत्तर =
1. कवि के अनुसार, सबसे खतरनाक वह स्थिति है जब मनुष्य प्रतिक्रिया नहीं जाता, वह उत्साहहीन हो जाता है।

2. मुर्दा शांति से अभिप्राय है, मानय जीवन में जड़ता और निष्क्रियता का भाव होना अर्थात् अत्याचारों को मूक बनकर सहते जाना और कोई प्रतिक्रिया न व्यक्त करना।

3, सपनों के मरने से मनुष्य की कामनाएँ इकाएँ समाप्त हो जाती हैं। वह वर्तमान से संतुष्ट रहता है। इस प्रवृति से रात में नए विधार व आविष्कार नहीं हो पाते।।

4, घी समय को बताती हैं। वह समय की गतिशीलता दर्शाती है तथा मनुष्य को समय के अनुसार बदलने की प्रेरणा देती है। मनुष्य द्वारा स्वयं को न बदल पाने की स्थिति खतरनाक होती है।

3. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

सबसे खतरनाक वह आँख होती है।
जो सब कुछ देखती हुई भी जमी बर्फ होती है।
जिसकी नजर दुनिया को मुहब्बत से चूमना भूल जाती है।
जो चीजों से उठती अधेपन की भाप पर दुलक जाती है
जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुई
एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती हैं।

 प्रश्न
1. कवि कैसी आँख को ख़तरनाक मानता है?
2 दुनिया को मुहब्बत की नजर से न चूमने वाली आँख को कवि खतरनाक क्यों मानता है?
3 जो रोजमर्रा के क्रम को पीती हुड़ी पंक्ति का आशय बताइए।
4. आँख का अंधेपन की भाप पर दुलकना क्या कटाक्ष करता है?

उत्तर -
1. कवि उस आँख को खतरनाक मानता है जो अन्याय को देखकर भी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं करती। इस तरह से कवि मनुष्य की संवेदनशून्यता पर चोट कर रहा है।

2 दुनिया को मुहब्बत की नजर से न चूमने वाली आँख को कवि इसलिए खतरनाक मानता है, क्योंकि ऐसी नजर से प्रेम एवं सौंदर्य की भावना समाप्त हो जाती है। ऐसी आँख हर वस्तु को घृणा की दृष्टि से देखती है।

3. इसका अर्थ है वह जिंदगी जो दैनिक क्रियाकलापों में संवेदनहीनता के साथ भटकती रहती है।

4. इसमें कवि कहता है कि मनुष्य वस्तुओं की चाह में गलत सही कार्य करता है। वह उनकी पूर्ति की चाह में हर मूल्य को दाँव पर लगा देता है।

4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

सबसे खतरनाक वह चाँद होता है।
जो हर हत्याकांड के बाद
वीरान हुए आँगनों में चढ़ता है।
पर आपकी आँखों की मिचों की तरह नहीं गड़ता है।

प्रश्न
1. चाँद' किसका प्रतीक है? कवि उसे खतरनाक क्यों मानता है?
2. घर-आँगन के वीरान होने का क्या कारण है?
3. अंतिम पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर =
1. चाँद' आस्था व शांति का प्रतीक है। कवि उसे खतरनाक मानता है, क्योंकि वह लोगों में प्रतिकार की भावना को दबा देता है।

2 इस आँगन के वीरान होने के कारण हत्याकांड हैं जो आतंक के कारण हो रहे हैं।

3. इस पंक्ति का अर्थ है कि लोग हत्याकांड पर भी शांत रहते हैं तथा अपनी खुशियों में मग्न रहते हैं, जबकि उन्हें ऐसे हमलों का प्रतिकार करना चाहिए।

5. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

सबसे खतरनाक वह गीत होता है।
आपके कानों तक पहुँचने के लिए
जो मरसिए पढ़ता है।
जो जिंदा रूह के आसमानों पर ढलती हैं।
जिसमें सिर्फ उल्लू बोलते और हुआँ हुओं करते गीदड़
आतांकित लोगों के दरवाज़ों पर
जो गुडे की तरह अकड़ता है।
सबसे खतरनाक वह रात होती है।
हमेशा के धरे बद दरवाज-चौगाठों पर चिपक जाते हैं।

 प्रश्न
1. कवि कैसे गीत को खतरनाक मानता है तथा क्यों?
2. कवि लोगों की किस आदत को खतरनाक मानता है?
3. कवि ने किस रात को खतरनाक माना है।
4. जिदा रूह के आसमानों द्वारा कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर =
1. कवि उन गीतों को खतरनाक मानता है जो शोक गीत गाकर लोगों के मन में प्रतिकार के भाव को समाप्त करके उन्हें और अधिक डराता है।

2. कवि लोगों का आतंक सहने तथा उसका विरोध न करने की आदत को खतरनाक मानता है।

3. कवि उस रात को खतरनाक मानता है जो जीवित लोगों की आत्मा रूपी आसमान पर अंधकार के समान छा जाती है।

4. इसका अर्थ है सजग लोग। वह कहना चाहता है कि सजग लोगों को अंधविश्वासों व रूढ़ियों से बचना चाहिए।

6. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए :

सबसे खतरनाक वह दिशा होती है।
जिसमें आत्मा का सूरज डूब जाए।
और उसकी मुद धूप का कोई टुकड़ा
आपके जिस्म के पूरब में चुभ जाए
मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे खतरनाक नहीं होती
गद्दारी-लोभ की मुट्ठी सबसे खतरनाक नहीं होती।

प्रश्न
1. कवि ने आत्मा को क्या माना है?
2. कवि किस दिशा को खतरनाक मानता है?
3, आत्मा का सूरज डूबने जाए' का अर्थ बताइए।
4. मुर्दा धूप का कोई टुकड़ा का व्यंग्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर -
1. कवि ने आत्मा को मृत के समान तटस्थ माना है।

2, कवि उस दिशा को खतरनाक मानता है जिस पर चलकर मनुष्य अपनी आत्मा की बात अनसुनी कर देता है।

3. इसका अर्थ है-अंतरात्मा की आवाज का क्षीण पड़ना।

4. कवि कहना चाहता है कि आदर्शपरक अच्छी बातें ; जैसे-त्याग, अहिंसा, बलिदान आदि मनुष्य को प्रतिक्रियाहीन व जड़ बना देती हैं।


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