NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 4 डायरी के पन्ने | डायरी के पन्ने (अभ्यास-प्रश्न)

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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Vitan Chapter 4 डायरी के पन्ने | डायरी के पन्ने (अभ्यास-प्रश्न)


डायरी के पन्ने (अभ्यास-प्रश्न)






प्रश्न 1. "यह साठ लाख लोगों की तरफ से बोलने वाली एक आवाज है। एक ऐसी आवाज, जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण लड़की की है।" इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के सन्दर्भ में ऐनी फ्रैंक की डायरी के पठित अंशो पर विचार करें।

ऐनी फ्रैंक की डायरी में उनके निजी जीवन का वर्णन नहीं किया गया है बल्कि साठ लाख यहूदियों पर अत्याचार किए गए थे; उनकी यह जीती जागती कहानी हैं। यह लड़की न तो कोई संत थी, न ही कोई कवि; बल्कि हिटलर के अत्याचारों द्वारा भूमिगत रहने वाले परिवार की एक आम सदस्य थी। उस समय यहूदी लोग फटे पुराने कपड़े और घिसे पिटे जूते पहनकर समय काट रहे थे। राशन की बहुत कमी रहती थी और बिजली का कोटा निर्धारित था। जब कोई हवाई आक्रमण होता था तो बेचारे कांप जाते थे। इसलिए यह कहना उचित है कि डायरी के पन्ने में वर्णित कहानी किसी एक परिवार की नहीं बल्कि साठ लाख लोगों की कहानी है।

प्रश्न 2. "काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति मुझे अब तक नहीं मिला-।" क्या आपको लगता है कि एन के इस कथन में आप उसके डायरी लेखन का कारण छिपा है?

यह सच्चाई है कि लेखक अपनी अनुभूतियों को व्यक्त करने के लिए कविता, कहानी या कोई लेख लिखता है। परंतु अगर उसे कोई गंभीर श्रोता नहीं मिले तो वह किसी कल्पित पात्र अथवा पाठकों के लिए अपनी अभिव्यक्ति करता है। ऐनी फ्रैंक के सामने भी यही स्थिति थी। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि भूमिगत आवास में क्या करें? वह बाहर की प्रकृति को देखना चाहती थी परंतु यह वर्जित था। उसकी भावनाओं को और उसकी बातों को सुनने वाला कोई नहीं था। इसलिए उसने अपने उद्गार इस डायरी में व्यक्त किए हैं।

प्रश्न 3. "प्रकृति-प्रदत-प्रजनन शक्ति के उपयोग का अधिकार बच्चे पैदा करें या न करें अथवा कितने बच्चे पैदा करें- इस की स्वतंत्रता स्त्री से छीनकर हमारी विश्व-व्यवस्था ने न सिर्फ स्त्री को व्यक्तित्व विकास के अनेक अवसरों से वंचित किया है बल्कि जनाधिक्य की समस्या भी पैदा की है।" ऐन की डायरी के 13 जून 1944 के अंश में व्यक्त विचारों के संदर्भ में इस कथन का औचित्य ढूँढें।

एन का विचार है कि पुरुष शारीरिक दृष्टि से सक्षम होता है और नारियाँ कमजोर होती है। इसलिए पुरुष नारियों पर शासन करते हैं। बच्चे को जन्म देते समय नारी जो पीड़ा व व्यथा भोगती है। वह युद्ध में घायल हुए सैनिकों से कम नहीं है। सच्चाई तो यह है कि नारी अपनी बेवकूफी के कारण अपमान व उपेक्षा को सहन करती रहती है। परंतु नारियों को समाज में उचित सम्मान मिलना चाहिए। उनका अभिप्राय यह नहीं है कि महिलाएँ बच्चों को जन्म देना बंद कर दे; प्रकृति चाहती है कि महिलाएँ बच्चों को जन्म दे। समाज में औरतों का योगदान विशेष महत्त्व रखता है अतः स्त्रियों को भी उचित सम्मान मिलना चाहिए।

प्रश्न 4. "ऐन की  डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज है तो साथ ही उसके निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।" इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति और असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।

डायरी-लेखक जब अपने जीवन का वर्णन करता है तब वह अपने आसपास के वातावरण पर भी प्रकाश डालता है। एन एक सामान्य लड़की है। वह कोई साहित्यकार नहीं है। फिर भी उसने अपने निजी सुख-दुख और भावनात्मक उथल पुथल का संवेदनात्मक वर्णन किया है। वे भूमिगत होकर अभावमय और कष्टमय जीवन व्यतीत कर रहे थे। लेकिन एन तत्कालीन ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन करती है। जैसे अज्ञातवास जाने के कारण आवास में जर्मनों के डर के कारण दिन-रात अंधकार में छिपकर रहना, ब्रिटेन द्वारा हालैंड को मुक्त कराने का प्रयास करना, प्रतिदिन वायुयानों द्वारा बारूद की वर्षा करना आदि तत्कालीन ऐतिहासिक दौर के जीवंत दस्तावेज भी कहे जा सकते हैं। एन ने निजी जीवन की व्यथा के साथ-साथ ऐतिहासिक तथ्यों का यदा कदा वर्णन किया है जिससे दोनों का अंतर मिट गया है।

प्रश्न 5. ऐन ने अपनी डायरी 'किट्टी' (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?

आठ सदस्य अज्ञातवास में रह रहे हैं। इनमें से ऐनी सबसे छोटी आयु की लड़की थी। परंतु आठ सदस्यों में से कोई भी उसकी भावनाओं को नहीं समझता था। भूमिगत आवास में से बाहर निकलना संभव नहीं था। उसकी माँ केवल उपदेश देती थी। मिस्टर वानदान और मिसेज़ वानदान उसकी हर बात की नुक्ताचीनी करते रहते थे। यही बातचीत उसकी डायरी के पन्ने बन गए। किट्टी को संबोधित करके डायरी लिखना उसकी मजबूरी थी।


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