कैमरे में बंद अपाहिज (काव्य-सौंदर्य / शिल्प-सौंदर्य)

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कैमरे में बंद अपाहिज

काव्य सौंदर्य बोध संबंधी प्रश्न







पूरी कविता से काव्य-सौंदर्य/शिल्प-सौंदर्य के कुछ कॉमन पॉइंट्स: 


● सहज, सरल तथा सामान्य भाषा का सफल प्रयोग है।
● शब्द-योजना सटीक एवं भावानुकूल है।
● मुक्तक छंद का प्रयोग है तथा प्रसाद गुण विद्यमान है।
● कोष्ठकों में वाक्यों का प्रयोग करना एक अभिनव प्रयोग है।
● प्रस्तुत पद्यांश में नाटकीय, संबोधनात्मक तथा व्यंग्यात्मक शैली का सफल प्रयोग हुआ है।





निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।


1.
उससे पूछेगे तो आप क्या अपाहिज हैं?
तो आप क्यों अपाहिज हैं।
आपका अपाहिजपन तो दुख देता होगा।
देता हैं?
(कैमरा दिखाओ। इसे बड़ा बड़ा)।
हाँ तो बताइए आपका दुख क्या हैं
जल्दी बताइए वह दुख बताइए
बता नहीं पाएगा।

प्रश्न
(क) काव्यांश का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ख) शिल्प सौंदर्य बताइए।
(ग) काव्यांश में निहित अलंकार योजना को स्पष्ट कजिए।

उत्तर -
(क) इस काव्यांश में कवि ने मीडिया की हृदयहीन कार्यशैली पर व्यंग्य किया है। संचालक अपने कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए अपाहिज से ऊटपटांग सवाल करके उसकी भावनाओं से खेलते हैं। वे उसके दुख को कुरेदना चाहते हैं, परंतु अपाहिज चुप रहता है। वह अपना मजाक नहीं उड़वाना चाहता।

(ख) इरा काव्यांश में खड़ी बोली का प्रयोग है। प्रश्न-शैली से संचालकों को मानसिकता को प्रकट किया गया है। नाटकीयता है। मुक्तक छंद का प्रयोग है। कोष्ठकों का प्रयोग किया गया है।

(ग) दुख देता', आपका अपाहिजपन' में अनुप्रास अलंकार है। बड़ा-बड़ा में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है। प्रश्नालंकार के प्रयोग से काव्यांश की प्रभावशीलता बढ़ गई है।

2.
फिर हम परदे पर दिखलाएँ
फूली हुई आँख की एक बड़ी तस्वीर
बहुत बड़ी तस्वीर
और उसके होंठों पर एक कसमसाहट भी।
(आशा है आप उसे उसकी अपंगता की पीड़ा मागे
एक और कोशिश
दर्शक
धीरज रखिए
देखिए
हमें दोनों को एक संग रुलाने है।

प्रश्न
(क) काव्यांश का भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
(ख) शिल्प-सौंदर्य बताइए।
(ग) काव्यांश का बिंब -विधान स्पष्ट कजिए।

उत्तर -
(क) इस काव्यांश में मीडिया की संवेदनहीनता को दशयिा गया है। वे अपने कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए दूसरे की पीड़ा को बढ़ा चढ़ाकर बताते हैं। उन्हें किसी के कष्ट से कोई मतलब नहीं होता। वे कोशिश करते हैं कि दर्शकों में भी करुणा का भाव जाग्रत हो। यदि दोनों रोने लगेंगे तो उनके कार्यक्रम का व्यावसायिक उद्देश्य पूरा हो जाएगा।

(ख) 'फूली हुई आँख की बड़ी तसवीर में दृश्य बिंब है। लाक्षणिकता व व्यंजना शब्द-शक्ति का चमत्कार है। कम शब्दों में अधिक बात कही गई है। ‘परदे पर' तथा 'बहुत बड़ी में अनुप्रास अलंकार है। नाटकीय शैली का प्रयोग है। खड़ी बोली में सहज अभिव्यक्ति है। मुक्त छंद है। कोष्ठक का प्रयोग भावों को स्पष्ट करता है।

(ग) काव्यांश को प्रभावपूर्ण बनाने के लिए कवि ने दो दृश्य बिंबों का विधान किया है।
• 'फूली हुई आँख की बड़ी तसवीर
• उसके होंठों पर एक कसमसाहट भी।




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3Comments

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  1. Very bad blog

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  2. Yah blog hamare adhyayan ke liye kaafi labbhkaari sabit hua..
    Aise hi aur bhi vishay vastu upload karte rahiye.
    Kripa aapki

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