Parvat Pradesh Mein Pavas Important Questions | Parvat Pradesh Mein Pavas Class 10 Important Question Answers | पर्वत प्रदेश में पावस Class 10 Question Answer
प्रश्न 1. प्रस्तुत कविता में किस ऋतु का वर्णन किया गया है?
उत्तर - प्रस्तुत कविता में पर्वत प्रदेश में वर्षा ऋतु का वर्णन किया गया है |
प्रश्न 2. वर्षा ऋतु में कौन अपनी जादूगरी दिखा रहा है?
उत्तर - वर्षा ऋतु में इंद्र जलद-यान में विचर-विचरकर अपनी जादूगरी का खेल दिखा रहे हैं |
प्रश्न 3. पर्वत प्रदेश में कौन –सा अलंकार प्रयुक्त हुआ है?
उत्तर - पर्वत प्रदेश में अनुप्रास अलंकार प्रयुक्त हुआ है|
प्रश्न 4. पावस ऋतु में प्रकृति में कौन-कौन से परिवर्तन आते हैं? कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - पावस यानि वर्षा ऋतु का मौसम है जिसमे प्रकृति का रूप हर पल बदलता रहता है। कभी धूप खिल जाती है तो कभी काले घने बादल सूरज को ढँक लेते हैं।
प्रश्न 5. कवि ने तालाब की समानता किसके साथ दिखाई है और क्यों?
उत्तर - तालाब या किसी भी अन्य जलराशि में आस पास की चीजों का प्रतिबिंब दिखाई देता है इसलिए कवि ने तालाब की तुलना किसी विशाल दर्पण से की है।
प्रश्न 6. झरने किसके गौरव का गान कर रहे हैं? बहते हुए झरने की तुलना किससे की गई है?
उत्तर - झरने पहाड़ के गौरव का गान कर रहे हैं। कवि ने झरनों की तुलना झरते हुए मोतियों से की है। झरने की बेकाबू गति अंग-अंग में एक उन्माद सा भर देती है |
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प्रश्न 7. है टूट पड़ा भू पर अंबर’- आशय स्पष्ट कीजिए|
उत्तर - आशय यह है कि जब तेज बारिश होती है तो लगता है कि धरती पर आसमान ही टूटकर गिरने लगा हो।ऐसा प्रतीत होता है जैसे आसमान ने धरती पर आक्रमण कर दिया हो|
प्रश्न 8. अर्थ स्पष्ट कीजिए :
गिरिवर के उर से उठ उठ कर
उच्चाकांक्षाओं से तरुवर
हैं झाँक रहे नीरव नभ पर
अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।
उत्तर - अर्थ यह है कि पहाड़ के ऊपर और आस पास पेड़ भी होते हैं जो उस दृष्टिपटल की सुंदरता को बढ़ाते हैं। पर्वत के हृदय से पेड़ उठकर खड़े हुए हैं और शांत आकाश को अपलक और अचल होकर किसी गहरी चिंता में मग्न होकर बड़ी महात्वाकांक्षा से देख रहे हैं। ये हमें ऊँचा, और ऊँचा उठने की प्रेरणा दे रहे हैं।
प्रश्न 9. इस कविता में मानवीकरण अलंकार का प्रयोग किस प्रकार किया गया है ?स्पष्ट कीजिए |
उत्तर : इस कविता में कवि ने प्रकृति को मानव के सभी अंगों से परिपूर्ण माना है| उन्होंने पर्वत,बादल , झरने, ताल, वृक्षादि को मानवीय चेतना से पूर्ण माना है तथा उनकी तुलना मानव के गुणों से की है| कवि को झरने पर्वत का यशोगान करने वाले गायक प्रतीत हो रहे हैं |पर्वत अपनी हजारों पुष्प रूपी आँखों से अपने विशाल प्रतिबिम्ब को नीचे चरणों में तालाब रूपी दर्पण में निहार रहा है |झरनों से झरी पानी की बूंदें मोती की लड़ियों सी दिखाई दे रही हैं | इस प्रकार कवि ने मानवीकरण अलंकार का प्रयोग सुन्दरता के साथ किया है|
प्रश्न 10. पंत प्रकृति चित्रण के सर्वोत्तम कवि हैं |’-स्पष्ट कीजिए |
उत्तर - पंत प्रकृति के सुकुमार कवि हैं|उनके काव्य का मुख्य विषय प्रकृति चित्रण ही रहा है|उन्होंने अधिकतर प्रकृति के कोमल और मधुर रूप का ही वर्णन किया है |कहीं-कहीं प्रकृति के उग्र और भयानक रूप का भी वर्णन किया है | प्रकृति का वर्णन करते समय उन्होंने उपवन ,नदी ,पर्वत,बदल,समुद्र आदि प्राकृतिक उपकरणों का सहारा लेकर अपनी काव्य रचना की|एक सच्चे कवि की भांति उनकी कल्पनाओं का क्षेत्र बहुत विस्तृत है |उनकी कल्पनाएँ मौलिक तथा नूतन हैं|
Thank you! Please Course B jaldi available kijiye... Aapka kaam sarahniya hai...
ReplyDeleteSir pleased upload the videos of remaining chapter of hindi spharsh course B class 10..Thanks for your help
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